16/10/2022
❤❤❤* #गुलकंद:-*
💜एक आयुर्वेदिक टॉनिक है, गुलाब के फूल की भीनी-भीनी खुशबू और पंखुड़ियों के औषधीय गुण से भरपूर गुलकंद को नियमित खाने पर पित्त के दोष दूर होते हैं
घर में कैसे तैयार करें
गुलाब की ताजी पंकुरी चीनी के साथ मिलाकर हाथों से मसलकर कुछ समय के लिए छोड़ दीजिए आपका गुलकंद तैयार है
पित्त शमन के लिए इसमें आ प्रवाल पिष्टी भी मिला सकते हैं
* #गुलकंद_के_फायदे –*
💚 इससे कफ में भी राहत मिलती है।
💚गर्मियों के मौसम में गुलकंद कई तरह के फायदे पहुंचाता है।
💚गुलकंद कील मुहांसो को दूर करता है अरु रक्त शुद्ध करता है,
💚हाजमा दुरुस्त रखता है और आलस्य दूर करता है।
💚गुलकंद शरीर के तापमान को नियंत्रित करता है और कब्ज को भी दूर करता है।
💚सीने की जलन और हड्डियो के रोगो में लाभकारी है,
💚सुबह-शाम एक-एक चम्मच गुलकंद खाने पर मसूढ़ों में सूजन या खून आने की समस्या दूर हो जाती है।
💚पीरियड के दौरान गुलकंद खाने से पेट दर्द में आराम मिलता है।
💚मुंह का अल्सर दूर करने के लिए भी गुलकंद खाना फायदेमंद होता है।
💚. गर्मी के अक्सर लोगों को खाना न पच पाना या पेट में दर्द आदि की शिकायत होती है। ऐसे में रोज गुलकंद खाने से शरीर की पाचन क्रिया सही रहती है और पेट की बीमारियां दूर होती है।
💚. पेट की गर्मी बढ़ जाने से हमें मुंह में छालों की शिकायत बढ़ जाती है। ऐसे समय में गुलकंद खाने से मुंह के छालों से आराम मिलता है।
💚. गुलकंद खाने से त्वचा में पिंपल्स और दाग आदि जैसी समस्याओं से भी राहत मिलती है।
💚. गर्मी के समय पसीना आने से शरीर में बदबू आने लगती है। इस समय गुलकंद खाना आपके लिए अच्छा होगा, इसे खाने से पसीने से आराम मिलता है।
💚. गुलकंद का रोजाना इस्तेमाल हमारी आंखों के लिए भी लाभदायक होता है। इसे खाने से आंखों में मोतियाबिंद या आंखों में जलन जैसी शिकायत कभी नहीं होती।
💚. गर्मी के समय छोटे बच्चों के नाक से खून निकलना आम बात होती है। गर्मी में बच्चों को रोज गुलकंद खिलाने से इससे आराम मिलता है।
💚. गुलकंद रोज खाने से थकान लगना, सिरदर्द या शारीरिक कमजोरी जैसी कोई भी परेशानी नहीं होती है।
💚. स्कूली बच्चों के लिए गुलकंद बहुत फायदेमंद होता है इसे खाने से याददाश्त मजबूत होती है।
💚. गर्मियों में गुलकंद खाने से लू नहीं लगती है।
💚. गुलकंद शरीर के विषैले पदार्थ को बाहर निकालकर खून को साफ करता है।
💛गुलकंद बनाने की विधि:-
ताजी गुलाब की पंखुडियां, बराबर मात्रा में मिश्री एक छोटा चम्मच पिसी छोटी इलायची तथा पिसा सौंफ।
गुलाब की ताजी व खुली पंखुडियॉं लें, अब कांच की बडे मुंह की बोतल लें, इसमें थोडी पंखुडियां डालें अब मिश्री डालें फिर पंखुडियां, फिर मिश्री
अब एक छोटा चम्मच पिसी छोटी इलायची तथा पिसा सौंफ डालें, फिर उपर से पंखुडियां डालें,
शुगर के मरीज डॉक्टर की देखरेख में इसका सेवन करें
फिर मिश्री इस तरह से डब्बा भर जाने तक करते रहें,
इसे धूप में रख दें आठ दस दिन के लिये, बीच-बीच में इसे चलाते रहें, मिश्री पानी छोडेगी,
और उसी मिश्री पानी में पंखुडियां गलेंगी।
(अलग से पानी नहीं डालना है) पंखुडियां पूरी तरह गल जाय यानि सब एक सार हो जाय।
लीजिये तैयार हो गया आपका गुलकंद