
07/10/2022
#योग व #प्राणायाम की शक्ति...
विज्ञान की जड़े हिला दी थी, इस संत ने.. "प्रह्लाद जानी" वो इंसान जिसने 76 सालो से जीवन मे कुछ नही खाया और न ही कुछ पिया, फिर भी ताउम्र जीवित रहा। डॉक्टर इन पर शोध कर करके थक गए मगर कुछ न मिला। भारतीय सेना के डॉक्टर्स की टीम ने इन्हें 15 दिन तक एक ऐसे कमरे में बंद रखा जहां कुछ भी नही था, सिवाय बिस्तर के। इनके कमरे में cctv लगाए गए। 15 दिन बाद इन्हें चेक किया तो सब कुछ नार्मल था, डॉक्टर भी हैरान थे। फिर देश विदेश के डॉक्टर्स की टीम ने इन पर अलग अलग शोध किये मगर उन्हें कोई रिजल्ट न मिला कि कैसे कोई इंसान इतने सालों से बिना खाये पिये जीवित है।
प्रह्लाद जानी, गुजरात काठियावाड़ जिले में रहते थे और 26 मई 2020 को इन्होंने प्राण त्याग दिए। इनका न बड़ा आश्रम, न ही अरबो की दौलत ! मगर प्रह्लाद जानी ने विज्ञान की जड़े हिला दी थी। अच्छे अच्छे नास्तिक न चाहते हुए भी स्वीकार करने को मजबूर थे... संत प्रह्लाद जानी - चुनरी वाली माताजी का गुजरात मे 26 मई 2020 को निधन हो गया। आप 90 साल के थे।
आपके बारे में कहा जाता था कि आपने पिछले 76 साल से अन्न जल ग्रहण नही किया है। आप सिर्फ श्वास के सहारे जीवित हैं। DRDO मतलब Defence Research & Development Organisation की एक अनुषांगिक संस्था DIPAS यानि कि Defence Institute of Physiology and Allied Sciences ने दो बार संत प्रह्लाद जानी के इस दावे की जाँच की कि उन्होंने पिछले 76 साल से अन्न जल ग्रहण नही किया। उनके ऊपर बड़ी वृहद Scientific Research हुई है। पहली बार 2003 मे और दोबारा 2010 में। 2010 में DIPAS , DRDO, AIIMS जैसे संस्थानों के Doctors , Scientists और Researchers ने अहमदाबाद के Sterling हॉस्पिटल के एक शीशे के Chamber नुमा रूम में पूरे 15 दिन तक उनकी निगरानी की। कुल 40 Doctors की टीम और 24 घंटे CCTV कैमरा की निगरानी में उन्हें देखते जांचते रहे। पल पल उनका Temperature, BP, Heart Beat, Blood Sugar, Lipid Profile, CBC, Kidney एवं liver function जैसे तमाम tests होते रहे। इस बीच उनके शौचालय जाने, मल मूत्र विसर्जन की भी निगरानी और Tests हुए। वैज्ञानिकों ने पाया कि उन पंद्रह दिनों में संतजी ने एक बूंद भी जल या कोई अन्न नही लिया। 24 घंटे में औसतन 100 ml पेशाब उनको होता था। मल त्याग नही किया, एक बार भी।
तमाम research के बाद