Tarot Jeevi TJ

Tarot Jeevi TJ Contact for Tarot Reading Sessions

01/12/2025

Say the following affirmations daily to rise faster.
“My work stands out effortlessly.”
“Their eyes notice my excellence.”
“I command positive attention naturally.”
“My presence becomes unforgettable.”
“Authority flows toward me easily.”
“Opportunities gravitate in my favour.”
“I am impossible to overlook.”
“My energy draws respect.”
“I attract powerful recognition.”
“My brilliance captures their focus.”

13/11/2025

23/10/2024

Just FYI 💪🏻♥️  🚩🚩
15/04/2024

Just FYI
💪🏻♥️

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हम भी तैयार हैं ♥️♥️
17/01/2024

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𝙒𝙖𝙣𝙩𝙨 𝙩𝙤 𝙧𝙚𝙢𝙤𝙫𝙚 𝙖𝙡𝙡 𝙣𝙚𝙜𝙖𝙩𝙞𝙫𝙚𝙨 𝙛𝙧𝙤𝙢 𝙡𝙞𝙛𝙚?  𝙒𝙚 𝙖𝙧𝙚 𝙙𝙤𝙞𝙣𝙜 𝙎-𝙋-𝙀-𝙇-𝙇 𝙩𝙤𝙢𝙤𝙧𝙧𝙤𝙬, 𝙩𝙝𝙖𝙩 𝙞𝙨, 1𝙨𝙩 𝙊𝙘𝙩𝙤𝙗𝙚𝙧 2023 𝙄𝙛 𝙞𝙣𝙩𝙚𝙧𝙚𝙨𝙩𝙚𝙙... 𝙧𝙚...
30/09/2023

𝙒𝙖𝙣𝙩𝙨 𝙩𝙤 𝙧𝙚𝙢𝙤𝙫𝙚 𝙖𝙡𝙡 𝙣𝙚𝙜𝙖𝙩𝙞𝙫𝙚𝙨 𝙛𝙧𝙤𝙢 𝙡𝙞𝙛𝙚?

𝙒𝙚 𝙖𝙧𝙚 𝙙𝙤𝙞𝙣𝙜
𝙎-𝙋-𝙀-𝙇-𝙇
𝙩𝙤𝙢𝙤𝙧𝙧𝙤𝙬, 𝙩𝙝𝙖𝙩 𝙞𝙨, 1𝙨𝙩 𝙊𝙘𝙩𝙤𝙗𝙚𝙧 2023
𝙄𝙛 𝙞𝙣𝙩𝙚𝙧𝙚𝙨𝙩𝙚𝙙... 𝙧𝙚𝙜𝙞𝙨𝙩𝙚𝙧 𝙗𝙮 𝙒𝙝𝙖𝙩𝙨𝘼𝙥𝙥 𝙤𝙣 +91 81301 58980
𝙏𝙝𝙖𝙣𝙠𝙨❤️

C͟a͟n͟ y͟o͟u͟ g͟e͟t͟ m͟e͟s͟s͟a͟g͟e͟s͟ f͟r͟o͟m͟ y͟o͟u͟r͟ d͟€a͟d͟ l͟o͟v͟e͟d͟ o͟n͟e͟s͟ ?? Hain 🙄Right, I was shocked too सि...
17/09/2023

C͟a͟n͟ y͟o͟u͟ g͟e͟t͟ m͟e͟s͟s͟a͟g͟e͟s͟ f͟r͟o͟m͟ y͟o͟u͟r͟ d͟€a͟d͟ l͟o͟v͟e͟d͟ o͟n͟e͟s͟ ??

Hain 🙄
Right, I was shocked too सिर्फ movies में ही देखा है... मौका ही नहीं मिला
I am so thankful of my profession and , I meet different kind of people every day, someone with a unique qualities, a unique soul with maybe kind heart
I learn everyday something new🙏
So, I met a during one of my readings.
Auto Writer is a medium who connects with departed souls...
Automatic Writing is also known as

पता है ना... वैसा ही कुछ...
So, मेरा तो कोई ऐसा है नहीं जिससे मुझे जवाब लेने होते पर एक सहेली को अपनी मम्मी से बात करनी थी... जो COVID में नहीं रहीं थी...
नहीं पता उसको क्या जवाब मिले... she isn't comfortable, abhi... but She was satisfied
खैर... जिसको उनको contact करना हो... पूछ लेना ।

एक बार गणेश जी एक छोटे बालक के रूप में चिमटी में चावल और चमचे में दूध लेकर निकले। वो हर किसी से कह रहे थे कि कोई मेरी खी...
13/09/2023

एक बार गणेश जी एक छोटे बालक के रूप में चिमटी में चावल और चमचे में दूध लेकर निकले। वो हर किसी से कह रहे थे कि कोई मेरी खीर बना दो, कोई मेरी खीर बना दो। एक बुढ़िया बैठी हुई थी उसने कहा ला मैं बना दूं वह छोटा सा बर्तन चढ़ाने लगी तब गणेश जी ने कहा कि दादी मां छोटी सी भगोनी मत चढ़ाओ तुम्हारे घर में जो सबसे बड़ा बर्तन हो वही चढ़ा दो। बुढ़िया ने वही चढ़ा दिया। वह देखती रह गई कि वह जो थोड़े से चावल उस बड़े बर्तन में डाली थी वह तो पूरा भर गया है। गणेश जी ने कहा “दादी मां मैं नहा कर आता हूं।” खीर तैयार हो गई तो बुढ़िया के पोते पोती खीर खाने के लिए रोने लगे बुढ़िया ने कहा गणेश जी तेरे भोग लगना कहकर चूल्हे में थोड़ी सी खीर डाली और कटोरी भर भरकर बच्चों को दे दी।
बुढ़िया की पड़ोसन ऊपर से देख रही थी तो बुढ़िया ने सोचा यह चुगली कर देगी तो एक कटोरा भर कर उसे भी पकड़ा दिया। अभी भी गणेश जी नहीं आए थे। बुड़िया को भी भूख लग रही थी वह भी एक कटोरा खीर का भरकर के कीवाड़ के पीछे बैठकर एक बार फिर कहा कि गणेश जी आपके भोग लगे कहकर खाना शुरु कर दिया तभी गणेश जी आ गए।
बुढ़िया ने कहा “आजा रे गणेस्या खीर खा ले मैं तो तेरी ही राह देख रही थी” गणेश जी ने कहा “दादी मां मैंने तो खीर पहले ही खा ली” बुढ़िया ने कहा “कब खाई” गणेश जी ने कहा “जब तेरे पोते पोती ने खाई तब खाई थी, जब तेरी पड़ोसन ने खाई तब खाई थी ,और जब तेरी बहू ने खाई तब भी खाई थी और अब तूने खाई तो मेरा पेट पूरा ही भर गया “।
“बुढ़िया ने कहा बेटा और सारी बात तो सच है पर बहू बिचारी का तो नाम मत लो वह तो सुबह से काम में लग रही है उसने फिर कब खाई?”
गणेश जी ने कहा चाची के नीचे देख झूठा कटोरा पड़ा है और तूने तो मेरे भोग तो लगाया वह तो वैसे ही खा गई बुढ़िया ने कहा बेटा घर की बात है घर में ही रहने दो अब बताओ बची हुई खीर का क्या करूं गणेश जी ने कहा नगरी जी जीमा दो बुढ़िया  ने पूरी नगरी जीमा  दी  फिर भी बर्तन पूरा ही भरा था राजा को पता लगा तो बुड़िया को बुलाया और कहा क्यों री बुढ़िया ऐसा बर्तन तेरे घर पर सोवे (अच्छा लगे) या हमारे घर पर सोवे।” बुढ़िया ने कहा “राजा जी आप ले लो”। राजा जी ने खीर  का बर्तन महल में मंगा लिया लाते ही खीर में कीड़े, मकोड़े, बिच्छू, कंछले, हो गए और दुर्गंध आने लगी।
यह देखकर राजानी बुढ़िया से कहा, “बुढ़िया बर्तन वापस ले जा,जा तुझे हमने दिया”। बुढ़िया ने कहा “राजा जी आप देते तो पहले ही कभी दे देते  यह बर्तन तो मुझे मेरे गणेश जी ने दिया है”

 ाबा_विश्वनाथ पुनर्वित्तं पुनर्मित्रं पुनर्भार्या पुनर्मही।एतत्सर्वं पुनर्लभ्यं न शरीरं पुनः पुनः ॥English Meaning :Ever...
12/09/2023

ाबा_विश्वनाथ

पुनर्वित्तं पुनर्मित्रं पुनर्भार्या पुनर्मही।
एतत्सर्वं पुनर्लभ्यं न शरीरं पुनः पुनः ॥

English Meaning :
Everything in life can be recovered – wife, kingdom, friends and wealth. The only thing you can never get back is your body. Once your body/health is lost, it can never reach its perfection again. That's why it is important that you take care of your body on a daily basis.

भावार्थ :
जीवन में सब कुछ वापस पाया जा सकता है- पत्नी, राज्य, मित्र और धन। केवल एक चीज जिसे आप कभी वापस नहीं पा सकते हैं वह है आपका शरीर। एक बार आपका शरीर/स्वास्थ्य खो जाने के बाद, यह फिर से अपनी पूर्णता तक नहीं पहुंच सकता है। इसलिए जरूरी है कि आप रोजाना अपने शरीर की देखभाल करें।

and 7 days series starting again from , that is 12th September 2023, Tuesday

कथा के अनुसार, माता सीता बाल्यावस्था में अपनी सहेलियों के साथ बगीचे में खेल रही थीं। वहीं बगीचे में एक तोता का जोड़ा पेड...
11/09/2023

कथा के अनुसार, माता सीता बाल्यावस्था में अपनी सहेलियों के साथ बगीचे में खेल रही थीं। वहीं बगीचे में एक तोता का जोड़ा पेड़ पर बैठा था। तोता का जोड़ा भगवान राम और माता सीता के बारे में बातें कह रहा था, उनकी बातों को सुनकर माता का ध्यान उन पर गया। मादा तोता बोल रही थी कि अयोध्या के राजकुमार राम काफी प्रतापी राजा होंगे। उनसे माता सीता का विवाह होगा।
तोते के मुख से भावी पति का नाम सुनकर माता सीता अंचभित हो गईं। उन्हें अपने बारे में और जानने की इच्छा जागृत हुई इसलिए उन्होंने अपनी सखियों से कहकर दोनों पंक्षियों को पकड़ लिया। फिर उन दोनों को पुचकारक पूछा कि भविष्य के बारे में इतना ज्ञान कहां से प्राप्त हुआ। तब पंक्षियों ने बताया कि इससे पहले हम महर्षि वाल्मीकि के आश्रम में रहते थे, जहां हर रोज राम और सीता के जीवन के बारे में बताया जाता है। इसलिए उनको दोनों के बारे में हर चीज कंठस्थ याद हो गई है।
सीताजी ने पंक्षियों से कहा कि जिस जानक पुत्री सीता की तुम लोग बात कर रहे हो, वह मैं ही हूं। मुझे मेरे और राम के बारे में और भी बातें जाननी हैं। तब नर तोता ने कहा कि हे सीता आपका विवाह अयोध्या के राजा दशरथ के ज्येष्ठ पुत्र राम के साथ आपका विवाह होगा और आपकी जोड़ी तीनों लोकों में सबसे अद्भुत होगी। सीताजी सवाल पूछती रहीं और दोनों तोता जवाब देते रहे।
सीताजी ने कहा कि जब तक मेरा विवाह नहीं हो जाता तुम दोनों मेरे साथ राजमहल में रहोगे और तुम वहां सारी सुख-सुविधाएं मिलेंगी। सीताजी की बात सुनकर तोता का जोड़ा घबरा गया। तब नर तोता ने कहा हे जनक पुत्री, हम गगन के पंक्षी हैं इसलिए पिंजरे में बंद रहकर हम जीवित नहीं रह पाएंगे। इसलिए हमको आजाद कर दीजिए। तोते ने इसके लिए बहुत याचना कि तब सीताजी ने नर तोते को छोड़ दिया लेकिन मादा तोता को नहीं छोड़ा और कहा कि यह मेरे साथ रहेगी।
नर तोता ने कहा कि मेरी पत्नी गर्भवती है इसलिए ऐसे समय पर उसको जानें दें। हम दोनों एक-दूसरे का वियोग सहन नहीं कर सकते इसलिए आप मेरी पत्नी को जानें दें। लेकिन सीताजी ने उसकी एक न सुनी। इस पर मादा तोता को बहुत गुस्सा आया और शाप दिया कि जिस तरह तुमने गर्भावस्था में मेरे पति से मुझको अलग कर दिया है, वैसे ही गर्भावस्था के दौरान तुमको भी पति वियोग सहना पड़ेगा। इतना कहते ही मादा तोता ने अपने प्राण त्याग दिए।
कुछ समय बाद नर तोता के पत्नी वियोग में प्राण चले गए। इससे माता सीता को बहुत दुख हुआ लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी।बताया जाता है कि अगले जन्म में तोता वही धोबी था,जिसने माता सीता के चरित्र पर उंगली उठाई।

एक बार माता पार्वती ने भगवान शिव से कहा कि प्रभु मैंने पृथ्वी पर देखा है कि जो व्यक्ति पहले से ही अपने दुःखी है, आप उसे ...
09/09/2023

एक बार माता पार्वती ने भगवान शिव से कहा कि प्रभु मैंने पृथ्वी पर देखा है कि जो व्यक्ति पहले से ही अपने दुःखी है, आप उसे और ज्यादा दुःख प्रदान करते हैं और जो सुख में है, आप उसे दुःख नहीं देते हैं?
 
भगवान शिव ने इस बात को समझाने के लिए माता पार्वती को धरती पर चलने के लिए कहा और दोनों ने इंसानी रूप में पति-पत्नी का रूप लिया और एक गांव के पास डेरा जमाया।
 
शाम के समय भगवान ने माता पार्वती से कहा कि हम मनुष्य रूप में यहां आए हैं इसलिए यहां के नियमों का पालन करते हुए हमें यहां भोजन करना होगा। इसलिए मैं भोजन सामग्री की व्यवस्था करता हूं, तब तक तुम भोजन बनाओ।
 
भगवान के जाते ही माता पार्वती रसोई में चूल्हे को बनाने के लिए बाहर से ईंटें लेने गईं और गांव में कुछ जर्जर हो चुके मकानों से ईंटें लाकर चूल्हा तैयार कर दिया। चूल्हा तैयार होते ही भगवान वहां पर बिना कुछ लाए ही प्रकट हो गए।
 
माता पार्वती ने उनसे कहा कि आप तो कुछ लेकर ही नहीं आए, भोजन कैसे बनेगा? भगवान बोले- पार्वती, अब तुम्हें इसकी जरूरत नहीं पड़ेगी।भगवान ने माता पार्वती से पूछा- तुम चूल्हा बनाने के लिए इन ईंटों को कहां से लेकर आईं?
 
तो इस पर माता पार्वती ने कहा- प्रभु इस गांव में बहुत से ऐसे घर भी हैं जिनका रखरखाव सही ढंग से नहीं हो रहा है। उनकी जर्जर हो चुकीं दीवारों से मैं ईंटें निकालकर ले आई।
 
भगवान ने फिर कहा- जो घर पहले से ख़राब थे, तुमने उन्हें और खराब कर दिया? तुम ईंटें उन सही घरों की दीवार से भी तो ला सकती थीं?
 
माता पार्वती बोलीं- प्रभु उन घरों में रहने वाले लोगों ने उनका रखरखाव बहुत सही तरीके से किया है और वो घर सुंदर भी लग रहे हैं, ऐसे में उनकी सुंदरता को बिगाड़ना उचित नहीं होता।
 
भगवान बोले- पार्वती, यही तुम्हारे द्वारा पूछे गए प्रश्न का उत्तर है। जिन लोगों ने अपने घर का रखरखाव अच्छी तरह से किया है यानी सही कर्मों से अपने जीवन को सुंदर बना रखा है, उन लोगों को दु:ख कैसे हो सकता है? 
मनुष्य के जीवन में जो भी सुखी है, वो अपने कर्मों के द्वारा सुखी है और जो दुःखी है, वो अपने कर्मों के द्वारा दुःखी है। इसलिए हर एक मनुष्य को अपने जीवन में ऐसे ही कर्म करने चाहिए जिससे कि इतनी मजबूत व खूबसूरत इमारत खड़ी हो कि कभी भी कोई भी उसकी एक ईंट भी निकालने न पाए।
#हरहरमहादेव

How can   help   ??   not only gives   but it   you,  # guides you and if there are  , it gives   too. So, I met this yo...
09/09/2023

How can help ??

not only gives but it you, # guides you and if there are , it gives too.

So, I met this young, witty and cute girl during my last visit to in Train... 🚂🚂🚂
Chit-chat hui... then we exchanged IDs, then numbers, reading and today we met for the 2nd time ❤️❤️
During this time, she entered into a new phase of life where love is in the air wali feeling to hai aur aage ki chinta bhi, but she is a strong girl❤️❤️

She will win her piece of the world to create her 🌍
#महादेव सुख समृद्धि और स्वास्थ की वर्षा करें
🙏❤️

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