30/10/2025
आप सभी को गोपाष्टमी की अनंत शुभकामनाएं ।
गोपाष्टमी का उल्लेख पद्म और भागवत पुराण में मिलता है । जिसके अनुसार, कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को श्री कृष्ण ने पहली बार गाय चराने का कार्य संभाला था ।यह पर्व मुख्य रूप से मथुरा, वृंदावन और ब्रज में मनाया जाता है, जहां पर मुख्य रूप से गायों और बछड़ों की पूजा की जाती है । मान्यता है कि वे श्री कृष्ण के बेहद प्रिय हैं। इस तिथि को गायों को स्नान कराया जाता है, उन्हें सजाया जाता है। गोपाष्टमी पर किसी गोशाला में गायों की देखभाल के लिए धन का दान किया जाता है और उन्हें गुड़- चारा खिलाया जाता है और उनके प्रति सम्मान और कृतज्ञता व्यक्त की जाती है।
ॐ नमो देव्यै महादेव्यै सुरभ्यै च नमो नमः
जय गौमाता