11/06/2022
अब किससे से समझना है? कैसे समझना है? कब समझेंगे? जब देश के मुख्य आर्थिक सलाहकार वी अनंत नागेश्वरन (वह 2019 से 2021 तक भारत के प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद के अंशकालिक सदस्य भी थे) कह रहे हैं ये समुद्री लुटेरों की तरह है (पढ़ लें) और आप निश्चित तौर पर लुटेरे नहीं है लुटने वाले हैं, और कोई अनुभवी समझदार समझा रहा है तो भी हमारे लालच ने हमारी आँखों पर पट्टी ही नहीं बांधी है बल्कि फोड़ ही दी हैं कि हमें कुछ दिखाई नहीं दे रहा है। दुनिया में easy money जैसी कोई चीज़ होती ही नहीं है और अगर इतना ही सब कुछ अच्छा अच्छा है और ऐसे ही दौलत कमायी जा सकती हैं तो हमारी भारत सरकार तो बहुत घाटे में है तो ये समुद्री ……. सरकार को क्यों नहीं समझा देते और सरकार इससे कौन सी अनभिज्ञ है वो क्यों नहीं अपना fund लगा देती? उसने तो नहीं लगाये।
याद रखना बबल भी कुछ देर तो टिका ही रहता है और दिखता भी बहुत सुंदर है पर उसे जल समझ कर ग्रहण नहीं किया जा सकता है, वो फूटने के लिए है बना है, अभी कुछ लोगों के कुछ पैसे डिजिटली app में दिखाई दे रहे होंगे, कुछ के कुछ आ भी गये होगें (share market के intraday जैसे ) वो क्या हैं / कैसे हैं ये बताने की ज़रूरत नहीं है।
सरकार को चाहिए टैक्स कैसे भी, कहीं से भी, तुम पैसे कमा रहे हो भले ही कैसे भी कमाओ सरकार को टैक्स दे दो तुरंत, उनके पास उधार का काम नहीं है क्योंकि उन्हें पता है आगे क्या होगा तुम्हारा, तुम उनका हिस्सा दे दो बस, उनका काम हो गया पर इसका मतलब ये क़ानूनी हो गया ऐसा नहीं है, ये भ्रम है, (पढ़ लो देश के मुख्य आर्थिक सलाहकार नागेश्वरन जी क्या कह रहे हैं - इसे regulate करना मुश्किल है) जिस दिन आँख खुलेगी और सरकार करवट लेगी उस दिन एक झटके में निबटा देंगे और फिर ये बेचारे लुटने वाले कहीं के नहीं रहेंगे, किसी काम के भी नहीं रहेंगे, घर बार बेचते फिरेंगे और जिसने तुम्हें उलझाया है वे सांत्वना देते रहेंगे, ये लोग भी उलझे हुए हैं पर उनने तुम्हें उलझाया है ना इसलिए वे अपने आपको बचा रहे होंगे, समय टाल रहे होंगे पर असली समुद्री लुटेरे को तो तुम ढूँढते रह जाओगे, धीरे धीरे सब भूल जायेंगे और गरीब बेचारा लुट चुका होगा, क्योंकि इस देश में गरीब ही है जो शॉर्ट कट से अमीर बनने की चक्कर में लुटता रहता है (जैसा आज तक होता आया है) मज़े की बात तो ये है कि फिर कुछ दिन बाद समुद्री लुटेरा फिर किसी और भेष में आयेगा और कहेगा ये वो नहीं है कुछ और है……. और फिर ऐसी ही जमात उलझेगी, वे लूटना बंद नहीं करेंगे और गरीब लुटना बंद नहीं करेगा और उनका काम चलता रहेगा।
भाई सपनो में और लोभ में बहुत बड़ा फ़र्क़ होता है।
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