28/08/2025
ब्रुसेलोसिस (Brucellosis) बीमारी – संपूर्ण जानकारी
ब्रुसेलोसिस एक संक्रामक बैक्टीरियल बीमारी है जो मुख्यतः पशुओं (गाय, भैंस, बकरी, भेड़, सुअर आदि) को होती है और संक्रमित पशुओं से यह इंसानों में भी फैल सकती है। इसे “Malta fever” या “Undulant fever” भी कहा जाता है।
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1. कारण (Cause)
यह बीमारी Brucella नामक बैक्टीरिया से होती है।
पशुओं में मुख्य प्रजातियाँ –
Brucella abortus → गाय-भैंस
Brucella melitensis → बकरी-भेड़
Brucella suis → सुअर
Brucella canis → कुत्ता
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2. पशुओं में लक्षण
बार-बार गर्भपात होना (विशेषकर गर्भ के 7-9 महीने में)
दूध उत्पादन में कमी
बधियापन (नर पशुओं में अंडकोष की सूजन)
जोड़ों में सूजन व कमजोरी
बाँझपन (Infertility)
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3. इंसानों में लक्षण
इंसान अक्सर संक्रमित दूध/मांस या संक्रमित पशु से सीधा संपर्क करने पर बीमार होता है।
तेज बुखार जो कभी कम-कभी ज्यादा (Undulant fever) होता है
सिरदर्द, पसीना आना
मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द
थकान और कमजोरी
लिवर और तिल्ली का बढ़ना
लंबे समय तक बीमारी रहने पर (क्रॉनिक केस) – गठिया, रीढ़ में दर्द, हृदय और तंत्रिका तंत्र की समस्या
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4. फैलने के तरीके (Transmission)
कच्चा दूध या बिना उबाले दूध से बने उत्पाद (पनीर, घी आदि)
संक्रमित मांस का सेवन
संक्रमित पशुओं के गर्भपात सामग्री (झिल्लियाँ, भ्रूण, स्राव) से संपर्क
पशुओं की देखभाल, प्रसव कराना, टीकाकरण या पोस्टमार्टम करते समय
यह एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में बहुत कम फैलता है
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5. रोकथाम (Prevention in Animals & Humans)
पशुओं में
गर्भपात की सामग्री को सुरक्षित तरीके से नष्ट करना (गड्ढा खोदकर चूना डालकर दबाना)
संक्रमित पशु को अलग रखना
Brucella abortus S19 vaccine (गाय-भैंस के बछियों में 4–8 महीने की उम्र में टीकाकरण)
Brucella melitensis Rev-1 vaccine (बकरी-भेड़ में)
बार-बार टेस्ट करके संक्रमित पशुओं को पहचानना (Rose Bengal Test, ELISA)
इंसानों में
दूध हमेशा उबालकर या पास्चुराइज करके पीना
कच्चे मांस/अधपके मांस से बचना
पशुओं से काम करते समय दस्ताने, मास्क, गाउन पहनना
गर्भवती महिलाएँ संक्रमित पशुओं से दूर रहें
प्रयोगशाला में काम करते समय बायोसेफ्टी नियमों का पालन करना
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6. उपचार (Treatment)
पशुओं में:
इसका कोई पूरा इलाज नहीं है, केवल रोकथाम और नियंत्रण ही उपाय है।
संक्रमित पशु जीवन भर वाहक (carrier) बन सकता है।
इंसानों में:
लंबे समय तक एंटीबायोटिक दवाओं का कोर्स दिया जाता है, जैसे –
Doxycycline + Rifampicin (6 सप्ताह या उससे अधिक)
गंभीर मामलों में Streptomycin का प्रयोग भी किया जा सकता है।
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7. महत्व
यह एक ज़ूनोटिक बीमारी है (पशु से इंसान में फैलने वाली)
दूध उत्पादन और प्रजनन क्षमता घटाकर पशुपालकों को आर्थिक नुकसान पहुँचाती है
इंसानों में लाइलाज नहीं है, पर सही इलाज से ठीक हो सकते हैं
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👉 संक्षेप में: ब्रुसेलोसिस एक खतरनाक लेकिन रोकी जा सकने वाली बीमारी है। पशुओं में समय पर टीकाकरण और इंसानों में सावधानी ही इसका सबसे बड़ा बचाव है।