
09/09/2023
रक्त मोक्षण क्या है:-
अपने शरीर के दूषित रक्त को शरीर से बाहर निकाल फेंकना, इसे ही आयुर्वेद में रक्त मोक्षण कहा जाता है अथवा blood letting कहा जाता है, यह सार्व दाहिक और स्थानिक ऐसे दो प्रकार से किया जाता है, सर्व देहिक रक्त मोक्षण डिस्पोजल सुई द्वारा और स्थानिक रक्त मोक्षण जलोका (Leech therapy)द्वारा किया जाता है,
रक्त मोक्षण को आयुर्वेद में आधी चिकित्सा माना गया है, रक्त मोक्षण द्वारा रक्त में मिश्रित दोष एक मात्रा में शरीर से बाहर निकल जाते हैं, और रोगी को तुरंत आराम मिलता है, रक्त मोक्षण सितंबर/अक्टुबर माह में स्वस्थ व्यक्ति को भी करना चाहिए, ऐसा शास्त्र कहता है,
रोगी व्यक्ति में यह कभी भी किया जा सकता है, वर्षा ऋतु में नमी रहने के कारण शरीर में अम्लता का निर्माण होता है और सितंबर/अक्तूबर माह में उष्णता होने से यह संचित अम्ल प्रकुपित होकर शरीर में अम्ल पित, मसूरिका(chicken-pox), शितपीत (urticaria), कामला, सिरशूल, नागिन (Harper booster), फोड़े- फुंसी (boils), आदि त्वचा विकार उत्पन्न करता है
मतलव बढ़ी हुई उष्णता रक्त मोक्षण द्वारा शरीर के बाहर निकाल फेंके तो उपरोक्त व्याधि तुरंत कम होती दिखती है|