Real Goal of Human Life

Real Goal of Human Life This page is for spiritual seekers who are interested in attaining the goal of human life.

07/06/2024

*जितना समस्याओं से जूझेंगे, उतनी ज्यादा परिपक्वता आएगी!* -गौतम बुद्ध।।

जीवन है तो समस्याएँ तो आयेंगी। समस्याएँ ही तो जीवन को परिपक्व करने का उपाय हैं। समस्याएँ आती हैं, तुम उनसे जूझते हो और परिपक्व होते हो।

लेकिन याद रखना, समस्याएँ तुम्हें तभी परिपक्व कर पायेंगी जब तुम स्वयं उनसे जूझो, जब समाधान तुम्हारी अपनी चेतना खोजे। समस्या तुम्हारी हो और समाधान किसी और के तो तुम्हारी चेतना कभी परिपक्व नहीं होगी। कहीं से समाधान खोजने की अपेक्षा अपनी चेतना को ऊँचा उठाओ।

जैसे-जैसे चेतना ऊँची उठेगी, तुम अधिक जागरूक होते जाओगे और परिस्थितियों को अधिक चैतन्य होकर प्रत्युत्तर दे पाओगे। जैसे-जैसे चेतना विकसित होती है, व्यक्ति समस्याओं से निपटने में अधिक सक्षम होता जाता है।

हाँ नयी चेतना के साथ नयी समस्याएँ भी आयेंगी, लेकिन वे उच्च तल की होंगी। और जो नयी चेतना नयी समस्याएँ लाती हैं, वह नये समाधान भी लाती हैं। उच्चतर चेतना तुम्हें एक स्पष्टता देती है, समझ और साहस देती है, जीवन जीने की कला सिखाती है।।

23/05/2024

यदि आपको हमारी जरूरत है तो आप किसे चुनेंगें- हमे या हमारी तस्वीर को? जाहिर है आप हमे ही संपर्क करना पसंद करेगें। लेकिन फिर ईश्वर के मामले मे हम उन्हे चुनने की जगह, उनकी फोटो, मूर्ति या अन्य प्रतीकों से ही क्यों संतुष्ट हो जाते है? उनसे सीधे संपर्क करने का प्रयास क्यों नही करते।
सोचियेगा जरूर
आपका भाई

If you need us, who will you choose - us or our image? Obviously, you will prefer to contact us. But then, in the case of God, instead of choosing him, why are we satisfied with his photo, statue, or other symbols? Why do we not make a direct effort to contact him.
Think about it for sure.
Your brother

24/04/2024

यदि हमारा ज्ञान हमें हमारे दुखों से मुक्ति नही दिला पा रहा है तो वो ज्ञान किसी काम का नही है।

वास्तविक ज्ञान वो है जिसे पाकर हम दुखों के मूल कारण को जानकर उनको स्वीकार करते है, उनका सामना करते है और जो सीख वो देना चाह रहे है उसे सीख कर अपने लक्ष्य की ओर आगे बढ़ते जाते है।

आत्मज्ञान से बढ़कर कोई भी ज्ञान नही है क्योंकि यही ज्ञान हमे अपने वास्तविक लक्ष्य की ओर ले जाता है।
तो आइए हम स्वयं से प्रश्न करें कि हम आत्म ज्ञान पाने के लिए क्या कर रहे है।

05/03/2024

क्या हम नहीं चाहते कि हमारे बच्चे ध्यान से पढ़ें? क्या हम नहीं चाहते कि हम जो भी काम करें वो मन लगाकर या ध्यान से करें? क्या हम नहीं चाहते है कि हमारे परिवार मे सभी लोग आपस मे मिलकर प्रेम से रहे है? क्या हम नहीं चाहते कि हमारे पास अच्छा पैसा हो, अच्छे दोस्त हों, अच्छी पत्नी या पति हो ? क्या हम नहीं चाहते कि हम बीमारियों से बचें व स्वस्थ रहे ?

यदि ऊपर दिये गए सवालों का जबाब यदि आपके लिए हाँ है तो कुछ दिन ध्यान का अभ्यास करके देखिये । हमारे तीनों देव ब्रह्मा, विष्णु व शिव को आपने टीवी सेरियल्स मे देखा होगा वो भी हमेशा ध्यान की अवस्था मे आपको मिलेंगे। हमारे ऋषि मुनि भी सदा ध्यान के माध्यम से तपस्या करते थे और ईश्वर को प्राप्त करते थे। यहाँ तक कि राक्षस लोग भी तपस्या के माध्यम से देवताओं से शक्तियाँ प्राप्त करते थे।

स्वयं को जानने की प्रक्रिया ही ध्यान है
ध्यान = ध + यान (वाहन/गाड़ी)

अर्थात ध्यान ही वो यान है जो हमे अपने लक्ष्य तक ले जा सकता है।

इसीलिए बिना किसी हिचक या सकोंच के आज से ही अपने जीवन मे ध्यान को अपनाएं और जीवन को आनंद से बिताएँ।

आपका भाई

https://youtu.be/x3mvtD3Frog From today, i have started making a small video on the daily message which we receive from ...
17/02/2024

https://youtu.be/x3mvtD3Frog From today, i have started making a small video on the daily message which we receive from Master. This is a small attempt to deepen our understanding. Watch it and share ur feedback.

In this video, we will come to know that our spiritual journey is not time bound journey just like a crash course or degree or diploma course in which after ...

06/02/2024

*Thought of the Day*
*सोते हुए को जगाया जा सकता है लेकिन जो सोने का नाटक कर रहा हो उसे नहीं जगाया जा सकता है।*
यही बात हमारी आध्यात्मिक यात्रा पर भी लागू होती है। जो अपनी आध्यात्मिक यात्रा के बारे मे अनजान है उन्हे जागरूक किया जा सकता है, सहायता दी जा सकती है लेकिन जो जानने के बाद भी अपनी आध्यात्मिक यात्रा को अनदेखा कर रहा हो उसकी सहायता तो स्वयम ईश्वर भी नहीं कर सकते है।

*अब प्रश्न उठता है कि ऐसे व्यक्तियों का फिर क्या होता है ?*
ईश्वर महान है और बड़ा धैर्यवान भी। वो हमारा न केवल इस जन्म तक बल्कि कई और जन्मों तक भी प्रतीक्षा कर सकता है । लेकिन जितनी जायेदा प्रतीक्षा उतनी जायेदा दुख तकलीफ मनुष्यों को उठानी पड़ती है। ऐसे व्यक्ति जो जानबूझकर अपनी आध्यात्मिक यात्रा की अनदेखी कर रहे है और संसार के भौतिक सुखों-परिवार, दोस्त, ऑफिस, मनोरंजन व समाज मे उलझे है, समय आने पर इन ही व्यक्तियों या वस्तुओं से जब दुखों की प्राप्ति होने लगती है, तिरस्कार मिलने लगता है तब व्यक्ति का इनसे मोह भंग होता है फिर वो अपने अस्तित्व के वास्तविक लक्ष्य की और रुख करता है ।

*यात्रा लंबी है और समय कम है*

आपका भाई

23/01/2024

भगवान राम के कुछ प्रश्न हम मनुष्यों से, उत्तर अवश्य ढूंढिए अपने हृदय में:-

आपने मंदिर तो बना लिया व मेरी प्राण प्रतिष्ठा भी कर दी बहुत अच्छी बात है परंतु मेरे कुछ प्रश्न है आपसे:-
1. आपने रामचरितमानस तो अवश्य पढ़ी होगी क्या आपने वो पुस्तक भी पढ़ी है जिसने मुझे राजकुमार राम से भगवान राम बनाया- उसका नाम है योग वशिष्ठ जो कि मेरा व मेरे गुरुदेव वशिष्ठ ऋषि के बीच आध्यात्मिक वार्तालाप है?
2. आप बहुत वर्षों से मेरी पूजा करते आये है लेकिन क्या आपने मेरे चारित्रिक गुणों जैसे क्षमा, करुणा, त्याग व साहस आदि गुणों को विकसित किया है?
3. मैने अपने जीवन मे युवावस्था तक अपने गुरुदेव के आश्रम में साधना के माध्यम से अपने दिव्य स्वरूप को पहचाना और दिव्य गुणों को धारण किया जिससे मैं अपने जीवन मे सही निर्णय बिना किसी पक्षपात व मोह के ले सका जिसने आज मुझे भगवान के रूप में आपके बीच प्रसिद्ध किया। क्या आप किसी योग्य सद्गुरु के मार्गदर्शन में आध्यात्मिक साधना कर रहे है या बस मेरी मूर्ति की पूजा उपासना कर रहे है?
4. क्या आपने अपनी आत्मा रूपी सीता को अपने अहंकार रूपी रावण से मुक्त किया है?
ऊपरोक्त प्रश्नों पर अवश्य मनन करियेगा और उनके उत्तर ढूंढियेगा नही तो जीवन व्यर्थ ही बीत जाएगा।

*आपका आपके द्वारा बनाया गया भगवान।*

01/01/2024

Dear all brothers and sisters,
Wish u all happy new year. But truly speaking, until and unless, we change from within, nothing is going to change outside. External world is just the reflection of our inner world. So, its my humble request to all to be more sincere and devoted to the ultimate purpose of life only then new consciousness would emerge and we can celebrate New Year with new evolved consciousness.
Your brother.

16/09/2023

Balance existence.

01/08/2023

जिस नदी ने समुद्र से मिलने की ठानी है उसने पर्वतों की भी कहाँ मानी है।
यही उत्साह, साहस व धैर्य हमे अपने अंदर पैदा करना है फिर हमें लक्ष्य पाने से कोई नही रोक सकता है।
आपका अपना भाई🙏🏻😊

12/06/2023

Omprakash Soni kundali to माता सीता और भगवान राम की जन्मपत्री भी ऋषि vash*th ने निकाली थी और शुभ मुहूर्त भी देखा था लेकिन उनकी लाइफ मे क्या हुआ ये हम सभी जानते है. इसीलिए कुंडली देखने व दिखाने का चक्कर छोड़ कर हमे अपने कर्मों को देखना चाहिए औऱ ईश्वर की और ध्यान लगाना चाहिए यही हमे हमारे सनातन धर्म के सभी अवतारों से सीख मिलती है और बाकी हमारे भाग्य मे जो होगा वो तो होकर ही रहेगा इसलिए jayeda परेशान नहीं होना चाहए

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