06/07/2023
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*रुद्राक्ष*
वर्षो की तपस्या के बाद जब देवादी देव महादेव ने अपनी आंखें खोली तब उनके तप तेज आंखो से अश्रु रूप में बह निकले, वही रुद्र अक्ष अर्थात महारुद्र के आंसू पृथ्वी पर गिरते ही पृथ्वी ने उन्हें अपने आंचल में समा लिया, और जन्म दिया एक ऐसे अनुपम वृक्ष को जिसका नाम पड़ा रुद्राक्ष।
वृक्ष से उत्पन रुद्राक्ष के बीजों को विभिन्न मनुष्य,ऋषि,मुनि,नाग,देवता,यक्ष,किन्नर,विद्याधर, शैव ,वैष्णव, शाक्त और , गणपत्य , सौर, दैत्य,दानव,सब ने समान रूप से पूरी श्रद्धा के साथ धारण किया।
जप करने के लिए इसे सर्वश्रेष्ठ मणियों में से एक गिना जाता है,रोग निवारण के लिए,पाप निवारण के लिए,अभिचार निवारण के लिए इससे ज्यादा ऊर्जावान मणि दूसरी कोई नही,जो की सर्व सुलभ भी हो।
यह वृक्ष अपने आप में इतना ऊर्जावान है की इसके अलग अलग मुखों की अपनी महत्ता है।
जैसे :-
1. एक मुखी गोल प्राकृतिक नेपाली दाना अति दुर्लभ रुद्राक्ष है जिसे साक्षात शिव ही माना जाता है।सभी कार्यों को कर देने में सक्षम ,योग्य विधि से सिद्ध करा कर धारण करने पर एक मुखी रुद्राक्ष सभी मनोवांछित फल देने में सक्षम है।
यह रुद्राक्ष नव ग्रह,त्रिदेव,और सभी शक्तियों को साधने में सक्षम है।
2. मुखी गोल प्राकृतिक नेपाली दाना यह भी मुश्किल से प्राप्त होता है यह रुद्राक्ष केमद्रुम दोष को नियंत्रित करने में सक्षम है।योग्य विधि से सिद्ध करा कर धारण करने पर ये रुद्राक्ष दरिद्रता मिटाने में सक्षम है।
3. मुखी रुद्राक्ष विद्या प्राप्ति के लिए धारण करने पर विशेष परिणाम प्राप्त कराता है,यह शरीर में रहे त्रिदोषो का शमन करता है, तीनों नाडी इड़ा, पिंगला और सुषुम्ना को शुद्ध करता है और योग्य विधि से सिद्ध करा कर धारण करने पर ये रुद्राक्ष ब्लडप्रेशर जैसी बीमारियों से रक्षा करता है।
4. मुखी रुद्राक्ष योग्य विधि से सिद्ध करा कर धारण करने पर ये चारो पुरुषार्थ सिद्ध करने में सहायक होता है।
5. मुखी रुद्राक्ष सर्व सुलभ और भगवान रुद्र का विशेष प्रिय रुद्राक्ष है यह सभी दुखों में धैर्य और सहनशक्ति प्रदान करता है।योग्य विधि से सिद्ध करा कर धारण करने पर ये रुद्राक्ष लिवर की बीमारी से मुक्ति दिलाता है।
6. मुखी रूद्राक्ष योग्य विधि से सिद्ध करा कर धारण करने पर ये जातक को सभी पापो से मुक्त करता है,सभी दुर्गुणों से बचाता है।
7. मुखी रूद्राक्ष योग्य विधि से सिद्ध करा कर धारण करने पर ये धारक को धन,ऐश्वर्य,प्रदान करता है और मृत्यु तुल्य कष्टों से मुक्ति दिलाता है।
8. मुखी रूद्राक्ष योग्य विधि से सिद्ध करा कर धारण करने पर ये धारक के सभी विघ्न दूर कर देता है,समाज में सम्मान दिलाता है,तथा राहु ग्रह को नियंत्रित रखने में मदद करता है।
9. मुखी रूद्राक्ष योग्य विधि से सिद्ध करा कर धारण करने पर ये रुद्राक्ष कुंडली के तीसरे स्थान को एक्टिव कर देता है जो की पराक्रम में वृद्धि कराता है।
जीवन मेंसाहस,सहनशीलता,और वीरता में वृद्धि करता है।
10. मुखी रूद्राक्ष योग्य विधि से सिद्ध करा कर धारण करने पर ये धारक को संतान प्राप्ति कराने में सहायक होता है,इस लिए संतान प्राप्ति की कामना वाले लोगो को इसे अवश्य धारण करना चाहिए।
11. मुखी रूद्राक्ष योग्य विधि से सिद्ध करा कर धारण करने पर ये रुद्राक्ष सभी कार्यों में सफलता दिलाता है ,प्रतियोगिता संबंधित परीक्षाओं में इसका विशेष प्रयोग किया जा सकता है।
12. मुखी रूद्राक्ष योग्य विधि से सिद्ध करा कर धारण करने पर ये रुद्राक्ष रक्त की खराबी,नेत्र रोग,से मुक्ति दिलाता है और आत्म बल में वृद्धि करता है।
13. मुखी रूद्राक्ष योग्य विधि से सिद्ध करा कर धारण करने पर ये रुद्राक्ष प्रॉपर्टी संबंधी लाभ दिलाता है,तथा सर्वत्र विजय प्रदान कराता है।
14. मुखी रूद्राक्ष योग्य विधि से सिद्ध करा कर धारण करने पर ये धारक को सभी संकटों ,मुश्किलों से बचा कर योग्य जीवन प्रदान करता है।
गौरीशंकर वैवाहिक जीवन के लिए और गणेश रुद्राक्ष व्यवहारिक जीवन के लिए श्रेष्ठ है।
रुद्राक्ष को पांच से सात दिनों तक सरसों के तेल में भिगोकर रखना चाहिए तत्पश्चात रुद्राक्ष को गंगाजल, दूध, जैसी पवित्र वस्तुओं के साथ े स्नान कराएं तथा रुद्राक्ष को पंचामृत एवं पंच- गव्य से भी स्नान करवाएं और इसके साथ ही “ॐ नमः शिवाय” इस पंचाक्षर मंत्र के 108 बार जाप कर सोमवार के दिन शुभ , लाभ , अमृत के चोगड़िए में वृहस्पति की होरा में धारण करना चाहिए।
रुद्राक्ष को कभी भी काले धागे में धारण नहीं करना चाहिए इसे हमेशा लाल या पीले रंग के धागे में ही धारण करें. रुद्राक्ष बेहद पवित्र होता है इसलिए इसे कभी अशुद्ध हाथों से न छुएं और स्नान करने के बाद शुद्ध होकर ही इसे धारण करें।
संकलानकर्ता