KIDNEY STONE CARE

KIDNEY STONE CARE Kidney stoneTreatment & prevention by ayurvedic medicines.

26/10/2023

--------: मूत्र रोगों के घरेलु उपाय :--------
3- मूत्र में रूकावट -------
* आधे ग्लास पानी में , आधा गिलास लौकी का रस , चार चम्मच पिसी मिश्री और एक ग्राम कलमी शोरा मिलाकर पीने से, मूत्र की रूकावट दूर होकर, मूत्र का आना शुरू हो जाता है। एक मात्रा काफी होती है। अगर प्रभाव नहीं हो, तो एक घंटे बाद, एक मात्रा और लेनी चाहिए।
* एक गिलास पानी में , भुट्टे के सुनहरे बाल लगभग 30 ग्राम डालकर उबालें। एक तिहाई रह जाये, तब छान कर पी लें। इसमें कुछ भी ना मिलाएं। इससे मूत्र साफ़ और अधिक मात्रा में आता है। रुक - रुक कर व बूँद - बूँद आना बंद होता है। सुबह - शाम, ये पानी पीने से , छोटे आकार की , गुर्दे की पथरी भी निकल जाती है।
* नारियल पानी में , समान मात्रा में पालक का रस मिलाकर पीने से , मूत्र की रूकावट ठीक होती है।
* एक करेला , एक टमाटर और एक खीरा । गर्म पानी से धोकर, इनका रस निकाल लें। इसमें सदाबहार के 5 फूल, पीसकर मिला दें। इस जूस के सेवन से , मूत्र खुलकर आता है। विषैले तत्व शरीर से निकल जाते हैं।
4- बार बार पेशाब आना -------
* यह डायबिटीज के कारण हो सकता है। मूत्र की और रक्त का परीक्षण करानी चाहिए। यदि इनमे शर्करा की मात्रा अधिक आये, तो मधुमेह की चिकित्सा लेनी चाहिए।
* शाम के समय, भुने हुए चने , आधी कटोरी छिलके सहित, अच्छे से चबा - चबाकर सेवन करें और ऊपर से थोड़ा गुड़ खा लें, फिर थोड़ा पानी पी लें। इस तरह 10 -12 दिन लगातार चने खाने से, ज्यादा और बार - बार मूत्र का आना कम हो जाता है।
* सर्दी के मौसम में, सुबह - शाम तिल और गुड़ का लडडू का सेवन से, बार - बार मूत्र का आना कम होता है।
* रात को बार - बार मूत्र आता हो , तो शाम को पालक किसी भी रूप में सेवन से लाभ होता है।
* दोपहर के भोजन के बाद, दो पके हुए हुए केले खाने से , अधिक और बार - बार मूत्र का आना ठीक हो जाता है।
* अंगूर के सेवन या अंगूर का रस पीने से , गुर्दों को शक्ति मिलती है। बार - बार मूत्र का आना बंद होता है।
* जामुन की गुठली और काले तिल पीसकर, समान मात्रा में लेकर मिला लें। ये मिश्रण सुबह - शाम दो चम्मच पानी के साथ लेने से, बिस्तर में मूत्र का हो जाना और वृद्धजनो का बार - बार मूत्र का आना बंद हो जाता है।
* पिसी हुई अजवायन, आधा चम्मच और गुड़ आधा चम्मच, दोनों को मिलाकर सेवन से, मूत्र अधिक मात्रा में आना बंद हो जाता है।
5- मूत्र के साथ वीर्य या धातु जाना -----
* एक कटोरी साबुत गेहुँ, रात को एक गिलास पानी में भिगो दें। सुबह, इसी पानी के साथ, इसे बारीक पीस ले। इसमें एक चम्मच मिश्री मिलाकर पी लें। इसे एक सप्ताह तक लगातार पीने से, मूत्र के साथ वीर्य जाना बंद होता है।
* दो चम्मच आंवले का रस और दो चम्मच शहद मिलाकर, कुछ दिन लगातार पीने से , मूत्र के साथ वीर्य या धातू जाना बंद होता है।
* गाजर का रस, आधा गिलास और दो चम्मच आंवले का रस, मिलाकर पीने से, मूत्र के साथ में , चिपचिपा पदार्थ आना बंद होता है।
* मूत्र में झाग अधिक आने का कारण, प्रोटीन की अधिक मात्रा होती है। प्रोटीन लेना कम करने से और अधिक पानी पीने से, ऐसा होना बंद हो जाता है।
मूत्र का रंग बदलना -------
* मूत्र का रंग अधिक पीला है तो, यह पीलिया हो सकता है। परीक्षण करवाकर, पीलिया का उपचार लेना चाहिए।
* मूत्र का रंग लाल या गुलाबी होने का कारण मूत्र में रक्त जाना हो सकता है। यह गुर्दे में पथरी , यूरिन इन्फेक्शन UTI अथवा अन्य कारणों से हो सकता है। इसकी जाँच करवा लेनी चाहिए। कभी - कभी चुकंदर जैसी हरी सब्जी सेवन से भी , मूत्र का रंग लाल आ सकता है , यह कोई समस्या नही है |

Address

Udaipur

Alerts

Be the first to know and let us send you an email when KIDNEY STONE CARE posts news and promotions. Your email address will not be used for any other purpose, and you can unsubscribe at any time.

Contact The Practice

Send a message to KIDNEY STONE CARE:

Share

Share on Facebook Share on Twitter Share on LinkedIn
Share on Pinterest Share on Reddit Share via Email
Share on WhatsApp Share on Instagram Share on Telegram