Yog mantra

Yog mantra yoga trainer or neurotheripist

इनसोम्निया (अनिद्रा) एक नींद संबंधी विकार है जिसमें व्यक्ति को सोने में कठिनाई होती है, बार-बार नींद टूटती है, या जल्दी ...
11/03/2025

इनसोम्निया (अनिद्रा) एक नींद संबंधी विकार है जिसमें व्यक्ति को सोने में कठिनाई होती है, बार-बार नींद टूटती है, या जल्दी उठ जाने के बाद वापस सोने में कठिनाई होती है। यह मानसिक और शारीरिक थकान, ध्यान केंद्रित करने में दिक्कत, और सामान्य स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।

कारण:
-मानसिक तनाव: चिंता, डिप्रेशन या तनाव इनसोमनिया का मुख्य कारण हो सकते हैं।

-अनियमित दिनचर्या: सोने और जागने का समय नियमित न होना।

-मेडिकल कंडीशंस: दर्द, अस्थमा, एसिड रिफ्लक्स जैसी स्वास्थ्य समस्याएं।

-कैफीन और शराब का सेवन: कैफीन और शराब नींद में बाधा डाल सकते हैं।

-जीवनशैली: मोबाइल या लैपटॉप का रात में अधिक इस्तेमाल, शारीरिक श्रम की कमी।

लक्षण:
1. नींद आने में कठिनाई: व्यक्ति को सोने में मुश्किल होती है।
2. रात में बार-बार जागना: सोने के बाद बार-बार नींद टूटना।
3. जल्दी उठ जाना: सुबह जल्दी जागने के बाद वापस नींद न आना।
4. थकान और चिड़चिड़ापन: दिन में अत्यधिक थकान, मूड स्विंग्स।
5. ध्यान की कमी: ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई और स्मृति कमजोर होना।

Sakha Wellness में अनिद्रा का पूर्णतः निदान संभव है; वह भी बिना किसी दवा, diet-chart या yoga exercise के l इसमें इस्तेमाल होने वाली hydrogen खुद में एक meditative energy है जो व्यक्ति को शांत होने में मदद करती है l इसमें इस्तेमाल होने वाली Raga therapy hydrogen को brain के उन neurons तक ले जाती है जहां उसकी सबसे अधिक आवश्यकता होती है l यह brain के dopamine levels बढ़ाकर खुशहाली देती है l इसके साथ साथ ज्योतिष के माध्यम से शुभ समय का चयन करने के कारण थेरपी के सबसे अच्छे परिणाम आते हैँ l

Insomnia (अनिद्रा) की समस्या को जड़ से खत्म करने के लिए आप संपर्क कर सकते हैं Sakha Wellness में जहाँ आप इस बीमारी से बाहर आ पुनः एक खुशहाल व शांत जीवन की ओर बढ़ते हैं।

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05/03/2025

सातो चक्रों की ऊर्जा को peramid से आसानी से और शांति से संतुलित कर पाते है और खुशी के हार्मोंस का स्राव अच्छे से होने लगता है जिसके फल स्वरूप हम सभी को आनंद की अनुभूति होती है किसी भी तरह के रोग से छुटकारा पाने की भरपूर ताकत हमारे शरीर मैं आ जाती है पंच तत्व matroit टूल से अब अपने सभी 7 सातों चक्रों को संतुलित करे
राजीव सिंह राणा
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11/02/2025

योगा,ध्यान(mediation),साधना ,पंचतत्व उर्जा संतुलन चिकित्सा, नेयूरो थैरेपी और बोन अलाइमेंट,स्ट्रक्चरल एंड पोसचुरल थैरेपी
क्या आपकी bone का alightment कुछ गलत है क्या आपकी रीढ़ की हड्डी किसी और मूड रही है या मूड चुकी है जिसको scoliosis कहते है क्या आपको kyphosis है यानी आपकी गर्दन के पीछे गर्दन और कंधों के जोड़ पर कुछ उभार जैसा है पीछे की ओर कंधा झुका हुआ लगता है क्या आपका पेट बाहर और कुल्हा अन्दर की ओर ज्यादा दिखाइ देता है जिसको lordosis कहते है जिसके कारण अक्सर कमर दर्द और कई बार भयंकर कमर दर्द होता है क्या आपको कोई disc problem है disc bulg,disc compresion slip disc or hernated disc क्या आपके दोनों कंधे balanced नहीं है क्या आपके कुलहे अपर नीचे नजर आते ऐसे ही घुटनों का alightment इन सभी कारणों से किसी को कमर दर्द किसी को कंधा दर्द किसी को कुल्हा दर्द तो किसी को गर्दन दर्द अब आप सभी को हम इन सभी शारीरिक disbalance से बडी ही आसानी से कुछ बहोत सरल और लाभदायक techniques द्वारा बिल्कुल ठीक कर देंगे फिर चाहे scietica का पुराना pain हो या कोई tilt हो चाहे ancliosing spodilities हो जो बहोत ही बुरी शारीरिक स्थिति होती है इसको Bambu spine भी कहते है कुछ neaurotheripy और bone alightment theripy द्वारा हम मुस्किल से मुस्किल लगने वाली बिमारी या शारीरिक स्थिति को अच्छी और सरल विधि द्वारा बिल्कुल ठीक कर देते है चित्र देखे और समझे शारीरिक संरचना और bone alightment disbalance
संपर्क करे राजीव सिंह राणा
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पंच तत्व चिकित्सा विज्ञान आकाश तत्व,वायु तत्व,अग्नि तत्व, जल तत्व और पृथ्वी तत्व हर तत्व की अपनी ऊर्जा अपना रंग अपना विश...
29/12/2024

पंच तत्व चिकित्सा विज्ञान
आकाश तत्व,वायु तत्व,अग्नि तत्व, जल तत्व और पृथ्वी तत्व हर तत्व की अपनी ऊर्जा अपना रंग अपना विशेष अंग अपना स्वाद,अपना प्रभावी समय,अपना गुण अपना अवगुण और अपना विशेष प्रभावी गुण होता है इन सभी के आधार पर पंच तत्व चिकित्सा की जाती है
पंच तत्व विज्ञान एक ऐसा विज्ञान है जिससे हम अपने सही सही तत्व का पता करके अपने जीवन मैं होने वाली बीमारियाँ अपना व्यवहार,अपना व्यापार अपना रंग अपना स्वाद अपने अवगुण(विकृति) और आपने गुण जिसको तन्मात्रा भी कहा जाता है इनको अच्छे से समझ लेते है और जिन्दगी मैं तत्व ऊर्जा बिगड़ने पर क्या क्या शारीरिक,मानसिक,आर्थिक और सामाजिक स्थितियों का सामना करना पड सकता है इसका हम पूर्व मैं ही अन्दाज़ा लगा सकते है इसी तरह पंडित,आचार्य और संत विद्वान तत्व, ग्रह,नक्षत्र,और पक्ष इनका पूरा सही से पता करके पूरी जिंदगी की कुंडली बना दिया करते थे और आज भी कुछ प्रकांड विद्वान ऐसे है जो ऐसा करते आ रहे है लेकिन हम यहाँ केवल पंच तत्व की बात करेंगे और उनकी ऊर्जा बिगड़ने पर क्या क्या बीमारीयों का सामना करना पड सकता है उस पर कुछ विशेष तथ्य होंगे ताकी हम अपने जीवन मैं होने वाली परेशानियों से बच सके और यदि कुछ दिक्कत आ भी गई है तो हम खुद इससे अपना बचाव कर पायें
तत्व की ऊर्जा ज्यादा या कम होने पर तत्व ऊर्जा प्रभावीत होती है और शरीर रोग ग्रहस्थ हो जाता है 24 घंटे के समय मैं पंच तत्वों के चलने का या प्रभावी होने का समय ईश्वर द्वारा निर्धारित है इस ही प्रकार तत्व के महीने भी होते है उस महीने मैं वह तत्व वातावरण मैं ज्यादा प्रभावी होता है पंच तत्व चिकित्सा मैं जन्म का समय सबसे महत्वपूर्ण होता है उसके बाद जन्म का महीना इस आधार पर व्यक्ती का प्रभावी तत्व पता चल जाता है और तत्व को बैलेंस करके बीमारियाँ ठीक कर दी जाती है तत्व को बैलेंस करने के लिए कुछ विशेष उपाय
रंग विज्ञान चिकित्सा(colour theripy),तत्व ध्यान,तत्व बीज मंत्र,तत्व साधना,पंच तत्व प्रतिज्ञा,पंच तत्व देव आराधना,पंच तत्व मंत्र साधना,पंच तत्व संगीत साधना,सप्त चक्र ऊर्जा साधना और स्वर साधना विज्ञान
(1)आकाश तत्व
जन्म समय-सुबह 3am से सुबह
7 am तक
15 अगस्त se 15 अक्तूबर
जन्म महीना-15 अगस्त से 15 सितंबर(भाद्रपद)
15 सितंबर se 15 अक्तूबर (क्वार)
रंग-सफेद,स्लेटी,कथइ और महरूम
स्वाद-कसैला,कडुआ,करेला
अंग-फेफड़ा (lungs),बड़ी आंत(large intestine)और त्वचा (skin)
रोग प्रतिरोधक क्षमता-शून्य(zero)
स्पेशल चिकित्सकीय गुण-शब्द (words)
(आकाश तत्व की ऊर्जा वाले लोगों पर मंत्रो,ध्यान (meditation)प्राणिक हीलिंग और रेकी हीलिंग इत्यादि से बहुत तेज असर होता है तेजी से सही होते है)
अवगुण-आलस्य,टालने की परावर्ति
स्पेशल गुण-आध्यात्मिक विचार,ध्यान साधना, मंत्र साधना जल्दी साध लेते है, बांटने की परावर्ति और दयावान
आगे के बाल उड़ जाते है इस तत्व वाले के यदि समय और महीना सैम हो तो
आकाश तत्व बिगड़ने पर होने वाले रोग अस्थमा,स्वसन
रेसपीरेट्री प्रॉब्लम,कब्ज,चर्म रोग,सोराइसिस,एग्जिमा,साइटिका,कमर दर्द, ट्रीगीमिनल
न्यूरोलोजीआ ,सर्दी,ज़ुकाम,इन्फेक्शन Etc
सुबह जल्दी उठना अमृत की तरह है आकाश तत्व वालों के लिए सुबह (3 am से सुबह 7 बजे) तक जगना जरूरी है योग, प्राणयाम,ध्यान और साधना सुबह सुबह करेंगे तो आकाश तत्व की ऊर्जा हमेशा संतुलित रहेगी
आकाश तत्व की ऊर्जा को अग्नि तत्व की ऊर्जा से संतुलित किया जाता है सफेद,स्लेटी और कथइ रंग का कुछ समय तक त्याग करना है और
लाल रंग को विशेष स्थान पर लगाकर ऊर्जा को संतुलित कर दिया जाता है

(2)वायु तत्व
जन्म समय
(रात्रि 11pm से सुबह 3 am )
जन्म महीना 15 दिसम्बर se 15 फरवरी
15 दिसम्बर से 15 जन(पोष)
15 जन से 15 फरवरी(माह)
रंग-हरा
स्वाद-खट्टा
अंग-gall bladder,liver or सहयोगी अंग-आंख,digestive सिस्टम,और ligament
गुण-चंचलता,गतिशीलता
विकृति-मन ही मन गुस्सा,टालने की परवर्ती
देवता- भगवान हनुमान
मंत्र-ओम श्री वासुदेवाय नम:
बीज मंत्र-यम
स्पेशल गुण-कैरियर मैं जल्दी सफलता,प्रेम की भावना,प्रसिद्धि,सम्पत्ति बहुत मिलती है
शरीर-हल्का ,पतला और छरहरा
स्पेशल तत्व ऊर्जा गुण-स्पर्श
तत्व बिगड़ने पर होने वाले रोग-fatty liver,gallbladder stone,enzytee,dippresion
,फुल बॉडी पैन,गठिया बाय, पाचन, अवशोषण और चपाचय,कब्ज,बवासीर,भगनदर,मानसिक उन्माद, एनजइटी फिशर,पूरे शरीर मैं घूमने वाला दर्द,गैस इत्यादी
रात को 11 बजे से पहले हर हाल मैं सोना है इससे हमेशा ही यह तत्व balance रहेगा वायु तत्व ऊर्जा वाले लोगों को स्पर्श चिकित्सा के द्वारा बहुत जल्दी आराम हो जाता है
वायु तत्व वाले लोगों को हरे रंग और खट्टा स्वाद से कुछ विशेष अवधि तक बचना चाहिए और वायु तत्व की ऊर्जा को आकाश तत्व की ऊर्जा यानी कि ब्राउन रंग को विशेष स्थान पर लगाकर हम संतुलित कर सकते है

(3)अग्नि तत्व प्रथम जन्म समय
सुबह 11am से दुपहर 3 pm तक
जन्म महीना
(15 फरवरी से 15 अप्रैल )
15 फरवरी से 15 मार्च(फाल्गुन)
15 मार्च से 15 अप्रैल (चैत्र)
रंग-लाल
स्वाद-तीखा,मिर्च वाला
अंग-heart(दिल) और छोटी आंत(small intestine)
देवता- शक्ति दुर्गा माता या कोई भी शक्ति माता
तत्व बिगड़ने पर होने वाले रोग
हार्ट disease हार्ट का फैलना होना, हार्ट फैल ,तिल्ली का बढना ,पाचन,चेस्ट जलन,डकार,ब्रैन हेमरेज,पारालाइस,स्लिप डिस्क, डिस्क,kyphosis,lordosis और scliosis, नस blokage, गैंगरीन,ancliosing spondilites,cirvical spondylitis,bones ऑस्टियोपोरोसिस इत्यादी
अग्नि तत्व ऊर्जा को भोजन और सूर्य की रोशनी भरपूर और संतुलित मिलनी जरूरी है
विशेष ऊर्जा गुण-रूप है

अग्नि तत्व प्रचंड(द्वितीया)
जन्म समय श्याम 7 pm से रात्री 11 pm तक
15 अप्रैल से 15 जून
(15april se 15 मई(बैसाख)
(15 मई से 15 जून (ज्येष्ठ)
रंग- नारंगीorange)
स्वाद-तीखा कडक
अंग-brain(दिमाग) or spine(रीड की हड्डी)
गुण- जोश,उत्साहित,फुर्ती,
विकृति-क्रोध,तोड़फोड़
देवता- शक्ति
अग्नि तत्व वाले लोगों को कुछ विशेष अवधि के लिए लाल,गुलाबी और नारंगी रंग से दूर रहना चाहिए और अग्नि तत्व की ऊर्जा को जल तत्व की ऊर्जा से संतुलित किया जाता है यानी की कुछ विशेष स्थान पर नीले रंग को लगाकर ऊर्जा को संतुलित किया जा सकता है

(5) जल तत्व
जन्म समय दुपहर 3 pm से श्याम 7 pm तक
जन्म महीना 15 अक्तूबर से 15 दिसम्बर
15 अक्तूबर से 15 नवंबर(कार्तिक)
15 नवंबर से 15 दिसम्बर(अग्रण)
रंग- नीला और काला
अंग-गुर्दा(kidney) और मूत्रासय(urinary tract)
स्वाद- खारा और नमकीन
गुण-सीतल,सुनयपन,भ्रम और संकोच
विकृति-चिंता,भय,डर और स्पष्टता नहीं
विशेष ऊर्जा गुण- रस(स्वाद) इस तत्व ऊर्जा को कुछ विशेष स्वाद रस इत्यादी द्वारा संतुलित किया जाता है
जल तत्व ऊर्जा बिगड़ने पर होने वाले रोग किडनी,kidney stone,kidney shrink फैल,हाथि पांव,शरीर मैं गांठें,महिलाओं मैं हार्मोन की गड़बड़ी,गर्भाश्य मैं गांठें,pcod,अधिक मासिक स्राव और उसमें अधिक खून आना,सफेद पानी
देवता-भगवान गणेश
जल तत्व वाले लोगों को कुछ विशेष अवधी तक नमकीन, खारा,नीला रंग और काले रंग से दूर रहना चाहिए जब तक ऊर्जा संतुलित नहीं होती और जल तत्व की ऊर्जा को पृथ्वी तत्व की ऊर्जा से संतुलित किया जाता है यानी की पीले रंग को कुछ विशेष स्थान पर लगाकर ऊर्जा को संतुलित किया जा सकता है

(6)पृथ्वी तत्व
जन्म समय सुबह
7am से सुबह 11 am
जन्म महीना 15 जून से 15 अगस्त
15 जून से 15 जुलाई(आषाढ़)
15 जुलाई से 15 अगस्त(श्रावण)
रंग-पीला
स्वाद- मीठा
गुण-फैलाव,स्थिरता,धर्य और लोगों के बीच समन्वय रखना
विकृति- आलस्य और प्रमाद
विशिष्ट गुण -गंध
देवता- भगवान शिव
अति विशिष्ट ऊर्जा गुण-गंध(खुशबु)
पृथ्वी तत्व वाले लोगों को कुछ विशेष खुशबु द्वारा चिकित्सा जैसे गंध चिकित्सा (aaroma theripy) विशेष लाभ करती है पृथ्वी तत्व वाले लोगों को सुबह 7 बजे से 11 बजे के बीच धरती से आने वाले खाद्य पदार्थों का सेवन अवश्य कर लेना चाहिए और धरती पर कुछ समय जरूर बिताना चाहिए
पृथ्वी तत्व वाले लोगों को ऊपर के सभी तत्वों के असंतुलन के मिले जुले रोग होते है क्यु की पृथ्वी मैं सभी तत्व समाहित है पृथ्वी तत्व वाले लोगों को कुछ विशेष अवधी तक पीले रंग और मीठे स्वाद से दूर रहना चाहिए और पृथ्वी तत्व की ऊर्जा को वायु तत्व की ऊर्जा से संतुलित करते है यानी की हरे रंग को कुछ विशेष जगह पर लगाकर ऊर्जा को संतुलित किया जा सकता है और क्यु की पृथ्वी मैं सारे तत्व विधमान है तो सभी को अपने आप को स्वास्थ्य रखने के लिए कम से कम 1 घन्टा नंगे पैर धरती पर जरूर रहना चलना या घूमना चाहिए
राजीव सिंह राणा
प्राण योग, नियुरोथेरपी,बोन स्ट्रक्चरल एंड अलाइमेंट(एक्सपर्ट)पंच तत्व थैरेपी और ध्यान साधना(एक्सपर्ट)
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28/07/2024

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*Mobile Phone Radiation Effect : मोबाइल फोन के ज्यादा इस्तेमाल से हो सकता है इम्यून सिस्टम कमजोर, आईये जानें कैसे?* :-सा...
18/04/2024

*Mobile Phone Radiation Effect : मोबाइल फोन के ज्यादा इस्तेमाल से हो सकता है इम्यून सिस्टम कमजोर, आईये जानें कैसे?* :-

सारी दुनिया मोबाइल फोन पर सिमट गई है। इससे जिंदगी आसान तो बहुत हो गई है, लेकिन इसके साइड इफेक्ट की भी अनदेखी नहीं की जा सकती है। एक्सपर्ट से जानते हैं मोबाइल रेडिएशन से शरीर को होने वाले नुकसान और इससे बचाव के उपाय।
मोबाइल डेटा की शुरुआत के साथ डिजिटल दुनिया में मोबाइल रेडिएशन भी चर्चा का एक आम विषय बन गया है। जितना अधिक हम मोबाइल फोन का उपयोग करते हैं, उतना ही अधिक हम मोबाइल फोन, लैपटॉप, राउटर, स्मार्ट टीवी आदि सहित सभी प्रकार के वायरलेस उपकरणों से हानिकारक वाईफाई रेडिएशन के संपर्क में आते हैं। दुनिया में लगभग 6 अरब लोग स्मार्टफोन का उपयोग करते हैं। अगले कुछ वर्षों में यह संख्या कई सौ लाख और बढ़ने की आशंका है। विशेषज्ञ बताते हैं कि मोबाइल रेडिएशन के लगातार संपर्क में रहने से हमारा इम्यून सिस्टम कमजोर (mobile phone radiation effect on immunity) हो सकता है।

*क्यों है मोबाइल फोन का रेडिएशन हमारे लिए हानिकारक?*

मोबाइल फोन वायरलेस सैटेलाइट सिग्नल जैसे वाईफाई के साथ-साथ ब्लूटूथ तकनीक के माध्यम से कनेक्टिविटी पर काम करते हैं। स्मार्टफ़ोन में ये सभी कनेक्टिविटी सुविधाएं डिफ़ॉल्ट रूप से होती हैं। यही कारण है कि सभी सेल फ़ोन विद्युत चुम्बकीय तरंगें, कम फ्रीक्वेंसी वाले नॉन-आयोनाइजिंग रेडिएशन उत्सर्जित करते हैं। मोबाइल के अत्यधिक उपयोग के कारण सिरदर्द, नींद में खलल, याददाश्त में गड़बड़ी, चिड़चिड़ापन, हाथ में दर्द, गर्दन में दर्द, खराब विजन और विजन लॉस भी हो सकता है। मोबाइल रेडिएशन के लगातार संपर्क में रहने से गंभीर बीमारियां होने की भी संभावना बढ़ (mobile phone radiation effect on immunity) जाती है।

*मोबाइल रेडिएशन के कारण ये 6 समस्याएं हो सकती हैं (Side Effect of Phone Radiation)* :-

1. *नींद में बाधा ( Disrupted Sleep)*
लंबे समय तक मोबाइल रेडिएशन के संपर्क में रहने से नींद के पैटर्न (sleep patterns) में बाधा आ सकती है। रात में देर से नींद आने और बार-बार नींद खुलते रहने की समस्या आम है।

2. *मेटाबोलिक परिवर्तन (Metabolic Changes)*
कुछ अध्ययन इस बात पर जोर देते हैं कि मोबाइल रेडिएशन चयापचय प्रक्रियाओं यानी मेटाबोलिक चेंज के कारण बन सकते हैं। मेटाबोलिक चेंज से कई गंभीर रोग का जोखिम बढ़ जाता है।

3. *प्रजनन संबंधी समस्याएं (Fertility Issues)*
मोबाइल से निकलने वाले अलग-अलग रे स्पर्म क्वालिटी पर सीधे प्रभाव डाल सकते हैं। इसके कारण प्रजनन क्षमता में भी कमी दर्ज की जा सकती है।

4. *सिरदर्द और चक्कर आना (Headache and Dizziness)*
अगर आप लगातार मोबाइल पर बात करती हैं, तो सिरदर्द होना आम बात है। कई यूजर्स चक्कर आने की भी शिकायत करते हैं।

5. *कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली (Weak Immune System Function)*
लगातार रेडिएशन से घिरे रहने के कारण प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर हो जाती है। इसके कारण हमेशा सर्दी-जुकाम होने का खतरा (mobile phone radiation effect on immunity) बनने लगता है। रेडिएशन के कारण लूज मोशन होता रह सकता है। घाव भरने में देरी हो सकती है। हर समय थकान भी महसूस हो सकती है।

6. *त्वचा पर चकत्ते (Skin Rashes)*
कुछ मामलों में लंबे समय तक मोबाइल रेडिएशन के संपर्क में रहने पर स्किन में जलन (skin irritation from mobile radiation) और स्किन रैशेज भी देखे जाते हैं।

*जोखिम को कम करने और फ़ोन रेडिएशन से बचाव के लिए यहां हैं एक्सपर्ट के बताये उपाय (To minimize exposure and protect yourself from phone radiation)* :-

1. *स्पीकर फ़ोन या हेडफ़ोन का उपयोग (Use Speakerphone or Headphones)*
कॉल के दौरान डिवाइस को अपने सिर से दूर रखने की कोशिश करनी चाहिए। इस दौरान स्पीकर फ़ोन या हेडफ़ोन का उपयोग किया जा सकता है।

2. *कॉल की बजाय टेक्स्ट (Text Instead of Call)*
मोबाइल के निकट संपर्क को कम करने के लिए जहां तक संभव हो, टेक्स्टिंग का विकल्प चुनें। बात को लंबा खींचने की बजाय कम समय में करने की कोशिश करें।

3. *रात में एयरप्लेन मोड (Airplane Mode at Night)*
रात भर के जोखिम (mobile phone radiation effect on immunity) को सीमित करने के लिए सोते समय एयरप्लेन मोड सक्रिय करें।

4. *सोते समय फोन दूर रखें (Keep Phone Away at Bedtime)*
अक्सर हम सोशल मीडिया अपडेट चेक करने, टाइम देखने के लिए फोन को अपने पास रखकर सोते हैं। सिर के पास रखने पर रेडिएशन से प्रभावित होने का खतरा बना (mobile phone radiation effect on immunity) रहता है। फोन को बगल में रखकर सोने से बचें। इसे कुछ दूरी पर रखें।अगर आप सभी को रेडियेशन के खतरे से बचना है और शरीर का ब्लड सर्कुलेशन को हमेशा के लिये सही रखना है और घंटों बैठ के काम करने में आ रही दिक्कत को दूर करना हो तो देर किस बात कि इसी के समाधान के लिए तो एक बहुत ही अद्भुत प्राकृतिक चुंबकीय उत्पाद लाया गया जो अब हर व्यक्ती को जरूरी हो गया है चुंबकीय उत्पादों की अगर अपने आपको ऊंची इमारतो में रहते हुए भी सही रखना है तो।।

अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें:-
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02/04/2024

नमस्कार आप सभी को!!!!!!!!!!!

*क्या आप ज्यादा दवाई खाए शत प्रतिशत रोगमुक्त होना चाहते है

*इस लेख के पढ़ने के पहले हमें सुनिश्चित करना होगा कि हमें सबसे बड़ा सुख निरोगी काया चाहिये या बहुत सारी माया चाहिये..??*

*अगर निरोगी काया तो आपका बहुत-बहुत स्वागत है.!*

300 से अधिक बीमारियों को बगैर किसी दवाई के खत्म करने में सक्षम मात्र एक *यूनिक चुम्बकीय उत्पाद ही है* आज के समय में, जिस भी बीमारियों से बचने के लिए लोग अधिक से अधिक प्रयास 15-20 सालों से लाखों रुपये खर्च कर के किये होंगे, लेकिन अब बहुत ही यूनिक चुंबकीय उत्पाद आया है।
🙏🏼🌹🙏🏼🌹🙏🏼
वैसे आज हमारी या लगभग सभी की, सबसे बड़ी दो ही प्रायोरिटीज हैं...
(1). हेल्थ और (2). वेल्थ

*स्वस्थ हैं तो सबसे ज्यादा पैसे वाले हैं क्योंकि खर्च सिर्फ वेलनेस के ऊपर होगा, बीमारियों के ऊपर नहीं।*
*क्योंकि बेशक पैसा खुदा तो नहीं है लेकिन ये खुदा से कम भी नहीं है.!*

*हमें स्वस्थ रहने के लिए 5 मूलभूत चीज़ों को आवश्यकता होती है...*
1. हवा (Air)
2. पानी (Water)
3. खाना (Food)
4. सूर्य का प्रकाश (Sun Light) एवं
5. मैग्नेटिक एनर्जी या चुम्बकीय ऊर्जा (Magnetic Energy)

*लेकिन यक्ष प्रश्न ये है कि क्या हमें आज शुद्ध हवा, पानी, खाना मिल रहा है.?*

✖️स्पष्ट उत्तर, नहीं बिल्कुल नहीं.! क्योंकि हर जगह पॉल्युशन ही पॉल्युशन हद से ज्यादा बढ़ चुका है है.!

▪️इसी तरह आज से 50/100 साल पहले हमें प्राकृतिक चुम्बकीय ऊर्जा या शक्ति (मैग्नेटिक एनर्जी) प्रकृति से 100% मिल रही थी क्योंकि तब हमारे घर मिट्टी के थे, हमारा खेलना चलना फिरना सब मिट्टी के साथ था इसलिए हमें कुदरती (Natural) मैग्नेटिक एनर्जी 100% मिल रही थी।

▪️लेकिन आज हम जहां या जिस माहौल में रहते हैं वहां हमारे आसपास हर जगह सीमेंट और लोहे की
बिल्डिंग्स है और लोहा (IRON), स्वयंतः इस चुम्बकीय शक्ति या मैग्नेटिक एनर्जी को अपनी तरफ खींच लेता है।
इसलिए हमें आज सिर्फ 10% से 15% ही मैग्नेटिक एनर्जी मिल रही है जो हमारे लिए पर्याप्त नही है इसलिए हमें तरह तरह की बीमारियाँ लगती जा रही हैं।

▪️अगर हमे पर्याप्त मात्रा में मैग्नेटिक एनर्जी मिलेगी तभी हमारे शरीर का रक्त संचरण या ब्लड सर्क्युलेशन और ऑक्सिजन लेवल सही रह पायेगा।
▪️आज 99.99% लोगों का ब्लड सर्कुलेशन और ऑक्सिजन लेवल डिस्टर्ब है जो सारी बीमारियों की जड़ है और हमें आज 300+ बीमारियाँ सिर्फ हमारे ब्लड सर्कुलेशन और ऑक्सिजन लेवल डिस्टर्ब होने के वजह से हो रही है।
▪️मैग्नेटिक एनर्जी पृथ्वी में समाहित है इसलिए पृथ्वी पर जीव सृष्टि है क्योंकि जीवन का मतलब...
हमारे शरीर का रक्त संचरण (BLOOD CIRCULATION) + ऑक्सीजन लेवल (OXYGEN LEVEL)

● हम खाने के बगैर 15 दिन जिंदा रह सकते है,
● पानी के बगैर 15 दिन जिंदा रह सकते है,
● लेकिन ऑक्सिजन के बगैर 3 सेकंड भी जिंदा नहीं रह सकते.!

▪️हमारे शरीर में जो खून है उस में लौह या आयरन नाम का एक घटक अपने अंदर निहित चुम्बकीय ऊर्जा या शक्ति या मैग्नेटिक एनर्जी को अपनी तरफ खींचता है, जिसके कारण हमारे शरीर मे ब्लड सर्कुलेशन सुचारू रूप से चलता है।

▪️हमारे शरीर की 63 खरब कोशिकाओं को स्वस्थ रहने के लिए ऑक्सिजन और न्यूट्रिशन चाहिये।
अगर शरीर की कोशिकायें स्वस्थ होंगी तो ऊतक या टिशू स्वस्थ होंगे,
अगर टिशू स्वस्थ होंगे तो हमारे अंग या ऑर्गन स्वस्थ होंगे,
अगर ऑर्गन या अंग हेल्थी होंगे तो सिस्टम हेल्थी होगा,
और अगर हमारे शरीर का तंत्र या सिस्टम स्वस्थ होगा तो हमारा पूरा शरीर शत प्रतिशत स्वस्थ होगा।

इसके अलावा हमारे शरीर की कोशिकाओं को जो नुकसान होता है...
वो होता है मोबाइल रेडिएशन से जो हमारे सेल्स को डैमेज करता है और हमारी एनर्जी लेवल को खत्म कर देता है, अगर विश्वास न हो तो थोड़े समय के बाद 5G आने के बाद देख लेना।

आजकल शरीर को चलाने के लिए 12 महीनें गोलियां चलती रहती हैं।
▪️आज की तारीख में 20% से ज्यादा लोग बीमार है और उनको तो दवाइयों को खरीदना ही खरीदना है लेकिन जो 80% लोग, जो आज अपने आपको स्वस्थ समझ रहे है, ध्यान रहे कि वो भी पाइप लाइन में है।

वो कभी भी बीमार हो सकते है इसलिए बीमार होने से पहले ही अपनी सुरक्षा या बचाव की तैयारी कर लें तो अति उत्तम रहेगा।

*Because Preventation Is Better Than Cure.*

For More Information:-
Rajiv Singh Rana
Neurotherapist And Yoga Therepy Specialist
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