27/05/2025
मौलिक कर्तव्य हमारे देश के प्रति हमारी ज़िम्मेदारियाँ हैं।
हम सभी मौलिक अधिकारों की बात तो बहुत जोर-शोर से करते हैं, लेकिन जब बात देश के प्रति अपने मौलिक कर्तव्यों की आती है, देश की रक्षा करना और सद्भाव को बढ़ावा देना, तो हम सभी असमंजस की स्थिति में आ जाते हैं। इस संविधान ने हमें समाज और देश के प्रति जिम्मेदारी तय करने का मौलिक कर्तव्य दिया है, देश की रक्षा करना और भारतीय संविधान का पालन करना, या तो कोई इस पर बात नहीं करना चाहता, या फिर हम जानबूझकर ऐसा नहीं करते, इससे साफ है कि हम सब कुछ चाहते हैं लेकिन बदले में या इसे अपनी जिम्मेदारी समझकर कुछ नहीं करना चाहते।
मौलिक कर्तव्य
ये मौलिक कर्तव्य मुख्य रूप से भूतपूर्व सोवियत संघ के संविधान से प्रेरित थे। भारत में कुल 11 आवश्यक कर्तव्य हैं। हमें भारतीय संविधान का पालन करना चाहिए।
निम्नलिखित 11 मौलिक कर्तव्यों की सूची है –
संविधान का पालन करें और राष्ट्रीय ध्वज एवं राष्ट्रगान का सम्मान करें
स्वतंत्रता संग्राम के आदर्शों का पालन करें
भारत की संप्रभुता और अखंडता की रक्षा करें
देश की रक्षा करें और आह्वान किये जाने पर राष्ट्रीय सेवाएं प्रदान करें
सामान्य भाईचारे की भावना का विकास करना
देश की समग्र संस्कृति को संरक्षित रखें
प्राकृतिक पर्यावरण को संरक्षित रखें
वैज्ञानिक दृष्टिकोण और मानवता का विकास करें
सार्वजनिक संपत्ति की सुरक्षा करें और हिंसा से बचें
जीवन के सभी क्षेत्रों में उत्कृष्टता के लिए प्रयास करें।
सभी माता-पिता/अभिभावकों का यह कर्तव्य है कि वे अपने 6-14 वर्ष की आयु के बच्चों को स्कूल भेजें।
मौलिक कर्तव्यों के निर्माण के पीछे उद्देश्य यह है कि प्रत्येक नागरिक को यह एहसास हो कि सबसे पहले देश की रक्षा करना और राष्ट्र की सद्भावना को बढ़ावा देना है; अर्थात, राष्ट्रीय हित हर कार्य और लक्ष्य से ऊपर होना चाहिए।
भारतीय मौलिक कर्तव्यों में भारतीय संविधान का पालन करना, अपने ध्वज का सम्मान करना, राष्ट्रगान के प्रति सम्मान की भावना रखना और सार्वजनिक संपत्ति की रक्षा करना शामिल है।
इस संविधान में 42वें संशोधन अधिनियम 1976 के माध्यम से नागरिकों के मौलिक कर्तव्यों को सूचीबद्ध किया गया। संविधान के भाग IV में निहित अनुच्छेद 51 'ए' मौलिक कर्तव्यों से संबंधित है। भारत में 6 जनवरी को "मौलिक कर्तव्य दिवस" के रूप में मनाया जाता है।