आत्मकल्याण श्री राधा कृष्ण जीवनी Aatmakalyaan krshn jivanee

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आत्मकल्याण श्री राधा कृष्ण जीवनी
Aatmakalyaan krshn jivanee सब द्वारन कूँ छाँडि कै , आयौ तेरे द्वार |
हे वृषभानु की लाड़ली , नैक मेरी ओर निहार ॥

*🌷श्री गुरुप्रेमानंदे निताईगौर हरीबोल🌷**🌷जय श्रीकृष्ण पंचांग, तिथि-अमावस्या🌷*  🌤️  *दिनांक - 24 अक्टूबर  2022*🌤️ *दिन - ...
24/10/2022

*🌷श्री गुरुप्रेमानंदे निताईगौर हरीबोल🌷*
*🌷जय श्रीकृष्ण पंचांग, तिथि-अमावस्या🌷*
🌤️ *दिनांक - 24 अक्टूबर 2022*
🌤️ *दिन - सोमवार*
🌤️ *विक्रम संवत - 2079 (गुजरात-2078)*
🌤️ *शक संवत -1944*
🌤️ *अयन - दक्षिणायन*
🌤️ *ऋतु - हेमंत ॠतु*
🌤️ *मास - कार्तिक (गुजरात एवं महाराष्ट्र के अनुसार अश्विन)*
🌤️ *पक्ष - कृष्ण*
🌤️ *तिथि - चतुर्दशी शाम 05:27 तक तत्पश्चात अमावस्या*
🌤️ *नक्षत्र - हस्त दोपहर 02:42 तक तत्पश्चात चित्रा*
🌤️ *योग - वैधृति दोपहर 02:33 तक तत्पश्चात विषकंभ*
🌤️ *राहुकाल - सुबह 08:04 से सुबह 09:30 तक*
🌞 *सूर्योदय - 06:38*
🌦️ *सूर्यास्त - 18:07*
👉 *दिशाशूल - पूर्व दिशा में*
+🚩 *व्रत पर्व विवरण - नरक चतुर्दशी (तैलाभ्यांग स्नान), दीपावली, महालक्ष्मी- शारदा कुबेर पूजन*
🔥 *विशेष - चतुर्दशी,अमावस्या और व्रत के दिन स्त्री-सहवास तथा तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38)*
🔻
*🌷विशेष,विशेष,विशेष🌷*
🔻👇
*🌷सदैव याद रखें कुछ हो या ना हो किन्तु पूर्ण समर्पण एवं भक्ति, यथा शक्ति, भाव-विभोर होकर पूजा-पाठ करें*
🔻
*🪔दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं।🪔*
*महालक्ष्मी नमस्तुभ्यं नमस्तुभ्यं सुरेश्वरी ।*
*हरी प्रिये नमस्तुभ्यं नमस्तुभ्यं दयानिधे ।।*
🪔🪔🪔🪔🪔🪔🪔🪔🪔🪔
*आप को आप के परिवार को पाँच दिवसीय दीपोत्सव (श्री धनतेरस, श्री नरकचतुर्दशी, श्री दीपावली, श्री गोवर्धन पूजा और भाई दूज ) की अनेक-अनेक शुभकामनाओॅ के साथ "प्रकाश एवं सुख-संपत्ति वैभव को उन्नत कराने, एवं सब के मन मन्दिर में प्रसन्नता की उमंग भरने वाले, सब की खुशियों को चौगुना कर देने वाले पर्व दीपोमहोत्सव दीपावली की हर्षोल्लास के साथ बहुत बहुत मंगलकामनाएं।*
*अयोध्या नन्दन श्रीराम जी की कृपा से इस दीपोमहोत्सव पर्व पर हम सब के छोटे-बड़े ,भाई-बहिन, माता-पिता तथा रिश्तों मैं प्रेम इस तरह समा जाए जैसे दीपोमहोत्सव पर प्रकाश सारे जगत को प्रकाशमान करता है। हे प्रभु हम सब का परिवार भी प्रेम से प्रकाशमान हो जाए, सब को देवीय आठों सिद्धियां,नौ निधियां और चारों पुरुषार्थ धर्म, अर्थ काम और मोक्ष की प्राप्ति हो । साथ ही सुख , समृद्धि , आरोग्य, यश,कीर्ति और खुशी की भी अनवरत प्राप्ति हो । धन, वैभव, यश, एवं समस्त ऐश्वर्य के साथ दीपावली पर माँ महालक्ष्मी, सरस्वती श्री गणेश जी आप की खुशियों व सुख सम्पन्नता, स्वास्थ्य व हर्षोल्लास में वृद्धि करें, आनन्द मंगल शुभेच्छाओं के साथ शुभ दीपावली ।"*
*राजेंद्र सिंह 🙏*
🪔🪔🪔🪔🪔🪔🪔🪔🪔🪔
🌷 *दिवाली के दिन* 🌷
*दीपावली 2022 लक्ष्मी पूजन मुहूर्त शाम 06 बजकर 53 मिनट से रात 08 बजकर 16 मिनट तक रहेगा।*
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🎇 *दिवाली के दिन अपने घर के बाहर सरसों के तेल का दिया जला देना, इससे गृहलक्ष्मी बढ़ती है ।*
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🎇 *दिवाली की रात प्रसन्नतापूर्वक सोना चाहिये ।*
🍚 *थोड़ी खीर कटोरी में डाल के और नारियल लेकर के घूमना और मन में "लक्ष्मी- नारायण" जप करना और खीर ऐसी जगह रखना जहाँ किसी का पैर ना पड़े और गाये, कौए आदि खा जाएँ और नारियल अपने घर के मुख्य द्वार पर फोड़ देना और इसकी प्रसादी बाँटना । इससे घर में आनंद और सुख -शांति रहेगी ।*
🔻
🎇 *दिवाली के दिन अपने घर के मुख्य द्वार पर नीम व अशोक (आसोपाल ) के पत्तों का तोरण लगा देना , इस पर से पसार होने वाले की रोग प्रतिकारक शक्ति बढेगी ।*
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🎇 *दिवाली के दीन अगर घर के लोग गाय के गोबर के जलते हुए कंडे पर ५-५ आहुतियाँ डालते हैं, तो उस घर में सम्पदा व संवादिता की सम्भावना बढ़ जाती है । घी, गुड़, चन्दन चूरा, देशी कपूर, गूगल, चावल, जौ और तिल । ५-५ आहुति इन मंत्र को पढ़कर डालें - स्थान देवताभ्यो नमः, ग्राम देवताभ्यो नमः, कुल देवताभ्यो नमः । फिर २-५ आहुतियाँ लक्ष्मीजी के लिए ये मंत्र बोलकर डालें -श्रीं ह्रीं क्लीं ऐं कमलवासिन्यै स्वाहा ।*
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🌷 *दिवाली की रात मंत्र सिद्धि* 🌷
🎇 *दिवाली की रात भूलना नहीं जप, ध्यान, सुमिरन सफल होता है, इसलिये स्वास्थ्य का मंत्र जप लेना और संम्पति प्राप्तिवाले संम्पति का लक्ष्मी का मंत्र अथवा श्री हरि वाला मंत्र जप लेना और भगवत प्राप्ति वाले तो संकल्प करना –*
🔻
🌷 *ॐकार मंत्र गायत्री छंद परमात्मा ऋषि |*
*अंतर्यामी देवता, अंतर्यामी प्रीति अर्थे जपे विनियोग |*
*लंबा श्वास लो ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ..........*
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🎇 *पूजा के स्थान पर मोर-पंख रखने से लक्ष्मी-प्राप्ति में मदद मिलती है...*
🔻
🎇 *दीपावली के दिन लौंग और इलाइची को जलाकर राख कर दें; उससे फिर गुरुदेव (की फोटो) को तिलक करें; लक्ष्मी-प्राप्ति में मदद मिलती है, बरकत होती है |*
🔻
🎇 *दीपावली की संध्या को तुलसी जी के निकट दिया जलायें, लक्ष्मीजी को प्रसन्न करने में मदद मिलती है; कार्तिक मास में तुलसीजी के आगे दिया जलाना पुण्य-दाई है, और प्रातः-काल के स्नान की भी बड़ी भारी महिमा है |*
🔻
🎇 *दीपावली, जन्म-दिवस, और नूतन वर्ष के दिन, प्रयत्न-पूर्वक सत्संग सुनना चाहिए |*
🔻
🎇 *दीपावली की रात का जप हज़ार गुना फलदाई होता है; ४ महा-रात्रियाँ हैं - दिवाली, शिवरात्रि, होली, जन्माष्टमी - यह सिद्ध रात्रियाँ हैं, इन रात्रियों का अधिक से अधिक जप करके लाभ लेना चाहिए |*
🔻
🙏🏻 *दीपावली के अगले दिन , नूतन वर्ष होता है ; उस दिन, सुबह उठ कर थोडी देर चुप बैठ जाएँ; फिर, अपने दोनों हाथों को देख कर यह प्रार्थना करें:*
🌷 *कराग्रे वसते लक्ष्मी, कर-मध्ये च सरस्वती,*
*कर-मूले तू गोविन्दः, प्रभाते कर दर्शनं ||*
➡ *अर्थात -*
*मेरे हाथों के अग्र भाग में लक्ष्मी जी का वास है, मेरे हाथों के मध्य भाग में सरस्वती जी हैं; मेरे हाथों के मूल में गोविन्द हैं, इस भाव से अपने दोनों हाथों के दर्शन करता हूँ...*
🙏🏻 *फिर, जो नथुना चलता हो, वही पैर धरती पर पहले रखें; दाँया चलता हो, तो ३ कदम आगे बढायें, दांए पैर से ही; बाँया चलता हो, तो ४ कदम आगे बढायें, बाँए पैर से ही;*
🙏🏻 *नूतन वर्ष का दिन जो व्यक्ति हर्ष और आनंद से बिताता है, उसका पूरा वर्ष हर्ष और आनंद से जाता है।*
🔻
🌷 *ग्रहण के समय निर्देश* 🌷
✔ *करने योग्य*
🌘 *1. ग्रहण के समय भगवान का चिंतन, जप, ध्यान करने पर उसका लाख गुना फल मिलता है , ग्रहण के समय हज़ार काम छोड़ कर मौन और जप करिए l*
🌘 *2. ग्रहण लगने के पहले खान - पान ऐसा करिए कि आपको बाथरूम में ना जाना पड़े l*
❌ *ना करने योग्य*
🌘 *1. ग्रहण के समय सोने से रोग बढ़ते हैं l*
🌘 *2. ग्रहण के समय सम्भोग करने से सुअर की योनि मिलती है l*
🌘 *3. ग्रहण के समय मूत्र त्याग नहीं करना चाहिए, दरिद्रता आती है l*
🌘 *4. ग्रहण के समय धोखाधड़ी और ठगाई करने से सर्पयोनि मिलती है l*
🌘 *5. ग्रहण के समय शौच नहीं जाना चाहिए, वर्ना पेट में कृमि होने लगते हैं l*
🌘 *6. ग्रहण के समय जीव-जंतु या किसी की हत्या हो जाय तो नारकीय योनि में जाना पड़ता है l*
🌘 *7. ग्रहण के समय भोजन व मालिश करने वाले को कुष्ट रोग हो जाता है l*
🌘 *8. ग्रहण के समय पत्ते, तिनके, लकड़ी, फूल आदि नहीं तोड़ने चाहिए l*
🌘 *9. स्कन्द पुराण के अनुसार ग्रहण के समय दूसरे का अन्न खाने से १२ साल का किया हुआ जप, तप, दान स्वाहा हो जाता है l*
🌘 *10. ग्रहण के समय अपने घर की चीज़ों में कुश, तुलसी के पत्ते अथवा तिल डाल देने चाहिए l*
🌘 *11. ग्रहण के समय रुद्राक्ष की माला धारण करने से पाप नाश हो जाते हैं l*
🌘 *12. ग्रहण के समय दीक्षा अथवा दीक्षा लिए हुए मंत्र का जप करने से सिद्धि हो जाती है l*
🔻
🙏🏻
🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷
*भक्तियोग,श्रीकृष्णभावनाभावित व्यक्ति पहले ही समस्त योगियों में श्रेष्ठ होता है, हरक्षण में कृष्ण हर कण में कृष्ण*

*🌷हरीबोल हरीबोल,हरीबोल हरीबोल🌷*

*🌷भज, निताई गौर राधेश्याम🌷*
*🌷जपो हरे कृष्ण हरे राम🌷*

*हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे ।*
*हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥*

*🌷श्री गुरुप्रेमानंदे निताईगौर हरीबोल🌷*🌷 ~ *जय श्री कृष्ण पंचांग* ~ 🌷🌤️  *दिनांक - 03 सितम्बर  2022*🌤️ *दिन - शनिवार*🌤️ ...
03/09/2022

*🌷श्री गुरुप्रेमानंदे निताईगौर हरीबोल🌷*
🌷 ~ *जय श्री कृष्ण पंचांग* ~ 🌷
🌤️ *दिनांक - 03 सितम्बर 2022*
🌤️ *दिन - शनिवार*
🌤️ *विक्रम संवत - 2079 (गुजरात-2078)*
🌤️ *शक संवत -1944*
🌤️ *अयन - दक्षिणायन*
🌤️ *ऋतु - शरद ॠतु*
🌤️ *मास - भाद्रपद*
🌤️ *पक्ष - शुक्ल*
🌤️ *तिथि - सप्तमी दोपहर 12:28 तक तत्पश्चात अष्टमी*
🌤️ *नक्षत्र - अनुराधा रात्रि 10:57 तक तत्पश्चात जेष्ठा*
🌤️ *योग - वैधृति शाम 05:00 तक तत्पश्चात विषकंभ*
🌤️ *राहुकाल - सुबह 09:30 से सुबह 11:04 तक*
🌞 *सूर्योदय - 06:23*
🌦️ *सूर्यास्त - 18:51*
👉 *दिशाशूल - पूर्व दिशा में*
🚩 *व्रत पर्व विवरण - राधा अष्टमी, महालक्ष्मी व्रत आरंभ, गौरी -आवाहन*
🔥 *विशेष - सप्तमी को ताड़ का फल खाने से रोग बढ़ता है तथा शरीर का नाश होता है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
🔻
*🌷विशेष,विशेष,विशेष🌷*
🔻👇
*सभी वैष्णव जनों का श्री राधा अष्टमी का व्रत 4 सितंबर दिन रविवार को रहेगा, व्रत का पारण अगले दिन *प्रातः 6:05 से 9:30 बजे* तक रहेगा ।*
*लाखों एकादशी के तुल्य मात्र एक राधा अष्टमी व्रत कहा गया हैं*
(पद्मम पुराण) के अनुसार ब्रह्माजी से उनके पुत्र नारद जी ने
राधा अष्टमी व्रत के सम्बंध मैं सदैव गौलोक धाम मैं वास करने के विषय मैं पूछा था । ब्रह्माजी ने राधाअष्टमी व्रत
का वर्णन संक्षेप मैं किया,भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि श्री राधाष्टमी के नाम से प्रसिद्ध है। इस तिथि को श्री राधाजी का प्राकट्य दिवस माना गया है,श्री राधाजी वृषभानु की यज्ञ भूमि से प्रकट हुई थीं,ये व्रत प्राणी मात्र को अवश्य करना चाहिए*
🔻
*🌷सदैव याद रखें कुछ हो या ना हो किन्तु पूर्ण समर्पण एवं भक्ति, यथा शक्ति, भाव-विभोर होकर पूजा-पाठ करें*🔻
🔻
💥 *ब्रह्म पुराण' के 118 वें अध्याय में शनिदेव कहते हैं- 'मेरे दिन अर्थात् शनिवार को जो मनुष्य नियमित रूप से पीपल के वृक्ष का स्पर्श करेंगे, उनके सब कार्य सिद्ध होंगे तथा मुझसे उनको कोई पीड़ा नहीं होगी। जो शनिवार को प्रातःकाल उठकर पीपल के वृक्ष का स्पर्श करेंगे, उन्हें ग्रहजन्य पीड़ा नहीं होगी।' (ब्रह्म पुराण')*
🔻
💥 *शनिवार के दिन पीपल के वृक्ष का दोनों हाथों से स्पर्श करते हुए 'ॐ नमः शिवाय।' का 108 बार जप करने से दुःख, कठिनाई एवं ग्रहदोषों का प्रभाव शांत हो जाता है। (ब्रह्म पुराण')*
🔻
💥 *हर शनिवार को पीपल की जड़ में जल चढ़ाने और दीपक जलाने से अनेक प्रकार के कष्टों का निवारण होता है ।(पद्म पुराण)*
🔻
🌷 *लक्ष्मी प्रप्ति व्रत* 🌷
*03 सितम्बर 2022 शनिवार से महालक्ष्मी व्रत प्रारंभ*
🔻
🙏🏻 *भाद्रपद शुक्ल अष्टमी से आश्विन कृष्ण अष्टमी तक घर में अगर कोई महालक्ष्मी माता का पूजन करे और रात को चन्द्रमा को अर्घ्य दे तो उस के घर में लक्ष्मी बढ़ती जाती है…*
🔻
*इस वर्ष ये योग 03 सितम्बर 2022 शनिवार से 17 सितम्बर 2022 शनिवार तक है…*
🙏🏻 *1) महालक्ष्मी का पूजन करें .*
🌙 *2)रात को चन्द्रमा को अर्घ्य देना कच्चे दूध(थोडासा) से फिर पानी से.. .*
🙏🏻 *3)महालक्ष्मी का मन्त्र जप करना.*
🌷 *ॐ श्रीं नमः*
🌷 *ॐ विष्णु प्रियाय नमः*
🌷 *ॐ महा लक्ष्मै नमः*
*इन में से कोई भी एक जप करे..*
🔻
🌷 *अन्नपूर्णा प्रयोग* 🌷
👉🏻 *प्रत्येक पूर्णिमा को घर के अन्न – भंडार के स्थान पर कपास के तेल का दीपक जलायें | इसके प्रभाव से घर की रसोई में बहुत बरकत होती है | यह अन्नपूर्णा प्रयोग हैं |*
🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷
*भक्तियोग,श्रीकृष्णभावनाभावित व्यक्ति पहले ही समस्त योगियों में श्रेष्ठ होता है, हरक्षण में कृष्ण हर कण में कृष्ण*

*🌷हरीबोल हरीबोल,हरीबोल हरीबोल🌷*

*🌷भज, निताई गौर राधेश्याम🌷*
*🌷जपो हरे कृष्ण हरे राम🌷*

*हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे ।*
*हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥*

*🙏🌷श्री गुरुप्रेमानंदे निताईगौर हरीबोल🌷🙏*🌷 ~ *जय श्री कृष्ण पंचांग* ~ 🌷🌤️  *दिनांक - 01 सितम्बर  2022*🌤️ *दिन - गुरुवार*...
01/09/2022

*🙏🌷श्री गुरुप्रेमानंदे निताईगौर हरीबोल🌷🙏*
🌷 ~ *जय श्री कृष्ण पंचांग* ~ 🌷
🌤️ *दिनांक - 01 सितम्बर 2022*
🌤️ *दिन - गुरुवार*
🌤️ *विक्रम संवत - 2079 (गुजरात-2078)*
🌤️ *शक संवत -1944*
🌤️ *अयन - दक्षिणायन*
🌤️ *ऋतु - शरद ॠतु*
🌤️ *मास - भाद्रपद*
🌤️ *पक्ष - शुक्ल*
🌤️ *तिथि - पंचमी दोपहर 02:49 तक तत्पश्चात षष्ठी*
🌤️ *नक्षत्र - स्वाती रात्रि 12:12 तक तत्पश्चात विशाखा*
🌤️ *योग - ब्रह्म रात्रि 09:12 तक तत्पश्चात इंद्र*
🌤️ *राहुकाल - दोपहर 02:13 से शाम 03:47 तक*
🌞 *सूर्योदय - 06:23*
🌦️ *सूर्यास्त - 18:53*
👉 *दिशाशूल - दक्षिण दिशा में*
🚩 *व्रत पर्व विवरण - ऋषि पंचमी, सामा पंचमी, गुरु पंचमी (ओडिशा), रक्षा पंचमी (बंगाल), संवत्सरी- पंचमी पक्ष (जैन)*
🔻
*🌷पूर्ण समर्पण🌷*
*🌷 भाव से पूजन करें🌷*।
🔥 *विशेष - पंचमी को बेल खाने से कलंक लगता है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
🔻
*🌷विशेष,विशेष,विशेष🌷*
*1. *भोजन सदैव एकान्त में करना चाहिये* - *वसिष्ठस्मृति स्कन्दपुराण।*
2. *दोनों हाथ, दोनों पैर और मुख इन पाँचों अंगों को धोकर ही भोजन करना चाहिये। ऐसा करना वाला शतायु होता है* - *पद्मपुराण, सुश्रुतसंहिता महाभारत।*
3. *भोजन करते समय मौन रहना चाहिये* - *स्कन्दपुराण।*
4. *परोसे हुये भोजन की निन्दा नहीं करनी चाहिये। वह स्वाद में जैसा भी हो, उसे प्रेम से ग्रहण करना चाहिये* - *महाभारत, तैत्तिरीय उपनिषद।*
5. *रात में भरपेट भोजन नहीं करना चाहिये* - *स्कन्दपुराण।*
6. *शयन स्थल, पलंग या बेड पर बैठकर भूलकर भी खानपान ना करें*...*हाथ में लेकर कुछ भी ना खायें, अर्थात् पात्र में लेकर खायें।“*
7. *बहुत थके हुये हों तो आराम करने के बाद ही कुछ खायें - पियें। अधिक थकावट की स्थिति में कुछ भी खाने से ज्वर या उल्टी होने की आशंका रहती है* - *नीतिवाक्यामृतम्।*
8. *जूठा भोजन किसी को ना दें और स्वयं भी न खायें, चाहे वो आपका छोड़ा हुआ अन्न ही क्यों ना हो। भोजन के बाद जूठे मुँह कहीं न जायें* - *मनुस्मृति।*
9. *जो सेवक स्वयं भूख से पीड़ित हो और उसे आपके लिये भोजन लाना पड़े तो ऐसा भोजन ग्रहण नहीं करना चाहिये। जो आपके प्रति प्रेम - स्नेह नहीं रखता उसका अन्न भी नहीं खाना चाहिये* - *चरकसंहिता।*
10. *भोजन की वस्तुओं को गोद या हाथ में रखकर कदापि नहीं खाना चाहिये* - *बौधायनस्मृति, कूर्मपुराण।*
11. *अंधेरे में, आकाश के नीचे, मन्दिर (गर्भ-गृह) में भोजन नहीं करना चाहिये। इसी तरह एक वस्त्र पहन कर सवारी या बिस्तर पर बैठकर, जूते - चप्पल पहने हुये और हँसते हुये या रोते हुये, क्रोध में भी कुछ खाना नहीं चाहिये* - कूर्मपुराण।
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🌷 *सूर्य षष्ठी* 🌷
🙏🏻 *भाद्रपद मास शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को मोरयाई छठ का व्रत रखा जाता है। इसे मोर छठ या कुछ स्थानों पर सूर्य षष्ठी व्रत भी कहते हैं। इस बार यह व्रत 02 सितम्बर, शुक्रवार को है। भविष्योत्तर पुराण के अनुसार, प्रत्येक मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को भगवान सूर्य के निमित्त व्रत करना चाहिए। इनमें भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी का विशेष महत्व है। इस दिन गंगा स्नान, सूर्योपासना, जप एवं व्रत किया जाता है। इस दिन सूर्य पूजन, गंगा स्नान एवं दर्शन तथा पंचगव्य सेवन से अश्वमेघ यज्ञ के समान फल प्राप्त होता है। इस दिन व्रत को अलोना (नमक रहित) भोजन दिन में एक बार ही ग्रहण करना चाहिए। सूर्य पूजा में लाल फूल, गुलाल, लाल कपड़ा, लाल रंग की मिठाई आदि का विशेष महत्व है।*
🔻
🌷 *गणेश उत्सव* 🌷
🙏🏻 *मोर पंख सिर्फ भगवान श्रीकृष्ण को नहीं, बल्कि सभी देवी–देवताओं को प्रिय है। इसमें नौ ग्रहों का निवास भी माना गया है। ज्योतिष शास्त्र से जुड़े कुछ खास उपायों को गणेश उत्सव पर किया जाए तो पैसों के साथ ही जीवन की अन्य कई तरह की समस्याओं को दूर किया जा सकता है। आइए जानते हैं मोर पंख से जुड़े कुछ खास आसान उपाय….*
👉🏻 *गणेश उत्सव में सिर्फ 1 मोर पंख बदल सकता है आपका भाग्य*
🌷 *कारगर उपाय* 🌷
*आपका भाग्य बदल सकता है गणेश जी को चढ़ाया हुआ एक मोरपंख*
🌿 *पैसों से जुड़ी प्राॅब्लम*
*जिन लोगों को पैसों की कमी रहती है वे पर्स में ये मोर पंख रखें।*
🌿 *रुके हुए काम होंगे पूरे*
*इस मोर पंख को हमेशा साथ रखने पर रुके हुए काम पूरे होने लगते हैं।*
🌿 *बच्चा जिद्दी हो तो*
*उस बच्चे के सिर से पैर तक ये मोर पंख फिरा दें। फायदा होगा।*
🌿 *डरावने सपने आते हों तो*
*रात में डरावने सपने आते हों तो मोर पंख को सिरहाने रखकर सोएं।*
🌿 *नकारात्मक शक्ति*
*मोर पंख को घर के किसी ऐसी जगह पर रखें जहां से वो दिखाई दे तो नकारात्मकता दूर होगी।*
🌿 *बरकत के लिए*
*साउथ इस्ट में इस मोर पंख को रखने से घर में हमेशा बरकत रहेगी।*
🌿 *किताब में मोर पंख*
*इस मोर पंख को स्टूडेंट अपनी किताब में रखें तो पढ़ाई में मन लगने लगेगा।*
🌿 *यदि वास्तुदोष हो तो*
*यदि मुख्य द्वार दोष में हो तो दरवाजे के ऊपर तीन मोर पंख लगाएं।*
🌿 *शत्रु परेशान कर रहा हो तो*
*मंगलवार को मोर पंख से हनुमानजी के मस्तक पर सिंदूर से शत्रु का नाम लिखे।रात भर मोर पंख को देवस्थान पर रखें व सुबह बहते हुए जल में प्रवाहित कर दें।*
*भक्तियोग,श्रीकृष्णभावनाभावित व्यक्ति पहले ही समस्त योगियों में श्रेष्ठ होता है, हरक्षण में कृष्ण हर कण में कृष्ण*

*🌷हरीबोल हरीबोल,हरीबोल हरीबोल🌷*

*🌷भज, निताई गौर राधेश्याम🌷*
*🌷जपो हरे कृष्ण हरे राम🌷*

*हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे ।*
*हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥*

30/08/2022

🙏🌷श्री गुरुप्रेमानंदे निताईगौर हरीबोल🌷🙏।
🌷 ~ *जय श्री कृष्ण पंचांग* ~ 🌷
🌤️ *दिनांक - 31 अगस्त 2022*
🌤️ *दिन - बुधवार*
🌤️ *विक्रम संवत - 2079 (गुजरात-2078)*
🌤️ *शक संवत -1944*
🌤️ *अयन - दक्षिणायन*
🌤️ *ऋतु - शरद ॠतु*
🌤️ *मास - भाद्रपद*
🌤️ *पक्ष - शुक्ल*
🌤️ *तिथि - चतुर्थी शाम 03:22 तक तत्पश्चात पंचमी*
🌤️ *नक्षत्र - चित्रा रात्रि 12:12 तक तत्पश्चात स्वाती*
🌤️ *योग - शुक्ल रात्रि 10:48 तक तत्पश्चात ब्रह्म*
🌤️ *राहुकाल - दोपहर 12:39 से दोपहर 02:13 तक*
🌞 *सूर्योदय - 06:23*
🌦️ *सूर्यास्त - 18:54*
👉 *दिशाशूल - उत्तर दिशा में*
🚩 *व्रत पर्व विवरण - विनायक चतुर्थी, गणेश चतुर्थी, चंद्र- दर्शन निषिद्ध (चंद्रास्त : रात्रि 9:34), गणेश महोत्सव प्रारंभ, संवत्सरी पर्व- चतुर्थी पक्ष (जैन)*
🔻
*🌷विशेष,विशेष,विशेष🌷*
🔻👇
*🌷सदैव याद रखें कुछ हो या ना हो किन्तु पूर्ण समर्पण एवं भक्ति, यथा शक्ति, भाव-विभोर होकर पूजा-पाठ करें*
🔻
🔥 *विशेष - चतुर्थी को मूली खाने से धन का नाश होता है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
🔻
*श्री मङ्गलाचरणं*
*श्री गणेशाय नमः ॥ श्रीगुरुभ्यो नमः ॥ स जयति* *सिन्धुरवदनो देवो यत्पादपङ्कजस्मरणम् ।*
*वासरमणिरिव तमसां राशिं नाशयति विऽघ्नानाम् ॥ १॥* *सुमुखश्चैकदन्तश्च कपिलो गजकर्णकः ।*
*लंबोदरश्च विकटो विघ्ननाशो गणाधिपः ॥ २॥* *धूम्रकेतुर्गणाध्यक्षो भालचन्द्रो गजानानः ।*
*द्वादशैतानि नामानि यः पठेच्छृणुयादपि ॥ ३॥*
*विद्यारंभे विवाहे च प्रवेशे निर्गमे तथा ।*
*सङ्ग्रामे सङ्कटे चैव विघ्नस्तस्य न जायते ॥ ४॥* *शुक्लांबरधरं देवं शशिवर्णं चतुर्भुजम् ।*
*प्रसन्नवदनं ध्यायेत् सर्वाविघ्नोपशान्तये ॥ ५॥*
*व्यासं वसिष्ठनप्तारं शक्तेः पौत्रमकल्मषम् ।*
*पराशरात्मजं वन्दे शुकतातं तपोनिधिम् ॥ ६॥*
*व्यासाय विष्णुरूपाय व्यासरूपाय विष्णवे ।*
*नमो वै ब्रह्मनिधये वासिष्ठाय नमो नमः ॥ ७॥*
*अचतुर्वदनो ब्रह्मा द्विबाहुरपरो हरिः ।*
*अभाललोचनः शंभुर्भगवान् बादरायणः ॥ ८॥*
*इति मङ्गलाचरणं सम्पूर्णम् ॥*
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*वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ।*
*निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥*
*अर्थ - घुमावदार सूंड वाले, विशाल शरीर काय, करोड़ सूर्य के समान महान प्रतिभाशाली। मेरे प्रभु, हमेशा मेरे सारे कार्य बिना विघ्न के पूरे करें (करने की कृपा करें)॥*
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🌷 *गणेश चतुर्थी* 🌷
🙏🏻 *गणेशजी का जन्म भाद्रपद मास के शुक्लपक्ष की चतुर्थी को मध्याह्न में हुआ था। उस समय सोमवार का दिन, स्वाति नक्षत्र, सिंह लग्न और अभिजीत मुहूर्त था। गणेशजी के जन्म के समय सभी शुभग्रह कुंडली में पंचग्रही योग बनाए हुए थे।*
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👉🏻 *इस वर्ष यह त्यौहार 31 अगस्त 2022 बुधवार को मनाया जाएगा।*
➡ *वैसे तो भविष्य पुराण में सुमन्तु मुनि का कथन है*
*“न तिथिर्न च नक्षत्रं नोपवासो विधीयते । यथेष्टं चेष्टतः सिद्धिः सदा भवति कामिका।।”*
🔻
🙏🏻 *“भगवान गणेशजी की आराधना में किसी तिथि, नक्षत्र या उपवासादि की अपेक्षा नहीं होती। जिस किसी भी दिन श्रद्धा-भक्तिपूर्वक भगवान गणेशजी की पूजा की जाय तो वह अभीष्ट फलों को देनेवाली होती है।” फिर भी गणेशजी के जन्मदिन पर की जानेवाली उनकी पूजा का विशेष महत्व है। तभी तो भविष्यपुराण में ही सुमन्तु मुनि फिर से कहते हैं की*
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*“शुक्लपक्षे चतुर्थ्यां तु विधिनानेन पूजयेत्। तस्य सिध्यति निर्विघ्नं सर्वकर्म न संशयः ।।*
🔻
*एकदन्ते जगन्नाथे गणेशे तुष्टिमागते। पितृदेवमनुष्याद्याः सर्वे तुष्यन्ति भारत ।।”*
🔻
🙏🏻 *“शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को उपवास कर जो भगवान गणेशजी का पूजन करता है, उसके सभी कार्य सिद्ध हो जाते हैं और सभी अनिष्ट दूर हो जाते हैं। श्रीगणेशजी के अनुकूल होने से सभी जगत अनुकूल हो जाता है। जिस पर एकदन्त भगवान गणपति संतुष्ट होते हैं, उसपर देवता, पितर, मनुष्य आदि सभी प्रसन्न रहते हैं।”*
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➡ *अग्निपुराण के अनुसार भाद्रपद के शुक्लपक्ष की चतुर्थी को व्रत करनेवाला शिवलोक को प्राप्त करता है |*
🔻
➡ *भविष्यपुराण, ब्राह्मपर्व के अनुसार*
*मासि भाद्रपदे शुक्ला शिवा लोकेषु पूजिता । ।*
*तस्यां स्नानं तथा दानमुपवासो जपस्तथा ।*
*क्रियमाणं शतगुणं प्रसादाद्दन्तिनो नृप । ।*
*गुडलवणघृतानां तु दानं शुभकरं स्मृतम् ।*
*गुडापूपैस्तथा वीर पुण्यं ब्राह्मणभोजनम् । ।*
*यास्तस्यां नरशार्दूल पूजयन्ति सदा स्त्रियः ।*
*गुडलवणपूपैश्च श्वश्रूं श्वसुरमेव च । ।*
*ताः सर्वाः सुभगाः स्युर्वे१ विघ्रेशस्यानुमोदनात् ।*
*कन्यका तु विशेषेण विधिनानेन पूजयेत् । ।*
🔻
🙏🏻 *भाद्रपद मास की शुक्ल चतुर्थी का नाम ‘शिवा’ है, इस दिन जो स्नान, दान उपवास, जप आदि सत्कर्म किया जाता है, वह गणपति के प्रसाद से सौ गुना हो जाता है | इस चतुर्थी को गुड़, लवण और घृत का दान करना चाहिये, यह शुभ माना गया है और गुड़ के अपूपों (मालपुआ) से ब्राह्मणों को भोजन कराना चाहिये तथा उनकी पूजा करनी चाहिये | इस दिन जो स्त्री अपने सास और ससुर को गुड़ के पुए तथा नमकीन पुए खिलाती है वह गणपति के अनुग्रह से सौभाग्यवती होती है | पति की कामना करनेवाली कन्या विशेषरूप से इस चतुर्थी का व्रत करे और गणेशजी की पूजा करें |*
🔻
➡ *गरुड़पुराण के अनुसार “सोमवारे चतुर्थ्यां च समुपोष्यार्चयेद्गणम्। जपञ्जुह्वत्स्मरन्विद्या स्वर्गं निर्वाणतां व्रजेत् ॥” सोमवार, चतुर्थी तिथिको उपवास रखकर व्रती को विधि – विधान से गणपतिदेव की पूजा कर उनका जप, हवन और स्मरण करना चाहिये | इस व्रत को करने से उसे विद्या, स्वर्ग तथा मोक्ष प्राप्त होता है |*
🔻
➡ *शिवपुराण के अनुसार “वर्षभोगप्रदा ज्ञेया कृता वै सिंहभाद्रके” जब सूर्य सिंह राशिपर स्थित हो, उस समय भाद्रपदमास की चतुर्थी को की हुई गणेशजी की पूजा एक वर्ष तक मनोवांछित भोग प्रदान करती है*
🔻
➡ *अग्निपुराण अध्याय 301 के अनुसार*
*पूजयेत्तं चतुर्थ्याञ्च विशेषेनाथ नित्यशः ।।*
*श्वेतार्कमूलेन कृतं सर्व्वाप्तिः स्यात्तिलैर्घृतैः ।*
*तण्डुलैर्दधिमध्वाज्यैः सौभाग्यं वश्यता भवेत् ।।*
🙏🏻 *गणेशजी की नित्य पूजा करें, किंतु चतुर्थी को विशेष रूप से पूजा का आयोजन करें। सफ़ेद आक की जड़ से उनकी प्रतिमा बनाकर पूजा करें। उनके लिए तिल की आहुति देने पर सम्पूर्ण मनोरथों की प्राप्ति होती है। यदि दही, मधु और घी से मिले हुए चावल से आहुति दी जाय तो सौभाग्य की सिद्धि एवंय शिवत्व की प्राप्ति होती है।*
🔻
🙏🏻 *गणेश जी को मोदक (लड्डू), दूर्वा घास तथा लाल रंग के पुष्प अति प्रिय हैं । गणेशजी अथर्वशीर्ष में कहा गया है "यो दूर्वांकुरैंर्यजति स वैश्रवणोपमो भवति" अर्थात जो दूर्वांकुर के द्वारा भगवान गणपति का पूजन करता है वह कुबेर के समान हो जाता है। "यो मोदकसहस्रेण यजति स वाञ्छित फलमवाप्रोति" अर्थात जो सहस्र (हजार) लड्डुओं (मोदकों) द्वारा पूजन करता है, वह वांछित फल को प्राप्त करता है।*
🙏🏻 *गणेश चतुर्थी पर गणेशजी को 21 लड्डू, 21 दूर्वा तथा 21 लाल पुष्प (अगर संभव हो तो गुड़हल) अर्पित करें।*
🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷
*भक्तियोग,श्रीकृष्णभावनाभावित व्यक्ति पहले ही समस्त योगियों में श्रेष्ठ होता है, हरक्षण में कृष्ण हर कण में कृष्ण*

*🌷हरीबोल हरीबोल,हरीबोल हरीबोल🌷*

*🌷भज, निताई गौर राधेश्याम🌷*
*🌷जपो हरे कृष्ण हरे राम🌷*

*हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे ।*
*हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥*

🌷 ~ *जय श्री कृष्ण पंचांग* ~ 🌷🌤️  *दिनांक - 30 अगस्त 2022*🌤️ *दिन - मंगलवार*🌤️ *विक्रम संवत - 2079 (गुजरात-2078)*🌤️ *शक ...
30/08/2022

🌷 ~ *जय श्री कृष्ण पंचांग* ~ 🌷
🌤️ *दिनांक - 30 अगस्त 2022*
🌤️ *दिन - मंगलवार*
🌤️ *विक्रम संवत - 2079 (गुजरात-2078)*
🌤️ *शक संवत -1944*
🌤️ *अयन - दक्षिणायन*
🌤️ *ऋतु - शरद ॠतु*
🌤️ *मास - भाद्रपद*
🌤️ *पक्ष - शुक्ल*
🌤️ *तिथि - तृतीया शाम 03:33 तक तत्पश्चात चतुर्थी*
🌤️ *नक्षत्र - हस्त रात्रि 11:50 तक तत्पश्चात चित्रा*
🌤️ *योग - शुभ रात्रि 12:05 तक तत्पश्चात शुक्ल*
🌤️ *राहुकाल - शाम 03:48 से शाम 05:22 तक*
🌞 *सूर्योदय - 06:22*
🌦️ *सूर्यास्त - 18:55*
👉 *दिशाशूल - उत्तर दिशा में*
🚩 *व्रत पर्व विवरण - हरितालिका-केवड़ा तीज, मंगलवारी चतुर्थी (शाम 03:34 से 31 अगस्त सूर्योदय तक)*
🔻
*🌷विशेष,विशेष,विशेष🌷*
🔻👇
*🌷सदैव याद रखें कुछ हो या ना हो किन्तु पूर्ण समर्पण एवं भक्ति, यथा शक्ति, भाव-विभोर होकर पूजा-पाठ करें*🔻
🔥 *विशेष - तृतीया को पर्वल खाना शत्रुओं की वृद्धि करने वाला है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
🔻
🌷 *गणेश चतुर्थी* 🌷
🙏🏻 *31 अगस्त, बुधवार को भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि है। धर्म ग्रंथों के अनुसार, इसी दिन भगवान श्रीगणेश का प्राकट्य माना जाता है। इस दिन भगवान श्रीगणेश को प्रसन्न करने के लिए व्रत व पूजन किया जाता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, इस दिन कुछ विशेष उपाय किए जाएं तो भगवान श्रीगणेश अपने भक्तों पर प्रसन्न होकर उनकी हर मनोकामना पूरी करते हैं। अगर आप भी इस विशेष अवसर का लाभ उठाना चाहते हैं तो ये उपाय विधि-विधान पूर्वक करें-*
➡ *जो चाहिए वो मिलेगा गणेशजी के इन उपायों में से , कोई भी 1 करें*
🙏🏻 *1. शास्त्रों में भगवान श्रीगणेश का अभिषेक करने का विधान बताया गया है। गणेश चतुर्थी पर भगवान श्रीगणेश का अभिषेक करने से विशेष लाभ होता है। इस दिन आप शुद्ध पानी से श्रीगणेश का अभिषेक करें। साथ में गणपति अथर्व शीर्ष का पाठ भी करें। बाद में मावे के लड्डुओं का भोग लगाकर भक्तों में बांट दें।*
🙏🏻 *2. ज्योति शास्त्र के अनुसार, गणेश यंत्र बहुत ही चमत्कारी यंत्र है। गणेश चतुर्थी पर घर में इसकी स्थापना करें। इस यंत्र की स्थापना व पूजन से बहुत लाभ होता है। इस यंत्र के घर में रहने से किसी भी प्रकार की बुरी शक्ति घर में प्रवेश नहीं करती।*
🙏🏻 *3. अगर आपके जीवन में बहुत परेशानियां हैं, तो आप गणेश चतुर्थी को हाथी को हरा चारा खिलाएं और गणेश मंदिर जाकर अपनी परेशानियों का निदान करने के लिए प्रार्थना करें। इससे आपके जीवन की परेशानियां कुछ ही दिनों में दूर हो सकती हैं।*
🙏🏻 *4. अगर आपको धन की इच्छा है, तो इसके लिए आप गणेश चतुर्थी को सुबह स्नान आदि करने के बाद भगवान श्रीगणेश को शुद्ध घी और गुड़ का भोग लगाएं। थोड़ी देर बाद घी व गुड़ गाय को खिला दें। ये उपाय करने से धन संबंधी समस्या का निदान हो सकता है।*
🙏🏻 *5. गणेश चतुर्थी पर सुबह स्नान आदि करने के बाद समीप स्थित किसी गणेश मंदिर जाएं और भगवान श्रीगणेश को 21 गुड़ की गोलियां बनाकर दूर्वा के साथ चढ़ाएं। इस उपाय से भगवान आपकी हर मनोकामना पूरी कर सकते हैं ।*
🙏🏻 *6. गणेश चतुर्थी पर पीले रंग की गणेश प्रतिमा अपने घर में स्थापित कर पूजा करें। पूजन में श्रीगणेश को हल्दी की पांच गठान श्री गणाधिपतये नम: मंत्र का उच्चारण करते हुए चढ़ाएं। इसके बाद 108 दूर्वा पर गीली हल्दी लगाकर श्री गजवकत्रम नमो नम: का जप करके चढ़ाएं। यह उपाय लगातार 10 दिन तक करने से प्रमोशन होने की संभावनाएं बढ़ सकती हैं।*
🙏🏻 *7. गणेश चतुर्थी पर किसी गणेश मंदिर में जाएं और दर्शन करने के बाद अपनी इच्छा के अनुसार गरीबों को दान करें। कपड़े, भोजन, फल, अनाज आदि दान कर सकते हैं। दान के बाद दक्षिणा यानी कुछ रुपए भी दें। दान से पुण्य की प्राप्ति होती है और भगवान श्रीगणेश भी अपने भक्तों पर प्रसन्न होते हैं।*
🙏🏻 *8. यदि बेटी का विवाह नहीं हो पा रहा है, तो गणेश चतुर्थी पर विवाह की कामना से भगवान श्रीगणेश को मालपुए का भोग लगाएं व व्रत रखें। शीघ्र ही उसके विवाह के योग बन सकते हैं।*
🙏🏻 *9. गणेश चतुर्थी को दूर्वा (एक प्रकार की घास) के गणेश बनाकर उनकी पूजा करें। मोदक, गुड़, फल, मावा-मिष्ठान आदि अर्पण करें। ऐसा करने से भगवान गणेश सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं।*
🙏🏻 *10. यदि लड़के के विवाह में परेशानियां आ रही हैं, तो वह गणेश चतुर्थी पर भगवान श्रीगणेश को पीले रंग की मिठाई का भोग लगाएं। इससे उसके विवाह के योग बन सकते हैं।*
🙏🏻 *11. गणेश चतुर्थी पर व्रत रखें। शाम के समय घर में ही गणपति अर्थवशीर्ष का पाठ करें। इसके बाद भगवान श्रीगणेश को तिल से बने लड्डुओं का भोग लगाएं। इसी प्रसाद से अपना व्रत खोलें और भगवान श्रीगणेश से मनोकामना पूर्ति के लिए प्रार्थना करें।
🔻
🌷 *गणेश उत्सव* 🌷
🙏🏻 *31 अगस्त 2022 बुधवार से गणेश उत्सव शुरू हो रहा है जो की ये 10 दिन भगवान गणेश को प्रसन्न करने और उनकी कृपा पाने के लिए बहुत ही खास माने जाते हैं। वास्तुशास्त्र में भी कुछ वस्तुओं का खास संबंध भगवान गणेश से माना जाता है। यदि आज इन 5 में से एक भी वस्तु घर लाई जाए तो भगवान गणेश के साथ-साथ देवी लक्ष्मी भी प्रसन्न होती है और घर-परिवार पर उनकी कृपा हमेशा बनी रहती है।*
1⃣ *गणेश की नृत्य करती प्रतिमा*
*धन संबंधी परेशानियां दूर करने के लिए नृत्य करती गणेश प्रतिमा घर में रखना शुभ माना जाता है। प्रतिमा को इस तरह रखें कि घर के मेन गेट पर भगवान गणेश की दृष्टि रहे।*
2⃣ *बांसुरी*
*बांसुरी घर में रखने से घर में लक्ष्मी का वास बना रहता है।इससे घर के वास्तु दोष दूर होते हैं और धन पाने के योग बनने लगते हैं।*
3⃣ *एकाक्षी नारियल*
*जिस घर में एकाक्षी नारियल रखा जाता है और इसकी नियमित पूजा होती है, वहां नेगेटिविटी नहीं ठहरती है, न ही कभी धन-धान्य की कमी होती है।*
4⃣ *घर के मंदिर में शंख*
*शंख में वास्तु दोष दूर करने की अद्भुत शक्ति होती है। जिस घर के पूजा स्थल में शंख की स्थापना भी की जाती है, वहां देवी लक्ष्मी स्वयं निवास करती हैं।*
5⃣ *कुबेर की मूर्ति*
*भगवान कुबेर उत्तर दिशा के स्वामी माने जाते हैं, इसलिए उत्तर दिशा में इनकी मूर्ति रखने से घर में कभी पैसों की कमी नहीं होती।*
🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷
*भक्तियोग,श्रीकृष्णभावनाभावित व्यक्ति पहले ही समस्त योगियों में श्रेष्ठ होता है, हरक्षण में कृष्ण हर कण में कृष्ण*

*🌷हरीबोल हरीबोल,हरीबोल हरीबोल🌷*

*🌷भज, निताई गौर राधेश्याम🌷*
*🌷जपो हरे कृष्ण हरे राम🌷*

*हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे ।*
*हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥*

🌷 ~ *जय श्री कृष्ण पंचांग* ~ 🌷🌤️  *दिनांक - 29 अगस्त 2022*🌤️ *दिन - सोमवार*🌤️ *विक्रम संवत - 2079 (गुजरात-2078)*🌤️ *शक स...
30/08/2022

🌷 ~ *जय श्री कृष्ण पंचांग* ~ 🌷
🌤️ *दिनांक - 29 अगस्त 2022*
🌤️ *दिन - सोमवार*
🌤️ *विक्रम संवत - 2079 (गुजरात-2078)*
🌤️ *शक संवत -1944*
🌤️ *अयन - दक्षिणायन*
🌤️ *ऋतु - शरद ॠतु*
🌤️ *मास - भाद्रपद*
🌤️ *पक्ष - शुक्ल*
🌤️ *तिथि - द्वितीया शाम 03:20 तक तत्पश्चात तृतीया*
🌤️ *नक्षत्र - उत्तराफाल्गुनी रात्रि 1104 तक तत्पश्चात हस्त*
🌤️ *योग - साध्य 30 अगस्त रात्रि 01:04 तक तत्पश्चात शुभ*
🌤️ *राहुकाल - शाम 07:56 से रात्रि 09:30 तक*
🌞 *सूर्योदय - 06:22*
🌦️ *सूर्यास्त - 18:56*
👉 *दिशाशूल - पूर्व दिशा में*
🚩 *व्रत पर्व विवरण -
🔥 *विशेष - द्वितीया को बृहती (छोटा बैगन या कटेहरी) खाना निषिद्ध है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
🔻
*🌷विशेष,विशेष,विशेष🌷*
🔻👇
*🌷सदैव याद रखें कुछ हो या ना हो किन्तु पूर्ण समर्पण एवं भक्ति, यथा शक्ति, भाव-विभोर होकर पूजा-पाठ करें*🔻
🔻
🌷 *मंगलवार चतुर्थी* 🌷
👉 *भारतीय समय के अनुसार 30 अगस्त 2022 (शाम 03:34 से 31 अगस्त सूर्योदय तक) चतुर्थी है, इस महा योग पर अगर मंगल ग्रह देव के 21 नामों से सुमिरन करें और धरती पर अर्घ्य देकर प्रार्थना करें,शुभ संकल्प करें तो आप सकल ऋण से मुक्त हो सकते हैं..*
*👉🏻मंगल देव के 21 नाम इस प्रकार हैं :-*
🌷 *1) ॐ मंगलाय नमः*
🌷 *2) ॐ भूमि पुत्राय नमः*
🌷 *3 ) ॐ ऋण हर्त्रे नमः*
🌷 *4) ॐ धन प्रदाय नमः*
🌷 *5 ) ॐ स्थिर आसनाय नमः*
🌷 *6) ॐ महा कायाय नमः*
🌷 *7) ॐ सर्व कामार्थ साधकाय नमः*
🌷 *8) ॐ लोहिताय नमः*
🌷 *9) ॐ लोहिताक्षाय नमः*
🌷 *10) ॐ साम गानाम कृपा करे नमः*
🌷 *11) ॐ धरात्मजाय नमः*
🌷 *12) ॐ भुजाय नमः*
🌷 *13) ॐ भौमाय नमः*
🌷 *14) ॐ भुमिजाय नमः*
🌷 *15) ॐ भूमि नन्दनाय नमः*
🌷 *16) ॐ अंगारकाय नमः*
🌷 *17) ॐ यमाय नमः*
🌷 *18) ॐ सर्व रोग प्रहाराकाय नमः*
🌷 *19) ॐ वृष्टि कर्ते नमः*
🌷 *20) ॐ वृष्टि हराते नमः*
🌷 *21) ॐ सर्व कामा फल प्रदाय नमः*
🙏 *ये 21 मन्त्र से भगवान मंगल देव को नमन करें ..फिर धरती पर अर्घ्य देना चाहिए..अर्घ्य देते समय ये मन्त्र बोले :-*
🌷 *भूमि पुत्रो महा तेजा*
🌷 *कुमारो रक्त वस्त्रका*
🌷 *ग्रहणअर्घ्यं मया दत्तम*
🌷 *ऋणम शांतिम प्रयाक्ष्मे*
🙏 *हे भूमि पुत्र!..महा क्यातेजस्वी,रक्त वस्त्र धारण करने वाले देव मेरा अर्घ्य स्वीकार करो और मुझे ऋण से शांति प्राप्त कराओ..*
🔻
🌷 *हरितालिका तीज* 🌷
🙏🏻 *भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को हरितालिका तीज का व्रत किया जाता है। इस बार ये व्रत 30 अगस्त, मंगलवार को है। विधि-विधान से हरितालिका तीज का व्रत करने से कुंवारी कन्याओं को मनचाहे वर की प्राप्ति होती है, वहीं विवाहित महिलाओं को अखंड सौभाग्य मिलता है। इस व्रत की विधि इस प्रकार है-*
🌷 *विधि*
*इस दिन महिलाएं निर्जल (बिना कुछ खाए-पिए) रहकर व्रत करती हैं। इस व्रत में बालूरेत से भगवान शंकर व माता पार्वती का मूर्ति बनाकर पूजन किया जाता है। घर को साफ-स्वच्छ कर तोरण-मंडप आदि से सजाएं। एक पवित्र चौकी पर शुद्ध मिट्टी में गंगाजल मिलाकर शिवलिंग, रिद्धि-सिद्धि सहित गणेश, पार्वती एवं उनकी सखी की आकृति (प्रतिमा) बनाएं।*
🙏🏻 *प्रतिमाएं बनाते समय भगवान का स्मरण करें। देवताओं का आह्वान कर षोडशोपचार पूजन करें। व्रत का पूजन रात भर चलता है। महिलाएं जागरण करती हैं और कथा-पूजन के साथ कीर्तन करती हैं। प्रत्येक प्रहर में भगवान शिव को सभी प्रकार की वनस्पतियां जैसे बिल्व-पत्र, आम के पत्ते, चंपक के पत्ते एवं केवड़ा अर्पण किया जाता है। आरती और स्तोत्र द्वारा आराधना की जाती है।*
🌷 *भगवती-उमा की पूजा के लिए ये मंत्र बोलें-*
*ऊं उमायै नम:, ऊं पार्वत्यै नम:, ऊं जगद्धात्र्यै नम:, ऊं जगत्प्रतिष्ठयै नम:, ऊं शांतिरूपिण्यै नम:, ऊं शिवायै नम:*
🌷 *भगवान शिव की आराधना इन मंत्रों से करें-*
*ऊं हराय नम:, ऊं महेश्वराय नम:, ऊं शम्भवे नम:, ऊं शूलपाणये नम:, ऊं पिनाकवृषे नम:, ऊं शिवाय नम:, ऊं पशुपतये नम:, ऊं महादेवाय नम:*
🙏🏻 *पूजा दूसरे दिन सुबह समाप्त होती है, तब महिलाएं अपना व्रत तोड़ती हैं और अन्न ग्रहण करती हैं।*
🔻

🌷 *ससुराल में कोई तकलीफ* 🌷

👩🏻 *किसी सुहागन बहन को ससुराल में कोई तकलीफ हो तो शुक्ल पक्ष की तृतीया को उपवास रखें …उपवास माने एक बार बिना नमक का भोजन कर के उपवास रखें ..भोजन में दाल चावल सब्जी रोटी नहीं खाएं , दूध रोटी खा लें ..शुक्ल पक्ष की तृतीया को..अमावस्या से पूनम तक की शुक्ल पक्ष में जो तृतीया आती है उसको ऐसा उपवास रखें …नमक बिना का भोजन(दूध रोटी) , एक बार खाएं बस……अगर किसी बहन से वो भी नहीं हो सकता पूरे साल का तो केवल*
➡ *माघ महीने की शुक्ल पक्ष की तृतीया,*
➡ *वैशाख शुक्ल तृतीया और भाद्रपद मास की शुक्ल तृतीया जरुर ऐसे ३ तृतीया का उपवास जरुर करें …नमक बिना करें ….जरुर लाभ होगा…*
💥 *विशेष - 30 अगस्त 2022 मंगलवार को भाद्रपद मास की शुक्ल तृतीया है ।*
🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷
*भक्तियोग,श्रीकृष्णभावनाभावित व्यक्ति पहले ही समस्त योगियों में श्रेष्ठ होता है, हरक्षण में कृष्ण हर कण में कृष्ण*

*🌷हरीबोल हरीबोल,हरीबोल हरीबोल🌷*

*🌷भज, निताई गौर राधेश्याम🌷*
*🌷जपो हरे कृष्ण हरे राम🌷*

*हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे ।*
*हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥*

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