17/08/2024
WHEN WILL THIS SHAMELESS BRUTALITY STOP!
झुक जाता है सिर शर्म से
जब कहती हूँ , मैं हूँ स्वतंत्रत भारत से
झुक जाता है सिर शर्म से
जब होती है एक बेटी की मर्यादा भंग, पुरुष के हाथों से
झुक जाता है सिर शर्म से
जब होता है निर्भाया कांड खुलेआम भारत की सड़कों पर
झुक जाता है सिर शर्म से
जब बिक जाता है प्रशासन राजनैतिकों के हाथों मे
हूँ में उस भूमि से जहां होता था लंका दहन और महाभारत का युद्ध स्त्री के सम्मान में
झुक जाता है सिर शर्म से
जब देखती हूँ , होता आदर्शों का पतन स्वतंत्र भारत की धरती में॥॥