09/07/2025
सामंजस्य से ही पृथ्वी का विकास।🌳🌳
प्रकृति के हर एक पेड़- पौधे आपस में रहने के लिए संघर्ष नहीं करते। वो एक दूसरे में सामंजस्य बैठा कर जीना जानते है।
उन्हें पता है की जिस जमीनी पर वे खड़े है वो दुसरो के लिए भी है। 🌳🌳
ये सामंजस्य ही उनके जीवन जीने का आधार है। ( इसलिए वे एक दूसरे को रोकते नहीं , और उनका जीवन ही एक कल्याणकरी है ( ऑक्सीज़न, उर्वरक भूमि बनना, भूमि कटाव रोकना, लोगों के दवाई आदि,जीव जन्तु के लिए आशियाना )
लेकिन मानव. . .. . . . 👤
पृथ्वी पर मात्र एक मानव ही ऐसा प्राणी है जहाँ घर बनाता है वहाँ से पेड़ हटाता है, जीव जन्तु को अपने उपयोग में ले लेता या मार कर खा जाता है, इतना ही नहीं मानव अपनी मानव जाति में ही धर्म, राजनीति, भाषा , नस्ल, विचारधारा के विपरीत लोगों को हटाने का भी प्रयास भी करता है। आपस में ही असभ्य की तरह लड़ते है। ( जबकि प्रकृति ने मानव के पास विवेक दिया तो सामंजस्य बैठना चाहिए )
ये मानव पृथ्वी का डायनासोर की तरह दूसरा जीव है। जो
प्रकृति के साथ सामंजस्य नहीं बना पा रहा है।
पृथ्वी पर मानव के अलावा कोई भी प्राणी इतना पॉल्लूशन
नहीं फैला रहा जितना मानव फैला रहा है ( नदी, नाले, समुद्र कचरे से भर दिये, विमारी की बाढ़ लगी है)
इसलिए मानव रूपी वायरस को अच्छी शिक्षा और जागरूक होने की जरूरत है। बच्चों को शिक्षित करने की जरूरत है।
नहीं ये भी प्रकृति के साथ आगे चलकर खिलवाड़ करेगे।
इसलिए PPJB टीम कहती है.....
भाषा ,जाति ,धर्म, नस्ल ,भेद-भाव के झगड़े छोड़ो,
सही लडाई से नाता जोड़ो। 🤝❤🤝❤🌳
PPJB जैसे लाखों लोगों को आगे आने की जरूरत है ।
Pic from gwalior (MP)
लेख- Mr. Anand kumar Anandias Kumar
#गाँव_टू_ग्लोबल
#सीखो_सिखाओ_समाज_बनाओ
#पढ़ो_पढ़ाओ_जीवन_बनाओ
#हमारा_गाँव_हमारा_विकास