Astrologer Pawan Pandit

Astrologer Pawan Pandit Contact information, map and directions, contact form, opening hours, services, ratings, photos, videos and announcements from Astrologer Pawan Pandit, Dukh Bhanjan Colony, Kurukshetra.

आप सभी को गोपाष्टमी की अनंत शुभकामनाएं ।गोपाष्टमी का उल्लेख पद्म और भागवत पुराण में मिलता है । जिसके अनुसार, कार्तिक मास...
30/10/2025

आप सभी को गोपाष्टमी की अनंत शुभकामनाएं ।

गोपाष्टमी का उल्लेख पद्म और भागवत पुराण में मिलता है । जिसके अनुसार, कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को श्री कृष्ण ने पहली बार गाय चराने का कार्य संभाला था ।यह पर्व मुख्य रूप से मथुरा, वृंदावन और ब्रज में मनाया जाता है, जहां पर मुख्य रूप से गायों और बछड़ों की पूजा की जाती है । मान्यता है कि वे श्री कृष्ण के बेहद प्रिय हैं। इस तिथि को गायों को स्नान कराया जाता है, उन्हें सजाया जाता है। गोपाष्टमी पर किसी गोशाला में गायों की देखभाल के लिए धन का दान किया जाता है और उन्हें गुड़- चारा खिलाया जाता है और उनके प्रति सम्मान और कृतज्ञता व्यक्त की जाती है।
ॐ नमो देव्यै महादेव्यै सुरभ्यै च नमो नमः
जय गौमाता

बीते दो दिनों में धर्मक्षेत्र कुरुक्षेत्र में पवित्र ब्रह्मसरोवर के पावन तट पर "धर्मक्षेत्र ज्योतिष महाकुंभ 2025" योग भव...
27/10/2025

बीते दो दिनों में धर्मक्षेत्र कुरुक्षेत्र में पवित्र ब्रह्मसरोवर के पावन तट पर "धर्मक्षेत्र ज्योतिष महाकुंभ 2025" योग भवन में आयोजित किया गया था । जिसमें देश भर से जाने माने ज्योतिष आचार्य यहां पहुंचे थे । इस कार्यक्रम में मंच संचालन का सौभाग्य प्राप्त हुआ । समस्त विद्वानों का सानिध्य भी प्राप्त हुआ । इस कार्यशाला को कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड के साथ मिलकर किया गया । यह धार्मिक कार्यशाला तीर्थ एवं ज्योतिष विषय पर रखी गई ।। जिसमें कुरुक्षेत्र के तीर्थों का महत्व बताने का अवसर भी प्राप्त हुआ । किस तरह से ज्योतिष के उपाय कौन कौन से तीर्थ पर सार्थक होते रहें हैं । उन सब का व्याख्यान देने का भी सुअवसर प्राप्त हुआ । इस अवसर पर जाने माने ज्योतिषाचार्य डॉ एच एस रावत जी, प्रोमिला गुपा विख्यात ज्योतिषाचार्य, मेरी बड़ी बहन काशी से गुरुमा चेतना पाण्डेय जी एवं ज्योतिषाचार्य कृपा राम जी उपाध्याय द्वारा मुझे मंच पर सम्मानित किया गया । समस्त गुरुजनों का आशीर्वाद प्राप्त कर कृतार्थ हुआ । इस आयोजन के लिए बड़े भाई पंडित बृज मोहन भार्गव एवं पंडित अजय मिश्रा जी का दिल से बहुत बहुत आभार ।
जय श्री कृष्ण

आप सभी को भैया दूज की हार्दिक शुभकामनाएं ।भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक पर्व है, जो कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया त...
23/10/2025

आप सभी को भैया दूज की हार्दिक शुभकामनाएं ।
भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक पर्व है, जो कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि पर मनाया जाता है। इस दिन बहनें अपने भाइयों का तिलक करती हैं, रक्षा सूत्र बांधती हैं और उन्हें भोजन कराती हैं, जबकि भाई अपनी बहनों को उपहार देते हैं। यह पर्व यमराज और यमुना जी की कथा से जुड़ा है, और भाई-बहन एक-दूसरे को शुभकामना संदेश भेजकर इस अटूट रिश्ते का जश्न मनाते हैं।
जय श्री कृष्ण

आप सभी को गोवर्धन पूजा की अनंत शुभकामनाएं भगवान श्री कृष्ण की कृपा हमेशा बनी रहें ।गोवर्धन पूजा 2025 का पर्व हर साल कार्...
22/10/2025

आप सभी को गोवर्धन पूजा की अनंत शुभकामनाएं भगवान श्री कृष्ण की कृपा हमेशा बनी रहें ।
गोवर्धन पूजा 2025 का पर्व हर साल कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को यानी दीपावली के अगले दिन बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। यह सिर्फ एक धार्मिक परंपरा ही नहीं बल्कि प्रकृति, अन्न और भगवान श्री कृष्ण के प्रति आभार प्रकट करने का उत्सव है। पौराणिक मान्यता के अनुसार, जब इंद्रदेव के प्रकोप से गोकुल वासी संकट में पड़ गए थे, तब भगवान श्री कृष्ण ने अपनी छोटी अंगुली पर गोवर्धन पर्वत उठाकर सभी की रक्षा की थी। तभी से इस दिन गोवर्धन पर्वत और श्रीकृष्ण की पूजा की जाती है। इस अवसर पर लोग घर-घर में अन्नकूट को भोग लगाते हैं और गोबर से गोवर्धन बनाकर पूजा करते हैं। इस दिन को अलग-अलग जगहों पर अलग नामों से जाना जाता है, कहीं इसे अन्नकूट उत्सव कहा जाता है, तो कहीं गोवर्धन पूजा या गिरिराज पर्वत पूजा के नाम से प्रसिद्ध है।
गोवर्धन पूजा सायंकाल मुहूर्त:
दोपहर 03 बजकर 29 मिनट से शाम 05 बजकर 45 मिनट तक । अवधि: 02 घंटे 15 मिनट
जय श्री कृष्ण

आप सभी को अहोई अष्टमी की अनंत शुभकामनाएं । माता रानी सभी के बच्चे सुरक्षित रखें ।अहोई अष्टमी का व्रत कार्तिक मास की अष्ट...
13/10/2025

आप सभी को अहोई अष्टमी की अनंत शुभकामनाएं । माता रानी सभी के बच्चे सुरक्षित रखें ।
अहोई अष्टमी का व्रत कार्तिक मास की अष्टमी तिथि के दिन मनाया जाता है। यह व्रत महिलाएं अपनी संतान की रक्षा और उनकी मंगल कामना के लिए रखती है। जबकि संतान प्राप्ति के लिए भी यह व्रत किया जाता है। इस दिन अपनी संतान के लिए महिलाएं निर्जला उपवास करती हैं। इस वर्ष अहोई अष्टमी का महत्व इसलिए और बढ़ गया है कि अष्टमी पर रवि पुष्य योग और सर्वार्थ सिद्धि योग जैसे अत्यंत शुभ संयोग बन रहे हैं.l मान्यता है कि यह संयोग सभी अशुभ प्रभावों को समाप्त कर देता है। इस व्रत के प्रभाव से संतान के जीवन में खुशहाली आती है। साथ ही संतान को तरक्की मिलती है। अहोई अष्टमी के दिन महिलाएं अहोई माता की पूजा करती है। अहोई माता की पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 5 बजकर 53 मिनट से लेकर शाम 7 बजकर 08 मिनट तक रहने वाला है. यानी पूजा के लिए आपको करीब 1 घंटा 14 मिनट का समय मिलने वाला है । अहोई अष्टमी पर तारे निकलने का समय शाम 7 बजकर 32 मिनट है।
जय माता की

आप सभी को करवा चौथ की अनंत शुभकामनाएं । भगवान गणपति एवं मां गौरी सभी को हमेशा सुखी रखें ।कार्तिक कृष्ण पक्ष की चंद्रोदय ...
10/10/2025

आप सभी को करवा चौथ की अनंत शुभकामनाएं । भगवान गणपति एवं मां गौरी सभी को हमेशा सुखी रखें ।

कार्तिक कृष्ण पक्ष की चंद्रोदय व्यापिनी चतुर्थी अर्थात उस चतुर्थी की रात्रि को जिसमें चंद्रमा दिखाई देने वाला है, उस दिन प्रातः स्नान उपरांत सुंदर वस्त्र धारण कर, हाथों में मेंहंदी लगा, अपने पति की लंबी आयु, आरोग्य व सौभाग्य के लिए स्त्रीयाँ चंद्रोदय तक निराहार रहकर भगवान शिव-पार्वती, कार्तिकेय, गणेश एवं चंद्रदेव का पूजन करती हैं। पूजन करने के लिए बालू अथवा सफेद मिट्टी की वेदी बनाकर उपरोक्त सभी देवों को स्थापित किया जाता है। पश्चात यथाशक्ति देवों का पूजन किया जाता है।

पूजन हेतु निम्न मंत्र बोले जाते है:
ॐ शिवायै नमः
ॐ नमः शिवाय
ॐ षण्मुखाय नमः (स्वामी कार्तिकेय के लिए)
ॐ गणेशाय नमः
ॐ सोमाय नमः (चंद्रमा के लिए)

जय माता की

आप सभी को शरद पूर्णिमा की अनंत शुभकामनाएं । माता लक्ष्मी और नारायण की अनुकम्पा हमेशा बनी रहें ।धार्मिक मान्यताओं के अनुस...
06/10/2025

आप सभी को शरद पूर्णिमा की अनंत शुभकामनाएं । माता लक्ष्मी और नारायण की अनुकम्पा हमेशा बनी रहें ।

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, शरद पूर्णिमा की रात चंद्रमा अपनी 16 कलाओं से पूर्ण होकर धरती पर रोशनी बिखेरता है। इस रात चंद्रमा की किरणों में विशेष औषधीय गुण होते हैं, जिसके कारण इसे 'अमृत वर्षा' वाली रात भी कहा जाता है । इस पूर्णिमा को कोजागरी पूर्णिमा, रास पूर्णिमा और कोजागरी लक्ष्मी पूजा के नाम से भी जाता है। यह पूर्णिमा हर वर्ष अश्विन माह की पूर्णिमा तिथि को मनाई जाती है। इसलिए, इस रात चंद्रमा की पूजा करना और चंद्रमा के नीचे खुले आसमान में खीर बनाना बेहद शुभ माना जाता हैं । ज्योतिष में चंद्रमा को औषधीयों का राजा माना जाता हैं । यदि खीर चांद की किरणों में बनाई जाएं तो उसमें विशेष औषधीय गुण मिल जाते हैं । उसे ही अमृत वर्षा कहा जाता हैं ।

आप सभी को विजय दशमी की अनंत शुभकामनाएं । माता रानी भगवान श्री राम सभी के मनोरथ सिद्ध करें ।अधर्म पर धर्म की जीत का प्रती...
02/10/2025

आप सभी को विजय दशमी की अनंत शुभकामनाएं । माता रानी भगवान श्री राम सभी के मनोरथ सिद्ध करें ।
अधर्म पर धर्म की जीत का प्रतीक, जो भगवान राम द्वारा रावण के वध और मां दुर्गा द्वारा महिषासुर के वध की याद दिलाता है। यह पर्व सत्य धर्म और साहस का उत्सव है विजय दशमी । मां जगदम्बा की कृपा सभी पर बनी रहें ।
जय सियाराम
जय मां जगदम्बा

आप सभी को नवरात्रि में चौथे दिन की अनंत शुभकामनाएं ।  मां कुष्मांडा आप सभी पर कृपा बनाएं रखें ।सुरासम्पूर्णकलशं रुधिराप्...
25/09/2025

आप सभी को नवरात्रि में चौथे दिन की अनंत शुभकामनाएं । मां कुष्मांडा आप सभी पर कृपा बनाएं रखें ।

सुरासम्पूर्णकलशं रुधिराप्लुतमेव च।
दधाना हस्तपद्माभ्यां कुष्मांडा शुभदास्तु मे।

नवरात्रि में चौथे दिन देवी को कुष्मांडा के रूप में पूजा जाता है। अपनी मंद, हल्की हंसी के द्वारा अण्ड यानी ब्रह्मांड को उत्पन्न करने के कारण इस देवी को कुष्मांडा नाम से अभिहित किया गया है। जब सृष्टि नहीं थी, चारों तरफ अंधकार ही अंधकार था, तब इसी देवी ने अपने ईषत्‌ हास्य से ब्रह्मांड की रचना की थी। इसीलिए इसे सृष्टि की आदिस्वरूपा या आदिशक्ति कहा गया है।

इस देवी की आठ भुजाएं हैं, इसलिए अष्टभुजा कहलाईं। इनके सात हाथों में क्रमशः कमण्डल, धनुष, बाण, कमल-पुष्प, अमृतपूर्ण कलश, चक्र तथा गदा हैं। आठवें हाथ में सभी सिद्धियों और निधियों को देने वाली जप माला है।

आप सभी क्षेत्रवासियों को बड़े ही हर्ष के साथ सूचित किया जाता है कि भगवान श्रीराम जी की कृपा से हर वर्ष की भांति *समाध बा...
08/03/2025

आप सभी क्षेत्रवासियों को बड़े ही हर्ष के साथ सूचित किया जाता है कि भगवान श्रीराम जी की कृपा से हर वर्ष की भांति *समाध बाबा भगवान गिरी गौ सेवा समिति गौशाला, निगधू-करनाल * में गौशाला स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में 12 मार्च, फाल्गुण शुक्ल पक्ष त्रयोदशी, दिन बुधवार को *सुंदरकांड पाठ* का आयोजन किया जायेगा है। आप सभी से विनम्र प्रार्थना है कि आप सभी सपरिवार पहुंच कर कार्यक्रम की शोभा बढ़ाए । भगवान श्रीरामजी की पावन कथा का श्रवण कर पुण्य के भागी बनें ।
जय सियाराम, जय बजरंगबली
जय गौमाता

➡️ हवन – प्रातः 8:00 बजे
➡️ सुंदरकांड पाठ – प्रातः 9:00 से 11:00 बजे
➡️ विशाल भंडारा – दोपहर 12:00 बजे से प्रभु इच्छा तक

04/01/2025

हिंदू पंचांग अनुसार रामलला की प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी 2024 को पौष शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि के दिन की गई थी। इस वर्ष यह तिथि 11 जनवरी 2025 को पड़ रही है। ऐसे में हिंदू कैलेंडर अनुसार प्राण प्रतिष्ठा की प्रथम वर्षगांठ 11 जनवरी को मनाई जाएगी। आइए हम सभी भी इस दिन को बड़ी ही धूम धाम से मनाएं ।
जय सियाराम

आप सभी को गुरुपूर्णिमा की हार्दिक शुभकामनाएं ध्याम मूलं गुरुर मूर्ति, पूजा मूलं गुरु पदम्।मन्त्र मूलं गुरुर वाक्यं मोक्ष...
21/07/2024

आप सभी को गुरुपूर्णिमा की हार्दिक शुभकामनाएं

ध्याम मूलं गुरुर मूर्ति, पूजा मूलं गुरु पदम्।
मन्त्र मूलं गुरुर वाक्यं मोक्ष मूलं गुरु कृपा॥

भारतीय सनातन परंपरा में गुरु और ईश्वर दोनों को एक समान माना गया है । भारत में गुरु पूर्णिमा का बहुत ही महत्व है । गुरु पूर्णिमा को लोग बड़े उत्साह और जोश के साथ मनाते हैं । भारत ऋषियों और मुनियों का देश है जहां पर गुरु की भगवान के रूप मे ही पुजा होती हैं । सदगुरु ही ईश्वर को प्राप्त करने और इस संसार रूपी भव सागर से निकलने का रास्ता बतलाते हैं । गुरु के द्वारा बतलाये गये मार्ग पर चलकर प्राणी सुख शान्ति, आनंद और मोक्ष को प्राप्त कर सकता है । शास्त्रों और पुराणों में कहा गया कि अगर भक्त से भगवान नाराज हो जाते हैं तो गुरु कृपा से ही इसका उपाय हो सकता हैं । सनातन परंपरा में गुरु को ईश्वर से भी ऊंचा स्थान दिया गया है । इसलिए ही शायद संत कबीर ने गुरु के महत्व को देखते हुये दोहा लिखा था ।
गुरु गोविन्द दोनों खड़े, काके लागूं पांय ।
बलिहारी गुरु आपने, गोविंद दियो बताय ॥
आषाढ़ माह की पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है । यह दिन गुरु के प्रति सम्मान और कृतज्ञता को दर्शाता है । गुरु पूर्णिमा को महाकाव्य महाभारत के रचयिता कृष्ण द्वैपायन व्यास का जन्म दिवस के रूप में भी मनाया जाता है । वेदव्यास संस्कृत के महान ज्ञाता थे उनको सभी 18 पुराणों का रचयिता भी जाता है । वेदों को विभाजित करने का श्रेय भी वेद व्यास को दिया जाता है । इसी कारण इनका नाम वेदव्यास पड़ा था । इसलिए गुरु पूर्णिमा को व्यास पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है । धार्मिक मान्यता के अनुसार, गुरु पूर्णिमा पर गुरु की पूजा-आराधना की जाती है । महर्षि वेद व्यास प्रथम विद्वान थे, जिन्होंने सनातन धर्म के चारों वेदों की व्याख्या की थी । साथ ही सिख धर्म केवल एक ईश्वर और अपने दस गुरुओं की वाणी को ही जीवन का वास्तविक सत्य मानता आ रहा है । इसलिये ही हमारे शास्त्रों मे कहा गया हैं ......
गुरुर्ब्रह्मा ग्रुरुर्विष्णुः गुरुर्देवो महेश्वरः।
गुरुः साक्षात् परं ब्रह्म तस्मै श्री गुरवे नमः ॥

Address

Dukh Bhanjan Colony
Kurukshetra
136118

Opening Hours

Monday 9am - 5pm
Tuesday 9am - 5pm
Wednesday 9am - 5pm
Friday 9am - 5pm
Saturday 9am - 5pm
Sunday 9am - 5pm

Telephone

+919466445700

Website

Alerts

Be the first to know and let us send you an email when Astrologer Pawan Pandit posts news and promotions. Your email address will not be used for any other purpose, and you can unsubscribe at any time.

Contact The Practice

Send a message to Astrologer Pawan Pandit:

Share

Share on Facebook Share on Twitter Share on LinkedIn
Share on Pinterest Share on Reddit Share via Email
Share on WhatsApp Share on Instagram Share on Telegram