GynoSakhi

GynoSakhi Women’s health cured by Ayurveda

09/08/2025

Happy Rakshabandhan to all of u.. we are always ready to treat u.. in every occasion.. ur good health is the part of our festival

16/05/2025

Dates have been traditionally used in many cultures to support cervical ripening and labor preparation.

Potential Benefits of Dates
1. *Cervical ripening*: Eating dates in the last few weeks of pregnancy may help soften and dilate the cervix, making it more favorable for labor.
2. *Reduced induction rates*: Some studies suggest that consuming dates during late pregnancy may reduce the need for labor induction.
3. *Shorter labor*: Dates may help shorten the duration of labor, although more research is needed to confirm this.
Possible Mechanisms
1. *Natural oxytocin stimulation*: Dates contain compounds that may stimulate the body’s natural oxytocin production, which can help induce labor.
2. *Prostaglandins*: Dates may contain prostaglandins, which can help ripen the cervix and prepare it for labor.
How to Consume Dates
1. *Eat dates in moderation*: Consume dates in moderation (about 5-6 dates per day) during the last few weeks of pregnancy.
2. *Choose ripe dates*: Opt for ripe, soft dates, as they may be more effective than unripe dates.
Important Notes:-
1. Consult your healthcare provider: Before making any significant changes to your diet, consult with your healthcare provider, especially if you have any underlying medical conditions or concerns.
2. *Dates are not a guarantee*: While dates may be beneficial, they are not a guarantee for a smooth or quick labor.

Incorporating dates into your diet may be a helpful addition to your pregnancy routine, but it’s essential to prioritize your healthcare provider’s guidance and recommendations.

16/05/2025

Dates have been traditionally used in many cultures to support cervical ripening and labor preparation.

Potential Benefits of Dates
1. *Cervical ripening*: Eating dates in the last few weeks of pregnancy may help soften and dilate the cervix, making it more favorable for labor.
2. *Reduced induction rates*: Some studies suggest that consuming dates during late pregnancy may reduce the need for labor induction.
3. *Shorter labor*: Dates may help shorten the duration of labor, although more research is needed to confirm this.
Possible Mechanisms
1. *Natural oxytocin stimulation*: Dates contain compounds that may stimulate the body’s natural oxytocin production, which can help induce labor.
2. *Prostaglandins*: Dates may contain prostaglandins, which can help ripen the cervix and prepare it for labor.
How to Consume Dates
1. *Eat dates in moderation*: Consume dates in moderation (about 5-6 dates per day) during the last few weeks of pregnancy.
2. *Choose ripe dates*: Opt for ripe, soft dates, as they may be more effective than unripe dates.
Important Notes:-
1. Consult your healthcare provider: Before making any significant changes to your diet, consult with your healthcare provider, especially if you have any underlying medical conditions or concerns.
2. *Dates are not a guarantee*: While dates may be beneficial, they are not a guarantee for a smooth or quick labor.

Incorporating dates into your diet may be a helpful addition to your pregnancy routine, but it’s essential to prioritize your healthcare provider’s guidance and recommendations.

थायराइड और गर्भावस्थाथायराइड ग्रंथि गर्दन में स्थित एक महत्वपूर्ण ग्रंथि है जो थायराइड हार्मोन का उत्पादन करती है। ये हा...
19/04/2025

थायराइड और गर्भावस्था

थायराइड ग्रंथि गर्दन में स्थित एक महत्वपूर्ण ग्रंथि है जो थायराइड हार्मोन का उत्पादन करती है। ये हार्मोन शरीर के चयापचय और विकास के लिए आवश्यक होते हैं।

गर्भावस्था में थायराइड की भूमिका:

गर्भावस्था के दौरान, थायराइड हार्मोन की मांग बढ़ जाती है क्योंकि यह भ्रूण के विकास और गर्भस्थ शिशु के मस्तिष्क के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

थायराइड विकार के कारण:

1. हाइपोथायराइडिज्म (अल्प क्रियाशील थायराइड): थायराइड हार्मोन का अपर्याप्त उत्पादन।
2. हाइपरथायराइडिज्म (अति क्रियाशील थायराइड): थायराइड हार्मोन का अत्यधिक उत्पादन।

लक्षण:

हाइपोथायराइडिज्म:

- थकान
- वजन बढ़ना
- बालों का झड़ना
- ठंड के प्रति संवेदनशीलता

हाइपरथायराइडिज्म:

- वजन कम होना
- तनाव और चिंता
- बालों का झड़ना
- गर्मी के प्रति संवेदनशीलता

गर्भावस्था में थायराइड विकार के प्रभाव:

- गर्भपात
- समय से पहले प्रसव
- गर्भस्थ शिशु के विकास में समस्याएं

आयुर्वेदिक उपचार:

1. आहार और जीवनशैली में बदलाव
2. हर्बल उपचार जैसे कि अश्वगंधा, ब्रह्मी और शंखपुष्पी
3. योग और ध्यान

आयुर्वेदिक चिकित्सक से परामर्श करना आवश्यक है जो आपकी विशिष्ट स्थिति के अनुसार उपचार योजना तैयार कर सकते हैं।

Fibroadenoma: कारण, लक्षण और उपचारक्या है Fibroadenoma?Fibroadenoma स्तनों में पाई जाने वाली एक सामान्य, गैर-कैंसरजनक (b...
30/03/2025

Fibroadenoma: कारण, लक्षण और उपचार

क्या है Fibroadenoma?

Fibroadenoma स्तनों में पाई जाने वाली एक सामान्य, गैर-कैंसरजनक (benign) गाँठ होती है। यह ज्यादातर 15 से 35 वर्ष की महिलाओं में पाई जाती है। यह एक ठोस, चिकनी और गोलाकार गाँठ होती है, जिसे दबाने पर आसानी से हिलाया जा सकता है।

Fibroadenoma के कारण

इसका सटीक कारण अभी तक स्पष्ट नहीं है, लेकिन यह हार्मोनल बदलावों, विशेष रूप से एस्ट्रोजन (estrogen) के स्तर में वृद्धि से जुड़ा हो सकता है।

Fibroadenoma के लक्षण

स्तन में एक ठोस, गोल या अंडाकार गाँठ

गाँठ को छूने पर मुलायम और आसानी से हिलने वाला महसूस होना

कोई दर्द नहीं होता (कभी-कभी हल्का दर्द हो सकता है)

मासिक धर्म के दौरान आकार में बदलाव हो सकता है

Fibroadenoma का निदान

क्लिनिकल जांच: डॉक्टर स्तन की जांच करके इसकी पहचान कर सकते हैं।

मैमोग्राफी या अल्ट्रासाउंड: गाँठ के आकार और प्रकार को स्पष्ट करने के लिए किया जाता है।

बायोप्सी: अगर संदेह हो तो टिशू सैंपल लेकर जांच की जाती है।

Fibroadenoma का उपचार

यदि यह छोटी और बिना किसी लक्षण वाली है, तो इसे सिर्फ निगरानी में रखा जाता है।

बड़ी गाँठ या परेशानी देने वाली गाँठ को सर्जरी द्वारा हटाया जा सकता है।

हॉर्मोनल असंतुलन को सुधारने के लिए आयुर्वेदिक और प्राकृतिक उपाय भी सहायक हो सकते हैं।

आयुर्वेदिक और घरेलू उपचार

हल्दी और एलोवेरा का सेवन सूजन को कम करने में सहायक हो सकता है।

ग्रीन टी और मेथी के बीज हार्मोनल संतुलन में मदद कर सकते हैं। कचनार की पेड़ की छाल को 400 ग्राम पानी में पकाकर, जब पानी आधा रह जाए, तो उसे छानकर पी लें.
कपालभाति प्राणायाम 10 से 15 मिनट से शुरू करके आधा घंटा करें.
अनुलोम-विलोम: कपालभाति से आधा समय अनुलोम-विलोम करने से शरीर में एनर्जी का फ्लो बढ़ता है.

तनाव कम करने के लिए योग और प्राणायाम करें।

यदि गाँठ तेजी से बढ़ रही हो या असामान्य लक्षण दिखे, तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें। #आपकीअपनीसखी

PCOD (Polycystic Ovarian Disease) महिलाओं में एक आम समस्या है, जो मुख्य रूप से हार्मोनल असंतुलन के कारण होती है। इसमें अ...
29/03/2025

PCOD (Polycystic Ovarian Disease) महिलाओं में एक आम समस्या है, जो मुख्य रूप से हार्मोनल असंतुलन के कारण होती है। इसमें अंडाशय में छोटे-छोटे सिस्ट बन जाते हैं, जो मासिक धर्म की अनियमितता और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बनते हैं।

PCOD के लक्षण:

1. मासिक धर्म की अनियमितता।

2. अत्यधिक बाल झड़ना या चेहरे पर बाल बढ़ना।

3. वजन बढ़ना या मोटापा।

4. त्वचा पर मुहांसे और तैलीय त्वचा।

5. बांझपन की समस्या।

PCOD के कारण:

1. असंतुलित हार्मोन।

2. अस्वास्थ्यकर जीवनशैली।

3. अत्यधिक तनाव।

4. अनियमित खान-पान।

5. आनुवंशिक कारण।

PCOD से बचाव के उपाय:

1. संतुलित आहार लें:

हरी पत्तेदार सब्जियाँ, फल, और प्रोटीन युक्त आहार शामिल करें।

चीनी और जंक फूड से बचें।

2. व्यायाम करें:

योग और नियमित व्यायाम से वजन को नियंत्रित रखें।

सूर्य नमस्कार और प्राणायाम PCOD के लिए बेहद लाभकारी हैं।

3. तनाव प्रबंधन:

ध्यान (मेडिटेशन) और अच्छी नींद तनाव को कम करने में मदद करते हैं।

4. आयुर्वेदिक घरेलू नुस्खे:

मेथी: मेथी के बीज को पानी में भिगोकर सुबह खाली पेट लें। यह हार्मोन संतुलित करता है।

अश्वगंधा: तनाव कम करने के लिए रोज़ाना अश्वगंधा का सेवन करें।

तुलसी: तुलसी के पत्तों का रस पीने से शुगर लेवल नियंत्रित होता है।

दालचीनी: एक गिलास गर्म पानी में आधा चम्मच दालचीनी पाउडर मिलाकर पिएं।

एलोवेरा और आंवला: इनका रस पीने से मासिक धर्म नियमित होता है।

5. पर्याप्त पानी पिएं: शरीर को डिटॉक्स करने के लिए रोज़ 2-3 लीटर पानी पिएं।

6. प्राकृतिक हर्बल चाय: ग्रीन टी या हर्बल टी का सेवन करें।

PCOD से बचने के लिए ध्यान देने योग्य बातें:

1. समय पर खाना खाएँ और भूखे न रहें।

2. रात को देर से खाने और सोने से बचें।

3. किसी भी समस्या को नजरअंदाज न करें और डॉक्टर से समय पर परामर्श लें।

आयुर्वेदिक चिकित्सा की भूमिका:

आयुर्वेद में PCOD का उपचार जड़ से करने पर ध्यान दिया जाता है। पंचकर्म थेरेपी, शरीर को डिटॉक्स करने और हार्मोन संतुलित करने के लिए उपयोगी होती है।

निष्कर्ष:

PCOD एक गंभीर समस्या हो सकती है, लेकिन इसे सही जीवनशैली, संतुलित आहार, और आयुर्वेदिक उपायों से प्रबंधित किया जा सकता है। नियमित योग, तनाव प्रबंधन, और डॉक्टर से परामर्श आपकी सेहत को बेहतर बनाए रख सकते हैं।
#आपकीअपनीसखी

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नमस्कार दोस्तों स्त्रीरोग विशेषज्ञ gyno sakhi में आप सभी का स्वागत है आज हमारे साथ हैं पूजा पटवा पूजा जी की शादी पिछले 7...
20/03/2025

नमस्कार दोस्तों स्त्रीरोग विशेषज्ञ gyno sakhi में आप सभी का स्वागत है आज हमारे साथ हैं पूजा पटवा पूजा जी की शादी पिछले 7 साल पहले हुई थी 7 साल से उन्हें बच्चा प्राप्त नहीं हो पा रहा था मेरे नेत्रत्व में उनका इलाज हुआ और आज उन्हें एक पुत्र की प्राप्ति हुई है और भी कोई बहन अगर गर्भ धारण नहीं कर पा रही है तो आन और आयुर्वेदिक से अपना इलाज कराएं gyno sakhi आप सभी की सेवा में तत्पर है
#आपकीअपनीसखी

"Gyno Sakhi – प्राचीन ज्ञान, आधुनिक नारी के लिए"
19/03/2025

"Gyno Sakhi – प्राचीन ज्ञान, आधुनिक नारी के लिए"

19/03/2025

✨ स्वागत है "Gyno Sakhi" में – आपकी सेहत, आपकी सुरक्षा ✨

नमस्कार बहनों!

"Gyno Sakhi" आपके लिए एक ऐसा मंच है जहाँ हम महिलाओं की स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं, गायनेकोलॉजी संबंधित जानकारी, और महिला सुरक्षा पर खुलकर चर्चा करेंगे। हमारा उद्देश्य है कि हर महिला अपने शरीर और स्वास्थ्य को लेकर जागरूक हो और सही समय पर सही सलाह पा सके।

✅ गर्भधारण से जुड़ी जानकारी
✅ मासिक धर्म, सफेद पानी और अन्य स्त्री रोगों से जुड़ी मदद
✅ महिला सुरक्षा और उनके अधिकारों की जानकारी
✅ डॉक्टरों और विशेषज्ञों से सीधी बातचीत

आपकी सेहत और सुरक्षा हमारी प्राथमिकता है! ❤️
अगर आपके कोई सवाल हैं या किसी विशेष विषय पर जानकारी चाहते हैं, तो हमें कमेंट या मैसेज करें।

#महिलाओंकीसेहत #आपकीअपनीसखी

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