06/11/2023
🙏🌹🙏सदगुरु देव शिव मुनि वचनामृत ......
मनुष्य वही है जैसा उसका विचार और सिद्धान्त है | अतः निरोग होने के लिए भावना और और विचार की उच्चता आवश्यक है | हम जीवात्मा है , शक्तिहीन है रोगी है , यह नीच भावना है | इससे कुछ लाभ नहीं है | आज ही से भावना करो की हम वह है जो निरोग और निर्विकार है , हम है कोई रोग नहीं हो सकता | इसका प्रभाव शरीर पर भी पड़ेगा वह भी साधारण नहीं | इसका प्रभाव ऐसा पडेगा की आप स्वयं अपने शरीर की दशा देखकर चकित होंगे | ब्रम्हा की भावना शान्ति और आरोग्य का कोष है |🙏🌹🙏
जय जीव 🙏