
19/08/2024
धरती की कोख से प्रकट होने के कारण मां जानकी (मां सीता) का एक नाम 'भूमिजा' भी है अर्थात भूमि से जन्म लेने वाली l भूमि से उत्पन्न होने के कारण तृण अर्थात घास को 'भूमिज' कहा जाता है l इसीलिए मां जानकी भूमिज यानी घास को अपना भाई मानती हैl रामचरितमानस के 'सुंदरकांड' में उल्लिखित है कि अशोक वाटिका में बैठी मां जानकी को जब रावण धमकाने पहुंचता है तब मां सीता घास के तिनके को रक्षा कवच की तरह आगे रखकर रावण से संवाद करती है-- 'तृन धरि ओट कहति वैदेही...! '...... अर्थात भाई का पुरुषार्थ और पराक्रम कैसा भी हो, बहन को अटूट विश्वास रहता है कि संकट के समय मेरा भाई मेरी रक्षा अवश्य करेगा l भारतीय संस्कृति में बहन का यह अटूट विश्वास कभी टूटने न पाए, यही रक्षाबंधन का संदेश भी है और सार्थकता भी...! रक्षाबंधन की अमित मंगल कामना....! 🙏🙏