
20/08/2025
क़ुरआन की सूरह अल-मु’मिनून (Surah Al-Mu’minoon, 23:3) में अल्लाह तआला ईमान वालों की सिफ़ात (गुण) बयान करते हुए फ़रमाता है:
وَالَّذِينَ هُمْ عَنِ اللَّغْوِ مُعْرِضُونَ
“और जो लोग बेकार और लुग़वी (फ़िज़ूल) बातों से मुँह मोड़ लेते हैं।”
📖 तफ़सीर / व्याख्या:
👉 “लघ्व (لغو)” का मतलब है — बेकार, फ़िज़ूल, बेवजह की बातें या काम, जिनमें न दुनिया का फ़ायदा है न आख़िरत का।
👉 ईमान वाले (मोमिन) अपनी ज़िन्दगी में वक़्त की क़द्र करते हैं और बे-सूद (ग़ैरज़रूरी) गुफ़्तगू या कामों से दूर रहते हैं।
👉 इसका मफ़हूम यह है कि एक मोमिन अपनी जुबान और वक़्त दोनों की हिफ़ाज़त करता है और उन्हें सिर्फ़ नेक, फ़ायदेमंद और हलाल कामों में लगाता है।
✨ यानी इस्लाम हमें सिखाता है कि बेकार बातों, गपशप, वक़्त ज़ाया करने वाली महफ़िलों और ग़ैरज़रूरी मशग़ूलियत से बचना ही मोमिन की पहचान है.