20/02/2025                                                                            
                                    
                                                                            
                                            बाँट कर खाने वाला कभी भूखा नहीं मरता......
एक बूढ़ी औरत रोज़ एक डलिया में संतरे लेकर बाज़ार में बेचने आती थी। एक युवा अक्सर उससे संतरे खरीदता था। हर बार, संतरे खरीदने के बाद वह खरीदे हुये संतरे में से एक संतरा उठाकर उसकी फाँक चखता और कहता,
"माँ जी, ये कम मीठा लग रहा है। ज़रा आप भी चखकर देखो!"
बूढ़ी माँ संतरे को चखती और कहती,
"ना बाबू, मीठा तो है।"
युवक बिना कुछ कहे उस संतरे को वहीं छोड़ बाकी संतरे लेकर गर्दन झटकते हुए आगे बढ़ जाता।
युवक अक्सर अपनी पत्नी के साथ होता था। एक दिन पत्नी ने हैरानी से पूछा,
"ये संतरे हमेशा मीठे होते हैं, फिर भी तुम ये नौटंकी क्यों करते हो?"
युवक ने मुस्कुराते हुए उत्तर दिया,
"वो बूढ़ी माँ बहुत मीठे संतरे बेचती है, लेकिन खुद कभी नहीं खाती। इस बहाने मैं उसे एक संतरा खिला देता हूँ।"
कुछ दिन बाद, बूढ़ी माँ के पड़ोस में सब्जी बेचने वाली औरत ने उससे सवाल किया,
"अरे! ये लड़का हर बार इतने नखरे करता है, फिर भी तुझसे संतरे खरीदता रहता है। लेकिन मैं देखती हूँ कि उसकी चख-चख के बाद तू हमेशा उसे संतरे थोड़ा ज्यादा तौल देती है। ऐसा क्यों?"
बूढ़ी माँ मुस्कुराई और बोली, "अरे बहन उसकी चख-चख संतरे के लिए नहीं होती। वो तो  मुझे संतरा खिलाने का बहाना ढूँढता है। वो सोचता है कि मैं उसकी चालाकी समझती नहीं, पर सच कहूँ तो मैं सब जानती हूँ। उसकी इस प्यारी आदत ने मेरे दिल को छू लिया है, इसलिए मैं भी उसे उसकी कीमत से ज़्यादा संतरे तौल देती हूँ। आखिर, प्यार से बढ़कर कुछ नहीं होता।" 
 सीख :- दोस्तों,एक बात तो पक्की है कि छीनकर खाने वालों का कभी पेट नहीं भरता,लेकिन बाँटकर खाने वाला कभी भूखा नहीं मरता।बस अपने अंदर प्रेम और दया का भाव रखें,क्योंकि यही संसार की सबसे बड़ी सेवा है..!!
    🙏🏽🙏🏻🙏जय श्री कृष्णा🙏🏼🙏🏾🙏🏿