Health Today

Health Today आपका स्वास्थ्य आपके हाथ में...
(1)

यह ग्रुप विभिन्न स्थानो से सरल आयुर्वेदिक या अन्य पध्दति के इलाजों कि जानकारी एक जगह एकत्रित करता हे.लेकिन यह एक दम सही होगा ऐसा नहीं कहता। इलाज़ लेने के पूर्व सक्षम व्यक्ति से पूछ लेवे।
कृपया ध्यान दें......
यह सभीआर्टिकल सामान्य जानकारी के आधार पर लिखे गए है। किसी भी चीज के सेवन या कोई भी घरेलू उपाय अपनाने से पहले अपने डॉक्टर्स या फील्ड से संबंधित एक्सपर्ट्स की सलाह जरूर ले लें।
कृपया ध्यान दें.....
कृपया ध्यान दें उपलब्ध सभी साम्रगी केवल पाठकों की जानकारी और ज्ञानवर्धन के लिए दी गई है। हमारा आपसे विनम्र निवेदन है कि किसी भी उपाय को आजमाने से पहले अपने चिकित्सक से अवश्य संपर्क करें। हमारा उद्देश्य आपको रोचक और ज्ञानवर्धक जानकारी मुहैया कराना मात्र है। आपका चिकित्सक आपकी सेहत के बारे में बेहतर जानता है और उसकी सलाह का कोई विकल्प नहीं है।
इन उपायों का प्रयोग अपने विवेक का आधार पर करें, असुविधा होने पर Health Today groups की कोई जिम्मेदारी नहीं है ।
एडमिन
अशोक कुमार जैन

09/29/2025

ग़लती ढुढने वाले को उचित पुरस्कार दिया जाना 💸
5 10 15 20 25 30 35 40 45 50 55 65 70 75 80 85 95 100💸💸

बतावो.....
09/29/2025

बतावो.....

09/29/2025

I got over 40,000 reactions on my posts last week! Thanks everyone for your support! 🎉

यह ऐसी बात है जो हर किसी को पता होनी चाहिए ?
09/29/2025

यह ऐसी बात है जो हर किसी को पता होनी चाहिए ?

यह ऐसी बात है जो हर किसी को पता होनी चाहिए ? …
09/29/2025

यह ऐसी बात है जो हर किसी को पता होनी चाहिए ? …

तिल: मुट्ठी भर बीजों में छिपा है हार्ट, हड्डियों और मोटापे का समाधान? जानें आयुर्वेद और विज्ञान का पूरा सच!हमारी दादी-ना...
09/29/2025

तिल: मुट्ठी भर बीजों में छिपा है हार्ट, हड्डियों और मोटापे का समाधान?

जानें आयुर्वेद और विज्ञान का पूरा सच!
हमारी दादी-नानियों की रसोई में कुछ ऐसी चीजें होती थीं, जिन्हें वे 'सेहत का खजाना' कहती थीं। तिल उन्हीं में से एक है। अक्सर मिठाइयों और व्यंजनों की शोभा बढ़ाने वाले ये छोटे-छोटे बीज असल में गुणों की खान हैं। लेकिन क्या सच में इन्हें रोज खाने से हार्ट अटैक, मोटापा और अर्थराइटिस जैसी बड़ी बीमारियां दूर रह सकती हैं? आइए, इस दावे की गहराई से पड़ताल करते हैं।

👉 आयुर्वेद क्या कहता है?
आयुर्वेद में तिल को 'स्नेहनों में उत्तम' यानी सभी तेल वाली चीजों में सर्वश्रेष्ठ माना गया है। तिल का तेल अनगिनत आयुर्वेदिक उपचारों का आधार है।

तिल के गुण: आयुर्वेद के अनुसार, तिल का रस 'मधुर' (मीठा), गुण में 'गुरु' (भारी) और 'स्निग्ध' (तेलीय) होता है, और इसकी तासीर 'उष्ण' (गर्म) होती है। यह मुख्य रूप से 'वात' दोष को शांत करने वाला सर्वोत्तम आहार है।

काले और सफेद तिल: आयुर्वेद में काले तिल को औषधीय गुणों में सफेद तिल से श्रेष्ठ माना गया है, खासकर हड्डियों, बालों और शरीर को बल देने के लिए।

दावों पर आयुर्वेदिक दृष्टिकोण:
अर्थराइटिस (संधिवात): यह मुख्य रूप से वात दोष के बढ़ने की बीमारी है, जिसमें जोड़ों में दर्द और सूखापन आ जाता है। तिल के स्निग्ध (तेलीय) और उष्ण (गर्म) गुण जोड़ों को चिकनाई देते हैं, वात को शांत करते हैं और हड्डियों ('अस्थि धातु') को पोषण देकर मजबूत बनाते हैं।

हार्ट अटैक (हृदय रोग): तिल का तेल रक्त वाहिकाओं ('स्रोतसों') को लचीला बनाए रखने और वात की खुश्की से बचाने में मदद करता है, जिससे रक्त संचार सुचारू रूप से चलता है। इसे 'हृद्य' यानी हृदय के लिए हितकारी माना गया है।

मोटापा (मेदोरोग): यहाँ मामला थोड़ा जटिल है। तिल भारी और तेलीय होने के कारण कफ बढ़ा सकता है, लेकिन इसकी गर्म तासीर पाचन अग्नि को तेज करके मेटाबॉलिज्म को सुधारने में भी मदद करती है।

आयुर्वेद के अनुसार, इसका संतुलित मात्रा में सेवन शरीर को बल देता है और अस्वस्थ चीजों की लालसा कम करता है, जो अप्रत्यक्ष रूप से वजन प्रबंधन में मदद करता है। "मोटापा बढ़ेगा नहीं" का अर्थ यह है कि यह स्वस्थ वसा का स्रोत है जो शरीर को पोषित करता है, बशर्ते इसका सेवन सीमित मात्रा में हो।

👉 विज्ञान क्या कहता है?

आधुनिक विज्ञान तिल को एक 'सुपरफूड' मानता है, जो पोषक तत्वों से भरपूर है।

पोषक तत्वों का भंडार: तिल स्वस्थ वसा (मोनो और पॉलीअनसैचुरेटेड फैट), प्रोटीन, फाइबर, कैल्शियम, मैग्नीशियम, जिंक और आयरन का एक उत्कृष्ट स्रोत है। इसमें 'सेसमिन' और 'सेसमोलिन' नामक शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट भी होते हैं।

वैज्ञानिक दृष्टिकोण:

हार्ट अटैक: तिल में मौजूद हेल्दी फैट्स खराब कोलेस्ट्रॉल (LDL) को कम करने और अच्छे कोलेस्ट्रॉल (HDL) को बढ़ाने में मदद करते हैं।

इसमें मौजूद मैग्नीशियम रक्तचाप को नियंत्रित करने में सहायक है और इसके एंटीऑक्सीडेंट धमनियों में प्लाक को बनने से रोकते हैं।

अर्थराइटिस: तिल में मौजूद 'सेसमिन' नामक यौगिक में शक्तिशाली एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण पाए गए हैं, जो जोड़ों की सूजन और दर्द को कम करने में मदद कर सकते हैं। इसके अलावा, भरपूर मात्रा में कैल्शियम और जिंक हड्डियों को मजबूत बनाकर ऑस्टियोपोरोसिस के खतरे को कम करते हैं।

मोटापा: तिल में मौजूद हाई फाइबर और प्रोटीन आपको लंबे समय तक पेट भरा हुआ महसूस कराते हैं, जिससे आप अनावश्यक कैलोरी खाने से बचते हैं। हालांकि,

यह याद रखना महत्वपूर्ण है कि तिल कैलोरी में उच्च होते हैं। संतुलित आहार के हिस्से के रूप में ये वजन प्रबंधन में मदद करते हैं, लेकिन अत्यधिक सेवन से वजन बढ़ सकता है।

👉 उपाय कैसे करें?
तिल को अपने आहार में शामिल करने का सबसे अच्छा और सरल तरीका यहाँ दिया गया है:

मात्रा: प्रतिदिन 1 से 2 छोटे चम्मच (लगभग 5-10 ग्राम) तिल का सेवन पर्याप्त है।

विधि: जैसा कि छवि में बताया गया है, खाना खाने के बाद एक चम्मच भुने हुए तिल (सफेद या काले) को मुंह में रखकर अच्छी तरह चबा-चबाकर खाएं। इससे पाचन भी सुधरता है और पोषक तत्व भी बेहतर तरीके से अवशोषित होते हैं।

अन्य तरीके: आप भुने हुए तिल को अपनी सलाद, सब्जी, सूप या दही पर छिड़क कर भी खा सकते हैं। तिल और गुड़ के लड्डू भी एक पौष्टिक विकल्प हैं।

एक टिप: तिल को हल्का सा भून लेने से उनका स्वाद बढ़ जाता है और वे पचाने में आसान हो जाते है।

आप तिल का सेवन किस रूप में करना पसंद करते हैं - मिठाई में, तेल के रूप में, या सीधे चबाकर?
Dadima ke Gharelu Nuskhe - घरेलू नुस्खे

1 साल रोज सुबह अंकुरित चने खाने से शरीर में क्या बदलाव होगा?रोज सुबह खाली पेट मुठ्ठीभर अंकुरित चने खाने से डेली लाइफ की ...
09/29/2025

1 साल रोज सुबह अंकुरित चने खाने से शरीर में क्या बदलाव होगा?

रोज सुबह खाली पेट मुठ्ठीभर अंकुरित चने खाने से डेली लाइफ की 5 प्रॉब्लम को दूर किया जा सकता है। देसी काला चना सेहत के नजरिए से बेहतरीन है। यह फाइबर्स, कैल्शियम, प्रोटीन, विटामिन्स और मिनरल्स का अच्छा सोर्स है। ये बहुत आसानी से आपको मिल जाएगा , हर घर का लोकप्रिय है।

वैसे तो चने को कई तरह से खाया जा सकता है जैसे भूनकर, सब्जी बनाकर, कच्चा, भिगोकर और अंकुरित करके। इन सभी मे सबसे बेस्ट है इसे अंकुरित करके खाना। इसको कुछ दिन खाने से कई हेल्थ प्रॉब्लम्स दूर हो सकती हैं

कैसे और कितना भिगोएं

25 से 50 ग्राम चने को स्टील, चीनी या कांच के बर्तन में पानी डालकर 24 घंटे के लिए भिगोकर रख दें। इनमें अंकुर निकलने लगेंगे।

अंकुरित चने खाने के 5 फायदे

1. इसमें आयरन और फॉस्फोरस पाया जाता है, जो हीमोग्लोबीन लेवल को बढ़ाता है। इसे हर रोज खाने से खून की कमी और शरीर में होने वाली कमजोरी दूर होती है।

2. सुस्ती और थकान से बचने और हमेशा एनर्जेटिक बने रहने के लिए आप प्रतिदिन अंकुरित चने खाएं, कुछ ही दिनों में आप फ्रेशनेस, एनर्जी और स्फूर्ति फील करने लगेंगे।

3. इससे ब्लड में शुगर की मात्रा को कंट्रोल करता है और शरीर में ग्लूकोज की अतिरिक्त मात्रा को भी कम करने में मदद करता है। इसलिए यह डायबिटीज के पेशेंट को बहुत फायदा करता है।

4.शरीर में एनर्जी (ऊर्जा ) के अस्तर को बना के रखता है।

5. अगर आप बाल झड़ने की समस्या से परेशान है तो आपको रोजाना अंकुरित चने को अपने दिनचर्या का हिस्सा बनाना चाहिए , इसके सेवन से बाल झड़ने की समस्या को दूर किया जा सकता है।
Dadima ke Gharelu Nuskhe - घरेलू नुस्खे

यदि आप पढ़ाईं करते समय संगीत सुनते हैं, तो आप किसी भी उत्तर को वास्तविक समय से 5 गुना तेजी से याद कर सकते हैं! Dadima ke...
09/29/2025

यदि आप पढ़ाईं करते समय संगीत सुनते हैं, तो आप किसी भी उत्तर को वास्तविक समय से 5 गुना तेजी से याद कर सकते हैं!

Dadima ke Gharelu Nuskhe - घरेलू नुस्खे

सर्दियों का सुपरफूड 'शकरकंद': एक कंद कैसे दे सकता है आपकी आँखों और त्वचा को 400% विटामिन का बूस्ट?सर्दियों की शाम और कोय...
09/29/2025

सर्दियों का सुपरफूड 'शकरकंद': एक कंद कैसे दे सकता है आपकी आँखों और त्वचा को 400% विटामिन का बूस्ट?

सर्दियों की शाम और कोयले पर भुने हुए गरमागरम शकरकंद पर छिड़का हुआ नींबू-नमक... मुंह में पानी आ गया न? यह स्वादिष्ट कंद सिर्फ आपके स्वाद के लिए ही नहीं, बल्कि आपकी सेहत, खासकर आपकी आँखों और त्वचा के लिए एक वरदान है।

क्या आप यकीन करेंगे कि सिर्फ एक शकरकंद आपकी दिन भर की एक ख़ास विटामिन की जरूरत को 400% तक पूरा कर सकता है? आइए जानते हैं इस साधारण से दिखने वाले सुपरफूड का असली राज।

👉 आयुर्वेद क्या कहता है?

आयुर्वेद में शकरकंद को 'मिष्टकन्द' या 'रक्तकन्द' के नाम से जाना जाता है। इसे एक पौष्टिक और बलवर्धक आहार माना गया है।

शकरकंद के गुण: आयुर्वेद के अनुसार, शकरकंद का स्वाद 'मधुर' (मीठा) और यह पचने में 'गुरु' (भारी) होता है। इसकी तासीर हल्की 'उष्ण' (गर्म) होती है। यह मुख्य रूप से वात और पित्त दोष को शांत करता है, लेकिन अपने भारीपन के कारण अधिक मात्रा में सेवन करने पर यह कफ दोष को बढ़ा सकता है।

आँखों और त्वचा के लिए लाभ: आयुर्वेद में अच्छी दृष्टि (दृष्टि प्रसाद) और चमकती त्वचा (त्वक् कांति) को उत्तम 'रस' और 'रक्त' धातु (शरीर के पोषक तरल और रक्त) का परिणाम माना जाता है। शकरकंद एक 'रसायन' (Rejuvenator) की तरह काम करता है जो इन धातुओं को पोषण देता है।

इसका मधुर और पौष्टिक स्वभाव शरीर में 'ओजस' (जीवन ऊर्जा का सार) का निर्माण करता है, जिसकी चमक सीधे तौर पर त्वचा पर दिखाई देती है और आँखों को बल मिलता है।

👉 आधुनिक विज्ञान क्या कहता है?
आधुनिक विज्ञान इस दावे की 100% पुष्टि करता है और इसके पीछे के कारण को स्पष्ट रूप से समझाता है।

कौन सा है यह 400% वाला विटामिन?: यह चमत्कारी विटामिन है विटामिन A। दरअसल, शकरकंद में सीधे तौर पर विटामिन A नहीं होता, बल्कि इसमें 'बीटा-कैरोटीन' (Beta-Carotene) नामक एक शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट प्रचुर मात्रा में होता है। हमारा शरीर इसी बीटा-कैरोटीन को विटामिन A में बदल देता है। नारंगी रंग के शकरकंद बीटा-कैरोटीन के सबसे बेहतरीन प्राकृतिक स्रोतों में से एक हैं।

स्वस्थ आँखों के लिए :
विटामिन A हमारी आँखों के रेटिना में 'रोडोप्सिन' नामक प्रोटीन का एक मुख्य घटक है, जो हमें कम रोशनी में देखने में मदद करता है।

इसकी कमी से रतौंधी (Night Blindness) और आँखों में सूखापन जैसी गंभीर समस्याएं हो सकती हैं।

शकरकंद में मौजूद बीटा-कैरोटीन, ल्यूटिन और ज़ेक्सैंथिन जैसे एंटीऑक्सीडेंट्स आँखों की कोशिकाओं को फ्री-रेडिकल्स और हानिकारक नीली रोशनी से होने वाले नुकसान से भी बचाते हैं।

चमकदार त्वचा के लिए :

विटामिन A त्वचा की नई कोशिकाओं के निर्माण और पुरानी कोशिकाओं की मरम्मत के लिए आवश्यक है।

बीटा-कैरोटीन एक 'आंतरिक सनस्क्रीन' की तरह काम करता है, जो त्वचा को सूरज की हानिकारक UV किरणों से होने वाले नुकसान (जैसे झुर्रियां और रूखापन) से बचाने में मदद करता है।

इसके अलावा शकरकंद में विटामिन C भी होता है, जो कोलेजन बनाने में मदद करता है, जिससे त्वचा में कसाव और लचीलापन बना रहता है।

निष्कर्ष: जी हाँ, यह बिल्कुल सच है! एक मध्यम आकार का पका हुआ शकरकंद आपके शरीर की दिनभर की विटामिन A की ज़रूरत का 400% या उससे भी अधिक हिस्सा पूरा कर सकता है।

👉 सेवन का सही तरीका क्या है?

शकरकंद का पूरा पोषण पाने के लिए इसे सही तरीके से खाना ज़रूरी है:

भूनकर या उबालकर: शकरकंद को भूनना (Roast) या उबालना (Boil/Steam) इसे पकाने का सबसे स्वास्थ्यप्रद तरीका है। इससे इसके पोषक तत्व सुरक्षित रहते हैं।

क्लासिक देसी स्टाइल: शकरकंद को अच्छी तरह धोकर नरम होने तक भूनें या उबालें। फिर छीलकर उस पर नींबू का रस, सेंधा नमक और चाट मसाला डालकर खाएं।

हेल्दी फैट के साथ खाएं: बीटा-कैरोटीन एक वसा में घुलनशील (fat-soluble) पोषक तत्व है। इसलिए शकरकंद को खाते समय उस पर आधा चम्मच घी डालना या साथ में कुछ मेवे खाने से शरीर में इसका अवशोषण कई गुना बढ़ जाता है।

💬 अब आपकी बारी!

आपको शकरकंद किस रूप में खाना सबसे ज़्यादा पसंद है - भुना हुआ, उबालकर, या उसकी चाट बनाकर?

आप अपनी आँखों और त्वचा को स्वस्थ रखने के लिए और कौन-से खाद्य पदार्थ खाते हैं? कमेंट्स में अपने टिप्स शेयर करें!
Dadima ke Gharelu Nuskhe - घरेलू नुस्खे

राजमा है सेहत का खज़ाना….राजमा-चावल अधिकतर लोगों का पसंदीदा फूड होता है. जो लोग राजमा नहीं खाते हैं, वे जरूर खाएं राजमा,...
09/29/2025

राजमा है सेहत का खज़ाना….

राजमा-चावल अधिकतर लोगों का पसंदीदा फूड होता है. जो लोग राजमा नहीं खाते हैं, वे जरूर खाएं राजमा, क्योंकि इसमें कई ऐसे पोषक तत्व मौजूद होते हैं, जो आपको कई रोगों से बचाए रख सकते हैं।

यह देखने में बिल्कुल किडनी की तरह होता है. यह एक प्रकार का बीन्स है, जिसे दुनिया भर में खाया जाता है. राजमा में सबसे ज्यादा प्रोटीन होता है, जिस वजह से इसे प्रोटीन का मुख्य सोर्स कहा जाता है. यह स्वाद में जितना जबरदस्त होता है, उतने ही सेहत के लिए भी फायदेमंद होता है. राजमा कई रंगों जैसे काला, गहरा व हल्का लाल आदि में उपलब्ध होता है।

जानते हैं राजमा खाने के सेहत लाभ क्या-क्या होते हैं -

राजमा में सबसे ज्यादा आयरन, मैग्नीशियम, कार्बोहाइड्रेट, पोटैशियम, फॉस्फोरस, फाइबर, सोडियम, कॉपर, फोलेट, कैल्शियम आदि होता है. इसमें कैलोरी काफी कम होती है, इस वजह से राजमा वजन कम करने में कारगर साबित हो सकता है. फाइबर से पाचन क्रिया दुरुस्त रहती है, कब्ज नहीं होता.
Dadima ke Gharelu Nuskhe - घरेलू नुस्खे
1 खाना खजाना

खुब खुब बधाई
09/29/2025

खुब खुब बधाई

मनीप्लांट (Pothos) न सिर्फ घर की शोभा बढ़ाता हैं, बल्कि हवा में मौजूद हानिकारक गैसों को सोखकर आपके घर के वातावरण को ताजगी...
09/29/2025

मनीप्लांट (Pothos) न सिर्फ घर की शोभा बढ़ाता हैं, बल्कि हवा में मौजूद हानिकारक गैसों को सोखकर आपके घर के वातावरण को ताजगी से भर देगा। इसे अपने घर में जरूर लगाए।
Dadima ke Gharelu Nuskhe - घरेलू नुस्खे

Address

421 8th Avenue
New York, NY
10001

Website

Alerts

Be the first to know and let us send you an email when Health Today posts news and promotions. Your email address will not be used for any other purpose, and you can unsubscribe at any time.

Share

Share on Facebook Share on Twitter Share on LinkedIn
Share on Pinterest Share on Reddit Share via Email
Share on WhatsApp Share on Instagram Share on Telegram