
27/12/2024
Gallbladder stones can occur due to Fasting process
व्रत रखना कितना ख़तरनाक हो सकता है ये आप नहीं जानते। व्रत रखने या वजन कम करने के लिए Fasting करना उचित है पर किसी Doctor की Counselling में करना बहुत आवश्यक है।
लिवर के नीचे एक छोटी सी थैली के रूप में पित्ताशय या गॉल ब्लैडर होता है जिसमें लिवर से निकला पित्त जमा होता है. यह पित्त गाढ़ा होकर पाचन तंत्र में पहुंचता है जो पाचन की क्रिया को आसान बनाता है. लेकिन कुछ परिस्थितियों में गॉल ब्लैडर में पथरी जमा होने लगती है, जिसे गॉल ब्लैडर स्टोन कहते हैं. गॉल ब्लैडर स्टोन में अचानक पेट में बहुत तेज दर्द होता है जो बार-बार करता है. अगर आपके साथ भी इस तरह की दिक्कतें हों तो इसे नजरअंदाज न करें, गंभीर स्थिति होने पर गॉल ब्लैडर में कैंसर भी हो सकता है. इसलिए समय रहते इसका इलाज करा लें. दरअसल, गॉल ब्लैडर का मुख्य कार्य पित्त को जमा करना है. लेकिन कभी-कभी पित्त में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बहुत अधिक हो जाती है जिसके कारण गॉल-ब्लैडर स्टोन की समस्या होती है. इसके अलावा कैल्शियम या बिलीरूबिन की ज्यादा मात्रा भी इसमें आकर जमा होने लगती है. इस प्रक्रिया के दौरान भी गॉल ब्लैडर स्टोन हो सकता है.
गॉल ब्लैडर की समस्या ज्यादातर महिलाओं को होती है. गॉल ब्लैडर न हो, इसके लिए भोजन को स्किप न करें. फास्टिंग से भी गॉल-ब्लैडर स्टोन हो सकता है. वेट लॉस कर रहे हैं तो अचानक वजन न घटाएं. वजन में तेजी से कमी गॉल ब्लैडर में पथरी हो सकती है. गॉल ब्लैडर में स्टोन से बचने के लिए हेल्डी डाइट लें. डाइट में फाइबरयुक्त भोजन का ज्यादा सेवन करें. हमेशा सीजनल फ्रूट, हरी सब्जियां और साबुत अनाज को अपनी डाइट में शामिल करें. साथ ही वजन को कंट्रोल रखें.
जब शरीर तेजी से वजन घटाने के दौरान वसा को चयापचय करता है, तो यह यकृत को पित्त में अतिरिक्त कोलेस्ट्रॉल स्रावित करने का कारण बनता है, जो पित्त पथरी का कारण बन सकता है। उपवास। उपवास पित्ताशय की थैली की गति को कम करता है, जिससे पित्त कोलेस्ट्रॉल के साथ अति केंद्रित हो जाता है ।