17/02/2025
ईशोपनिषद का प्रथम श्लोक एवं उसकी व्याख्या
मूल श्लोक:
ईशा वास्यमिदं सर्वं यत्किञ्च जगत्यां जगत्।
तेन त्यक्तेन भुञ्जीथा मा गृधः कस्यस्विद्धनम्॥
शब्दार्थ:
ईशा = ईश्वर द्वारा
वास्यम् = व्याप्त
इदं सर्वं = यह संपूर्ण जगत
यत्किञ्च = जो कुछ भी
जगत्यां जगत् = इस गतिशील संसार में
तेन त्यक्तेन = उसे त्यागपूर्वक
भुञ्जीथा = भोग कर (संतोषपूर्वक जीवन व्यतीत कर)
मा गृधः = लोभ मत कर
कस्यस्विद्धनम् = यह धन किसका है?
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व्याख्या:
ईशोपनिषद के इस प्रथम मंत्र में वेदांत दर्शन की मूल भावना व्यक्त की गई है। यह श्लोक संपूर्ण सृष्टि की एकता, त्याग, संतोष और लोभ से बचने की शिक्षा देता है।
1. संपूर्ण जगत ईश्वर से व्याप्त है:
यह जगत केवल भौतिक पदार्थों से निर्मित नहीं है, बल्कि इसमें ईश्वर की उपस्थिति है। हर कण में, हर जीव में ईश्वर का निवास है। यह विचार अद्वैत वेदांत का मूल सिद्धांत है, जिसमें ब्रह्म और जगत में कोई भेद नहीं माना जाता।
2. त्यागपूर्वक भोग करो:
यह जीवन हमें उपभोग के लिए दिया गया है, लेकिन उसमें त्याग का भाव होना चाहिए। त्याग का अर्थ संन्यास नहीं, बल्कि आसक्ति और स्वार्थ को छोड़कर कर्म करना है। हमें जीवन का आनंद तो लेना चाहिए, लेकिन बिना लोभ और मोह के।
3. धन और संपत्ति पर अधिकार:
इस श्लोक में पूछा गया है—"धन किसका है?" यह प्रश्न हमें यह सोचने पर मजबूर करता है कि जो धन-संपत्ति हम इकट्ठा कर रहे हैं, वह वास्तव में हमारी नहीं, बल्कि इस सृष्टि का ही एक भाग है। अतः अनावश्यक संग्रह और लालच से बचना चाहिए।
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आधुनिक संदर्भ में इस श्लोक की प्रासंगिकता:
पर्यावरण संरक्षण: जब हम मानते हैं कि संपूर्ण सृष्टि ईश्वर से व्याप्त है, तो हम उसका दोहन नहीं करेंगे, बल्कि उसे सुरक्षित रखेंगे।
आर्थिक संतुलन: अनावश्यक संग्रह और लोभ से बचकर संतोषपूर्वक जीवन जीना ही सच्चा सुख देता है।
आध्यात्मिक जागरूकता: इस श्लोक से हमें यह समझ में आता है कि हम केवल अपने भौतिक सुखों तक सीमित नहीं हैं, बल्कि हमें आत्मा की उन्नति के लिए भी कार्य करना चाहिए।
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निष्कर्ष:
ईशोपनिषद का यह प्रथम मंत्र संपूर्ण वेदांत और उपनिषदों का सार प्रस्तुत करता है। यह हमें सिखाता है कि यह जगत ईश्वर से व्याप्त है, हमें त्यागपूर्वक जीवन जीना चाहिए और धन-संपत्ति के प्रति आसक्ति नहीं रखनी चाहिए। यदि हम इस शिक्षा को जीवन में अपनाएँ, तो व्यक्तिगत, सामाजिक और वैश्विक स्तर पर संतुलन और शांति प्राप्त कर सकते हैं।