MahhaGuru NavGrah Private Limited

MahhaGuru NavGrah Private Limited Mahhaguru Navgrah Private Limited (MGNPL) was founded by
Mahhaguru Dr. Gaurav Mittal in year 2018.

09/01/2023

Podcast - 02
Healthy रहो With NavGrah products from MahhaGuru NavGrah Private Limited

MahhaGuru -The AstroNumerologist Gauravv Mittal NavGrah Private Limited
Podcast -02
With Dr Sanjay Sinha
Gauravv Mittal

27/12/2022

Healthy रहो With NavGrah products from MahhaGuru NavGrah Private Limited
Podcast -01
With Dr Mahesh Vyas
Dean PHD - AIIA (All India Institute of Ayurveda)

05/12/2022

अगर आप भी बालों के झड़ने से परेशान हैं तो यहां हम आपको इसे रोकने के 3 आयुर्वेदिक उपाय साझा कर रहे हैं.
https://youtu.be/7GoKhM148v8
नस्यम, हेयर ऑयल और इस नेचुरल चाय से 3 हफ्तों में रुक सकता है बालों का झड़ना.

बालों का झड़ना बहुत ही आम समस्या है, जिससे हर तीसरा व्यक्ति परेशान है. और वह इससे छुटकारा पाना चाहता है, मगर सही सलाह न मिलने के कारण लोग सही उपचार नहीं कर पाते हैं. दरअसल, आज के समय में बालों के झड़ने की कई वजह है. लो कैल्शियम, लो आयरन, नींद की कमी, थायरॉयड, ऑटोइम्यून-डिसीसिस, स्ट्रेस, कोविड, थायरॉयड, लंबे समय से चली आ रही बीमारी और खराब न्यूट्रिशन के कारण मैसिव हेयर फॉल की समस्या से अधिकतर लोग परेशान हैं. इस परेशानी से छुटकारा पाने के लिए आपको यहां बताई गई सिर्फ 3 चीजों का इस्तेमाल करना है, जिससे हेयरफॉल कम होने के साथ हेयर ग्रोथ भी अच्छी होती है.

बालों के झड़ने का आयुर्वेदिक इलाज -

1. नस्यम
रात को सोने से पहले या सुबह उठकर 2 ड्रॉप गाय के घी को नाक में डालने से हेयरफॉल, हेयर ग्रोथ, सफेद बाल, याददाश्त, कंसंट्रेशन, बेहतर नींद, माइंड ग्रोथ जैसे कई फायदे होते हैं. अगर आपके लिए गाय का घी काम नहीं करता है, तो आप आयुर्वेदिक तेल जैसे अणु तेल, शादबिंदु तेल का इस्तेमाल कर सकते हैं. ये आयुर्वेदिक तेल बालों की ग्रोथ को बढ़ाते हैं और बालों की सभी परेशानियों से बचाव करने के साथ-साथ साइनसाइटिस, सिर दर्द, जैसी समस्याओं के लिए भी लाभदायक है. इन ऑयल्स का इस्तेमाल करने से पहले किसी आयुर्वेदिक डॉक्टर से परामर्श जरूर ले लें.

2. हेयर ऑयल और हेयर मास्क
हमारे शरीर को जरूरी पोषण खाने से प्राप्त होते हैं, लेकिन हेल्दी बालों के लिए डायरेक्ट पोषण की जरूरत होती है. स्कैल्प पर ऑयलिंग और हेयर मास्क के जरिए बालों को पोषण या न्यूट्रिशन मिलते हैं. कोकोनट ऑयल, भृंगराज, नीम और गुड़हल के फूल का इस्तेमाल स्ट्रेस, नींद की कमी, थायरॉयड के कारण होने वाले हेयर फॉल में काफी फायदेमंद होते हैं. अगर ये हेयर ऑयल इस्तेमाल करने के बाद हेयरफॉल में कोई फर्क महसूस नही होता है तो मैं आपको बालों के लिए बेस्ट हर्ब केसया, गुड़हल के फूल, नीम और भृंगराज का हेयर मास्क इस्तेमाल कर सकते हैं.

3. हेयरफॉल के लिए बेस्ट है नेचुरल टी
नेचुरल चाय पीने से वात और पित्त में लाभ मिलता है और बालों को बेहतर पोषण मिलता है. करी पत्ता की 8-10 ताजी पत्तियां लेकर एक गिलास पानी में लगभग 3 मिनट तक उबाल लें, उसी पानी में 1 गुड़हल का फूल डालकर फिर से 3 मिनट तक उबालें. कुछ देर बाद पानी को छान कर ठंडा कर लें. केवल 5 से 8 मिनट में आप की हेल्दी टी तैयार हो जाएगी. यह नेचुरल टी आप सुबह खाली पेट, शाम के समय और रात में सोने से पहले ले सकते हैं.

इन 3 नेचुरल रेमेडीज को अपनाने से केवल 3 हफ्तों में 25 प्रतिशत तक हेयरफॉल कम हो सकता है. अगर इन रेमेडीज से हेयर फॉल में कोई फर्क नजर नहीं आता है तो आप किसी अच्छे आयुर्वेदिक डॉक्टर से प्रमार्श ले सकते हैं, ताकि परेशानी की जड़ तक पहुंचकर समाधान निकाला जा सके.

22/11/2022

Fertility Boosting Foods: फर्टिलिटी बढ़ाने के लिए ये 5 फूड्स हैं सबसे अच्छे,जानें सेवन के सही तरीके।

ऐसे लोग जिनकी डाइट में पोषक तत्वों की कमी हो या जो बहुत अधिक मेहनत करते हैं उन लोगों को कई बार फिजिकल इंफर्टिलिटी की समस्या हो सकती है।

इंफर्टिलिटी या नपुंसकता एक गम्भीर समस्या है और मौजूदा समय में प्रजनन की उम्र वाले लोगों में यह बहुत अधिक देखती जा रही है। फर्टिलिटी या प्रजनन क्षमता कम होने के कारण बहुत से कपल्स अपना परिवार आगे बढ़ाने का सपना पूरा नहीं कर पाते। इसकी एक बड़ी वजह अनहेल्दी लाइफस्टाइल है जिसमें तनाव बहुत अधिक हो, संतुलित और पौष्टिक खानपान की कमी हो, नींद पूरी ना हो और लोग मानसिक और शारीरिक स्तर पर कमजोर, थके हुए और हताश महसूस करें। वर्तमान में ज्यादातर लोग ऐसा ही जीवन जी रहे हैं और इसका असर उनके स्वास्थ्य पर पड़ रहा है।अनहेल्दी लाइफस्टाइल की वजह से बढ़ रही लाइफस्टाइल डिजिजेज के साथ-साथ इंफर्टिलिटी से पीड़ित लोगों की संख्या में भी लगातार इजाफा देखा जा रहा है।

फर्टिलिटी बढ़ाने के लिए आयुर्वेदिक उपाय क्या हैं?

आयुर्वेद के मुताबिक, इंफर्टिलिटी के 2 प्रकार होते हैं। पहली-फिजिकल इंफर्टिलिटी या शारीरिक नपुंसकता और दूसरी मेंटल इंफर्टिलिटी या मानसिक नपुंसकता। मेंटल इंफर्टिलिटी में स्ट्रेस, एंग्जायटी और अन्य मानसिक कारणों से समस्याएं आती हैं तो वहीं, फिजिकल इंफर्टिलिटी में शारीरिक कमजोरी जैसे कारणों से गर्भधारण में परेशानियां आ सकती हैं। ऐसे लोग जिनकी डाइट में पोषक तत्वों की कमी हो या जो बहुत अधिक मेहनत करते हैं उन लोगों को कई बार फिजिकल इंफर्टिलिटी की समस्या हो सकती है।

आयुर्वेदिक तरीकों से इंफर्टिलिटी की समस्या का इलाज किया जा सकता है। आयुर्वेद में कई ऐसी औषधियां हैं जो फर्टिलिटी बढ़ाने में कारगर मानी जाती हैं। इसके अलावा आयुर्वेद सही आहार-विहार और हेल्दी लाइफस्टाइल की सलाह देता है। फर्टिलिटी बढ़ाने वाले फूड्स की बात की जाए तो हमारे आसपास आसानी से मिल जाने वाली और भारतीय भोजन में शामिल की जाने वाली कुछ चीजें फर्टिलिटी बढ़ाने का काम कर सकती हैं। यहां आप पढ़ सकते हैं कुछ ऐसे ही फूड्स के बारे में जो फर्टिलिटी बढ़ाने के लिहाज से बहुत महत्वपूर्ण माने जाते हैं।

आइए जानें उन फूड्स के बारे में: https://youtu.be/4mkEaTkEQrQ

NavGrah MahhaGuru NavGrah Private Limited

20/11/2022

सुबह-सुबह खाली पेट 4 खजूर खाकर दूर कर सकते हैं 15 बीमारियां, मगर खाने का तरीका ये होना चाहिए।

आयुर्वेद के अनुसार सुबह खाली पेट खजूर खाने के फायदे क्या हैं, आइए विस्तार से जानते हैं।
https://youtu.be/zfoVD_L_gTM

खजूर (Dates) को लेकर सबसे बड़ा झूठ इसकी तासीर है। बहुत से लोगों का मानना है कि खजूर गर्म प्रकृति का होता है और इसे गर्मियों में नहीं खाते हैं। लेकिन ऐसा सच नहीं है, क्योंकि खजूर की प्रकृति काफी कूलिंग और काफी सूथिंग होती है। आयुर्वेद के मुताबिक, खजूर का स्वाद मीठा होता है, लेकिन यह पाचन में थोड़ा हैवी होता है। हालांकि, पाचन के बाद भी इसका प्रभाव मधुर ही होता है। इसकी ठंडी प्रकृति होती है और यह बढ़े हुए वात और पित्त दोष को बैलेंस करने में मदद करता है। यह शरीर को मजबूती देने का काम करता है।

17/11/2022

इसबगोल के फायदे, औषधीय गुण, लाभ और नुकसान
https://youtu.be/qHD9QUZcKKk

इसबगोल को एक शक्तिशाली जड़ी-बूटी के रूप में जाना जाता है। इसबगोल वास्तव में प्लांटेगो ओवाटा (Plantago ovata) नामक पौधे के बीज की भूसी होती है। इसबगोल का उत्पादन प्रमुख रूप से भारत में होता है और आजकल दुनियाभर में इसकी काफी मांग है। इसबगोल का इस्तेमाल प्रमुख रूप से एक घरेलू उपचारके रूप में किया जाता है, साथ ही ऐसे कई प्रोडक्ट मार्केट में मिल जाते हैं, जिनमें इसबगोल को एक सामग्री के रूप में इस्तेमाल किया जाता है।

इसबगोल के फायदे (Benefits of Isabgol)
इसबगोल को भारत में एक खास औषधि के रूप में जाना जाता है और ऐसी कई स्वास्थ्य समस्याएं हैं जिनका इलाज करने के लिए प्रमुख रूप से इसे इस्तेमाल किया जाता है।

कब्ज दूर करे - कब्ज जैसी समस्याओं को दूर करने के लिए आयुर्वेद में इसबगोल को रामबाण माना गया है। इसबगोल विशेष प्रकार का फाइबर होता है, जो आंतों की कार्य प्रक्रिया को तेज करता है और मल त्याग में आसानी रहती है। कब्ज को दूर करने के लिए इसबगोल को अक्सर दही के साथ लिया जाता है।

1. इसबगोल बढ़ाए पाचन क्रिया
इसबगोल का सेवन करने से न सिर्फ कब्ज जैसी समस्याएं दूर होती हैं, इससे अपच जैसी समस्याओं का इलाज भी किया जा सकता है। इसबगोल पेट में मौजूद अतिरिक्त पानी को तीव्रता से सोख लेता है, जिससे पाचन प्रणाली सक्रिय हो जाती है।

2. मोटापे को कम करने में मदद करे इसबगोल
बढ़ते वजन से परेशान लोगों के लिए भी इसबगोल अच्छा विकल्प हो सकता है। यह पेट में जाकर पानी को सोख लेता है और फूलने लगता है, जिससे आपको लगने वाली अतिरिक्त भूख कम हो जाती है। भूख कम लगने के कारण आपके शरीर में सिर्फ इतनी ही कैलोरी जा पाती है, जितनी उसे जरूरत है।

3. हृदय को स्वस्थ रखने में मदद करे इसबगोल
कुछ अध्ययनों के अनुसार इसबगोल जैसे घुलनशील फाइबर लेने से कोलेस्टेरॉल के बढ़ते स्तर को कम करने में मदद मिलती है। यदि आपके शरीर में बैड कोलेस्ट्रॉल का स्तर कम रहता है, तो हृदय को स्वस्थ बनाए रखने में मदद मिलती है।

4. इसबगोल करे ब्लड शुगर कम करने में मदद
नियमित रूप से इसबगोल का सेवन करने से शरीर का ग्लाइसेमिक बैलेंस बनाए रखने में मदद मिलती है। टाइप 2 डायबिटीज से ग्रस्त लोगों के लिए इसबगोल का सेवन करना काफी लाभदायक हो सकता है। साथ ही डायबिटीज से ग्रस्त लोगों को अक्सर कब्ज की समस्या रहती है और इसबगोल के सेवन से इस समस्या को कम करने में भी मदद मिल सकती है।

NavGrah MahhaGuru NavGrah Private Limited NavGrah

15/11/2022

Arjun bark Benefits and Uses- अर्जुन की छाल के फायदे, औषधीय गुण, लाभ और नुकसान
https://youtu.be/GtRgGKXsJlw

अर्जुन का पेड़ एक सदाबहार पेड़ है, जो प्रमुख रूप से भारत व उसके आस-पास के देशों में उगता है। अर्जुन के पेड़ की छाल में अनेक स्वास्थ्यवर्धक गुण होते हैं और इसे हजारों सालों से कई स्वास्थ्य समस्याओं का इलाज करने के लिए इस्तेमाल में लाया जाता है। अर्जुन के पेड़ की छाल काफी मोटी होती है और इसे उतारने के बाद यह उस हिस्से पर फिर से बनने लग जाती है। इसकी मांग पिछले कुछ सालों में काफी बढ़ी है और इसलिए आजकल अर्जुन की छाल व उससे बने प्रोडक्ट आसानी से मार्केट में मिल जाते हैं।

अर्जुन की छाल के फायदे:

अर्जुन के पेड़ की छाल में अनेक प्रकार के स्वास्थ्यवर्धक गुण पाए जाते हैं, जिससे प्राप्त होने वाले प्रमुख लाभों में निम्न शामिल हैं -

1. हाई बीपी को रोकने में मदद करे अर्जुन की छाल
अर्जुन की छाल में एक नहीं बल्कि कई ऐसे रसायन पाए जाते हैं, जो बढ़े हुए बीपी के स्तर को कम करने में मदद कर सकते हैं। आजकल अर्जुन की छाल से बने कई ऐसे प्रोडक्ट मार्केट में उपलब्ध हैं, जिन्हें बीपी को मैनेज रखने के लिए बनाया गया है।

2. अर्जुन की छाल से कम करें पेट में अल्सर होने का खतरा
जिन लोगों को बार-बार पेट में अल्सर होने की समस्या होती रहती है, उनके लिए भी अर्जुन की छाल काफी लाभदायक हो सकती है। ऐसा इसलिए क्योंकि अर्जुन की छाल में कई ऐसे तत्व होते हैं, जो अल्सर होने से रोकने में मदद करते हैं।

3. मधुमेह की गंभीरता को कम करने में प्रभावी है अर्जुन की छाल
अर्जुन पेड़ की छाल में मौजूद खास प्रकार के एंजाइम डायबिटीज से ग्रस्त लोगों के लिए काफी उपयोगी है। ये एंजाइम रक्त में शर्करा को सामान्य स्तर पर लाने में मदद करते हैं, जिससे डायबिटीज के लक्षण कम हो जाते हैं।

4. संक्रमणों से लड़ने में मदद करे अर्जुन की छाल
अर्जुन की छाल में एंटी बैक्टीरियल जैसे कई प्रकार के संक्रमण रोधी गुण पाए जाते हैं, जो शरीर में एक एंटीबायोटिक की तरह काम करते हैं। अर्जुन की छाल से शरीर के अंदरूनी या बाहरी हिस्से में होने वाले संक्रमण का इलाज किया जा सकता है।

हालांकि, अर्जुन की छाल से प्राप्त होने वाले लाभ आमतौर पर घरेलू नुस्खों व आयुर्वेदिक सिद्धांतों पर ही आधारित हैं और हर व्यक्ति के शरीर पर इसका प्रभाव भी अलग हो सकता है।

NavGrah MahhaGuru NavGrah Private Limited

10/11/2022

Honey and weight loss: शरीर पर जमा चर्बी को हटाने से लेकर घाव भरने तक में इस्तेमाल किया जाता है शहद, जानिए शहद के फायदे और उपयोग का तरीका.

आयुर्वेद से जुड़ी ऐसी कई चीजें हैं, जिनका इस्तेमाल रोजमर्रा की जरूरतों में किया जाता है, जो ज्यादातर किचन में मौजूद होती हैं. इनसे सेहत को कई तरह के फायदे भी मिल सकते हैं. इनमें से ज्यादातर चीजों को किसी व्यंजन में स्वाद बढ़ाने के लिए जाना जाता है. जिनके अंदर तमाम औषधियों के गुण पाए जाते हैं. उनमें से एक औषधि है शहद. जिसे आयुर्वेद में 'मधु' कहा गया है. एंटी-ऑक्सीडेंट, आयरन, कैल्शियम, कॉपर, मैग्नीशियम और पोटेशियम जैसे तमाम तत्वों से भरपूर शहद को हेल्थ के साथ स्किन के लिए भी फायदेमंद माना जाता है. आयुर्वेद में चिकित्सा के लिहाज से देखा जाए तो ये कई तरह से फायदेमंद हो सकता है.

शहद का इस्तेमाल क्यों और किस लिए किया जा सकता है ?

https://youtu.be/CMvnM56qSz4

MahhaGuru NavGrah Private Limited NavGrah

08/11/2022

Garlic And Honey Benefits: सर्दियों में शहद और लहसुन एक साथ खाने से हार्ट बनता है हेल्दी, इस आयुर्वेदिक नुस्खे पर हमेशा से है लोगों का विश्वास।
https://youtu.be/CkVQ72gJHt8

यह एक पुराना और आजमाया हुआ नुस्खा है जो कई स्वास्थ्य समस्याओं को ध्यान में रखते हुए खाया और खिलाया जाता है।

Garlic and honey benefits:लहसुन हमारे किचन्स में मौजूद एक उपयोगी और औषधीय गुणों से भरपूर मसाला है जिसका सेवन लगभग हर दूसरी डिश में किया जाता है। हालांकि, मौसम और तापमान को ध्यान में रखते हुए लहसुन के सेवन के तरीकों में बदलाव किए जाते हैं। कच्चे लहसुन की चटनी से लेकर दाल-सब्जी में लहसुन का तड़का लगाने जैसे कई तरीके हमारे देश में इस्तेमाल किया जाता है। वहीं, कुछ लोग लहसुन का सेवन शहद के साथ भी करते हैं। यह एक पुराना और आजमाया हुआ नुस्खा है जो कई स्वास्थ्य समस्याओं को ध्यान में रखते हुए खाया और खिलाया जाता है। आइए जानतें हैं कि सर्दियों में शहद में भिगोकर रखे गए लहसुन का सेवन स्वास्थ्य के लिए किस प्रकार लाभकारी है और इसके सेवन का सही तरीका क्या है।

NavGrah MahhaGuru NavGrah Private Limited

06/11/2022

पेट में कीड़े हो या वायरल फीवर, इन 5 स्थितियों में पिएं नीम का काढ़ा:
https://youtu.be/t8KpHGU0oDw

नीम का काढ़ा एंटीबैक्टीरियल, एंटीवायरल और एंटीफंगल गुणों से भरपूर है जो कि कई बीमारियों से बचाव में मदद कर सकता है।

नीम की पत्तियां शरीर के लिए कई प्रकार से फायदेमंद हैं। इन पत्तियों में कई औषधीय गुण हैं। ये जहां एंटीबैक्टीरियल है वहीं ये एंटीफंगल गुणों से भी भरपूर है। दरअसल, नीम में पाया जाने वाला एक रसायन, जिसे निम्बिडिन (Nimbidin) कहा जाता है ये एंटीइंफ्लेमेटरी गुणों से भरपूर है। ये सूजन को कम करने में मदद कर सकता है और इससे जुड़े तमाम प्रकार के रोगों को दूर कर सकता है। इसके अलावा ये एंटीबैक्टीरियल और एंटीफंगल गुणों से भी भरपूर है जो कि कई बीमारियों में काम आ सकती है।

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