29/12/2024
पंच तत्व चिकित्सा विज्ञान
आकाश तत्व,वायु तत्व,अग्नि तत्व, जल तत्व और पृथ्वी तत्व हर तत्व की अपनी ऊर्जा अपना रंग अपना विशेष अंग अपना स्वाद,अपना प्रभावी समय,अपना गुण अपना अवगुण और अपना विशेष प्रभावी गुण होता है इन सभी के आधार पर पंच तत्व चिकित्सा की जाती है
पंच तत्व विज्ञान एक ऐसा विज्ञान है जिससे हम अपने सही सही तत्व का पता करके अपने जीवन मैं होने वाली बीमारियाँ अपना व्यवहार,अपना व्यापार अपना रंग अपना स्वाद अपने अवगुण(विकृति) और आपने गुण जिसको तन्मात्रा भी कहा जाता है इनको अच्छे से समझ लेते है और जिन्दगी मैं तत्व ऊर्जा बिगड़ने पर क्या क्या शारीरिक,मानसिक,आर्थिक और सामाजिक स्थितियों का सामना करना पड सकता है इसका हम पूर्व मैं ही अन्दाज़ा लगा सकते है इसी तरह पंडित,आचार्य और संत विद्वान तत्व, ग्रह,नक्षत्र,और पक्ष इनका पूरा सही से पता करके पूरी जिंदगी की कुंडली बना दिया करते थे और आज भी कुछ प्रकांड विद्वान ऐसे है जो ऐसा करते आ रहे है लेकिन हम यहाँ केवल पंच तत्व की बात करेंगे और उनकी ऊर्जा बिगड़ने पर क्या क्या बीमारीयों का सामना करना पड सकता है उस पर कुछ विशेष तथ्य होंगे ताकी हम अपने जीवन मैं होने वाली परेशानियों से बच सके और यदि कुछ दिक्कत आ भी गई है तो हम खुद इससे अपना बचाव कर पायें
तत्व की ऊर्जा ज्यादा या कम होने पर तत्व ऊर्जा प्रभावीत होती है और शरीर रोग ग्रहस्थ हो जाता है 24 घंटे के समय मैं पंच तत्वों के चलने का या प्रभावी होने का समय ईश्वर द्वारा निर्धारित है इस ही प्रकार तत्व के महीने भी होते है उस महीने मैं वह तत्व वातावरण मैं ज्यादा प्रभावी होता है पंच तत्व चिकित्सा मैं जन्म का समय सबसे महत्वपूर्ण होता है उसके बाद जन्म का महीना इस आधार पर व्यक्ती का प्रभावी तत्व पता चल जाता है और तत्व को बैलेंस करके बीमारियाँ ठीक कर दी जाती है तत्व को बैलेंस करने के लिए कुछ विशेष उपाय
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(1)आकाश तत्व
जन्म समय-सुबह 3am से सुबह
7 am तक
15 अगस्त se 15 अक्तूबर
जन्म महीना-15 अगस्त से 15 सितंबर(भाद्रपद)
15 सितंबर se 15 अक्तूबर (क्वार)
रंग-सफेद,स्लेटी,कथइ और महरूम
स्वाद-कसैला,कडुआ,करेला
अंग-फेफड़ा (lungs),बड़ी आंत(large intestine)और त्वचा (skin)
रोग प्रतिरोधक क्षमता-शून्य(zero)
स्पेशल चिकित्सकीय गुण-शब्द (words)
(आकाश तत्व की ऊर्जा वाले लोगों पर मंत्रो,ध्यान (meditation)प्राणिक हीलिंग और रेकी हीलिंग इत्यादि से बहुत तेज असर होता है तेजी से सही होते है)
अवगुण-आलस्य,टालने की परावर्ति
स्पेशल गुण-आध्यात्मिक विचार,ध्यान साधना, मंत्र साधना जल्दी साध लेते है, बांटने की परावर्ति और दयावान
आगे के बाल उड़ जाते है इस तत्व वाले के यदि समय और महीना सैम हो तो
आकाश तत्व बिगड़ने पर होने वाले रोग अस्थमा,स्वसन
रेसपीरेट्री प्रॉब्लम,कब्ज,चर्म रोग,सोराइसिस,एग्जिमा,साइटिका,कमर दर्द, ट्रीगीमिनल
न्यूरोलोजीआ ,सर्दी,ज़ुकाम,इन्फेक्शन Etc
सुबह जल्दी उठना अमृत की तरह है आकाश तत्व वालों के लिए सुबह (3 am से सुबह 7 बजे) तक जगना जरूरी है योग, प्राणयाम,ध्यान और साधना सुबह सुबह करेंगे तो आकाश तत्व की ऊर्जा हमेशा संतुलित रहेगी
आकाश तत्व की ऊर्जा को अग्नि तत्व की ऊर्जा से संतुलित किया जाता है सफेद,स्लेटी और कथइ रंग का कुछ समय तक त्याग करना है और
लाल रंग को विशेष स्थान पर लगाकर ऊर्जा को संतुलित कर दिया जाता है
(2)वायु तत्व
जन्म समय
(रात्रि 11pm से सुबह 3 am )
जन्म महीना 15 दिसम्बर se 15 फरवरी
15 दिसम्बर से 15 जन(पोष)
15 जन से 15 फरवरी(माह)
रंग-हरा
स्वाद-खट्टा
अंग-gall bladder,liver or सहयोगी अंग-आंख,digestive सिस्टम,और ligament
गुण-चंचलता,गतिशीलता
विकृति-मन ही मन गुस्सा,टालने की परवर्ती
देवता- भगवान हनुमान
मंत्र-ओम श्री वासुदेवाय नम:
बीज मंत्र-यम
स्पेशल गुण-कैरियर मैं जल्दी सफलता,प्रेम की भावना,प्रसिद्धि,सम्पत्ति बहुत मिलती है
शरीर-हल्का ,पतला और छरहरा
स्पेशल तत्व ऊर्जा गुण-स्पर्श
तत्व बिगड़ने पर होने वाले रोग-fatty liver,gallbladder stone,enzytee,dippresion
,फुल बॉडी पैन,गठिया बाय, पाचन, अवशोषण और चपाचय,कब्ज,बवासीर,भगनदर,मानसिक उन्माद, एनजइटी फिशर,पूरे शरीर मैं घूमने वाला दर्द,गैस इत्यादी
रात को 11 बजे से पहले हर हाल मैं सोना है इससे हमेशा ही यह तत्व balance रहेगा वायु तत्व ऊर्जा वाले लोगों को स्पर्श चिकित्सा के द्वारा बहुत जल्दी आराम हो जाता है
वायु तत्व वाले लोगों को हरे रंग और खट्टा स्वाद से कुछ विशेष अवधि तक बचना चाहिए और वायु तत्व की ऊर्जा को आकाश तत्व की ऊर्जा यानी कि ब्राउन रंग को विशेष स्थान पर लगाकर हम संतुलित कर सकते है
(3)अग्नि तत्व प्रथम जन्म समय
सुबह 11am से दुपहर 3 pm तक
जन्म महीना
(15 फरवरी से 15 अप्रैल )
15 फरवरी से 15 मार्च(फाल्गुन)
15 मार्च से 15 अप्रैल (चैत्र)
रंग-लाल
स्वाद-तीखा,मिर्च वाला
अंग-heart(दिल) और छोटी आंत(small intestine)
देवता- शक्ति दुर्गा माता या कोई भी शक्ति माता
तत्व बिगड़ने पर होने वाले रोग
हार्ट disease हार्ट का फैलना होना, हार्ट फैल ,तिल्ली का बढना ,पाचन,चेस्ट जलन,डकार,ब्रैन हेमरेज,पारालाइस,स्लिप डिस्क, डिस्क,kyphosis,lordosis और scliosis, नस blokage, गैंगरीन,ancliosing spondilites,cirvical spondylitis,bones ऑस्टियोपोरोसिस इत्यादी
अग्नि तत्व ऊर्जा को भोजन और सूर्य की रोशनी भरपूर और संतुलित मिलनी जरूरी है
विशेष ऊर्जा गुण-रूप है
अग्नि तत्व प्रचंड(द्वितीया)
जन्म समय श्याम 7 pm से रात्री 11 pm तक
15 अप्रैल से 15 जून
(15april se 15 मई(बैसाख)
(15 मई से 15 जून (ज्येष्ठ)
रंग- नारंगीorange)
स्वाद-तीखा कडक
अंग-brain(दिमाग) or spine(रीड की हड्डी)
गुण- जोश,उत्साहित,फुर्ती,
विकृति-क्रोध,तोड़फोड़
देवता- शक्ति
अग्नि तत्व वाले लोगों को कुछ विशेष अवधि के लिए लाल,गुलाबी और नारंगी रंग से दूर रहना चाहिए और अग्नि तत्व की ऊर्जा को जल तत्व की ऊर्जा से संतुलित किया जाता है यानी की कुछ विशेष स्थान पर नीले रंग को लगाकर ऊर्जा को संतुलित किया जा सकता है
(5) जल तत्व
जन्म समय दुपहर 3 pm से श्याम 7 pm तक
जन्म महीना 15 अक्तूबर से 15 दिसम्बर
15 अक्तूबर से 15 नवंबर(कार्तिक)
15 नवंबर से 15 दिसम्बर(अग्रण)
रंग- नीला और काला
अंग-गुर्दा(kidney) और मूत्रासय(urinary tract)
स्वाद- खारा और नमकीन
गुण-सीतल,सुनयपन,भ्रम और संकोच
विकृति-चिंता,भय,डर और स्पष्टता नहीं
विशेष ऊर्जा गुण- रस(स्वाद) इस तत्व ऊर्जा को कुछ विशेष स्वाद रस इत्यादी द्वारा संतुलित किया जाता है
जल तत्व ऊर्जा बिगड़ने पर होने वाले रोग किडनी,kidney stone,kidney shrink फैल,हाथि पांव,शरीर मैं गांठें,महिलाओं मैं हार्मोन की गड़बड़ी,गर्भाश्य मैं गांठें,pcod,अधिक मासिक स्राव और उसमें अधिक खून आना,सफेद पानी
देवता-भगवान गणेश
जल तत्व वाले लोगों को कुछ विशेष अवधी तक नमकीन, खारा,नीला रंग और काले रंग से दूर रहना चाहिए जब तक ऊर्जा संतुलित नहीं होती और जल तत्व की ऊर्जा को पृथ्वी तत्व की ऊर्जा से संतुलित किया जाता है यानी की पीले रंग को कुछ विशेष स्थान पर लगाकर ऊर्जा को संतुलित किया जा सकता है
(6)पृथ्वी तत्व
जन्म समय सुबह
7am से सुबह 11 am
जन्म महीना 15 जून से 15 अगस्त
15 जून से 15 जुलाई(आषाढ़)
15 जुलाई से 15 अगस्त(श्रावण)
रंग-पीला
स्वाद- मीठा
गुण-फैलाव,स्थिरता,धर्य और लोगों के बीच समन्वय रखना
विकृति- आलस्य और प्रमाद
विशिष्ट गुण -गंध
देवता- भगवान शिव
अति विशिष्ट ऊर्जा गुण-गंध(खुशबु)
पृथ्वी तत्व वाले लोगों को कुछ विशेष खुशबु द्वारा चिकित्सा जैसे गंध चिकित्सा (aaroma theripy) विशेष लाभ करती है पृथ्वी तत्व वाले लोगों को सुबह 7 बजे से 11 बजे के बीच धरती से आने वाले खाद्य पदार्थों का सेवन अवश्य कर लेना चाहिए और धरती पर कुछ समय जरूर बिताना चाहिए
पृथ्वी तत्व वाले लोगों को ऊपर के सभी तत्वों के असंतुलन के मिले जुले रोग होते है क्यु की पृथ्वी मैं सभी तत्व समाहित है पृथ्वी तत्व वाले लोगों को कुछ विशेष अवधी तक पीले रंग और मीठे स्वाद से दूर रहना चाहिए और पृथ्वी तत्व की ऊर्जा को वायु तत्व की ऊर्जा से संतुलित करते है यानी की हरे रंग को कुछ विशेष जगह पर लगाकर ऊर्जा को संतुलित किया जा सकता है और क्यु की पृथ्वी मैं सारे तत्व विधमान है तो सभी को अपने आप को स्वास्थ्य रखने के लिए कम से कम 1 घन्टा नंगे पैर धरती पर जरूर रहना चलना या घूमना चाहिए
राजीव सिंह राणा
प्राण योग, नियुरोथेरपी,बोन स्ट्रक्चरल एंड अलाइमेंट(एक्सपर्ट)पंच तत्व थैरेपी और ध्यान साधना(एक्सपर्ट)
कॉल और whatsaap
98711 098711 14912