27/06/2025
दुनिया भर में लगभग 12.5 करोड़ लोग — यानी करीब 3 से 4 प्रतिशत आबादी — सोरायसिस जैसी त्वचा की गंभीर बीमारी से पीड़ित हैं।
सोरायसिस एक ऑटो-इम्यून और क्रॉनिक त्वचा रोग है, जो मुख्य रूप से त्वचा को प्रभावित करता है। यह बीमारी समय के साथ बढ़ सकती है, और लक्षणों में शामिल होते हैं — लालिमा, खुजली और परतदार घाव, जो शरीर के विभिन्न हिस्सों में दिखाई देते हैं।
यदि इसे समय रहते नहीं पहचाना जाए, तो यह नाखूनों में विकृति, जोड़ों में दर्द और खोपड़ी पर गंभीर डैंड्रफ जैसी समस्याओं का कारण बन सकता है।
सोरायसिस के सटीक निदान के लिए हम वुड्स लैंप जैसे विशेष उपकरण का उपयोग करते हैं, जिससे बीमारी को शुरुआती चरण में ही पहचाना जा सकता है।
अब बात इलाज की करें — तो शास्त्रीय होम्योपैथिक चिकित्सा पद्धति, इस रोग को जड़ से ठीक करने की क्षमता रखती है। होम्योपैथिक दवाएं प्रतिरक्षा तंत्र को संतुलित कर, शरीर को अंदर से स्वस्थ बनाती हैं। परिणामस्वरूप, सोरायसिस को बिना किसी साइड इफेक्ट के पूरी तरह से ठीक किया जा सकता है।
यदि आप या आपके किसी परिचित को सोरायसिस से जुड़ी परेशानी है, तो आज ही विशेषज्ञ से संपर्क करें — और एक स्वस्थ, खुशनुमा जीवन की ओर पहला कदम बढ़ाएं।
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Classical Homeopathic Treatment
Classical Homeopathic Treatment & Collagen Induction Therapies (CIT)
Dr. Arnav Mukherjee: Certified Medical Trichologist (CMT) Hair & Scalp Disorder
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