Rajendra Institute of Medical Sciences, Ranchi

Rajendra Institute of Medical Sciences, Ranchi RIMS Ranchi is the premier medical institute of Jharkhand.

दिनांक 15 जुलाई 2025 को दुमका में एक पंडाल से गिरने के कारण बिहार निवासी एक युवक को शरीर में संवेदना का नुकसान, पीठ में ...
11/08/2025

दिनांक 15 जुलाई 2025 को दुमका में एक पंडाल से गिरने के कारण बिहार निवासी एक युवक को शरीर में संवेदना का नुकसान, पीठ में दर्द तथा दोनों निचले अंगों में पूरी तरह से चलने-फिरने की शक्ति चली गई थी।

16 जुलाई 2025 को उक्त मरीज को रिम्स, रांची में भर्ती किया गया, जहाँ चिकित्सकों द्वारा जांच में पाया मरीज के D12 vertebra में गंभीर चोट के साथ पूर्ण रूप से पैरालिसिस (Complete paraplegia) हो गया है। विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम द्वारा 25 जुलाई 2025 को मरीज का सफलतापूर्वक Posterior decompression एवं Transpedicular screw fixation किया गया।

आज, 11 अगस्त 2025 को रोगी को स्वास्थ्य लाभ के साथ छुट्टी दे दी गई है। ऑपरेशन के बाद रोगी के निचले अंगों में संवेदना लौट आई है और आने वाले समय में फिजियोथेरेपी की सहायता से चलने-फिरने की क्षमता भी आ जाएगी।

रिम्स प्रबंधन ने मानवता और संवेदनशीलता का परिचय देते हुए मरीज को एक व्हीलचेयर प्रदान की है साथ ही उपायुक्त रांची एवं दुमका के सहयोग से मरीज को बिहार के सहरसा स्थित उसके घर तक नि:शुल्क परिवहन की व्यवस्था भी की।

रिम्स चिकित्सा अधीक्षक प्रो (डॉ) हिरेंद्र बिरुआ ने चिकित्सकों एवं समस्त मेडिकल टीम के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि रिम्स सदैव मरीजों की संपूर्ण चिकित्सा एवं सहायता के लिए प्रतिबद्ध है।

DC Ranchi DC Dumka

आज के प्रभात खबर अखबार में “असिस्टेंट प्रोफेसर का पद कभी खाली ही नहीं होता, तो नियुक्ति कैसे होगी” शीर्षक से प्रकाशित सम...
11/08/2025

आज के प्रभात खबर अखबार में “असिस्टेंट प्रोफेसर का पद कभी खाली ही नहीं होता, तो नियुक्ति कैसे होगी” शीर्षक से प्रकाशित समाचार में रिम्स से संबंधित कुछ तथ्यों को गलत रूप में प्रस्तुत किया गया है। इस संदर्भ में सही तथ्य निम्नांकित है –

- मार्च 2024 में विभिन्न पदों (Assistant Professor, Professor इत्यादि) पर नियुक्ति हेतु विज्ञापन प्रकाशित किए गए थे।

- समाचार पत्र के दावों के विपरीत इन पदों पर नियुक्ति हेतु साक्षात्कार आज तक सम्पन्न नहीं हुए हैं।

- मार्च 2024 के विज्ञापन में Assistant Professor पद हेतु कुल 43 रिक्तियों की घोषणा की गई थी। इसके पूर्व भी इस पद पर नियुक्तियां की जा चुकी हैं।

- रिम्स में सभी नियुक्तियाँ रिम्स के नियमों एवं रोस्टर क्लियरेंस के अनुसार की जाती हैं।

- लेख में डॉ ऋषि तुहीन गुड़िया के विषय में उल्लेख है। गौरतलब है कि डॉ गुड़िया Additional Professor हैं न कि प्रोफेसर जैसा समाचार में लिखा गया है।

समाचार पत्र में यह तथ्य प्रस्तुत नहीं किया गया कि वर्तमान में प्रक्रिया प्रगति पर है और पदों को शीघ्र भरा जाएगा। इस तरह के भ्रामक तथ्यों के कारण पाठकों को गलत संदेश जाता है, जबकि वास्तविक स्थिति पूरी तरह भिन्न है।

आज के दैनिक भास्कर अखबार में "ऑर्थोपेडिक में 15, न्यूरो में 7 और सर्जरी में 9 दिन तक ऑपरेशन की वेटिंग" शीर्षक से प्रकाशि...
11/08/2025

आज के दैनिक भास्कर अखबार में "ऑर्थोपेडिक में 15, न्यूरो में 7 और सर्जरी में 9 दिन तक ऑपरेशन की वेटिंग" शीर्षक से प्रकाशित समाचार तथ्यात्मक रूप से भ्रामक एवं तोड़-मरोड़कर गलत तरीके से प्रस्तुत किया गया है| विशेष रूप से समाचार में दर्शाए गए केस स्टडी में गंभीर त्रुटियाँ पाई गई हैं।

** केस स्टडी में दावा किया गया है कि मरीज विनोद बाउरी को रीढ़ (स्पाइनल) की हड्डी में फ्रैक्चर है जो पूर्णतः असत्य है। वास्तविक स्थिति यह है कि मरीज को इंटरट्रोकैंटरिक फ्रैक्चर (Intertrochanteric Fracture) है जो फीमर यानी जांघ की हड्डी का फ्रैक्चर है| **
मरीज की सर्जरी 09 अगस्त को पूर्व-नियोजित थी किन्तु सी-आर्म मशीन की अनुपलब्धता के कारण सर्जरी को स्थगित करना पड़ा| C-arm मशीन का उपयोग सर्जरी के दौरान आंतरिक संरचनाओं को देखने के लिए किया जाता है। इसके अलावा शनिवार को कार्य समय आधे दिन का होने के कारण C-arm की आवश्यकता वाले मामलों को अगले उपलब्ध दिन के लिए स्थगित किया था। शनिवार को मात्र 6 ऑपरेशन ही संपन्न हो पाए थे।

वहीं दूसरे मरीज़ जीवन बावरी की सर्जरी भी 09 अगस्त को होनी थी लेकिन अंधविश्वासी कारणों से ऑपरेशन से पूर्व मरीज द्वारा भोजन कर लेने के कारण, मानक शल्य चिकित्सा प्रोटोकॉल एवं एनेस्थीसिया सुरक्षा नियमों के अंतर्गत, उस दिन सर्जरी करना चिकित्सकीय रूप से असंभव था। साथ ही इस मरीज़ का आयुष्मान कार्ड नहीं है|

इन तथ्यों से यह प्रतीत होता है कि समाचार लिखने वाले संवाददाता ने जानबूझकर गलत तथ्यों को उद्धृत किया है, जिससे पाठकों को गुमराह किया जा सके और संस्था की छवि धूमिल हो। यह पत्रकारिता के नैतिक मानकों एवं प्रेस परिषद् के दिशा-निर्देशों का स्पष्ट उल्लंघन है।

रिम्स प्रबंधन इस प्रकार की ग़लत, भ्रामक एवं अप्रमाणित रिपोर्टिंग की कड़े शब्दों में निंदा करता है। दैनिक भास्कर से पुनः अपेक्षा है कि किसी भी समाचार के प्रकाशन से पूर्व तथ्यात्मक पुष्टि के लिए अधिकृत स्रोत से जानकारी प्राप्त की जाए।

रिम्स चिकित्सा अधीक्षक प्रो (डॉ) हिरेंद्र बिरुआ ने आज रिम्स क्षेत्रीय नेत्र संस्थान के निर्माणाधीन बिल्डिंग का निरीक्षण ...
08/08/2025

रिम्स चिकित्सा अधीक्षक प्रो (डॉ) हिरेंद्र बिरुआ ने आज रिम्स क्षेत्रीय नेत्र संस्थान के निर्माणाधीन बिल्डिंग का निरीक्षण किया एवं अभियंताओं से कार्य की प्रगति की जानकारी प्राप्त की। साथ ही बिल्डिंग में पंजीकरण काउंटर बनाने के स्थल को भी चिन्हित किया गया। गौरतलब है कि भवन निर्माण विभाग द्वारा अगस्त में बिल्डिंग का हस्तांतरण किया जाना है। निरीक्षण के दौरान संपदा पदाधिकारी प्रो (डॉ) शिव प्रिय, उपाधीक्षक- 2 डॉ राजीव रंजन, नेत्र विभागाध्यक्ष प्रो (डॉ) सुनील कुमार एवं PWD व रिम्स के अभियंता उपस्थित थे। इसके अलावा चिकित्सा अधीक्षक ने सेंट्रल इमरजेंसी विभाग का भी औचक निरीक्षण किया।

झारखंड के महान जननायक, पूर्व मुख्यमंत्री एवं झारखंड आंदोलन के अग्रणी नेता दिशोम गुरु श्री शिबू सोरेन जी के निधन का समाचा...
04/08/2025

झारखंड के महान जननायक, पूर्व मुख्यमंत्री एवं झारखंड आंदोलन के अग्रणी नेता दिशोम गुरु श्री शिबू सोरेन जी के निधन का समाचार अत्यंत दुखद है। उनका संघर्ष, बलिदान और जनसेवा सदा स्मरणीय रहेंगे। यह अपूरणीय क्षति झारखंड व समस्त देशवासियों के लिए अत्यंत दुःखद है।

इस महान विभूति के असमय निधन से RIMS परिवार अत्यंत शोकाकुल है और शोक संतप्त परिजनों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करता है।

ईश्वर दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करें।

Office of Chief Minister, Jharkhand Hemant Soren

SOTTO झारखंड (स्टेट ऑर्गन एंड टिशू ट्रांसप्लांट ऑर्गनाइजेशन) द्वारा आज एक विशेष सम्मान समारोह का आयोजन किया गया जिसमें न...
02/08/2025

SOTTO झारखंड (स्टेट ऑर्गन एंड टिशू ट्रांसप्लांट ऑर्गनाइजेशन) द्वारा आज एक विशेष सम्मान समारोह का आयोजन किया गया जिसमें नेत्रदान करने वाले दिवंगत महानुभावों के परिजनों को सम्मानित किया गया। इस अवसर पर समाज में अंगदान के महत्व को रेखांकित करते हुए जागरूकता का संदेश भी दिया गया।

इस समारोह में विशेष उल्लेख दिवंगत सुशांत सिंह का किया गया, जिनके परिवार ने 2023 में लंदन में उनके अंग दान किए थे। सुशांत सिंह के पिता ने वीडियो संदेश के माध्यम से अपनी भावनाएं साझा कीं। उन्होंने कहा, "मुझे ऐसा लगता है जैसे मेरा बेटा आज भी जीवित है। उसके अंगों के माध्यम से कई लोगों को नई ज़िंदगी मिली है।"

कार्यक्रम में RIMS निदेशक प्रो (डॉ) राजकुमार, डीन प्रो (डॉ) शशि बाला सिंह, नेत्र विभागाध्यक्ष डॉ सुनील कुमार, SOTTO झारखंड के नोडल पदाधिकारी डॉ राजीव रंजन उपस्थित रहें।

अपने संबोधन में निदेशक ने कहा, "जब किसी व्यक्ति को ब्रेन डेड घोषित कर दिया जाता है, तो अंगदान को लेकर हिचक क्यों? आज भी ब्रेन डेथ की पुष्टि के बाद अंगदान नहीं हो पा रहा है। यही स्थिति कुछ वर्ष पहले रक्तदान को लेकर भी थी, लेकिन जागरूकता आने के बाद स्थिति बदली। अब अंगदान के लिए भी हमें समाज में जागरूकता फैलानी होगी। मीडिया और आम जनता को इसमें अहम भूमिका निभानी चाहिए। जब अंग दूसरों को जीवन दे सकते हैं, तो उन्हें व्यर्थ क्यों जाने दें?"

साथ ही उन्होंने कहा कि, अंगदान के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए रिम्स प्रतिबद्ध है।

इस सम्मान समारोह में जिन नेत्रदाताओं को सम्मानित किया गया, उनमें शामिल हैं:
* स्व. ईश्वर सिंह
* स्व. राम रतन राम
* स्व. शारदा वोरा
* स्व. हराधन महतो

इन सभी परिवारों को SOTTO झारखंड द्वारा सर्टिफिकेट व शॉल देकर उनके अमूल्य योगदान के लिए सम्मानित किया गया।

कार्यक्रम के दौरान, रिम्स क्विज सोसायटी के 2022 बैच के छात्रों द्वारा पोस्टर मेकिंग, फेस पेंटिंग और क्विज प्रतियोगिता का आयोजन भी किया गया। यह आयोजन छात्रों ने अंगदान जैसे संवेदनशील विषय पर अपनी रचनात्मकता के माध्यम से जागरूकता फैलाई।

SOTTO झारखंड के इस पहल की सराहना करते हुए सभी वक्ताओं ने समाज से आह्वान किया कि वे अंगदान के लिए आगे आएं और मृत्यु के बाद भी किसी और के जीवन को रौशन करें।

आज रिम्स निदेशक प्रो. (डॉ.) राज कुमार द्वारा Burn Unit का निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान यूनिट की वर्तमान व्यवस्था...
01/08/2025

आज रिम्स निदेशक प्रो. (डॉ.) राज कुमार द्वारा Burn Unit का निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान यूनिट की वर्तमान व्यवस्था की समीक्षा करते हुए सुविधाओं के सुदृढ़ीकरण हेतु कई महत्वपूर्ण निर्देश जारी किए गए।

निरीक्षण के दौरान दिए गए प्रमुख निर्देश निम्नलिखित हैं:

🔹 बर्न यूनिट का संचालन सर्जरी विभाग एवं प्लास्टिक सर्जरी विभाग के समन्वय में किया जाएगा।
🔹 यूनिट में पुरुष एवं महिला मरीजों के लिए पृथक क्यूबिकल बनाकर 6 अलग अलग बेड स्थापित किए जाएंगे।
🔹 बर्न मरीजों की ड्रेसिंग एवं सफाई के लिए एक विशेष क्षेत्र (Dressing Room) को आरक्षित किया जाएगा।
🔹 मरीजों की त्वचा की देखभाल हेतु क्लीनिंग टब (Cleaning Tub) की व्यवस्था की जाएगी।
🔹 अनधिकृत प्रवेश को रोकने के लिए यूनिट के प्रवेश द्वार पर "Select Entry" का बोर्ड लगाया जाएगा।
🔹 Burn Unit के पिछले हिस्से में 6 अतिरिक्त बेड लगाए जाएंगे ताकि मरीजों की संख्या बढ़ने पर इलाज की समुचित व्यवस्था हो सके।
🔹 सभी एयर कंडीशनर (AC) की कार्यक्षमता की जाँच कर, खराब AC को शीघ्र मरम्मत तथा आवश्यकता अनुसार नए AC की स्थापना कराई जाएगी।
🔷 बर्न यूनिट में महिला एवं पुरुष मरीजों के लिए अलग अलग बाथरूम की व्यवस्था की जाएगी।

इस निरीक्षण का मुख्य उद्देश्य बर्न मरीजों को समुचित, सुरक्षित एवं आधुनिक चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराना है।

31/07/2025

दर्द, एक सार्वभौमिक अनुभव है, परंतु जब यह लंबे समय तक बना रहता है, तो यह कई मानसिक, सामाजिक और शारीरिक बीमारियों का कारण बनता है। इसी गंभीर विषय को ध्यान में रखते हुए, राजेंद्र आयुर्विज्ञान संस्थान (रिम्स), रांची के एनेस्थिसियोलॉजी विभाग द्वारा वर्ष 2022 में पीड़ाहरण क्लिनिक (Pain Clinic) की स्थापना की गई थी जो आज गंभीर और दुर्दम्य दर्द से जूझ रहे मरीजों के लिए आशा की किरण बन चुका है।

रिम्स के निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी प्रो. डॉ. राज कुमार के मार्गदर्शन और विभागाध्यक्ष प्रो. डॉ. शिव प्रिये के नेतृत्व में क्लिनिक ने इंटरवेंशनल पेन मैनेजमेंट में उल्लेखनीय उपलब्धियाँ हासिल की हैं। अब ऐसे रोगियों को भर्ती भी किया जा रहा है, जिनके दर्द पर सामान्य दवाओं से नियंत्रण नहीं हो पा रहा था।

क्लिनिक की प्रमुख उपलब्धियाँ:

1. रांची की एक महिला को, जो ग्लोमस ट्यूमर के कारण जबड़े में असहनीय दर्द से पीड़ित थीं, अल्ट्रासाउंड की मदद से नर्व ब्लॉक देकर तुरंत राहत दी गई।

2. चतरा के एक किसान, जो अग्नाशय के कैंसर से पीड़ित थे, को सीलिएक प्लेक्सस ब्लॉक से 80% तक दर्द में आराम मिला।

3. पश्चिम बंगाल के पुरुलिया के ट्राइजेमिनल न्यूराल्जिया से ग्रस्त मरीजों को ट्राइजेमिनल नर्व ब्लॉक से तुरंत और दीर्घकालिक राहत प्राप्त हुई।

4. रांची के एक युवक, जो 15 वर्षों से रीढ़ की हड्डी के L5-S1 क्षेत्र में दर्द से जूझ रहे थे, को facet joint block से 95% तक राहत मिली।

सह प्राध्यापक डॉ. तुषार कुमार के अनुसार, ये सभी इंटरवेंशनल प्रक्रियाएँ डे-केयर आधारित होती हैं, जिनमें मरीजों को भर्ती की आवश्यकता नहीं होती और दुष्प्रभाव भी न्यूनतम होते हैं।

प्रोफेसर डॉ. दीपाली सिंह ने जानकारी दी कि रेडियोफ्रीक्वेंसी एब्लेशन मशीनों, समर्पित ऑपरेटिंग रूम और आवश्यक दवाओं की खरीद प्रक्रिया प्रगति पर है और अगले 2-4 महीनों में सुविधा और बढ़ेगी।

विभाग में PDCC कोर्स के माध्यम से एनेस्थीसिया के सीनियर रेजिडेंट्स को पेन मैनेजमेंट की उन्नत तकनीकों में प्रशिक्षित किया जा रहा है। वर्तमान में Pain Clinic के ओपीडी में रोज़ाना 100 से 200 मरीजों को देखा जा रहा है।

विभागाध्यक्ष प्रो. डॉ. शिव प्रिये ने कहा, "हमारा मिशन मानवता की सेवा। जहाँ निजी संस्थानों में इंटरवेंशनल दर्द निवारक प्रक्रियाएँ अत्यधिक महंगी हैं, वहीं रिम्स, रांची में हम ये सभी सेवाएँ पूरी तरह नि:शुल्क प्रदान कर रहे हैं, ताकि समाज के सबसे वंचित वर्ग तक भी राहत पहुँच सके।"

पीड़ाहरण क्लिनिक, रिम्स के Oncology भवन के पहले तल पर, सोमवार से शनिवार तक नियमित रूप से संचालित होता है।

रिम्स, रांची का यह पेन क्लिनिक समर्पण, नवाचार और करुणामयी देखभाल का अनुपम उदाहरण है, जो न केवल इलाज प्रदान करता है, बल्कि पीड़ितों को पुनः सक्रिय और आत्मनिर्भर जीवन जीने में भी सहायता करता है।

रिम्स, रांची में में Randomized Controlled Trials (RCTs)  के मेटा-विश्लेषण पर आज एक दिवसीय राष्ट्रीय स्तरीय कार्यशाला का...
30/07/2025

रिम्स, रांची में में Randomized Controlled Trials (RCTs) के मेटा-विश्लेषण पर आज एक दिवसीय राष्ट्रीय स्तरीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला का आयोजन रिम्स में हाल ही में नामित तकनीकी संसाधन केंद्र (Technical Resource Centre - TRC) के तत्वावधान में किया गया जो Department of Laboratory Medicine के अंतर्गत स्थापित है। यह पहल भारत सरकार के स्वास्थ्य अनुसंधान विभाग (Department of Health Research - DHR) और भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) द्वारा वित्तपोषित है। रिम्स, रांची को इस राष्ट्रीय मिशन के तहत प्रशिक्षण और नैदानिक दिशा-निर्देशों के विकास के लिए ₹25 लाख की ग्रांट प्राप्त हुई है। रिम्स का TRC प्रमाण-आधारित चिकित्सा पद्धतियों को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। हाल ही में इस केंद्र ने मल्टीपल स्क्लेरोसिस रोगियों के लिए स्टेम सेल थेरेपी हेतु राष्ट्रीय दिशा-निर्देशों के निर्माण में भी अहम योगदान दिया, जिन्हें भारत सरकार द्वारा जारी किया गया है।

आज के कार्यशाला में 79 प्रतिभागियों ने भाग लिया, जिनमें रिम्स रांची एवं विभिन्न चिकित्सा संस्थानों से आए प्रोफेसर, स्नातकोत्तर छात्र और शोधकर्ता शामिल थे।

कार्यशाला में निम्नलिखित विशेषज्ञ वक्ताओं ने सत्रों का नेतृत्व किया:

- डॉ. अजय के. बाखला, प्रोफेसर, रिम्स मनोरोग विभाग

- डॉ. अनुपा प्रसाद, एडिशनल प्रोफेसर, रिम्स जीन एवं जीनोमिक्स विभाग

- डॉ. मनोज कुमार प्रसाद, एडिशनल प्रोफेसर, रिम्स औषधि विभाग

- डॉ. अमित कुमार, एसोसिएट प्रोफेसर, लैब मेडिसिन विभाग

- डॉ. अंकिता टंडन, एडिशनल प्रोफेसर, रिम्स डेंटल कॉलेज

- डॉ. अर्पिता राय, एडिशनल प्रोफेसर, रिम्स डेंटल कॉलेज

प्रतिभागियों को RCT आधारित मेटा-विश्लेषण की तकनीक, पद्धति और उपकरणों पर व्यावहारिक प्रशिक्षण दिया गया, जो उच्च गुणवत्ता वाले, प्रमाण-आधारित नैदानिक दिशानिर्देशों के विकास के लिए आवश्यक है। आज का यह आयोजन रिम्स की प्रमाण-आधारित शोध, क्लिनिकल प्रशिक्षण और जनस्वास्थ्य दिशा-निर्देशों के विकास के प्रति प्रतिबद्धता को दोहराता है, और इसे राष्ट्रीय चिकित्सा उत्कृष्टता के केंद्र के रूप में और भी सशक्त बनाता है।

रिम्स डेंटल कॉलेज के ओरल सर्जरी विभाग में आज  जनरल एनेस्थीसिया में ऑपरेशन की शुरुआत हो गई है। ओरल सर्जरी विभाग में आज टू...
26/07/2025

रिम्स डेंटल कॉलेज के ओरल सर्जरी विभाग में आज जनरल एनेस्थीसिया में ऑपरेशन की शुरुआत हो गई है। ओरल सर्जरी विभाग में आज टूटे हुए जबड़े का जनरल एनेस्थीसिया पर सफल ऑपरेशन किया गया।

इस ऑपरेशन में ओरल सर्जरी विभाग के डॉ वी के प्रजापति, डॉ अजय शाही, डॉ ओम प्रकाश, डॉ मनीषा, निश्चेतना विभाग से डॉ शिव प्रिए, डॉ पी के तिवारी, डॉ सौरव, डॉ नेहा, डॉ आनंद डॉ अनुप्रिया तथा ओ टी टेक्नीशियन और ओटी सिस्टर का योगदान रहा।

अब प्रत्येक शनिवार और सोमवार को यह सुविधा मरीजों को मिलेगी।

रिम्स निदेशक प्रो (डॉ) राज कुमार द्वारा आज एक प्रेस कांफ्रेंस आयोजित कर संस्थान में हो रहे विकास कार्यों और सुविधाओं की ...
24/07/2025

रिम्स निदेशक प्रो (डॉ) राज कुमार द्वारा आज एक प्रेस कांफ्रेंस आयोजित कर संस्थान में हो रहे विकास कार्यों और सुविधाओं की विस्तार से जानकारी दी। निदेशक ने बताया कि मरीजों को बेहतर सुविधा उपलब्ध कराने की दिशा में रिम्स निरन्तर कार्यरत है।

*सेंट्रल लैब: सेवा में सुधार और 24x7 सुविधा*
चरण 1:
• रिम्स में एककृत सेंट्रल लैब की सेवाएं शुरू हो चुकी है|
• सेंट्रल लैब की सुविधा मरीज़ों के लिए 24x7 उपलब्ध है|
• 4 ब्लड कलेक्शन काउंटर कार्यशील हैं, जिससे काउंटर पर भीड़ में काफी कमी आई है।
• भीड़भाड़ के समय में 4 अतिरिक्त काउंटर शुरू करने की योजना है।
• रिपोर्ट देने हेतु 2 समर्पित काउंटर भी चालू हैं।
• अधिकांश टेस्ट के रिपोर्ट उसी दिन उपलब्ध कराई जा रही है।
• प्रतिदिन लगभग 560-580 सैंपल लिए जा रहे हैं और करीब 4000 जांचें की जा रही है|

*चरण 2: LIS एकीकरण की शुरुआत*
• अगले 10 दिनों में लैब इंफॉर्मेशन सिस्टम (LIS) प्रारंभ होगा।
• इसके लिए NIC और LIMS की टीमें मिलकर कार्य कर रही हैं।
• एक बार LIS लागू होने पर भर्ती मरीजों के सैंपल का संग्रहण भी शुरू हो जाएगा।
• LIS के माध्यम से सभी रिपोर्ट एक ही स्थान पर ऑनलाइन उपलब्ध होंगी, जिससे मरीजों और डॉक्टरों को बड़ी सुविधा होगी।

*चरण 3: अत्याधुनिक उपकरणों की स्थापना*
• भविष्य में high throughput instruments की स्थापना की योजना है, जिसके बाद ब्लड कलेक्शन के 4 घंटे के भीतर रिपोर्ट उपलब्ध कराई जा सकेगी।

*डेंटल इंस्टिट्यूट में ओटी एवं आईपीडी सेवा प्रारंभ*
• डेंटल इंस्टिट्यूट में ऑपरेशन थियेटर एवं इनडोर सेवाएं प्रारंभ हो चुकी हैं।
• इसमें पुरुषों के लिए 12, महिलाओं के लिए 11 और 3 रिकवरी ICU बेड की व्यवस्था है।
• अब तक 12 मरीज भर्ती हुए हैं, जिनमें से कुछ को छुट्टी दी जा चुकी है।
• अब तक 5 केस लोकल एनेस्थेसिया के अंतर्गत ऑपरेट हो चुके हैं, और जनरल एनेस्थेसिया का पहला केस शनिवार को किया जाना है|

*टेंडर प्रक्रिया एवं खरीद*
* मैनपावर टेंडर अंतिम चरण में है, कुछ न्यायिक आपत्तियों पर कार्यवाही के बाद इसे अंतिम रूप दिया जाएगा।
* किचन के टेंडर की प्रक्रिया भी अंतिम चरण में है|
* अब तक इस वित्तीय वर्ष में ₹55 करोड़ की खरीद की जा चुकी है और ₹70-80 करोड़ की खरीद प्रक्रियाधीन है।

*अन्य प्रशासनिक कार्य*
• सीनियर रेजिडेंट की नियुक्तियां की जा रही हैं।
• अस्पताल में आपातकालीन क्षेत्र में भीड़ को कम करने के लिए ऑन्कोलॉजी ब्लॉक में 94 अतिरिक्त बेड्स की व्यवस्था की जा रही है। PWD विभाग द्वारा शीघ्र ही निर्माण कार्य प्रारंभ होगा |
• निर्माणाधीन क्षेत्रीय नेत्र संस्थान (ROI) भवन का हस्तांतरण अगस्त में होने की संभावना है, जिसके बाद इसका उद्घाटन किया जाएगा।
• 140 नर्सों की भर्ती में कुछ आपत्तियों के साथ फाइल रिम्स को वापस प्राप्त हुई है जिसका शीघ्र समाधान कर पुनः प्रस्तुत किया जाएगा।

वहीं MRI सुविधा पर निदेशक ने कहा कि, “रिम्स में MRI सुविधा प्रारंभ करने में अब तक सफलता नहीं मिली है। प्रक्रिया में अभी कुछ और महीने लग सकते हैं। इस बीच, हम 1.5 से 2 किमी की परिधि में स्थित उन MRI सुविधाओं के लिए EOI (Expression of Interest) निकालेंगे, जो हमारे नियम और शर्तों को स्वीकार करते हैं ताकि हम उनके माध्यम से यह सेवा मरीजों को उपलब्ध करा पाएं।“

हेल्थ मैप की सेवाओं के विषय में उन्होंने कहा कि "हेल्थ मैप ने गरीब मरीज़ों की जांच लम्बे समय से बंद कर दी है| उनके बिल में कई त्रुटियां थीं जिसे प्री ऑडिट के लिए वित्त विभाग भेजा गया है जिसके पश्चात ही बकाये बिल का भुगतान किया जायेगा|"

रिम्स निदेशक ने स्पष्ट किया कि रिम्स प्रशासन पूरी प्रतिबद्धता के साथ स्वास्थ्य सेवाओं के सुदृढ़ीकरण में कार्यरत है और आने वाले समय में और भी सुधारात्मक कदम उठाए जाएंगे ताकि राज्य की जनता को सुलभ, गुणवत्तापूर्ण और आधुनिक स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान की जा सकें। प्रेस वार्ता में चिकित्सा अधीक्षक प्रो (डॉ) हिरेंद्र बिरुआ, उपाधीक्षक-1 डॉ अजय कुमार, सूचना एवं जनसम्पर्क पदाधिकारी डॉ राजीव रंजन, जीन एवं जीनोमिक्स विभागाध्यक्ष डॉ अनूपा प्रसाद, प्रशासनिक पदाधिकारी श्री अनूप श्रीवास्तव उपस्थित थें|

रिम्स को मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना के अंतर्गत पैनल में शामिल किया गया है। इस निर्णय से रिम्स में इलाज कराने वाले ...
21/07/2025

रिम्स को मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना के अंतर्गत पैनल में शामिल किया गया है। इस निर्णय से रिम्स में इलाज कराने वाले पात्र मरीजों को इस योजना का लाभ मिल सकेगा। इसके साथ ही, रिम्स के सभी अधिकारी, चिकित्सक, कर्मचारी तथा उनके आश्रितों को भी इस योजना का लाभ मिलेगा| इस संबंध में MoU (समझौता ज्ञापन) भी किया जाएगा, जिससे प्रक्रियात्मक और प्रशासनिक कार्यों को औपचारिक रूप से क्रियान्वित किया जा सके।

रिम्स कर्मियों का रजिस्ट्रेशन झारखंड स्टेट आरोग्य सोसाइटी (JSAS) के द्वारा प्रक्रियाधीन है। शीघ्र ही पंजीकरण पूर्ण कर लाभार्थियों को योजना के अंतर्गत कवर प्रदान किया जाएगा। यह पहल रिम्स में कार्यरत सभी के लिए एक महत्वपूर्ण कल्याणकारी कदम है, जिससे उनके स्वास्थ्य सुरक्षा को सुनिश्चित किया जा सकेगा। आज रिम्स और टाटा एआईजी के बीच एक आशय पत्र पर हस्ताक्षर किया गया| मौके पर चिकित्सा अधीक्षक प्रो (डॉ) हीरेन्द्र बिरुआ, अपर चिकित्सा अधीक्षक डॉ शैलेश त्रिपाठी, उपाधीक्षक-II डॉ राजीव रंजन, टाटा AIG के वरिष्ठ प्रबंधक डॉ अमित सिंह, और MD इंडिया के जिला समन्वयक निलय प्रत्युष मौजद थे|

Office of Chief Minister, Jharkhand Hemant Soren Irfan Ansari TATA AIG

Address

Bajra-Bariatu Road
Ranchi
834009

Alerts

Be the first to know and let us send you an email when Rajendra Institute of Medical Sciences, Ranchi posts news and promotions. Your email address will not be used for any other purpose, and you can unsubscribe at any time.

Share

Share on Facebook Share on Twitter Share on LinkedIn
Share on Pinterest Share on Reddit Share via Email
Share on WhatsApp Share on Instagram Share on Telegram