
24/07/2025
योग
चित्तवृत्ति निरोध पतंजलि योगसूत्र
Yoga is not just a practice, it's a path to silence the noise within.
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भारतीय योग और ध्यान शरीर से ब्रह्म तक की यात्रा
पुराणों में वर्णित है
देवत्व की पहली सीढ़ी योग है, और मोक्ष की पहली किरण ध्यान।
योग केवल व्यायाम नहीं, एक विज्ञान है
जहाँ शरीर यज्ञभूमि बनता है, प्राण हवि, और ध्यान आहुति।
सप्त चक्र ऊर्जा की सात सीढ़ियाँ
🏵️ मूलाधार: "I am"
स्थिरता और अस्तित्व
🏵️स्वाधिष्ठान: "I feel"
भावना और रचनात्मकता
🏵️मणिपुर: "I do"
साहस और कर्म शक्ति
🏵️अनाहत: "I love"
प्रेम और करुणा
🏵️विशुद्धि: "I talk"
सत्य और अभिव्यक्ति
🏵️आज्ञा: "I see"
अंतर्ज्ञान और दृष्टि
🏵️ सहस्रार: "I understand"
एकत्व और ब्रह्मज्ञान
चक्र जागरण आत्मा का दीप प्रज्वलन है। शिव आगम
ध्यान क्या है?
ध्यान
वह मौन है, जहाँ शब्द नहीं, अनुभूति बोलती है।
ध्यान
वह पथ है, जहाँ इंद्रियाँ शांत होकर आत्मा को सुनती हैं।
मन
प्रशमनोपायो योग इत्यभिधीयते।
भगवद्गीता 6.20
जहाँ मन शांत हो जाता है, वही सच्चा योग है।
क्यों करें योग और ध्यान?
तनाव नहीं, शांति चाहिए?
शक्ति नहीं, संतुलन चाहिए?
दिखावा नहीं, दर्शन चाहिए?
तब आपको भारतीय योग और ध्यान के शास्त्रीय मार्ग पर लौटना होगा
जहाँ हर श्वास, हर मुद्रा, हर मौन आपको ईश्वर से जोड़ता है।
आज से आरंभ करें...
एक आसन से
एक ध्यान से
एक मंत्र से
और एक भीतर की पुकार से।
जो स्वयं से जुड़ता है, वही संपूर्ण ब्रह्म से जुड़ता है।
उपनिषद