JS Group Indian Farmers Group

JS Group Indian Farmers Group Choose Quality Not Quantity!

Happy Mother’s Day
11/05/2025

Happy Mother’s Day

🆕 GC 🧑🏻‍🌾💐👍💸💸
02/04/2025

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शुभ प्रथम नवरात्रि!🙏🏻आज के दिन माँ शैलपुत्री की उपासना से हमें साहस, धैर्य और शुद्धता का आशीर्वाद प्राप्त होता है। यह पा...
30/03/2025

शुभ प्रथम नवरात्रि!🙏🏻

आज के दिन माँ शैलपुत्री की उपासना से हमें साहस, धैर्य और शुद्धता का आशीर्वाद प्राप्त होता है। यह पावन पर्व आपके जीवन में नई ऊर्जा, सुख-समृद्धि और सफलता लेकर आए।

माँ दुर्गा का आशीर्वाद सदा आप पर बना रहे!

जय माता दी!🙏🏻

Happy Holi 🌊🎇⛱️🎨
13/03/2025

Happy Holi 🌊🎇⛱️🎨

Would Protein Day₹&@$ #
27/02/2025

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JS&JSB FOODS परिवार की तरफ़ से आप सभी को महा शिवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएँ!भोलेनाथ की कृपा से आपका जीवन सुख, समृद्धि औ...
26/02/2025

JS&JSB FOODS परिवार की तरफ़ से आप सभी को महा शिवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएँ!
भोलेनाथ की कृपा से आपका जीवन सुख, समृद्धि और शांति से भरा रहे।
"ॐ नमः शिवाय"

🚩 हर हर महादेव 🚩

17/02/2025

Dr.Rinku👨‍⚕️

* *सबसे पहले 1 KG ब्लीचिंग पाउडर ले।* *उसे 5 लीटर पानी थोड़ा थोड़ा करके मिक्स करें*
*फिर उसमें 1kg मीठा सोडा add करें वो भी थोड़ा थोड़ा करके*
*वह उबाल लेगा उसे लेने दे*
*24 घंटे के लिए इस मिश्रण को ढाक कर रखें*
*अगले दिन वो गुलाबी रंग का हो जाएगा*
*उसे छान कर रख ले ।*

*एक बढ़िया Water sentizer तैयार है।*

*200 ml से 250 ml 1000 litter पानी में इस्तेमाल करे*

*इससे आपका बर्डस Ecoli CRD Se Bacha rhega*

17/02/2025

गैंग्रीनस डर्माटाइटिस *(GD)* ब्रॉयलर मुर्गियों में एक खतरनाक बैक्टीरियल त्वचा संक्रमण है, जो आमतौर पर क्लोस्ट्रीडियम पर्फ्रिंजेंस (Clostridium perfringens) और स्टैफिलोकोकस (Staphylococcus aureus) बैक्टीरिया के कारण होता है। यह तेजी से फैलने वाली बीमारी है, जो मुर्गियों की त्वचा, पंखों के नीचे और मांसपेशियों को प्रभावित करती है और अगर समय पर इलाज न किया जाए तो तेजी से मौत हो सकती है।

1. गैंग्रीनस डर्माटाइटिस (GD) के लक्षण
✅ त्वचा पर घाव और सड़न – पंखों के नीचे, पेट, गर्दन और जांघों पर गहरे लाल या काले घाव दिखते हैं।
✅ त्वचा फटने लगती है – स्किन में सूजन और छाले पड़ जाते हैं, जो बाद में फट जाते हैं और उसमें से बदबूदार द्रव निकलता है।
✅ तेजी से वजन गिरना – संक्रमित मुर्गियां जल्दी कमजोर हो जाती हैं।
✅ लड़खड़ाना और सुस्ती – चूजे सुस्त हो जाते हैं और चलने-फिरने में दिक्कत होती है।
✅ तेजी से मौत (Sudden Death) – गंभीर मामलों में 24-48 घंटे में कई मुर्गियां मर सकती हैं।

2. गैंग्रीनस डर्माटाइटिस (GD) के कारण
🔸 गंदा और गीला बिछावन (Litter) – ज्यादा नमी वाले बिछावन में बैक्टीरिया तेजी से बढ़ते हैं।
🔸 चोट या स्किन कट – अगर मुर्गियों को चोट लगती है, तो वहां से बैक्टीरिया शरीर में घुस सकते हैं।
🔸 अत्यधिक भीड़ (Overcrowding) – ज्यादा मुर्गियों को एक साथ रखने से चोट लगने और संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है।
🔸 कमजोर इम्यून सिस्टम – अगर फीड में पोषण की कमी हो या कोई अन्य बीमारी हो, तो इम्यूनिटी कमजोर हो जाती है।
🔸 पानी और फीड का दूषित होना – गंदे पानी या खराब फीड से बैक्टीरिया तेजी से फैलते हैं।

3. गैंग्रीनस डर्माटाइटिस (GD) का इलाज (Treatment)
✅ एंटीबायोटिक्स (Antibiotics)

पानी में दवा मिलाकर दें:
Amoxicillin + Clavulanic Acid (20 mg/kg)
Penicillin (20,000 IU/kg) या Tylosin (10 mg/kg) पानी में दें।
Oxytetracycline या Doxycycline – बैक्टीरिया को कंट्रोल करने के लिए।
✅ एंटीसेप्टिक ट्रीटमेंट

घावों को साफ करने के लिए पोटैशियम परमैंगनेट (KMnO4) या Povidone-Iodine 5% सॉल्यूशन का उपयोग करें।
✅ पानी में टॉक्सिन बाइंडर और इलेक्ट्रोलाइट्स दें

Toxin Binder (Mycotoxin control) जैसे Mycofix या Toxol दें।
Electrolytes + Multivitamin – जिससे इम्यून सिस्टम मजबूत हो।
✅ लिवर टॉनिक और प्रोबायोटिक्स दें

Liver Tonic (Hepatocare, Liv 52 Vet) दें।
Probiotics (Bactocell, Yeast Culture) दें ताकि आंतों में बैक्टीरिया कंट्रोल रहें।
4. गैंग्रीनस डर्माटाइटिस (GD) से बचाव (Prevention)
✔ सूखा और साफ बिछावन (Litter Management) – बिछावन हमेशा सूखा और साफ रखें।
✔ मुर्गियों की भीड़ न बढ़ाएं (Avoid Overcrowding) – पर्याप्त जगह दें ताकि चोट न लगे।
✔ संक्रमण से बचाव के लिए टीकाकरण (Vaccination) – IBH, IBD और Marek’s disease का वैक्सीन लगवाएं।
✔ फीड और पानी की सफाई पर ध्यान दें – दूषित पानी और खराब फीड न दें।
✔ बायो-सिक्योरिटी मजबूत करें – फार्म में बाहरी लोगों और अन्य पक्षियों का आना-जाना सीमित करें।

अगर सही मैनेजमेंट किया जाए तो GD को रोका जा सकता है और ब्रोइलर की हेल्थ बेहतर बनी रहेगी! 🚜🐥🔥

17/02/2025

ब्रोइलर चूजों के पहले दिन गुड़, सिरका और मीठा सोडा देने से उनकी इम्यूनिटी, पाचन और शुरुआती ग्रोथ बेहतर होती है। सही मात्रा का पालन करना बहुत जरूरी है, ताकि कोई नुकसान न हो।
पहले दिन की खुराक (1,000 चूजों के लिए)
1. गुड़ (Jaggery) – 50-100 ग्राम (पानी में घोलकर दें)
* एनर्जी देता है और चूजों को स्ट्रेस से बाहर लाने में मदद करता है।
2. सिरका (Apple Cider Vinegar) – 5-7 ml प्रति लीटर पानी
* इम्यून सिस्टम को मजबूत करता है और पेट की सफाई करता है।
3. मीठा सोडा (Baking Soda) – 1-2 ग्राम प्रति लीटर पानी
* पानी की pH बैलेंस करता है और पाचन को सही करता है।
कैसे दें?
* गुड़ को हल्के गर्म पानी में घोलकर पिलाएं।
* सिरका और मीठा सोडा पानी में मिलाकर दें।
* साफ और ताजा पानी में ही मिलाएं।
* पहले 4-6 घंटे सिर्फ यह घोल दें, उसके बाद नॉर्मल पानी दें।
अगर आपके पास बड़ा सेटअप है, तो मात्रा चूजों की संख्या के हिसाब से एडजस्ट करनी होगी। सही बैलेंस जरूरी है ताकि ओवरडोज न हो। 🚜🐥

17/02/2025

अगर 1000 चूजों के लिए 1 किलो गुड़ दिया जाए, तो यह बहुत ज्यादा मात्रा हो जाएगी और नुकसान कर सकता है। सही डोज़ देना जरूरी है, वरना फायदे की जगह नुकसान हो सकता है।
फायदे:
✅ एनर्जी बूस्टर – चूजों को जल्दी ताकत और हीट देता है, खासकर ठंड के मौसम में।
✅ स्ट्रेस कम करता है – ट्रांसपोर्ट स्ट्रेस और नया वातावरण एडजस्ट करने में मदद करता है।
✅ पाचन सुधारता है – हल्की मात्रा में गुड़ देने से आंतों में अच्छे बैक्टीरिया बढ़ते हैं।
नुकसान (अगर 1 किलो दिया जाए तो)
❌ डायरिया (पतला दस्त) – ज्यादा मीठा पानी चूजों के डाइजेशन को बिगाड़ सकता है।
❌ फंगस ग्रोथ – ज्यादा मीठा पानी पिलाने से ड्रिंकिंग सिस्टम में फंगस और बैक्टीरिया पनप सकते हैं।
❌ पानी की कमी (डिहाइड्रेशन) – ज्यादा गुड़ से चूजों को प्यास ज्यादा लगेगी और इलेक्ट्रोलाइट इम्बैलेंस हो सकता है।
सही मात्रा कितनी होनी चाहिए?
🔹 1000 चूजों के लिए 50-100 ग्राम गुड़ प्रति दिन (1 किलो बहुत ज्यादा है!)
🔹 हल्के गर्म पानी में घोलकर दें
🔹 सिर्फ पहले 1-2 दिन दें, उसके बाद नार्मल पानी दें
अगर ज्यादा दिया, तो फायदा कम और नुकसान ज्यादा होगा। सही बैलेंस रखना जरूरी है! 🐥🚜

17/02/2025

*जो योल्क (पीला भाग) चूजे के अंदर होता है*, वह अंदर ही अब्जॉर्ब (शोषित) होता है, बाहर नहीं निकलता।
योल्क का काम क्या है?
* जब चूजा अंडे के अंदर होता है, तो वही योल्क उसकी एनर्जी और पोषण का मुख्य स्रोत होता है।
* चूजे के निकलने से पहले, 90-95% योल्क उसके पेट (abdomen) के अंदर खिंच जाता है।
* ये योल्क पहले 2-3 दिनों तक चूजे को पोषण देता है, जिससे वह शुरुआती फीड के बिना भी सर्वाइव कर सकता है।
अगर योल्क बाहर निकल जाए तो?
* असामान्य स्थिति होती है।
* इसका मतलब चूजा कमजोर है या इनक्यूबेशन के दौरान कोई दिक्कत हुई है।
* यह आमतौर पर इनफेक्शन, खराब इनक्यूबेशन टेम्परेचर, या समय से पहले अंडा फूटने के कारण हो सकता है।
समाधान:
* अगर योल्क पूरी तरह से बाहर निकल गया है, तो ऐसे चूजे ज्यादा सर्वाइव नहीं कर पाते।
* हल्का बाहर निकला हो, तो साफ जगह पर रखें और हल्का एंटीसेप्टिक (Betadine) लगाएं।
* इनक्यूबेशन टेम्परेचर और ह्यूमिडिटी सही रखें ताकि योल्क अच्छे से अब्जॉर्ब हो।
सही से मैनेज किया जाए तो यह प्रॉब्लम बहुत कम होती है। 🐥🚜

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