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यह सभीआर्टिकल सामान्य जानकारी के आधार पर लिखे गए है। किसी भी चीज के सेवन या कोई भी घरेलू उपाय अपनाने से पहले अपने डॉक्टर्स या फील्ड से संबंधित एक्सपर्ट्स की सलाह जरूर ले लें।
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एडमिन
अशोक कुमार जैन

SBL Five Phos - दिमाग़ और शरीर दोनों को दे नई ऊर्जा!अगर आप बार-बार थकान, कमजोरी, नींद की कमी या मानसिक तनाव महसूस करते ह...
22/11/2025

SBL Five Phos - दिमाग़ और शरीर दोनों को दे नई ऊर्जा!

अगर आप बार-बार थकान, कमजोरी, नींद की कमी या मानसिक तनाव महसूस करते हैं — तो SBL Five Phos आपके शरीर और मन, दोनों के लिए एक “प्राकृतिक टॉनिक” है।
यह उन लोगों के लिए वरदान है जो दिनभर काम करते हैं लेकिन शरीर और दिमाग़ जल्दी थक जाते हैं।

क्या है SBL Five Phos?
यह एक होम्योपैथिक कॉम्बिनेशन टॉनिक है जिसमें पाँच फॉस्फेट्स (Phosphates) का मिश्रण होता है —
Calcarea Phos, Ferrum Phos, Kali Phos, Magnesia Phos, Natrum Phos.
ये पाँचों मिलकर शरीर की कोशिकाओं (cells) को ताकत देते हैं और मानसिक थकान दूर करते हैं।

मुख्य लाभ (Benefits of SBL Five Phos)

1. शारीरिक और मानसिक कमजोरी दूर करे
लगातार थकान, कमजोरी और नींद की कमी को दूर कर शरीर को एनर्जी से भर देता है।

2. दिमाग़ को तेज़ बनाए —
याददाश्त बढ़ाता है, तनाव और चिंता को कम करता है, और एकाग्रता बढ़ाता है।

3. पोषण की कमी पूरी करे —
शरीर को आवश्यक खनिज (minerals) देता है, जिससे मांसपेशियाँ और हड्डियाँ मज़बूत बनती हैं।

4. बीमारी के बाद रिकवरी में मददगार —
लंबे इलाज या बीमारी के बाद शरीर की ताकत वापस लाने के लिए यह श्रेष्ठ टॉनिक है।

5. नींद और मूड बेहतर करे —
यह दिमाग को शांत कर अच्छी नींद लाने और मूड सुधारने में मदद करता है।

सेवन विधि (Use & Dosage)
बड़ों के लिए: 1 चम्मच (5 ml) दिन में 2–3 बार भोजन के बाद।
👉 बच्चों के लिए: ½ चम्मच दिन में दो बार।
👉 गोली के रूप में – 4 से 6 गोली दिन में 2 बार पानी के साथ लें।

⚠️ सावधानियाँ (Precautions)

ठंडी चीज़ों से बचें।

अत्यधिक थकान या तनाव की स्थिति में डॉक्टर की सलाह लें।

टॉनिक को बच्चों की पहुंच से दूर रखें।

निष्कर्ष (Conclusion)
SBL Five Phos सिर्फ एक टॉनिक नहीं — यह आपके शरीर, मन और नर्वस सिस्टम का प्राकृतिक एनर्जी बूस्टर है।
यह रोज़ाना की थकान, चिंता और कमजोरी से बचाकर आपको फिर से ऊर्जावान महसूस कराता है।

Dadima ke Gharelu Nuskhe - घरेलू नुस्खे

चैते चना , बैशाखे बेल ;जेठे शयन , आसाढे खेल ।सावन हरे , भादौ तीत ;क्वार में करो , गुङ से प्रीत ।कार्तिक मूली , अगहन तेल ...
22/11/2025

चैते चना , बैशाखे बेल ;

जेठे शयन , आसाढे खेल ।

सावन हरे , भादौ तीत ;

क्वार में करो , गुङ से प्रीत ।

कार्तिक मूली , अगहन तेल ;

पूष में करो , दुध से मेल ।

माघ मास घी खिचङी खाय ;

फागुन उठकर नित्य नहाय।

यह बारह जो सेवन करे ;

रोग दोष दुख तन कर हरे ।।

चैत्र के महीने में चने का सेवन जरूर करना चाहिए। नया चना प्रकृति नव परिवर्तन के साथ पथ्य बन जाता है । जो फाल्गुन में अपनी नमी के चलते वात प्रधान था। वह चैत्र में औषध जैसा बन जाता है।

वैशाख के महीने में बेल फल का सेवन जरूर करना चाहिए। पूरे वैशाख मास के अंदर फलों में हमेशा बेल फल को भोजन का हिस्सा जरूर बनायें ।

ज्येष्ठ के महीने में जब दिन में बाहर भयंकर गर्मी पड़ती है तो दिन के समय शयन कर, जरूर आराम करना चाहिए। वैसे आयुर्वेद में दिन में सोना वर्जित होता है, लेकिन सिर्फ ज्येष्ठ के महीने में ही सोने को अनुकूल माना गया है।

आषाढ़ के महीने में खेल यानि विभिन्न प्रकार के खेल , योग , कसरत , एक्सरसाइज करनी चाहिए। आषाढ के महीने का मौसम अनुकूल होता है और शरीर को भी आने वाले मौसम के लिए तैयार रखना जरूरी हैं।

सावन के महीने में छोटी हरङ का एक डंठल हर रोज एक दिन में एक बार मुंह में सुपारी की भांति रखकर के जरूर खाना चाहिए। हरङ त्रिफलों में एक महत्वपूर्ण औषधि है।

भाद्रपद महीने में तीत यानी किरायचा जरूर खाएं। किरायचा छोटे छोटे कवक जीवाणु आदि को शरीर से बाहर निकालता हैं, जो नुकसानदायक होते हैं।

आसोज के महीने में गुड़ जरूर खाना चाहिए । रात को सोते समय एक गुड़ की छोटी सी डली खाकर के कुल्ला करके सो जाएं। पूरा शरीर डिटॉक्स हो जाएगा।

कार्तिक के महीने में मूली जरूर खाएं । कार्तिक मास की सुबह में अगर आपने मूली खाई तो वह औषध के समान शरीर को गुण देती है।

मिक्सर महीने में तेल का सेवन जरूर करें , क्योंकि बाहर के सर्द मौसम से चमड़ी शुष्क हो जाती है। और हमारी चमड़ी को भी वसा की जरूरत होती है । मिक्सर में तेल खाना भी चाहिए और तेल से शरीर पर मसाज भी करना चाहिए।

पौष के महीने में दूध का सेवन जरूर करें । रात को सोते समय गाय का दूध अच्छी तरह से गर्म करने के पश्चात सोते समय पीकर सोयें।

माघ के महीने में घी और खीचड़ी का भोजन जरूर करें। इस महीने में भगवान को भी खींचङे का ही भोग इसीलिए लगाते है।

फाल्गुन के महीने में सुबह जल्दी उठकर जरूर अच्छी तरह से नहाना चाहिए , क्योंकि बाहर का मौसम इस महीने में उल्टा सीधा चलता रहता है। सुबह-सुबह सूर्योदय के साथ स्नान करके अपने शरीर के तापमान को संतुलित करना परम आवश्यक है।

हमारे पूर्वजों के द्वारा बताई गई ये समस्त बातें उनके वर्षों का अनुभव हैं। इसलिए ये सिर्फ किंवदंतियां नहीं सांईटीफिक भी पूर्ण निरापद बातें हैं।

ऐसा हर पदार्थ मौसम व समय के अनुसार आप खाया जाए तो ओषध जैसा होता हैं तो असमय सेवन से विष समान बन जाता हैं।
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रोज सुबह खाएं बस 10 किशमिश, जड़ से खत्म हो जाएंगी ये 6 बड़ी बीमारियां! डॉक्टर भी हो जाएंगे हैरानहमारी रसोई में कई ऐसी छो...
22/11/2025

रोज सुबह खाएं बस 10 किशमिश, जड़ से खत्म हो जाएंगी ये 6 बड़ी बीमारियां! डॉक्टर भी हो जाएंगे हैरान

हमारी रसोई में कई ऐसी छोटी-छोटी चीजें होती हैं, जिन्हें हम अक्सर नजरअंदाज कर देते हैं, लेकिन वे सेहत का खजाना होती हैं। इन्हीं में से एक है किशमिश। यह छोटा सा मीठा ड्राई फ्रूट सिर्फ स्वाद में ही लाजवाब नहीं है, बल्कि यह एक ऐसा 'सुपरफूड' है, जो आपके शरीर को अंदर से मजबूत बनाता है।

अगर आप रोजाना सिर्फ 10 से 12 किशमिश खाने की आदत डाल लें, तो आप कई बड़ी बीमारियों से बच सकते हैं और डॉक्टर के चक्कर लगाने से भी बच जाएंगे। यह न सिर्फ आपको दिनभर एनर्जी से भरपूर रखता है, बल्कि आपकी इम्यूनिटी को भी फौलाद बना देता है। चलिए जानते हैं, इस छोटे से दाने के बड़े-बड़े फायदे।

1. दिल को रखेगा जवान और ब्लड प्रेशर कंट्रोल

आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में दिल का ख्याल रखना सबसे जरूरी है। किशमिश में पोटेशियम और फाइबर भरपूर मात्रा में होता है। पोटेशियम शरीर में सोडियम के असर को कम करके ब्लड प्रेशर को कंट्रोल में रखता है, जिससे आपका दिल स्वस्थ रहता है और हृदय रोगों का खतरा कम होता है।

2. खून की कमी और थकान की छुट्टी!

क्या आपको भी थोड़ा सा काम करके थकान महसूस होती है या चक्कर आते हैं? यह शरीर में खून की कमी (एनीमिया) का लक्षण हो सकता है। किशमिश आयरन का एक बेहतरीन स्रोत है। रोजाना किशमिश खाने से शरीर में हीमोग्लोबिन का स्तर तेजी से बढ़ता है और आप दिनभर एक्टिव और ऊर्जावान महसूस करते हैं।

3. पेट का बेस्ट फ्रेंड, एसिडिटी और कब्ज का दुश्मन

अगर आपका पेट अक्सर खराब रहता है, गैस या एसिडिटी की शिकायत रहती है, तो किशमिश आपके लिए रामबाण साबित हो सकती है। इसमें मौजूद मैग्नीशियम और पोटेशियम पेट में एसिड के लेवल को संतुलित करते हैं। साथ ही, इसका फाइबर पाचन तंत्र को साफ करके कब्ज जैसी समस्याओं से भी राहत दिलाता है।

4. कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से बचाव

यह जानकर आपको हैरानी होगी, लेकिन किशमिश में कैटेचिन (Catechin) नाम का एक शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट पाया जाता है। यह एंटीऑक्सीडेंट शरीर में मौजूद फ्री रेडिकल्स से लड़ता है, जो कैंसर कोशिकाओं के विकास का एक बड़ा कारण होते हैं। नियमित सेवन पेट के कैंसर के खतरे को कम करने में मदद कर सकता है।

5. वजन घटाने में भी मददगार!

अक्सर लोग सोचते हैं कि मीठी होने की वजह से किशमिश वजन बढ़ाती है, लेकिन यह एक मिथ है। इसमें मौजूद नेचुरल शुगर (ग्लूकोज और फ्रुक्टोज) शरीर को तुरंत एनर्जी देती है और आपके मेटाबॉलिज्म को तेज करती है। यह खराब कोलेस्ट्रॉल को भी कम करती है, जिससे वजन को नियंत्रित रखने में मदद मिलती है।

6. हड्डियां बनेंगी मजबूत, त्वचा पर आएगा निखार

किशमिश में कैल्शियम भी अच्छी मात्रा में पाया जाता है, जो हड्डियों और दांतों को मजबूत बनाने के लिए जरूरी है। इसके अलावा, इसके सेवन से खून साफ होता है, जिससे त्वचा पर प्राकृतिक निखार आता है और आप जवां दिखते हैं।

कैसे खाएं ताकि मिले पूरा फायदा?

किशमिश का सबसे ज्यादा फायदा लेने के लिए, 10-12 किशमिश को रात में एक कटोरी पानी में भिगो दें। सुबह खाली पेट किशमिश को चबा-चबाकर खाएं और उसका पानी भी पी लें। ऐसा करने से शरीर इसके पोषक तत्वों को बेहतर तरीके से सोख पाता है।
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सिर्फ 5 रुपये का हरा पत्ता बना सकता है शरीर को जवान, जानें खाने का सही तरीकाBenefits Of Betel Leaves: भारत में पान का ना...
22/11/2025

सिर्फ 5 रुपये का हरा पत्ता बना सकता है शरीर को जवान, जानें खाने का सही तरीका

Benefits Of Betel Leaves:

भारत में पान का नाम सुनते ही मन में एक खास ताजगी सी महसूस होती है. यह छोटा-सा हरा पत्ता न सिर्फ खाने के बाद स्वाद बढ़ाने के लिए काम आता है, बल्कि इसके अंदर सेहत का खज़ाना छिपा होता है.

पुराने जमाने में हमारे दादा-दादी खाने के बाद पान खाना नहीं भूलते थे. आज के समय में बहुत से लोग इसे सिर्फ परंपरा या आदत समझते हैं, लेकिन सच यह है कि पान का पत्ता एक बेहतरीन प्राकृतिक औषधि है. इसमें ऐसे तत्व मौजूद हैं जो शरीर को अंदर से मजबूत बनाते हैं,

पाचन को सुधारते हैं, सांस की तकलीफ को कम करते हैं और चेहरे पर चमक लाते हैं. यही नहीं, यह शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाता है. पुराने समय में पान खाने की परंपरा के पीछे गहरा वैज्ञानिक कारण छिपा था.

अगर इसे सही तरीके और संतुलित मात्रा में खाया जाए, तो यह शरीर को लंबे समय तक जवान और चुस्त रख सकता है. आइए जानते हैं कि आखिर यह साधारण-सा पत्ता अमृत समान क्यों कहा जाता है और इसे खाने का सही तरीका क्या है.

1. पाचन को बनाए दुरुस्त
खाना खाने के बाद पान का सेवन करने की परंपरा सदियों से चली आ रही है. पान के पत्ते में ऐसे तत्व पाए जाते हैं जो पेट में बनने वाली गैस को कम करते हैं और पाचन को सही रखते हैं. जब खाना ठीक से पचता है तो शरीर हल्का और ऊर्जावान महसूस करता है. पान का पत्ता पेट फूलने, एसिडिटी और गैस जैसी परेशानियों को शांत करता है. अगर आप भारी खाना खाने के बाद एक या दो हरे पत्ते बिना किसी मिलावट के खाएं, तो पेट से जुड़ी दिक्कतें दूर रहती हैं.

2. सांस और गले की परेशानी में राहत
मौसम बदलते ही गले में खराश, खांसी या कफ की शिकायत आम हो जाती है. पान के पत्ते में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट और सूजन कम करने वाले गुण सांस की नली को साफ करते हैं. अगर पान के कुछ पत्ते पानी में उबालकर उसकी भाप ली जाए, तो जमा हुआ कफ निकलने में आसानी होती है. इससे नाक बंद होने और गले में दर्द की परेशानी भी घटती है.

3. मस्तिष्क को मिले शांति और ऊर्जा
कई बार दिनभर की भागदौड़ के बाद दिमाग थका हुआ या चिड़चिड़ा महसूस करता है. ऐसे में पान का पत्ता मददगार साबित होता है. इसमें कुछ प्राकृतिक तत्व होते हैं जो दिमाग में बनने वाले रसायनों का संतुलन बनाए रखते हैं. इससे मन शांत होता है और मूड अच्छा रहता है. पुराने समय में पान को मानसिक स्फूर्ति बढ़ाने वाला भी माना गया है.

4. मुंह की दुर्गंध और मसूड़ों की सूजन से बचाव
पान के पत्ते में जीवाणु नाशक तत्व होते हैं, जो मुंह में बैक्टीरिया के बढ़ने से रोकते हैं. इससे सांस की दुर्गंध कम होती है और मसूड़ों की सूजन भी घटती है. नियमित रूप से शुद्ध पान का पत्ता खाने से दांतों की मजबूती बनी रहती है. कई लोग पान को प्राकृतिक माउथवॉश के रूप में इस्तेमाल करते हैं, जो पूरी तरह सुरक्षित है.

5. शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाए
पान का पत्ता शरीर में संक्रमण से लड़ने की ताकत बढ़ाता है. इसके अंदर मौजूद विटामिन और पौष्टिक तत्व खून को साफ करते हैं. जब शरीर के अंदर से विषैले पदार्थ निकल जाते हैं, तो त्वचा साफ और चमकदार बनती है. यही वजह है कि इसे “प्राकृतिक टॉनिक” कहा जाता है.

पान खाने का सही तरीका
पान का पत्ता हमेशा प्राकृतिक रूप में ही खाना चाहिए. इसमें चूना, कत्था या सुपारी जैसी चीजें नहीं डालनी चाहिए क्योंकि ये शरीर को नुकसान पहुंचा सकती हैं. खाने के बाद एक या दो हरे पत्ते चबाने से फायदा होता है. अगर पत्तों को गर्म पानी में उबालकर उसका काढ़ा पिया जाए, तो भी यह फायदेमंद है. कोशिश करें कि यह ताजा पत्ता ही हो और रसायनों से मुक्त हो.

सावधानियां
पान का सेवन सीमित मात्रा में करें. अधिक खाने पर यह शरीर में गर्मी बढ़ा सकता है. गर्भवती महिलाओं या किसी दवाई पर चल रहे व्यक्ति को इसे खाने से पहले डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए.

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हर घर की 4 ज़रूरी होम्योपैथिक दवाएं“छोटे रोगों का बड़ा समाधान… बिना साइड इफेक्ट!” 1. Arnica Montana 30 / 200 — चोट और थक...
21/11/2025

हर घर की 4 ज़रूरी होम्योपैथिक दवाएं

“छोटे रोगों का बड़ा समाधान… बिना साइड इफेक्ट!”

1. Arnica Montana 30 / 200 — चोट और थकान का सुपरहीरो

✅ लाभ (Benefits):

गिरने, चोट या कहीं टकराने पर सूजन और दर्द कम करती है

मांसपेशियों के खिंचाव और थकान में तुरंत आराम

एक्सीडेंट के बाद होने वाले शॉक और दर्द में कारगर

ऑपरेशन या डिलीवरी के बाद के दर्द में राहत देती है

उपयोग / Treatment:

चोट, नीला पड़ना, मोच, मांसपेशियों का दर्द, स्पोर्ट्स इंजरी में

बैक पेन या बॉडी पेन में थकान महसूस हो तो भी बहुत प्रभावी

💧 सेवन विधि (Dose):

2–3 बूंदें पानी में मिलाकर दिन में 2 बार (या डॉक्टर की सलाह अनुसार)

2. Nux Vomica 30 — गैस, कब्ज़ और सिरदर्द का मास्टर रेमेडी

✅ लाभ (Benefits):

ज्यादा तला-भुना या फास्ट फूड खाने से होने वाली गैस व अपच

कब्ज, एसिडिटी, पेट फूलना

एलर्जी या स्ट्रेस से होने वाला सिरदर्द

मानसिक चिड़चिड़ापन और नींद की कमी में राहत

🍽️ उपयोग / Treatment:

पेट में जलन, खट्टी डकार, जल्दी गुस्सा आना

रात में देर तक जागने या अधिक काम करने के बाद सिरदर्द

शराब या ओवरईटिंग के बाद होने वाली तकलीफ़

💧 सेवन विधि:

सोने से पहले 3 बूंदें पानी में, आराम मिलने तक

3. Belladonna 30 — तेज बुखार और गले की सूजन की फटाफट राहत

✅ लाभ (Benefits):

अचानक शुरू होने वाले तेज बुखार, लाल चेहरा, गर्म शरीर

गला लाल होना, दर्द होना, सूजन

सिरदर्द जिसमें सिर गरम और धड़कन तेज महसूस हो

बच्चों में बुखार के शुरुआती लक्षणों में खास फायदेमंद

उपयोग / Treatment:

वायरल फीवर, टॉन्सिलाइटिस, थ्रोट इंफेक्शन

सनस्ट्रोक या सिर में गर्मी महसूस होना

आँखें लाल होना, रोशनी से चिड़चिड़ापन

💧 सेवन विधि:

3 बूंदें हर 2 घंटे में (जब तक बुखार कम न हो जाए)

4. Rhus Toxicodendron 30 — जोड़ों की जकड़न और बारिश के दर्द की साथी

✅ लाभ (Benefits):

ठंड या बारिश के मौसम में जोड़ों का दर्द और जकड़न

सुबह उठते समय शरीर का अकड़ जाना

पुरानी चोट या मोच का दर्द, जिसे मूवमेंट करने से आराम मिले

मांसपेशियों में ऐंठन, खिंचाव और थकान

उपयोग / Treatment:

आर्थराइटिस, रूमेटिज्म, बैक पेन, गर्दन जकड़न

बारिश, ठंड में दर्द बढ़ना और गर्माहट देने पर आराम मिलना

💧 सेवन विधि:

3 बूंदें पानी में मिलाकर दिन में 2 बार

💡 छोटा-सा सुझाव (Storage Tips):

✔ दवाएं हमेशा ठंडी व सूखी जगह पर रखें
✔ कांच की बोतल, कॉटन से बंद ढक्कन ही उपयोग करें
✔ तेज सुगंध (जैसे कपूर, परफ्यूम) और धूप से दूर रखें
✔ लक्षण बने रहें तो तुरंत डॉक्टर की सलाह लें

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हार्ट अटैक पड़ने के बाद का पहला घंटा है गोल्डन आवर, आप बचा सकते हैं किसी की जानहार्ट अटैक पड़ने के बाद पहले घंटे या 'गोल्...
21/11/2025

हार्ट अटैक पड़ने के बाद का पहला घंटा है गोल्डन आवर, आप बचा सकते हैं किसी की जान

हार्ट अटैक पड़ने के बाद पहले घंटे या 'गोल्डन ऑवर' के भीतर दिया गया उपचार दिल के दौरे के रोगियों के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि इससे उनकी जान बच सकती है।

हार्ट अटैक पड़ने के बाद पहले घंटे या 'गोल्डन ऑवर' के भीतर दिया गया उपचार दिल के दौरे के रोगियों के लिए महत्वपूर्ण है। चित्र: शटरस्‍टॉक
हर साल हृदय रोग से भारत में कई जानें जाती हैं। रिपोर्ट और आंकड़े बताते हैं कि खराब जीवनशैली के कारण भारतीय लोग अन्य लोगों की तुलना में लगभग 10 साल पहले दिल के दौरे के शिकार हो जाते हैं।

हार्ट अटैक या कार्डिएक अरेस्ट एक गंभीर मामला है – यह अचानक नहीं होता है, जैसा कि आज के समय में आम धारणा है। दरअसल हमारे शरीर का तंत्र हमें विभिन्न तरीकों से बताता रहता है कि हमारा दिल बीमार है और इस पर ध्यान देने की जरूरत है। इसलिए हमें ध्यान से सुनना चाहिए कि हमारा शरीर क्या बता रहा है।

स्थिति तब और भी बिगड़ जाती है जब मरीज को कई घंटे बीत जाने के बाद ही अस्पताल लाया जाता है। इसलिए, उनका इलाज करना बहुत मुश्किल हो जाता है। क्योंकि वे गोल्डन आवर उपचार से चूक जाते हैं – जो कि दिल का दौरा पड़ने के बाद पहला एक घंटा है। यह पहला घंटा, जटिलताओं को कम करने और मृत्यु दर में कमी लाने के लिए आदर्श है।

यहां जानिए दिल का दौरा पड़ने के बाद का पहला घंटा सबसे महत्वपूर्ण क्यों होता है

दिल का दौरा पड़ने के बाद, हृदय की मांसपेशियां एक घंटे से 90 मिनट के बाद मरने लगती हैं, क्योंकि उन्हें रक्त मिलना बंद हो जाता है। छह घंटे के बाद, हृदय के विभिन्न हिस्से गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त हो सकते हैं और ज्यादातर रोगियों को दूसरा मौका नहीं मिलता।

लोग समय पर दिल के दौरे के लक्षणों की पहचान करने या उचित चिकित्सा सहायता लेने में विफल रहते हैं। दिल के दौरे के रोगियों का समय पर इलाज करना बहुत महत्वपूर्ण है। यह जरूरी है कि कमर के स्तर से ऊपर किसी भी सीने में दर्द के लिए ईसीजी करवाया जाए और बिना किसी देरी के चिकित्सक द्वारा परामर्श किया जाए।

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हार्ट अटैक की स्थिति में हर पल कीमती होता है। चित्र: शटरस्‍टॉक
अत्यंत महत्वपूर्ण है तत्काल उपचार और समय पर देखभाल
अक्सर लोग सीने में दर्द को अपच या एसिडिटी की समस्या का कारण बता कर नजरअंदाज कर देते हैं। किसी भी प्रकार के तेज सीने में दर्द की तुरंत चिकित्सक द्वारा जांच की जानी चाहिए। विशेष रूप से उन लोगों में जिनका पारिवारिक इतिहास है और जेनेटिक रूप से हृदय की समस्याओं से ग्रस्त हैं।

गोल्डन आवर के भीतर अस्पताल पहुंचना, जिसमें एक इन-हाउस कैथ लैब हो, चिकित्सकों को दिल का दौरा पड़ने का पता लगाने के लिए टेस्ट और स्कैन करने के लिए पर्याप्त समय प्रदान करता है। साथ ही, रक्त प्रवाह को बनाए रखने के लिए सही कदम उठाने का मौका देता है।
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चिंता को कहो अलविदा – मन को सुकून देने वाली होम्योपैथी दवा!आज की भागदौड़ भरी ज़िंदगी में Anxiety (चिंता) एक आम लेकिन गंभ...
21/11/2025

चिंता को कहो अलविदा – मन को सुकून देने वाली होम्योपैथी दवा!

आज की भागदौड़ भरी ज़िंदगी में Anxiety (चिंता) एक आम लेकिन गंभीर समस्या बन चुकी है। होम्योपैथी शरीर और मन – दोनों को संतुलित कर इस समस्या को जड़ से मिटाने में मदद करती है।

Aconitum Napellus (एकोनाइटम नेपेलस)

🌸 लाभ:

अचानक डर, घबराहट, या बेचैनी की स्थिति में यह तुरंत राहत देती है।

हृदय की धड़कन तेज़ होना, पसीना आना और सांस फूलना जैसे लक्षणों को कम करती है।

मानसिक शांति और आत्मविश्वास को बढ़ाती है।

कैसे लें:

30 CH potency में दिन में 2 बार 3-4 बूंदें पानी में मिलाकर लें।

अधिक तनाव या डर लगने की स्थिति में तुरंत उपयोग करें।

अतिरिक्त सुझाव:
ध्यान, गहरी सांसें लेना और मोबाइल स्क्रीन से थोड़ा दूर रहना इस दवा के असर को और बढ़ाता है।
Dadima ke Gharelu Nuskhe - घरेलू नुस्खे

खाने के बाद 10 ग्राम इन काले दानों को चबा लीजिए निकल जाएगी पेट की सारी गैस, डायबिटीज रहेगी कंट्रोल, जानिए क्या है इस जाद...
21/11/2025

खाने के बाद 10 ग्राम इन काले दानों को चबा लीजिए निकल जाएगी पेट की सारी गैस, डायबिटीज रहेगी कंट्रोल, जानिए क्या है इस जादुई चीज के फायदे

लोगों का पाचन बहुत खराब होता है,ऐसे लोग जो कुछ भी खाते हैं उनका पाचन उन्हें परेशान करने लगता है। ऐसे लोगों को गैस,एसिडिटी और अपच बेहद परेशान करता है। पाचन खराब होने के लिए कई कारण जैसे खराब डाइट, बिगड़ता लाइफस्टाइल, मेंटल हेल्थ और कुछ दवाओं का सेवन जिम्मेदार है।

पाचन को दुरुस्त करने के लिए लाइफस्टाइल और डाइट में बदलाव करना जरूरी है। पाचन दुरुस्त करने के लिए संतुलित आहार का सेवन, पानी का अधिक सेवन करना, तनाव कम लेना, खाने को चबा-चबाकर खाना, बॉडी को एक्टिव रखना और कुछ देसी नुस्खों का सेवन करना जरूरी है।

देसी नुस्खों में किचन में मौजूद एक ऐसा जादुई मसाला है जो पाचन से जुड़ी ज्यादातर परेशानियों को दूर करता है। हम बात कर रहे हैं कलौंजी की जो किचन में आसानी से मिल जाती है। खाने के बाद एक चुटकी कलौंजी का सेवन किया जाए तो आसानी से गैस, एसिडिटी और अपच को कंट्रोल किया जा सकता है।

एम्स के पूर्व कंसल्टेंट और साओल हार्ट सेंटर के फाउंडर एंड डायरेक्टर डॉ बिमल झांजर ने बताया कलौंजी जिसे निगेला सीड्स भी कहा जाता है जो एक आयुर्वेदिक और नेचुरल औषधि है। इसका सेवन सदियों से बीमारियों का इलाज करने में किया जाता रहा है। पाचन से जुड़ी परेशानियों को दूर करने में ये दवा की तरह असरदार है। आइए एक्सपर्ट से जानते हैं कि कलौंजी का सेवन कैसे पाचन को ठीक करता है और डायबिटीज भी करता है कंट्रोल। आइए एक्सपर्ट से जानते हैं कलौंजी के सेहत के लिए फायदे।

कलौंजी कैसे पाचन में करती है सुधार

कलौंजी एक ऐसा मसाला है जिसका इस्तेमाल करी, ब्रेड,अचार और कई तरह की दवाईयों में होता है। 10 ग्राम कलौंजी का सेवन करने से बॉडी को भरपूर फाइबर मिलता है जो पाचन के लिए उपयोगी है। इसका सेवन करने से बाउल मूवमेंट दुरुस्त रहती है। पेट की गैस, पेट फूलने की परेशानी, एसिडिटी को दूर करने में ये मसाला असरदार साबित होता है। ये एक ऐसा मसाला है जो हमारे स्टोमक की लाइनिंग को प्रोटेक्ट करता है।

एंटी इंफ्लेमेटरी गुणों से भरपूर ये मसाला सूजन को कंट्रोल करता है। इस मसाले में मौजूद थाइमोक्योनिन सूजन को कंट्रोल करता है। इसका सेवन करने से पेट फूलने की समस्या का उपचार होता है। ये मसाला इम्यूनिटी को स्ट्रांग करता है और बॉडी को हेल्दी रखता है। कलौंजी में एंटीऑक्सीडेंट्स गुण मौजूद होते हैं जो इम्यूनिटी को मजबूत करते हैं और बॉडी को हेल्दी रखते है।

डायबिटीज करता है कंट्रोल

डायबिटीज कंट्रोल करने में ये मसाला जादुई असर करता है। रोजाना 10 ग्राम इस मसाले का सेवन करने से इंसुलिन के स्तर में सुधार होता है। कलौंजी में मौजूद थायमोकिनोन (Thymoquinone) नामक यौगिक एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इन्फ्लेमेटरी गुणों से भरपूर होता है। यह पैंक्रियास की बीटा कोशिकाओं को सक्रिय करता है, जिससे इंसुलिन स्राव में सुधार होता है। टाइप-2 डायबिटीज मरीजों के लिए दवा है ये मसाला।

दिल रहता है हेल्दी

कलौंजी का सेवन करने से कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल होता है और दिल की सेहत दुरुस्त रहती है। इसमें मौजूद फाइबर LDL कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल करने में मदद करता है। एंटीऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर ये मसाला दिल को हेल्दी रखने में बेहद उपयोगी है। इसमें ओमेगा-3 और ओमेगा-6 हेल्दी फैट हैं जो दिल को हेल्दी रखने में मदद करता है।

वजन घटाता है ये मसाला

सुबह सुबह अगर एक 10 ग्राम इस मसाले को खा लें तो मेटाबॉलिज्म बूस्ट होता है। मेटाबॉलिज्म बूस्ट होने पर बॉडी फैट को घटाना आसान होता है। वजन घटाने के लिए आप इस काले मसाले का सेवन कर सकते हैं।

दर्द से मिलती है राहत

कलौंजी एक ऐसा मसाला है जिसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो जोड़ों के दर्द को दूर करता है और मांसपेशियों को मजबूत करता है। इसका सेवन करने से अंग-अंग को ताकत मिलती है। कलौंजी को अपनी डाइट में शामिल करके आप अपनी सेहत को नेचुरल तरीके से बेहतर बना सकते हैं।
DDadima ke Gharelu Nuskhe - घरेलू नुस्खे

"अपवादन: पानी की कमी का परिणाम"अपवादन एक स्थिति है जिसमें शरीर में पानी की कमी हो जाती है और यह आमतौर पर उन लोगों को प्र...
21/11/2025

"अपवादन: पानी की कमी का परिणाम"

अपवादन एक स्थिति है जिसमें शरीर में पानी की कमी हो जाती है और यह आमतौर पर उन लोगों को प्रभावित करता है जो पर्याप्त मात्रा में पानी नहीं पीते हैं। पानी शरीर के सामान्य कार्यों के लिए महत्वपूर्ण होता है, जैसे कि खाने के पाचन प्रक्रिया, उपचार प्रक्रियाएँ, और ऊर्जा के निर्माण में।

अपवादन के परिणामस्वरूप शरीर में कई समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। यह त्वचा की सूखापन, मुख्य रूप से होंठों और आंखों के आसपास, बढ़ा सकता है। यह अवसाद, थकान, तंत्रिका समस्याएं, और अन्य शारीरिक लक्षणों का कारण भी बन सकता है।

अपवादन को नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए क्योंकि यह गंभीर स्थितियों में बदल सकता है। पानी की समान्य मात्रा को प्रतिदिन सुनिश्चित करना आवश्यक है, ताकि शरीर के सही कार्यों के लिए पर्याप्त हाइड्रेशन बना रह सके।

यदि किसी को अपवादन के लक्षण महसूस होते हैं, तो उन्हें पर्याप्त पानी पीने का प्रयास करना चाहिए और यदि समस्या बनी रहती है तो चिकित्सक से परामर्श लेना चाहिए। पानी की अधिक मात्रा में सेवन करने से अपवादन से बचाव किया जा सकता है और शरीर को आवश्यक तत्वों की सही मात्रा प्राप्त होती है।

अपवादन के परिणामस्वरूप होने वाली समस्याओं को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए, क्योंकि यह शारीरिक स्थितियों को बिगाड़ सकता है और सामान्य दिनचर्या को प्रभावित कर सकता है।

अपवादन से बचाव के लिए, निम्नलिखित उपायों का पालन किया जा सकता है:

नियमित पानी पीना: पानी की पर्याप्त मात्रा में सेवन करना शरीर को हाइड्रेटेड और स्वस्थ बनाए रखता है। रोज़ाना कम से कम 8-10 गिलास पानी पीने का प्रयास करें।

फलों और सब्जियों का सेवन: फलों और सब्जियों में पानी की अधिक मात्रा पाई जाती है, जो आपको हाइड्रेटेड रखने में मदद करती है।

व्यायाम करना: व्यायाम करने से पसीना आने के कारण आपकी त्वचा की जलपानी की क्रिया में सुधार होती है, जो आपके शरीर को हाइड्रेटेड रखने में मदद कर सकती है।

पानी के साथ आहार सेवन करना: पानी के साथ भोजन करने से आपकी खाद्य पदार्थों की सही पचन प्रक्रिया होती है और पाचन तंत्र को सहायता मिलती है।

ठंडे पेय पदार्थ सेवन करना: गर्मियों में ठंडे पेय पदार्थों को सेवन करना, जैसे कि नारियल पानी, नींबू पानी, जलेबी शरबत आदि, हाइड्रेटेड रहने में मदद करता है।

अपवादन से बचने के लिए अपने शरीर की सुनें और अपने आप को पानी से भरपूर रखने का प्रयास करें। यदि आपको अपवादन के लक्षण महसूस होते हैं, तो आपको तुरंत डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए, क्योंकि इसका लवबाग निदान और उपचार करना महत्वपूर्ण हो सकता है।

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जोड़ों के दर्द, पैरों की कमजोरी और बढ़ती उम्र की थकान को दूर करने वाला मेरा रोज़ का चमत्कारी पाउडरदोस्तों, उम्र बढ़ने के...
21/11/2025

जोड़ों के दर्द, पैरों की कमजोरी और बढ़ती उम्र की थकान को दूर करने वाला मेरा रोज़ का चमत्कारी पाउडर
दोस्तों, उम्र बढ़ने के साथ सबसे ज़्यादा परेशान करने वाली चीज़ होती है—जोड़ों का दर्द, टांगों में भारीपन, और कमज़ोरी। चाहे कितनी भी दवाइयाँ खा लें, अगर शरीर के अंदर से ताकत नहीं मिलती, तो दर्द फिर लौट आता है।
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1 खाना खजाना
इसीलिए मैं आज आपके साथ एक ऐसा घरेलू नुस्खा शेयर कर रहा हूँ, जिसे मैंने खुद बनाकर इस्तेमाल किया है और आप चाहें तो अभी से इसकी शुरुआत कर सकते हैं। अगर आप इसे रोज़ाना लेने लगेंगे, तो 80 साल की उम्र में भी पैरों में दर्द महसूस नहीं होगा, जोड़ों की अकड़न कम होने लगेगी और शरीर में एक नई ऊर्जा आएगी।
इस पाउडर को बनाने के लिए आपको क्या-क्या चाहिए?
मैं यहाँ वही मात्रा और वही चीज़ें लिख रहा हूँ, जो मैं खुद उपयोग करता हूँ—
1. सौंट (सूखी अदरक) – 50 ग्राम:-सौंट हमारे पाचन को मजबूत करती है और जोड़ो की सूजन को कम करने में कमाल का काम करती है।
2. हल्दी – 50 ग्राम:-ध्यान रखें, हल्दी को कूटकर छोटे टुकड़ों में बना लें। हल्दी शरीर में सूजन कम करने, दर्द घटाने और खून को साफ करने में मदद करती है।
3. मेथी – 3 बड़े चम्मच:-मेथी कैल्शियम, आयरन और मिनरल्स का भंडार है। ये हड्डियों को मजबूत करती है और डायबिटीज में भी काफी फायदेमंद मानी जाती है।
4. सहजन (Moringa) की सूखी पत्तियाँ – आधी कटोरी:-
सहजन की पत्तियों में 7 गुना ज्यादा विटामिन C और 4 गुना ज्यादा कैल्शियम होता है। ये शरीर में कमजोरी नहीं आने देती।
5. गिलोय का पाउडर – 1 चम्मच:-गिलोय इम्यूनिटी बढ़ाता है, दर्द और सूजन कम करता है और शरीर को अंदर से साफ रखता है।
6. सौंफ – 1 चम्मच:-सौंफ पाचन में मदद करती है और बाक़ी चीज़ों को शरीर में अच्छे से अवशोषित कराती है।
कैसे बनाना है ये पाउडर?
सभी चीज़ों को एक साथ एक बड़े जार या ग्राइंडर में डाल दें।
इतना बारीक पाउडर बनाएं कि आपको उसे छानना भी न पड़े।
पाउडर जितना महीन होगा।
इसे कैसे और कब लेना है?
मैं खुद इसे ऐसे लेता हूँ, और आपको भी यही तरीका अपनाना है—
सुबह खाली पेट:-एक चम्मच पाउडर गुनगुने पानी के साथ फक्का मारकर पी लें।
इससे शरीर में दिनभर शक्ति बनी रहती है।
रात को सोने से पहले:-एक चम्मच पाउडर फिर से गुनगुने पानी के साथ लें।
रात को ये शरीर को रिपेयर करने में मदद करता है।
इसके नियमित सेवन से क्या फायदे मिलते हैं?
-जोड़ो का दर्द और सूजन धीरे-धीरे घटने लगती है
-पैरों का भारीपन और कमजोरी कम होती है
-शरीर में खून का संचार बेहतर होता है
-हल्दी–गिलोय–सहजन एक साथ मिलकर प्राकृतिक एनर्जी बूस्टर की तरह काम करते हैं
-डायबिटीज, गैस और कब्ज़ जैसी समस्याएँ भी कंट्रोल में आती हैं
-नींद बेहतर होती है और सुबह शरीर हल्का महसूस होता है
सबसे अच्छी बात—ये पूरी तरह नेचुरल है और लंबे समय तक लेने पर कोई साइड इफेक्ट नहीं देता।
अंत में मेरी सलाह
अगर आप 35 की उम्र पार कर चुके हैं, या घर में किसी बुजुर्ग को जोड़ो-पैरों का दर्द रहता है, तो आज ही इस पाउडर को बनाकर शुरू कर दीजिए।नतीजे धीरे-धीरे आते हैं, लेकिन आते ज़रूर हैं।
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शौच करते समय होती है जलन और दर्द तो आपको भी हो सकता है भगंदर? जानिए लक्षण, कारण और इलाज।भगंदर, नाम से भले ही अजीब लगता ह...
21/11/2025

शौच करते समय होती है जलन और दर्द तो आपको भी हो सकता है भगंदर? जानिए लक्षण, कारण और इलाज।

भगंदर, नाम से भले ही अजीब लगता है, लेकिन यह बड़ी बीमारी है। एक मामूली फोड़े से बढ़ कर भयंकर दर्द देने वाली बीमारी, जो कि किसी को भी हो सकती है। इस बीमारी को फिस्टुला भी कहते हैं। गुदा नली में पस जमा होने के कारण भगंदर जानलेवा दर्द दे सकता है।

इस बीमारी को ऐसे समझें कि हमारे कुछ नाजुक अंग या नस जो आपस में जुड़े नहीं होते, उन्हें यह जोड़ देता है। जैसे आंत को त्वचा से, योनि को मलाशय से। आइए जानते हैं भगंदर के लक्षण, कारण, बचाव और इलाज के बारे में।

फिस्टुला में सबसे आम होता है- एनल फिस्टुला यानी भगंदर। यह छोटी नली की तरह होता है, जो आंत के अंतिम हिस्से को गुदा के पास की त्वचा से जोड़ देता है। गुदा नली में पस जमा होने के कारण कई बार ऑपरेशन की जरुरत पड़ जाती है।

भगंदर और बवासीर में अंतर

कई लोग बवासीर और भगंदर रोग को लेकर कनफ्यूज हो जाते हैं, जबकि दोनों में बहुत बड़ा अंतर है। बवासीर रोग में गुदा के बाहर नस फूलकर मोटी हो जाती है और अंगूर के दानों के बराबर बाहर निकल जाती है।

ज्यादा कब्ज की स्थिति में वे फट जाती है। और खून निकलने लगता है। जबकि ये जब गुदा के अंदर होता है तो वो भगंदर कहलाता है, जोकि एक विकट समस्या हैं।

भगंदर के लक्षण:

गुदा में बार-बार फोड़े होना
गुदा के आसपास दर्द और सूजन
शौच करने में दर्द
मलद्वार से रक्तस्नाव
बुखार लगना, ठंड लगना और थकान होना
कब्ज होना, मल नहीं हो पाना
गुदा के पास से बदबूदार और खून वाली पस निकलना
बार-बार पस निकलने के कारण गुदा के आसपास की त्वचा में जलन
बचाव

अगर कभी आपको गुदा द्वार के पास फुंसी, फोड़ा वगैरह हो चुका है तो भगंदर से बचने के लिए आपको सावधानियां बरतनी चाहिए।

कब्ज या सूखे मल की स्थिति में पर्याप्त मात्रा में फाइबर लें।
तरल पदार्थ/पेय का ज्यादा सेवन करें। शराब और कैफीन (चाय-कॉफ़ी) पीने से बचें।
शौच को रोकें नहीं। बहुत जरुरी हो तो भी ज्यादा देर तक न रोकें।
पाचन तंत्र फिट रखने के लिए रोजाना कम से कम 30 मिनट व्यायाम करें।
शौच करने में पर्याप्त समय लें। न बहुत हड़बड़ी करें और न ही बहुत ज्यादा देर तक बैठे रहें।
मल द्वार को साफ और सूखा रखें। शौच के बाद अच्छे से सफाई करें।
भगंदर का परीक्षण

कुछ का भगंदर का पता लगाना आसान होता है और कुछ का कठिन। कभी-कभी यह खुद ठीक हो जाता है तो कभी-कभी ठीक होने के बाद फिर से हो जाता है।

इसका पता लगाने के लिए डॉक्टर मलद्वार से रिसाव और रक्तस्त्राव के लक्षणों की जांच करते हैं। इसका पता लगाने के लिए कोलोनोस्कोपी की भी जरुरत पड़ सकती है। इसमें आपके गुदा में एक कैमरे वाली ट्यूब डाली जाती है, गुदा और मलाशय का भीतरी हिस्सा देखा जाता है।

इलाज

अगर आपको बवासीर है, भंगंदर है, गोल तीर है, होसिला है, फिशर है जिसे पाइल्स बवासीर भी कहते है। इसका सबसे अच्छा इलाज है मुली का रस। जो हमारे घर में आसानी से मिल जाती है।

एक कप मुली का रस खाना खाने के एक घंटे बाद ले। ये जल्दी बवासीर ठीक करता है। इससे 20-20 साल पुरानी बवासीर भी ठीक होती है। बवासीर दो तरह की होती है। एक खुनी होती है, और एक काली इसके सेवन से दोनों ठीक होती है। जिसको हम पुस्यला बदन दर्द कहते है. ये भी ठीक हो जाता है।

इसकी एक और ओषधि है, काले अंगूर का रस। जोकि बवासीर और बदन दर्द की एक अच्छी दवा है। अगर कोई काले अंगूर रस का एक कप जूस पिएगा तो उसका बवासीर और बदन दर्द ठीक हो जाएगा। बवासीर और बदन दर्द अनार के रस से भी ठीक हो जाता है।

बवासीर और बदन दर्द के लिए एक और बहुत अच्छी दवा है, जिसको आप कपूर कहते है, इसका प्रयोग आप पूजा मे भी करते है। कपूर का थोडा सा टुकड़ा केले मे लगा के खा ले तो तुरंत ये बवासीर और बदन दर्द को ठीक करता है।

लेकिन इसका सेवन हर रोज नहीं करना है। इसको आप महीने में दो बार ले सकते है और अधिक से अधिक तीन बार ये बवासीर के लिए बहुत उपयोगी दवा है।
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21/11/2025

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