08/06/2023
ध्यान विधि द्वारा स्वपन और मृत्यु का सच जानें भाग-1
विज्ञान भैरव तंत्र – सूत्र- 55
हम में से बहुत लोग अपना जीवन सही मायनो में जी नहीं पाते क्योंकि जब वह समझते हैं या कुछ जीने का सोचते हैं तब एक दिन अचानक कोई लम्बी बिमारी या फिर मृत्यु सामने आ खड़ी होती है | ये सब लोग उन्ही लोगों की तरह ही हैं जो ठीक या गलत रास्ता अपना कर पैसों का अम्बार लगा तो लेते हैं लेकिन उसे एन्जॉय नहीं कर पाते | ऐसे पैसे या जीवन का क्या फायदा जब उसे सही ढंग से जी ही नहीं पाए |
आप जानते हैं कि एक समस्या दूसरी समस्या को जन्म देती है और यही कारण है कि आप किसी भी समस्या का हल जल्द से जल्द निकालना चाहते हैं ताकि किसी दूसरी समस्या में न फंसे | लेकिन क्या आप जानते हैं कि एक समस्या का हल ही दूसरी समस्या को जन्म देता है और फिर आप इस चक्रव्यूह में फंसते चले जाते हैं जिस में समस्या का हल और फिर हल के बाद की समस्या और फिर उसका हल.... |
जब तक यह जीवन है तब तक समस्या रहेंगी और जब तक आप उनके साथ जीना नहीं सीख लोगे तब तक दुखी रहोगे | अतः जिस समस्या का हल कर सकते हो करो जिसका नहीं कर सकते उसे छोड़ दो, हो सकता है कुछ समय बाद वह समस्या ही आपको हल दिखे |
दोस्तों, यह भी एक समस्या ही है कि कुछ लोग यह समझते हैं कि हमें वो ख़ुशी नहीं दे रहा है या जो ख़ुशी या अपनापन पहले था अब नहीं है या कोई हमें खुश देख कर खुश नहीं है आदि...आदि |
दोस्तों, आप कब समझेंगे कि हमारी खुशी किसी बाहरी चीज पर निर्भर नहीं करती है।
आपने यह भी सुना होगा कि हमारी खुशी या आनंद मन पर निर्भर करता है। असल में तो इंसान मन से भी कभी पूरी तरह से खुश नहीं हो सकता | हाँ, मन के बिना हर कोई केवल आनंदित हो सकता है लेकिन दुखी कभी नहीं हो सकता | मन की गतिविधि जितनी कम होगी, इंसान उतना ही अधिक आनंदित महसूस करेगा और जब मन पूरी तरह से गायब हो जाता है तब पूरी तरह से जागरूक और हर्षित महसूस करता है |
यही कारण है कि आध्यात्म ने मन को इतनी एहमियत दी गई है | जीवन की हर समस्या और हल का कारण और कारक मन है | हर दुःख और सुख का कारण और कारक मन है | जब हम मन से मुक्त हो जाते हैं तब हमें पता लगता है कि ख़ुशी और आनन्द क्या है और कहाँ है | वह मुक्ति, कुछ क्षण की क्यों न हो लेकिन वह हमें संदेश दे जाती है कि हमें आगे क्या और कैसे करना है |
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