08/04/2025
🌙 नींद क्यों नहीं आती? जानिए आयुर्वेदिक दृष्टिकोण से
अनिद्रा मानसिक अशांति का परिणाम होती है।
बहुत अधिक थकान, ग़लत ढंग से भोजन करना, कब्ज़ रहना, मानसिक तनाव या चिंता में रहना, अथवा शरीर में किसी अंग की बीमारी — ये सभी अनिद्रा के कारण हो सकते हैं।
👉 अत्यधिक धूम्रपान या शराब भी इस समस्या को बढ़ाते हैं।
👉 नींद आने पर ज़रा-सी आहट से नींद टूट जाती है।
👉 इसके कारण शरीर में थकान, चिड़चिड़ापन और आलस्य बना रहता है।
घरेलू उपायों से इसका समाधान संभव है।
हम आपके लिए लाएं है कुछ सरल आयुर्वेदिक उपचार - जो आपकी नींद को फिर से गहरा बना सकते हैं।
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🟢 रात में सोने से पहले गुनगुने पानी से हाथ-पैर धोकर तलवों पर सरसों के तेल से मालिश करें।
🟢 सरसों के तेल में कपूर मिलाकर सिर की हल्के हाथों से मालिश करें – इससे नींद बेहतर आती है।
🟢 2 चम्मच शहद में 1 चम्मच प्याज का रस मिलाकर सेवन करें।
🟢 रात के भोजन के तुरंत बाद न सोएं। भोजन के बाद थोड़ी देर टहलें – इससे नींद अच्छी आती है।
🟢 प्याज का रस या प्याज का टुकड़ा तकिये के पास रखने से भी अनिद्रा में लाभ होता है।
🟢 सोने से पहले गुनगुने दूध में जायफल मिलाकर पीने से अच्छी नींद आती है।
🟢 मेंहदी के पत्तों को पीसकर तलवों पर लगाने से अनिद्रा दूर होती है।
🟢 गेहूं और चने को बराबर मात्रा में भिगोकर रोज़ सुबह सेवन करें।
🟢 प्राणायाम और ध्यान को दिनचर्या में शामिल करें – विशेषकर "भ्रामरी" और "अनुलोम-विलोम"।
🟢 रात में भोजन के बाद 1 घंटा रुककर गुनगुना दूध या त्रिफला चूर्ण लें। देर रात तक मोबाइल, टीवी से दूरी रखें।
👉 स्वस्थ रहिए, आयुर्वेद अपनाइए 🌿
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