10/09/2024
झोला छाप बनाम असली डॉक्टर
अगर आज आप शहर शहर घुमेगे तो तमाम डिग्रीयों से सुसज्जित,बडे आकर्षक साईंन बोर्ड वाले शर्तिया ईलाज खास कर लाईलाज बिमारियों का गारंटीयुक्त ईलाज वाले अस्पताल भी मिल जायेगे।आज कल तो फ़ेसबुक और सोशल मीडिया पर भी ऐसे अनोखे विज्ञापन मिलेगे।
कही बिनां आपरेशन हर्निया,हाईड्रॉसील भगन्दर,बांझ पन सब का ईलाज मिलेगा तो मधुमेह,,रक्तचाप,कैंसर को जड़ से समाप्त करने की गारंटी भी मिलेगी।मोतियाबिंद केयर तो जगह जगह ऐसे पनप गए है की बस पूछो मत फ़ेस बुक पे तो तमाम ऐसे विज्ञापन मिलेगे जो जाने क्या क्या नुस्खे बता के बिमारियो को जड़ सहित उखाड़ कर फेक रहे है।मुझे समझ मे नही आता आखिर ये स्वस्थ्य महकमा ईस कदर सोया क्यों है,हर वर्ष करोडो रुपये रजिस्ट्ररेशन के नाम पर डकार जाने वाला ये विभाग छोटे मोटे कस्बो की छोडो बडे बडे शहरो तक मे इस तरह की झोला छापई बन्द क्यों नही करा पा रहा है क्यों नही सूप्रचारित कराता की सरकारी स्तर पर सिर्फ निम्नलिखित डिग्रीयां ही मान्य है
MBBS
BAMS,
BHMS
BUMS
BDS
और इनकी स्पेसियिलीटी या सुपरस्पेसियिलीटी डिग्री जैसे
MD /MS/MDS /DM/Mch या इनके डिप्लोमा, इनके अलावा कोई भी डिग्रीधारी व्यक्ति मेडिकल की प्रैक्टिस नही कर सकता और यदि वो ऐसा करता पाया जाय तो जनहित मे सख्त से सख्त कारवाई की जाय।क्योकि ये तमाम तरह की अनर्गल दवाईयो का प्रयोग कर साधारण बिमारियों को भी लाईलाज और असाध्य बना देते है।जिसका दुष्परिणाम मरीज को झेलना पडता है।बेमतलब के सोशल मीडिया पर फैले विज्ञापनो को बन्द किया जाय और लोगों को जागरूक किया जाय।लोग भी असली नकली का अन्तर समझे।आजकल तो खुले आम डॉक्टर बनाने तक के विज्ञापन चल रहे है ये सब किसकी मिलीभगत से चल रहे है पता नही पर जो कुछ नही करता वो डॉक्टर बन जाता है ये बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है।
सरकार को सख्त रुख अख्तियार करने की जरुरत है