
17/04/2024
लोकाभिरामं रणरङ्गधीरं राजीवनेत्रं रघुवंशनाथम्।
कारुण्यरूपं करुणाकरं तं श्रीरामचन्द्रं शरणं प्रपद्ये॥
मैं श्री रामचन्द्र के चरणों में शरण लेता हूँ, जो संसार का आनंद है, जो युद्ध के मैदान में साहसी हैं,
जिनकी आँखे नीले कमल के समान हैं, जो रघु वंश के स्वामी हैं और जो दया की मूर्ति तथा करुणा का भण्डार है।
आप सभी को राम नवमी की हार्दिक शुभकामनाए |