05/10/2025
वास्तविक धार्मिक कौन?
वो जो प्रतिदिन पुजा पाठ करते है और सारे कर्मकांड करते है लेकिन साथ ही साथ झूठ, दूसरों की बुराई करना, लालच, वासना का शिकार होना, दूसरे जीवों को मारना धर्म के नाम पर। जो सिर्फ अपनी इकछाओ की पूर्ति को ही जीवन समझते है और यदि एक भगवान से निराश हो गए तो दूसरे भगवान बदल लेते है । जो ईश्वर को सिर्फ अपनी इकछाओ की पूर्ति का साधन मात्र समझते है। पुजा पाठ तो करते है, व्रत उपवास भी करते है पर फिर भी मन शांत नहीं रहता, जीवन दुखों से भरा रहता है। हमेशा अपने दुख का कारण बाहर समझते है और तंत्र-मंत्र, व्रत उपवास, इस ज्योतिष से उस ज्योतिष के पास भटकते रहते है । जो ये नहीं जानते है कि जिन ईश्वर की वो पुजा करते है उन्होने क्या ज्ञान दिया है । जो उनके ज्ञान को जीवन मे उतरना ही नहीं चाहते , जो अपने मन, बुद्धि, चित व अहंकार को शुद्ध ही नहीं करना चाहते बस धर्म के नाम पर, धूम धाम, ढ़ोल नगाड़े, डीजे नाच गाना बस इसी को भक्ति समझते है ।
या
वो जो भले ही कर्म कांड न करे पर उनके हृदय मे करुणा, दया, प्रेम का होना। जीवों पर हिंसा न करना । पूरी निष्ठा से अपनी ज़िम्मेदारी को निभाना और ईश्वर को सभी प्राणियों के हृदय मे देखना और सब का सम्मान करना। ईश्वर भक्ति से अपने मन, बुद्धि, चित्त व अहंकार को निरंतर शुद्ध व पवित्र करते जाते है। जो महापुरुषों व अवतार पुरुषों द्वारा दिये गए ज्ञान का अध्ययन करते और अपने जीवन मे उतारते है ।
आप स्वयम विचार कीजिये
आपका भाई