
08/02/2024
ऑस्टियोथैरेपी क्या है ?
ऑस्टियोथैरेपी लगभग 1000 वर्षो पुराना विज्ञान है। इसको डॉ. सुखवीर सिंह ने शरीर क्रिया विज्ञान से जोड़कर नया रूप दिया है जो एक वैकेल्पिक चिकित्सा पद्वति बन गई है। ऑस्टियोथैरेपी प्राकृतिक चिकित्सा का एक हिस्सा ( Part )है, जो हड्डियों ( Bones ), जोड़ो ( Joints ), मांसपेशियों ( Muscular ), रक्त ( Blood ) एवं लसिका तंत्र ( Lymphatic System) एवं नाड़ी तंत्र (Nerves System ) पर काम करती है यह शरीर के विभिन्न निष्क्रिय ( Passive ) अंगो की सक्रियता ( Activity ) बढाने में सहायक है।
डॉ. सुखवीर ने एक ऐसी थैरेपी तैयार की है जिसमें रोगी के शरीर के विभिन्न हिस्सो से डिजनरेटेड सैल (मृत कोशिकाएं) शरीर से बाहर हो जाती है, और रोग प्रभावित हिस्सें में रक्त का संचरण ( Blood Circulation ) बढ जाता हैं जिससे पुनरनिर्माण (रिकवरी) की प्रक्रिया में तेजी से सुधार होता हैं।
ऑस्टियोथैरेपी के माघ्यम से हमने पिछले 15 वर्षों मे अनेक लोगों को असाघ्य रोगों से छुटकारा दिया हैं और वे नवजीवन जी रहे है। कई ऐसे लोग जो वर्षों से बैड पर थे, चल फिर या उठ बैठ नहीं सकते थे ऑस्टियोथैरेपी ईलाज ( Treatment ) कराकर आज स्वस्थ होकर अपना दैनिक कार्य ( Dailly Ruten work ) स्वयं कर रहे हैं
ऑस्टियोथैरेपी बिना दवा एवं बिना ऑपरेशन के रोग निवारण की बहुत ही प्रभावशाली थैरेपी है ( Very Effective Therapy ), जिसका कोई साइड इफैक्ट नही है।
ऑस्टियोथैरेपी कैसे काम करती है ?
यदि हम आपसे पूछे कि कभी आपके हाथ, पैर, कमर या गर्दन में दर्द होता है तो आप क्या करते हैं? जाहिर है आपका जवाब होगा कुछ नही बस जब हाथ में दर्द है तो हाथ को दबाते है गर्दन में दर्द है तो गर्दन को दायें बायें घुमाते हैं। ऐसा हम इसलिए करते है कि कही न कही हमें ऐसा करने से आराम मिलता हैं। असल में यही वे प्वांटस है जहाँ पर अनुशासित तरीके से नसों पर दबाब या रक्त का प्रवाह निश्चित समय के लिये बढाया जाय तो रोग को दूर करने में वांछित ( अच्छे ) परिणाम सामने आते हैं। यह पुर्ण रूप से शरीर को प्राकृतिक ( Natural ) तरीके से ठीक करता है क्योंकि शरीर को ठीक करने की प्राकृतिक शक्ति शरीर में ही होती है।
ऑस्टियोथैरेपी
- एक वैज्ञानिक और होलोस्टिक ( दैहिक, मानसिक, आत्मिक) उपचार पद्धति ( Method है।
- शरीर की रोग से क्षतिपुर्ति के लिए प्राकृतिक सन्तुलन बनाने मे मदद करती है इस प्रकार शरीर के स्वतः (Self ) उपचार ( Healing ) के लिए प्रेरित ( Active ) करती है।
- सिर्फ बीमारी ही नही बल्कि सम्पूर्ण शरीर क्रिया तंत्र को ठीक करती हैं।
- इसका कोई साइड इफैक्ट नही होता।
- प्राकृतिक जीवन जीने के लिए प्रेरित करती है।
ऑस्टियोथैरेपी किन रोगों का उपचार ( Treatment ) करती है ?
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गर्दन का दर्द ( Cervical Spondylitis )
गर्दन की जकड़न ( Neck Stiffness )
चक्कर आना ( Vertigo )
कन्धे की जकड़न, ( Frozen Shoulder )
बाजू की नस का दर्द ( Tennis elbow )
कुहनी का दर्द ( Tennis Elbow )
टाँगो का दर्द ( Leg Pain )
कमर का दर्द, ( Back Pain )
सिल्प डिस्क ( Slip Disc )
पैरों की एडि़यों का दर्द ( Spur )
पैर का लकवा ( Paralysis )
पिण्डिली में ऐंठन ( Calf Muscle Pain )
घुटनो का दर्द ( Osteoarthritis )
सायटिका दर्द, ( Sciatica Pain )
कुल्हे तथा जाघ का दर्द ( Avascular Necrosis )
रक्तसंचार के रोग ( Blood Circulation Problem )
श्वास प्रणाली के रोग, दमा, ( Asthama )
छाती की हड्डियों का दर्द
पाचन तंत्र के रोग ( Digestive System )
लिवर के रोग ( Liver Problem )
पेट गैस, पेट दर्द( Stomach Problem )
नाभिचक्र का ठीक नही रहना (Neval Upset )
जोड़ो, हड्डियों, मांसपेशियो के रोग
नसों में दर्द ( Nerve Pain )
पेट में नले होना
कोढ़ी होना
मस्तिष्क तथा स्नायु तंत्र के रोग ( Brain & Nervous System Problem )
लकवा, ( Paralysis )
सेरेब्रल पलसी
पारकिनसन डिसीज ( Parkinsan )
मिरगी ( Epilepsy )
माइग्रेन Migraine )
सीपी चाइल्ड ( C.P Child )
मेंटल रेटरडेशन ( Mental Retardation )
निम्पोमीनिया (Nimphomnia