Dr.SauravAnand

Dr.SauravAnand हमारे यहां जटिल और अशाध्य रोगों का सफल उपचार किया जाता है ।

04/18/2025
Food digestion time 🕰️
03/17/2025

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👇👇👇👇 नाडी परीक्षण के बारे में चरक संहिता, सुश्रुत संहिता, शारंगधर संहिता, भावप्रकाश, योगरत्नाकर आदि ग्रंथों में वर्णन है...
02/11/2025

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नाडी परीक्षण के बारे में चरक संहिता, सुश्रुत संहिता, शारंगधर संहिता, भावप्रकाश, योगरत्नाकर आदि ग्रंथों में वर्णन है। महर्षि सुश्रुत अपनी योगिक शक्ति से समस्त शरीर की सभी नाड़ियाँ देख सकते थे ऐलोपेथी में तो पल्स सिर्फ दिल की धड़कन का पता लगाती है;
पर ये इससे कहीं अधिक बताती है आयुर्वेद में पारंगत वैद्य नाडी परीक्षा से रोगों का पता लगाते है इससे ये पता चलता है की कौन सा दोष शरीर में दूषित है ये बिना किसी महँगी और तकलीफदायक डायग्नोस्टिक तकनीक के बिलकुल सही निदान करती है। जैसे कि शरीर में कहाँ कितने साइज़ का ट्यूमर है,
किडनी खराब है या ऐसा ही कोई भी जटिल से जटिल रोग का पता चल जाता है। दक्ष वैद्य हफ्ते भर पहले क्या खाया था ये भी बता देतें है। भविष्य में क्या रोग होने की संभावना है ये भी पता चलता है।
1. महिलाओं का बांया और पुरुषों का दाँया हाथ देखा जाता है।
2. कलाई के अन्दर अंगूठे के नीचे जहां पल्स महसूस होती है तीन उंगलियाँ रखी जाती है।
3. अंगूठे के पास की ऊँगली में वात, मध्य वाली ऊँगली में पित्त और अंगूठे से तीसरी ऊँगली में कफ महसूस किया जा सकता है।
4. वात की पल्स अनियमित और मध्यम तेज चलती है ।
5. पित्त की बहुत तेज पल्स महसूस होगी।
6. कफ की बहुत कम और धीमी पल्स महसूस होगी।
7. तीनो उंगलियाँ एक साथ रखने से हमें ये पता चलेगा कि कौन सा दोष अधिक है।
8. प्रारम्भिक अवस्था में ही उस दोष को कम कर देने से रोग होता ही नहीं।
9. हर एक दोष की भी 8 प्रकार की पल्स होती है; जिससे रोग का पता चलता है, इसके लिए अभ्यास की ज़रुरत होती है।
10. कभी कभी 2 या 3 दोष एक साथ हो सकते है।
11. नाडी परीक्षा अधिकतर सुबह उठकर आधे एक घंटे बाद करते है जिससे हमें अपनी प्रकृति के बारे में पता चलता है। ये भूख प्यास, नींद, धुप में घुमने, रात्री में टहलने से, मानसिक स्थिति से, भोजन से, दिन के अलग अलग समय और मौसम से बदलती है।
12. चिकित्सक को थोड़ा आध्यात्मिक और योगी होने से मदद मिलती है। सही निदान करने वाले नाडी पकड़ते ही तीन सेकण्ड में दोष का पता लगा लेते है। वैसे 30 सेकण्ड तक देखना चाहिए।
13. मृत्यु नाडी से कुशल वैद्य भावी मृत्यु के बारे में भी बता सकते है।
14. आप किस प्रकृति के है? वात प्रधान, पित्त प्रधान या कफ प्रधान या फिर मिश्रित । यह भी नाड़ी विज्ञान द्वारा जाना जा सकता है।

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01/25/2025

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वैसे तो चर्म रोग कभी भी किसी भी मौसम में हो सकते हैं परन्तु ज्यादातर समस्याएं गर्मी और उमस् के वातावरण में पैदा होती हैं...
01/14/2025

वैसे तो चर्म रोग कभी भी किसी भी मौसम में हो सकते हैं परन्तु ज्यादातर समस्याएं गर्मी और उमस् के वातावरण में पैदा होती हैं।

नया पुराना किसी भी प्रकार का चमड़ी का रोग जैसे:- दाद-खाज, छल्ला-दाद, लाल दाद, फंगस-रोग, रिंगवर्म, स्किन-फंगल-इंफैक्शन, स्किन-एलर्जी, सूखी-एलर्जी, फुन्सी-दाने निकलना, सफेद-भभूत, एक्जिमा, जेरोसिस, बिवाईयां फटना,

प्राइवेट पार्ट्स के आस-पास फंगल संक्रमण का फैलना, लाल चकत्ते निकलना, जांघो और कूल्हों का जिद्दी दाद, फोड़े-फुंसी, लाल व काले दाने होना, रागों में कटाव, स्किन का छिल जाना, जोर्क इचिंग एंड रैशेज्, बालानिटिस्, रिंगवर्म, स्किन फंगल इंफैक्शन, स्किन एलर्जी, नया पुराना कैसा भी गंभीर से गंभीर दाद-खाज, फंगस रोग, एक्जिमा जैसे बार-बार होने वाले स्किन प्रौब्लम्स् से हमेशा के लिए छुटकारा पाएं।।

इसके परिणाम की100% गेरंटी दी जाती हे।
बार बार होने वाली इस समस्या के लिए यह परमानेंट इलाज हे।
इसके कोई साइड-इफेक्ट नहीं हे।
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आज हमारे परम् पूज्य गुरुदेव डॉ काउंट सीजर मैटी जी के 216वा जन्म दिवस पर आप सभी चिकित्सक गण जो हमेशा मेरे दिल के करीब और ...
01/11/2025

आज हमारे परम् पूज्य गुरुदेव डॉ काउंट सीजर मैटी जी के 216वा जन्म दिवस पर आप सभी चिकित्सक गण जो हमेशा मेरे दिल के करीब और हमारे परिवार के हिस्सा है , आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं देता हूं, आशा है कि हम सभी डॉ. काउंट सीजर मैटी परिवार के हिस्सा होने के नाते आज फिर से अपने शपथ को दोहराएं :-
*_हम जन कल्याण के मार्ग का अनुसरण करेंगे और शारीरिक मानसिक पीड़ित मानवता को स्वस्त एवम संबृद्ध जीवन देने के लिए इस अद्भुत विज्ञान की उपयोग में अपने जीवन के प्रति पल- पल को निष्ठा के साथ निछावर करने में सफल प्रयास पर प्रतिबंध रहेंगे।_*
*_जय मैटी परिवार आप सभी का दिन मंगलमय हो इस शुभकामना के साथ_*

*_डॉक्टर सौराव आनंद_*
मो-9570577153,7257997878

चिकनगुनिया एक वायरल बीमारी है जो संक्रमित मच्छरों के काटने से फैलती है. इसके लक्षण ये हो सकते हैं:बुखारजोड़ों में दर्दसि...
01/07/2025

चिकनगुनिया एक वायरल बीमारी है जो संक्रमित मच्छरों के काटने से फैलती है. इसके लक्षण ये हो सकते हैं:
बुखार
जोड़ों में दर्द
सिरदर्द
मांसपेशियों में दर्द
त्वचा पर लाल चकत्ते
नेत्रश्लेष्मलाशोथ
ग्रीवा लिम्फ नोड्स की सूजन
मसूड़ों से खून आना
नाक से खून आना
थकान
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यह छवि सर्कैडियन लय को विस्तार से दर्शाती है, जिसमें हाइपोथैलेमस, पीनियल ग्रंथि और मेलाटोनिन के उत्पादन से जुड़े तंत्रिक...
10/07/2024

यह छवि सर्कैडियन लय को विस्तार से दर्शाती है, जिसमें हाइपोथैलेमस, पीनियल ग्रंथि और मेलाटोनिन के उत्पादन से जुड़े तंत्रिका मार्ग के माध्यम से इस जैविक चक्र के नियमन में प्रकाश की भूमिका पर विशेष ध्यान दिया गया है।

विस्तृत विवरण:

1. प्रकाश और रिसीवर:

प्रकाश आंख में प्रवेश करता है और विशिष्ट फोटोरिसेप्टर्स द्वारा पता लगाया जाता है जिसमें मेलेनॉपसिन होता है (480-500 एनएम पर नीली रोशनी के प्रति संवेदनशील) होता है। ये रिसेप्टर्स हाइपोथैलेमस में स्थित सुपरचिअस्मेटिक न्यूक्लियस (एससीएन) को ऑप्टिक तंत्रिका को नीचे सिग्नल भेजते हैं, जो जैविक पेसमेकर के रूप में कार्य करता है।

2. सुपरचिअस्मेटिक न्यूक्लियस (एससीएन):

एससीएन मुख्य केंद्र है जो सर्कैडियन लय को नियंत्रित करता है, जैविक घड़ी को दिन / रात के वैकल्पिक के साथ सिंक्रनाइज़ करता है। एक बार प्रकाश द्वारा सक्रिय होने के बाद, यह पैरावेंट्रिकुलर नाभिक (पीवीएन) को संकेत भेजता है।

3. पैरावेंट्रिकुलर नाभिक (वीएन):

पीवीएन सहानुभूति प्रीगैंग्लियर न्यूरॉन्स के माध्यम से ऊपरी ग्रीवा ग्रंथियों में तंत्रिका संकेतों को प्रसारित करता है, इस प्रकार पीनियल ग्रंथि की गतिविधि को संशोधित करता है।

4. पाइनियल ग्रंथि और मेलाटोनिन:

पीनियल ग्रंथि, बदले में, मेलाटोनिन के स्राव को नियंत्रित करती है, जो नींद को प्रेरित करने और नींद-जागने की लय को विनियमित करने के लिए एक मौलिक हार्मोन है। मेलाटोनिन मुख्य रूप से रात के समय रक्त में छोड़ा जाता है।

5. प्रकाश के प्रभाव:

480-500 एनएम (नीली लाइट) के प्रकाश के संपर्क से मेलाटोनिन के उत्पादन को रोकता है, नींद में देरी और सर्कैडियन लय को प्रभावित करता है।

6. सर्कैडियन रिदम डिसफ़ंक्शन:

चित्र सर्कैडियन लय में परिवर्तन के संभावित कारणों पर प्रकाश डालती है:

- रात में नीली रोशनी का खुलासा: सोने से पहले इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का अत्यधिक उपयोग मेलाटोनिन के स्राव में देरी कर सकता है और नींद में हस्तक्षेप कर सकता है।

- सुबह की रोशनी के जोखिम का अभाव: सर्कैडियन चक्र को सही ढंग से विनियमित करने के लिए सुबह की रोशनी आवश्यक है।

- जेट लैग: समय क्षेत्र में तेजी से परिवर्तन बाहरी प्रकाश / अंधेरे चक्र और आंतरिक सर्कैडियन लय के बीच सिंक्रनाइज़ेशन को बदल देता है, जिससे हार्मोन रिलीज और नींद के नियमन में असंतुलन होता है।

- रात्रि कार्य बदलाव: रात के काम के दौरान प्रकाश के संपर्क में सर्कैडियन लय को नियंत्रित करने के लिए जिम्मेदार जीन को परेशान करता है।

- गलत समय पर प्रकाश का सामना करना: यह जैविक घड़ी को चरणबद्ध कर सकता है, उनींदापन पैदा कर सकता है या असामान्य घंटों में जाग सकता है।

क्लिनिकल प्रतिबिम्ब:

1. नींद विकार:

सर्कैडियन लय में परिवर्तन नींद के विकार का कारण बन सकता है जैसे अनिद्रा, नींद में कठिनाई या रात की जागृति। ये मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं, जिसमें स्मृति समस्याएं, संज्ञानात्मक कठिनाइयों और पुरानी बीमारी का जोखिम बढ़ जाता है।

2. चयापचय स्वास्थ्य पर प्रभाव:

सर्कैडियन लय असामान्यताओं को मेटाबोलिक डिसऑर्डर से जोड़ा गया है, जैसे मोटापा, मधुमेह और हृदय रोग। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि सर्कैडियन लय भी इंसुलिन और अन्य चयापचय हार्मोन के स्राव को प्रभावित करती है।

3. मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव:

सर्कैडियन लय में परिवर्तन अवसाद और चिंता विकार जैसी स्थितियों से निकटता से जुड़े हुए हैं, क्योंकि हार्मोन नियमन, विशेष रूप से मेलाटोनिन और कोर्टिसोल, मूड संतुलन बनाए रखने के लिए आवश्यक है।

4. रोकथाम:

दिन के दौरान प्राकृतिक प्रकाश के जोखिम में वृद्धि और सोने से पहले इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के उपयोग को कम करना एक स्वस्थ सर्कैडियन लय को बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण रणनीतियाँ हैं।

रात की पाली या जेट लैग से पीड़ित रोगियों में, मेलाटोनिन की खुराक का उपयोग एक उचित नींद-जागने चक्र को बहाल करने में मदद कर सकता है, लेकिन केवल चिकित्सा पर्यवेक्षण के तहत विचार किया जाना चाहिए।

अंत में, सर्कैडियन लय कई शारीरिक प्रक्रियाओं को विनियमित करने में एक आवश्यक भूमिका निभाती है, और इस प्रणाली में खराबी का समग्र स्वास्थ्य पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ सकता है, उचित प्रकाश जोखिम और स्वस्थ नींद की आदतों के महत्व पर जोर देते हुए।

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10/05/2024

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