15/09/2023
अपने डॉ को पहचाने
आजकल मेडिकल प्रैक्टिस में खासकर सर्जिकल ब्रांच में कई सारे बहुत ही जानलेवा चलन हो गए हैं,जानलेवा डॉक्टर के लिए..मरीज केलिए नही; ....उनमें से एक बहुत ही आम प्रचलन है की अल्ट्रासाउंड या xray की रिपोर्ट व्हाट्स पर भेज कर फोन करना, कि डॉक्टर साहब खर्चा बता दो...! मुझे नहीं पता बाकी लोगो के साथ ऐसा होता है या नहीं और वो कैसे डील करते हैं ;लेकिन मैं इस सवाल से बहुत झल्ला जाता हूं और मेरा पहला जवाब और उनके लिए सवाल होता है की "ऑपरेशन मरीज का कराना है या अल्ट्रासाउंड या xray का" ??
खीजने और झल्लाने का कारण है ; 1. ज्यादातर केस में बिना मरीज की परेशानी (complaint) ,हिस्ट्री जाने , बिना मरीज के हाथ लगाए सिर्फ अल्ट्रासाउंड या xray की रिपोर्ट देख कर नही बताया जा सकता की ऑपरेशन की जरूरत है भी या नहीं;
2. ऑपरेशन को लेकर उनका केंद्र बिंदु सिर्फ खर्चा होता है,इसीलिए पहला सवाल होता है की खर्चा कितना लगेगा?? खर्चा से उनका मतलब होता है की फुल पैकेज दवा सहित ! और इनके लिए पैकेज मतलब ठेका...पैरों पर चलके आने से अपने पैरों पर घर तक जाने तक का... अब बताओ,कोई कैसे बता सकता है कुल खर्चा ??? क्या संभव है?? वैसे ये पूछना जायज भी है क्योंकि अधिकतर मरीज फाइनेंशियली बहुत मजबूत नही होते हैं और उनके लिए ऑपरेशन का खर्चा एक अनचाहा बोझ होता है, लेकिन किसी के बहकावे में आकर 5_7 हजार बचाने के चक्कर में चार गुना पैसा गवाते हैं...
फर्ज़ करिए एक अच्छा सर्जन (जिसका आपने नाम सुना हो ) आपको किसी ऑपरेशन के 35000 रुपए बताता है...इसमें वो बेहोशी के डॉक्टर को भी बुलाएगा,अच्छी दवाएं इस्तेमाल करेगा,कोशिश करेगा की ऑपरेशन के कोई भी कॉम्प्लिकेशन न हो जिससे बदनामी हो,ऑपरेशन के बाद सुबह शाम मरीज को देखेगा भी ! हो सकता है ये आपको ज्यादा लगे; दलाल मियां या निराशा बहू आपको बगल वाले अस्पताल में ले के गए वहां सब कुछ लगभग वैसा ही है बस बेहोशी का डॉक्टर नही आता, सर्जन खुद ही बेहोशी देता है...मतलब आपका काम 2_3 हजार रुपए सस्ते में हो जाएगा...
वहीं थोड़ा और अंदर गली में घुसे ठेकेदार चच्चा के अस्पताल में ; वहां भी सब कुछ बड़ा अच्छा है,बस 2 चीजे अलग हैं..एक तो सर्जन बेहोशी खुद ही देता है दूसरा OT में कई ऐसी मशीनें/औजार जो अमूमन हर सर्जन की OT में रहते हैं और इमरजेंसी के वक्त काम आती हैं वो नही हैं ( और तो और अंदर की बात दावे के साथ बता रहा हू जो अस्पताल डॉक्टरों के नही हैं उनमें से 80% में OT लाइट नही है LED बल्ब से ऑपरेशन होते हैं...और 90%में इलेक्ट्रोकॉट्री नही है जो बहते हुए खून को रोकने में अति आवश्यक होती है और हर सर्जन की OT में रहती है) ..लेकिन आपका काम 4- 5 हजार कम में हो जाएगा...
खैर इंसान ठहरा जिज्ञासु प्रवत्ति का प्राणी ऊपर से दलाल मियां साथ में,थोड़ा अंदर गली में और घुसे ढाबे वाले दद्दू के 2 कमरों के अस्पताल में, ऑपरेशन तो वहां भी होते हैं बस सर्जन और बेहोशी का डॉक्टर नही होता....एक आदमी आता है मास्क लगाकर खुद ही बेहोशी देता और ऑपरेशन करके चलता बनेगा,लेकिन वही ऑपरेशन 15- 16 हजार में हो जाएगा,आपको लगेगा पहले वाला सर्जन तो लूट रहा था...
लेकिन हकीकत ये है की अगर आपकी किस्मत अच्छी हुई तब तो घर वापस जायेंगे,कुछ कॉम्प्लिकेशन हुआ तो मेडिकल कालेज या बड़े महंगे अस्पताल मे रेफर वरना पोस्टपोर्टम हाउस जायेंगे...! मने या तो आप पूरा 8-10 हजार रुपए बचाएंगे या फिर एक डेढ़ लाख और लगाएंगे या अपना राम नाम सत्य कराएंगे....चूंकि ज्यादातर जनता खतरों की खिलाड़ी है तो ऐसे वाले अस्पताल उनकी पहली चॉइस रहते है;
कहिन खतरा तो हर चीज में हैं गारंटी तो बड़े से बड़ा सर्जन नहीं लेता !!