29/03/2025
**क्या ईद की नमाज़ ईदगाह में पढ़ना बेहतर है या मस्जिद में?**
ईद की नमाज़ **ईदगाह** में पढ़ना ज्यादा अफ़ज़ल (बेहतर) है क्योंकि नबी करीम ﷺ और सहाबा किरामؓ का यही तरीका था कि वे मदीना मुनव्वरा में ईद की नमाज़ खुले मैदान (ईदगाह) में अदा करते थे, जब तक कि कोई मजबूरी न हो, जैसे बारिश या कोई और कारण।
# # # प्रमाण (दलाइल):
1. **हज़रत अबू सईद खुदरीؓ** फरमाते हैं:
*"रसूलुल्लाह ﷺ ईद उल-फितर और ईद उल-अज़हा के दिन ईदगाह तशरीफ ले जाते थे और सबसे पहले नमाज़ अदा कराते थे, फिर खुतबा देते थे।"*
**(सहीह बुखारी: 956, सहीह मुस्लिम: 889)**
2. **एकता (इज्तिमाइयत) का पहलू**
ईदगाह में नमाज़ पढ़ने से ज्यादा से ज्यादा मुसलमान एक साथ इकट्ठा होकर अल्लाह की बड़ाई बयान करते हैं, जिससे मिलजुल कर ईद मनाने और इस्लामी भाईचारे का इज़हार होता है।
# # # किन हालात में मस्जिद में नमाज़ पढ़ सकते हैं?
अगर कोई मजबूरी हो, जैसे:
- तेज बारिश हो
- सुरक्षा की समस्या हो
- ईदगाह उपलब्ध न हो या जगह कम हो
तो ऐसी स्थिति में **मस्जिद में भी ईद की नमाज़ पढ़ी जा सकती है**, जैसा कि कुछ फुक़्हा (इस्लामी विद्वानों) ने इसकी इजाज़त दी है।
# # # नतीजा (खुलासा):
अगर कोई मजबूरी न हो तो **ईद की नमाज़ ईदगाह में अदा करना सुन्नत और ज्यादा बेहतर है**, लेकिन ज़रूरत पड़ने पर मस्जिद में भी पढ़ी जा सकती है।
# #अजरो सवाब फाउंडेशन ग्रुप अलीगढ़ 9719736445