18/09/2025
*ॐ नमःश्चिणडिकायै ॐ*
क्या आप हीलर है? यदि हाँ तो यह साधना आपको अवश्य करनी चाहिए। क्यों? आगे क्रमशः
https://youtu.be/eAS3VuWiHxM?si=u1M0fuN4w8UHanfQ
कृष्णकाली साधना एक अत्यंत रहस्यमयी और शक्तिशाली तांत्रिक साधना है, जिसमें भगवान श्रीकृष्ण की माधुर्य शक्ति और मां काली की उग्र रूप शक्ति का समन्वय होता है। तांत्रिक परंपरा से जुड़े साधकों द्वारा की जाती है, और बिहार के तेलडिहा धाम (बांका) में विशेष रूप से इसकी उपासना होती है।
🔱 *कृष्णकाली कौन हैं?*
"कृष्णकाली" एक संकर (syncretic) देवी हैं —
> "कृष्ण" का अर्थ है साक्षात् ब्रह्म — अखंड चैतन्य प्रेमस्वरूप, और
"काली" का अर्थ है काल का अतिक्रमण करने वाली — उग्र, संहारक और मोक्षदायिनी शक्ति।
*कृष्णकाली = प्रेम + शक्ति + तत्त्वज्ञान*
यह स्वरूप उन साधकों के लिए अत्यंत प्रभावी माना जाता है जो जीवन के अत्यंत जटिल, रहस्यमयी, तांत्रिक और मोह-माया के बंधनों को तोड़कर स्वयं की मुक्ति चाहते हैं।
🧘♀️ कृष्णकाली साधना का उद्देश्य
🔥 भीतरी अंधकार का नाश अवचेतन मन के भय, द्वंद्व, मोह, वासनाओं का क्षय
🕉️ अध्यात्मिक जागरण चित्त की वृत्तियों पर नियंत्रण और आत्मचेतना का जागरण
🧿 तांत्रिक सिद्धियाँ मंत्रसिद्धि, कवचसिद्धि, भावसिद्धि, रहस्यबोध
🌕 श्रृंगार और संहार का समन्वय जीवन के प्रेममय और उग्र दोनों पक्षों का संतुलन
🔓 मुक्ति मार्ग अहंकार, वासना, अज्ञान और भ्रम से मुक्ति
🔴 *कृष्णकाली साधना क्यों करनी चाहिए?*
1. अद्वैत का अनुभव – कृष्ण (पूर्ण आनन्द, सौन्दर्य, प्रेम) मानव जीवन पुरुष और प्रकृति शक्ति का समन्वय - जो आपके शरीर में पुरुष और प्रकृति शक्ति को संतुलित करता है।
2. भीतरी अंधकार का रूपांतरण – मन में जो डर, क्रोध, वासना, अवसाद, नकारात्मक ऊर्जा जमा होती है, कृष्णकाली साधना उन्हें नष्ट कर शक्ति में बदल देती है।
3. कुंडलिनी जागरण – यह साधना हृदय (कृष्ण-प्रेम) और मूलाधार/मणिपुर (काली-शक्ति) दोनों को जोड़कर साधक के भीतर कुंडलिनी प्रवाह को सक्रिय करती है।
4. संपूर्णता की ओर मार्ग – केवल कृष्ण साधना प्रेम और माधुर्य देती है, केवल काली साधना शक्ति और भयमुक्ति देती है। दोनों का संगम साधक को सिद्धि और मुक्ति दोनों की ओर ले जाता है।
5. रहस्यमय आध्यात्मिक मार्ग – कृष्णकाली साधना को तांत्रिक मार्ग का “गुप्त रहस्य” कहा जाता है। यह साधना साधक को आकर्षण (कृष्ण) और विकर्षण (काली) के द्वंद्व से परे ले जाकर पूर्णता में स्थापित करती है।
6. संसार और सन्यास का संतुलन – जो साधक गृहस्थ है पर आध्यात्मिक ऊँचाई चाहता है, उसके लिए यह साधना विशेष रूप से उपयुक्त है। यह सांसारिक जीवन (कृष्ण-आनन्द) और विरक्ति (काली-शक्ति) में संतुलन लाती है।
👉 सरल शब्दों में, कृष्णकाली साधना का उद्देश्य साधक को प्रेम और शक्ति, करुणा और निर्भयता, सौन्दर्य और शून्यता—इन सबके अद्वैत रूप में प्रवेश कराना है।
कृष्णकाली साधना के अनुभव साधक के स्तर, शुद्धता और समर्पण पर निर्भर करते हैं। यह साधना अत्यंत रहस्यमय और गहन है, इसलिए इसके अनुभव साधारण ध्यान या जप से अलग होते हैं।
कृष्णकाली साधना में सम्भावित अनुभव
1. भीतरी ऊर्जा का जागरण
2. भय का रूपांतरण
3. हृदय में माधुर्य और प्रेम का जागरण
4. मृत्यु और शून्यता का अनुभव
5. गहन ध्यानावस्था (समाधि-सदृश अवस्था)
6. अद्वैत का दर्शन
7. स्वप्न अनुभव
8. भौतिक जीवन में परिवर्तन
कृष्णकाली साधना के लाभ
🕉️ आत्मबल और निर्भयता मानसिक डर, भ्रम, तनाव का अंत
🔐 गूढ़ तांत्रिक रहस्य खुलना स्वप्नदर्शन, संकेत, रूपबोध
💰 भौतिक समृद्धि इच्छापूर्ति, शत्रु नाश, व्यापार में रक्षा
🔔 मोक्षमार्ग पर प्रवेश अहंकार नाश और शुद्ध ब्रह्मचैतन्य से मिलन
*कृष्णकाली साधना वाकई एक रहस्य है, क्योंकि इसमें सम्मिलित साधना विधि, क्रिया एक रहस्यमय अनुभव से कम नहीं है। साधक प्रथम चरण की साधना का अनुष्ठान संपन्न कर लेता है तब वो काम कला रूप त्रिकोण यन्त्र की साधना की ओर अग्रसर हो सकते हैं।*
विशेष जानकारी हेतु आप कृष्णकाली सेवक रुद्र अभि सिंह जी से सम्पर्क कर सकते हैं।
Contact :- 9517913159
साधना :- शारदीय नवरात्रि में कराया जाएगा (22 September)
*Thanks Regard Rudra Energy Healing Anusandhan Sansthan*
Founder of Rudra Energy Healing Anusandhan Sansthan।।
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Why Do Krishnakali Sadhna? ...