
15/07/2023
धर्म अडिग है। मज़हब बह गया। हर हर महादेव। पंचवक्त्र मंदिर मण्डी हिमाचल। पिछले 36 घंटों में 9 बार बादल फटने और 13 बार लैंडस्लाइड होने के बावजूद हिमाचल के मंडी ज़िले का ये मंदिर 300 साल लगभग पहले जिसका जीर्णोद्धार राजा सिद्धसेन ने 1684-1727 में करवाया था लेकिन इस के बनने का समय अज्ञात है। पंचवक्त्र शिव मंदिर जस का तस खड़ा है।
ये शिव जी का चमत्कार है या नहीं ये तो शिव जी ही जानें, लेकिन एक बात ये समझ में आई कि जब से दुनिया में प्रॉपर सिविल इंजीनियरिंग की पढ़ाई शुरू हुई और इमारतें आधुनिक सिविल इंजीनियरिंग के अनुसार बनाई जाने लगीं तबसे कोई इमारत 100 साल से ज़्यादा नहीं टिकती, ज़्यादातर इमारतों सौ साल के पहले ही जर्जर और ध्वस्त हो जाती हैं, लेकिन हमारे पूर्वज जो आधुनिक सिविल इंजीनियरिंग का सी नहीं जानते थे उनकी बनाई इमारतें बड़ी से बड़ी आपदा में भी खड़ी हैं, जबकि आधुनिक इमारतें तास के पत्तों की तरह बह रही हैं।जबकि मन्दिर का लकड़ी का दरवाज़ा भी सही सलामत है।
आधुनिक इंजीनियरिंग से बने पुल, बांध, फोरलेन सब टुटकर व्यास मे समा गए परंतु यह मंदिर लगभग कई सालों से सैकड़ों बार व्यास के प्रचंड वेग को सहता हुआ आज भी शान से खड़ा है..........
।। हर हर महादेव ।।
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