
03/09/2022
🔱Isha Upanishad🔱
🔸All this-whatsoever moves on the earth should be covered by the Lord. Protect (your Self) through that detachment. Do not covet anybody's wealth. (Or-Do not covet, for whose is wealth?)||1||
🔸ব্রহ্মাণ্ডে যাহা কিছু অনিত্য বস্তু আছে, এ সমস্তই পরমেশ্বরের দ্বারা আবরণীয়। উত্তমরূপ ত্যাগের দ্বারা (আত্মাকে ) পালন কর। কাহারও ধনে লোভ করিও না। অথবা ( ধনের) আকাঙ্ক্ষা করিও না, ( কারণ ) ধন আবার কাহার ?||১||
🔸इस वैश्व गति में, इस अत्यन्त गतिशील समष्टि-जगत् में जो भी यह दृश्यमान गतिशील, वैयक्तिक जगत् है-यह सबका सब ईश्वर के आवास के लिए है। इस सबके त्याग द्वारा तुझे इसका उपभोग करना चाहिये; किसी भी दूसरे की धन-सम्पत्ति पर ललचाई दृष्टि मत डाल। ... जड़-चेतन प्राणियों वाली यह समस्त सृष्टि परमात्मा से व्याप्त है । मनुष्य इसके पदार्थों का आवश्यकतानुसार भोग करे, परंतु ‘यह सब मेरा नहीं है के भाव के साथ’; उनका संग्रह न करे। ||१||