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हिंदू धर्म में मां सीता को देवी लक्ष्मी का अवतार माना जाता है। मां सीता राजा जनक की पुत्री और भगवान श्रीराम की पत्नी हैं...
05/05/2025

हिंदू धर्म में मां सीता को देवी लक्ष्मी का अवतार माना जाता है। मां सीता राजा जनक की पुत्री और भगवान श्रीराम की पत्नी हैं। वैशाख शुक्ल पक्ष की नवमी के दिन सीता नवमी मनाई जाती है। इस उत्सव को सीता जयंती या जानकी नवमी आदि जैसे नामों से भी जाना जाता है। इस दिन को माता सीता के जन्म के उत्सव के रूप में मनाया जाता है। वैदिक पंचांग के अनुसार, वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि की शुरुआत 5 मई को सुबह 7 बजकर 35 मिनट पर होगी। वहीं, तिथि का समापन 6 मई को सुबह 8 बजकर 38 मिनट पर होगा। ऐसे में 5 मई को सीता नवमी मनाई जाएगी। इस दिन मां सीता की पूजा करने से कल्याण, धन, सुख, समृद्धि और आनंद की प्राप्ति होती है।

इस बार वैशाख अमावस्या का पावन अवसर रविवार, 27 अप्रैल को पड़ रहा है। इस दिन गंगा स्नान, शिवलिंग पर जलाभिषेक और भगवान शिव ...
21/04/2025

इस बार वैशाख अमावस्या का पावन अवसर रविवार, 27 अप्रैल को पड़ रहा है। इस दिन गंगा स्नान, शिवलिंग पर जलाभिषेक और भगवान शिव की पूजा करना बेहद शुभ माना जाता है। साथ ही इस दिन पितरों का तर्पण और पिंडदान ज़रूर करें। गरुड़ पुराण के अनुसार, अमावस्या के दिन पूर्वजों का तर्पण करने से उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होती है और घर में शांति बनी रहती है। अगर आपकी कुंडली में पितृ दोष है या आप अक्सर अचानक आई परेशानियों, बीमारियों या बाधाओं से जूझ रहे हैं, तो इस दिन पितृ दोष की शांति जरूर करवाएं। ये दिन आत्मा की शांति और पारिवारिक सुख-शांति के लिए बेहद खास है।



वैशाख का पवित्र महीना रविवार, 13 अप्रैल यानी आज से शुरू हो गया है. वैशाख हिंदू पंचांग का दूसरा महीना है. वैशाख का संबंध ...
13/04/2025

वैशाख का पवित्र महीना रविवार, 13 अप्रैल यानी आज से शुरू हो गया है. वैशाख हिंदू पंचांग का दूसरा महीना है. वैशाख का संबंध विशाखा नक्षत्र से है. इसलिए इसे वैशाख का महीना कहा जाता है. आइए वैशाख के महीने में
आने वाले व्रत त्योहार

06/03/2025

फाल्गुन शुक्ल-एकादशी को काशी में रंगभरी एकादशी कहा जाता है. इस दिन बाबा विश्वनाथ का विशेष श्रृंगार होता है और काशी में होली का पर्वकाल प्रारंभ हो जाता है. पौराणिक परंपराओं के अनुसार रंगभरी एकादशी के दिन ही भगवान शिव माता पार्वती से विवाह के बाद पहली बार अपनी प्रिय काशी नगरी आए थे.और उन्होनें माता पार्वती को गुलाल अर्पित किया था.इस साल रंगभरी एकादशी का व्रत सोमवार,10 मार्च को रखा जाएगा.

फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि पर आज विनायक चतुर्थी का पर्व श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाया जा रहा है। यह दिन भ...
03/03/2025

फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि पर आज विनायक चतुर्थी का पर्व श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाया जा रहा है। यह दिन भगवान गणेश को समर्पित होता है और मान्यता है कि इस दिन विधिपूर्वक गणपति बप्पा की आराधना करने से बुद्धि, ज्ञान, सुख और सौभाग्य की प्राप्ति होती है। साथ ही, जीवन में शुभता और सकारात्मकता बनी रहती है। पंचांग के अनुसार, फाल्गुन शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि आज शाम 6:10 बजे तक रहेगी।

आज है फुलेरा दूज फुलेरा दूज मुख्यत: वसंत ऋतु से जुड़ा त्योहार है. वैवाहिक जीवन और प्रेम संबंधों को अच्छा बनाने के लिए ये...
01/03/2025

आज है फुलेरा दूज फुलेरा दूज मुख्यत: वसंत ऋतु से जुड़ा त्योहार है. वैवाहिक जीवन और प्रेम संबंधों को अच्छा बनाने के लिए ये त्योहार मनाया जाता है. फुलेरा दूज वर्ष का अबुझ मुहूर्त है, इस दिन कोई भी शुभ कार्य कर सकते हैं. मुख्य रूप से इस पर्व में श्रीराधा कृष्ण की पूजा होती है. जिन लोगों की कुंडलियों में प्रेम का अभाव हो उनको इस दिन पूजा जरूर करनी चाहिए. वैवाहिक जीवन को सुखद बनाने के लिए पूजा की जा सकती है. हिंदू वर्ष के दौरान फुलेरा दूज साल के अंतिम माह फाल्गुन में मनाई जाती है. फुलेरा दूज की तिथि 1 मार्च यानी आज अर्धरात्रि में 3 बजकर 16 मिनट से शुरू हो चुकी है और तिथि का समापन 2 फरवरी यानी कल रात 12 बजकर 09 मिनट पर होगा.

कल देश भर में महाशिवरात्रि का त्योहार धूमधाम से मनाया जाएगा। इस साल महाशिवरात्रि के दिन जलाभिषेक सुबह के समय से ही कर सक...
25/02/2025

कल देश भर में महाशिवरात्रि का त्योहार धूमधाम से मनाया जाएगा। इस साल महाशिवरात्रि के दिन जलाभिषेक सुबह के समय से ही कर सकते हैं। पंचांग के अनुसार, इस दिन सुबह 6 बजकर 47 बजे से सुबह 9 बजकर 42 बजे तक रहेगा। इसके बाद सुबह 11 बजकर 06 बजे से लेकर दोपहर 12 बजकर 35 बजे तक जल चढ़ाएं और फिर दोपहर 3 बजकर 25 बजे से शाम 6 बजकर 08 बजे तक भी जलाभिषेक किया जा सकता है।


Astrologer vishal
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पूर्णिमा बहुत ही शुभ तिथि मानी जाती है जो हर महीने में एक बार आती है. इस दिन भगवान विष्णु की उपासना करनी चाहिए और सत्यान...
11/02/2025

पूर्णिमा बहुत ही शुभ तिथि मानी जाती है जो हर महीने में एक बार आती है. इस दिन भगवान विष्णु की उपासना करनी चाहिए और सत्यानारायण की कथा करनी चाहिए. हिंदू पंचांग के अनुसार, माघ मास की पूर्णिमा तिथि को माघ पूर्णिमा का व्रत रखा जाता है. इस तिथि पर स्नान, दान और जप को बहुत पुण्य फलदायी बताया गया है. इस बार माघ पूर्णिमा 12 फरवरी, बुधवार को है. माघ मास की पूर्णिमा तिथि 11 फरवरी को शाम 6 बजकर 55 मिनट पर शुरू होगी और तिथि का समापन 12 फरवरी को शाम 7 बजकर 22 मिनट पर होगा. उदयतिथि के अनुसार, माघ मास की पूर्णिमा का व्रत 12 फरवरी को ही रखा जाएगा.

हिन्दू पंचांग के अनुसार माघ माह में पड़ने वाली पूर्णिमा तिथि को माघ पूर्णिमा कहते हैं. धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टि से म...
10/02/2025

हिन्दू पंचांग के अनुसार माघ माह में पड़ने वाली पूर्णिमा तिथि को माघ पूर्णिमा कहते हैं. धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टि से माघ पूर्णिमा का विशेष महत्व है. इस तिथि पर स्नान, दान और जप को बहुत पुण्य फलदायी बताया गया है. इस बार माघ पूर्णिमा 12 फरवरी, बुधवार को मनाई जाएगी.

यशोदा जयंती के दिन माता यशोदा और भगवान श्रीकृष्ण की पूजा का विधान है. यशोदा जयंति पर महिलाएं व्रत भी करती हैं. मान्यता ह...
09/02/2025

यशोदा जयंती के दिन माता यशोदा और भगवान श्रीकृष्ण की पूजा का विधान है. यशोदा जयंति पर महिलाएं व्रत भी करती हैं. मान्यता है कि इस दिन व्रत और मां यशोदा की गोद में बैठे हुए बाल स्वरूप भगवान कृष्ण की पूजा करने से संतान प्राप्ति की इच्छा पूरी होती है.
हिंदू पंचांग के अनुसार, यशोदा जयंती फाल्गुन महीने की कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि को मनाई जाती है. इस साल फाल्गुन महीने की कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि की शुरुआत 18 फरवरी को है

हिंदू धर्म में एकादशी को सभी व्रतों में श्रेष्ठ माना जाता है. एकादशी का व्रत भगवान विष्णु को समर्पित है। माघ मास के शुक्...
08/02/2025

हिंदू धर्म में एकादशी को सभी व्रतों में श्रेष्ठ माना जाता है. एकादशी का व्रत भगवान विष्णु को समर्पित है। माघ मास के शुक्लपक्ष की एकादशी को जया एकादशी कहते हैं। इस दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा से जीवन में सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। इस बार जया एकादशी 2025 का व्रत 8 फरवरी, शनिवार को मनाया जाएगा। यह माघ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि है, जो 7 फरवरी रात 9:26 बजे से शुरू होकर 8 फरवरी रात 8:15 बजे तक रहेगी। व्रति 8 फरवरी को उपवासी रहकर पूजा करें और 9 फरवरी को व्रत पारण करें। इस दिन रवि योग सुबह 7:05 बजे से शाम 6:07 बजे तक रहेगा, जो पूजा के लिए विशेष रूप से शुभ माना जाता है।

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