
22/04/2022
आज विश्व प्रथ्वी दिवस है तो प्रथ्वी दिवस पर पृथ्वी की जानकारी देना हमारा कर्तव्य बनता है। पृथ्वी जनरली गोल है ओर यह एक आकशिय पिण्ड के आपस मे टकराने से ब्रह्मांड केसाथ आज से 4.6 अरब वर्ष पहले बनी। पृथ्वी की सूर्य से 150 मिलियन किमी दूरी है और 365 दिनो मे एक चक्र लगाती है व स्वम भी 24 घन्टे मे एक चक्र लगाती है जिससे दिन व रात होते है। पृथ्वी की गहराई 6371 किमी है जहा आज भी मैग्मा का तापक्रम केन्द्र मे 6000° C. है। 7 महाद्वीप व 5 महासागर बने। पृथ्वी पर 3/4 भाग मे जल है 97% पानी समुद्र मे व 3% पानी हिमालय व भूगर्भ मे है उसमे भी मात्र 0.8% शुद्ध जल है। राजगढ जिले मे मूलतः डेकन ट्रेप बैसाल्टीक राक जो कि लावा फ्लो से बनी है इसका निर्माण 65 लाख मिलियन वर्ष पूर्व हुआ। जिले मे सतही व गहराई वाली जल सिराओ मे जल प्रवाह करता है लेकिन गहराई वाली जल सिराओ को हमने कयी तकनीक का प्रयोग करते हुए निकाल लिया जो वर्षो से रिचार्ज हुआ था अब हम उन जल संरचनाओ को पुनःभरण तकनीक दृष्टिकोण रखते हुए रिचार्ज नही कर पा रहे है जिससे दिनोंदिन हमारा जिला भी अतिदोहीत श्रेणी मे आ गया परिणाम स्वरूप हमारा जल उपलब्ध होने की गहराई600 - 700 फीट तक पहुंच चुकी है। हमारे जिले का भू-जल भण्डार खत्म होने की स्टेज मे आ गया है । जिले का रकबा 6155 km है यहा भू-जल का भण्डार 84736 ham. है ओर उसका उपयोग 69066 ham हुआ इस प्रकार 81% पानी निकाल चुके है इससे हमारा जिला दोहीत श्रेणी semi critical zone मे आ गया । अब भी हमारे पास जितनी जरूरत हे उतना रिचार्जिंग के बारे मे कोई प्लान नही है।इसकी पूर्ती के लिए हमे विभिन्न भू-जल संवर्धन संरचनाओ का निर्माण करना होगा जैसे सीरीज आफ चेक डेम, स्टाप डेम, निस्तारण तालाब, डाइक, रिचार्ज पिट, रिचार्जिंग सॉफ्ट, रूफ वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम बनाने होगे। तबी हम हमारी पृथ्वी को ग्लोबल वार्मिंग से बचा पायेगे। डॉक्टर रामगोपाल नागर भू-जल वैज्ञानिक।