Shree Sudarashan Ayu Care Center

Shree Sudarashan Ayu Care Center Specialty in Arthritis,Skin care,Gastrology,Hair fall problems

04/09/2025
   # #  #  with Oral Ayurvedic medicines  and application of oil nd Lep only
11/09/2021

# # # with Oral Ayurvedic medicines and application of oil nd Lep only

29/08/2021

સૂકા લાકડાં ને પણ તેલ લગાવીને શેક કરવામાં આવે તો તેને જરૂર મુજબ વાળીને કામ માં ઉપયોગી બનાવી શકાય છે,તેવી જ રીતે જીવંત માણસના અંગોને સ્નેહન અને સ્વેદનથી યથા યોગ્ય બનાવી શકાય છે.

13/06/2021

હે ! સાહેબ આ ખજૂર ગરમ ના પડે ?

🔵 આયુર્વેદમાં ચરકસંહિતામાં શ્રમહરદશેમાની (એટલે તુરંત થાક દૂર કરનાર 10 શ્રેષ્ઠ દ્રવ્ય સમુહ) માં ખજૂરનો સમાવેશ કરેલ છે. અહીં વર્ણવેલ ખજૂર એ દરેક પ્રયોગમાં પીંડખજૂર સમજવી .

ખજૂરના ગુણો બલ્ય અને મૂત્રલ બતાવેલ છે.

🔵આચાર્ય ચરકે વાજીકરણમાં ઇન્દ્રોકત રસાયનમાં ખજૂર દર્શાવેલ છે. આજે પણ ગલ્ફના દેશોમાં વાજીકરણ પ્રયોગમાં ખજૂર નું મહત્વ ઘણુ છે.

🔵આચાર્ય સુશ્રુત પ્રમેહની ચિકિત્સામાં ખજૂર ના પ્રયોગ બતાવેલ છે. આથી જો તમને ડાયાબિટીસ હોય તો પણ નિશ્ચિત પ્રમાણમાં સૂકીખજૂર એટલે કે ખારેકનું સેવન કરી શકો છો.

🔵હેડકી हिक्का Hiccup ની સારવારમાં સરખા પ્રમાણમાં ખજૂરના ઠળિયાનું ચૂર્ણ તથા લિંડીપિપર મધ સાથે ચાટવાનો પ્રયોગ સુશ્રુતમાં બતાવેલ છે.

U know Hiccup એસિડીટી નું એક કારણ-લક્ષણ છે... એટલે કે હેતુવિપર્યય ચિકિત્સા

🔵1885માં ડૉ.બોનવિયા નો The future of the DATE PALM in India માં નોંધ છે કે, જે દેશો માં વારંવાર દુષ્કાળની પરિસ્થિતિ સર્જાતી હોય ત્યાં ખજુરી વાવો, આગલા 15 વર્ષમાં જમીન , વરસાદ અને પ્રજાની સ્થિતિ સારી થશે જો કે આ તથ્ય કચ્છ પ્રદેશ માટે વર્તમાનમાં સંપૂર્ણ સત્ય સાબિત થઈ રહ્યુ છે.
ખજૂરીએ નાળિયેરીથી પણ વધુ પોષણ દાયક અને આર્થિક રીતે સમૃદ્ધ કરનાર છે.એની વિશેષતા એ છે કે ગમે તેવા દુષ્કાળ માં ટકી રહે છે અને પ્રજા નુ શારીરિક પોષણ પોતાના મધુર ફળોથી કરે છે અને અતિવૃષ્ટિ માં પણ નુકસાનને પામતુ નથી.

🔵 નિરો એ ખજૂરીનો તાજો રસ છે.
જે ગોનોરીયા નામની જટીલ બિમારી નો ઉત્તમ ઇલાજ છે. બલ્યની સાથે મન પ્રસાદક પણ છે.

🔵ખજૂર એ વાતપિત નાશક છે.

🔵કેટલીક બહેનો ખજૂરને ગરમ માને છે તો
તેના સ્પષ્ટીકરણમાં બે બાબત છે.
1. આધુનિક વિશ્લેષણ પ્રમાણે ખજૂરમાં લોહ તત્વ નુ ઉંચું પ્રમાણ છે, અને આજના સમયમાં મોટાભાગની બહેનોમાં લોહતત્વ ઓછુ જોવા મળે છે. તો સમજી ગયા ને. ..
2. Palm sugar એ ખજૂરીમાંથી નિર્માણ કરાય છે અને પરંપરાગત રીતે તામિલનાડુ માં સદીઓથી સુખપૂર્વકની પ્રસવાસ્થા અને ગર્ભાવસ્થા તથા માસિક દરમિયાન થતી તકલીફો ના નિવારણ અર્થે ઔષધ તરીકે વપરાય છે.
અને ગુજરાતમાં પણ દિકરીના લગ્ન તથા સિમંત પ્રસંગે ખારેક, સુકી-ખજૂર.. પૂજા વિધિ અને અંતે પ્રસાદ તરીકે પરંપરાગત વપરાય છે.

🔵વધુ પ્રમાણ માં તાજી ખજૂર મોઢાને આળુ કરી દે છે. પીંડખજૂર જલદી જલદી આરોગવાથી છાતી દાહ ની અનુભૂતિ થાય છે. પણ આ માત્ર પરિસ્થિતિ જન્ય છે.

ખજૂરની તાસીર ગરમ નથી કે પિત વર્ધક પણ નથી.

27/04/2021

*कोरोना महामारी से घबराना और डरना नहीं है । थोड़ी सी सावधानी से आप सब विशेष रूप से स्वस्थ व्यक्ति कोविड न्यूमोनिया से बच सकते हैं । अगर कोविड में न्यूमोनिया ही ना हो तो ना ऑक्सिजन की कमी और ना ही रेमडेसीवीर या अन्य दवा के लिए भागना और ना ही हॉस्पिटल में बेड/बिस्तर के लिए मारामारी !*

*1. कोरोना होने पर ज्वर/बुखार/फीवर होना एक स्वस्थ व्यक्ति में होने वाली आवश्यक घटना है जो कि शरीर की शक्ति का परिचायक है । अगर इस ज्वर को पैरासिटामोल या कोई और बुखार उतारने की दवा देते हैं तो शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता अत्यंत कमजोर हो जाती है और कोरोना वायरस कई गुना शरीर में बढ़ने लगता है और फेफड़ों में सूजन उत्पन्न कर न्यूमोनिया बना देता है । यदि हम बुखार को जबर्दस्ती ना उतारें तो शरीर को वायरस से लड़ने में सहायता मिलती है और फेफड़ों को नुकसान पहुंचाने की संभावना कम से कम हो जाती है । बुखार अपने आप 5 या 7 या 8 या कभी कभी इससे ज्यादा दिन भी ठीक होने में ले सकता है ।*
*2. बुखार 101-102^ हो तब तक शरीर को कोई समस्या नहीं होती है, उससे अधिक हो तो ललाट पर ठन्डे पानी की पट्टी रखनी चाहिए । कोरोना में प्रायः इससे ऊपर बुखार जाता नहीं है । इससे अधिक बुखार हो तो आधी पेरासिटामोल एक दो बार दे सकते हैं ।*
*3. स्वस्थ कोरोना रोगी में अगर अतिसार/दस्त/डायरिया हो तो उसे बन्द नहीं करना है, यह शरीर की शक्ति है जो वायरस के विष को बाहर निकाल रही हैं । हमेँ जलाल्पता/डीहाइड्रेशन का ध्यान रखना है । इसके लिए 1 लीटर ऊबले हुए पानी को चूल्हे से नीचे उतारकर उसमे तत्काल*
👇🏻👇🏻
1 चम्मच सोंठ
2 चम्मच सौंफ
2 चम्मच जीरा
1 चुटकी सेंधा नमक
(1/2 चम्मच ग्लूकोज/चीनी- मधुमेह रोगी में नहीं।)
*डालकर ढककर रख देना चाहिए और यही पानी बार बार पीते रहना चाहिए । इससे शरीर में पानी की कमी नहीं होगी और दस्त धीरे धीरे अपने आप कम होने लगेंगे । अगर रक्तचाप(BP) कम होने लगे तो पूर्ण विश्राम करें और कमजोरी या अन्य लक्षणों की उत्पत्ति हो तो वैद्य/डॉ से परामर्श करें ।*

*4. कोरोना के बुखार की अवस्था में उबले पानी में ऊपर लिखी विधि से*
4 लौंग
4 इलायची
1 चम्मच सौंठ
*डालकर रोगी को दिन भर गुनगुना पीना चाहिए, इससे पसीना आकर बुखार उतारने में सहायता मिलती है ।*

*5. कोरोना रोगी को प्रायः भूख कम ही लगती है क्योंकि शरीर का रक्त संवहन फेफड़ों तथा पूरे शरीर में गर्माहट रखने में लगा होता है अतः उसे भूख न लगे तो सोंठ/अदरक/इलायची/दालचीनी/पिप्पली/त्रिकटु/पंचकोल (1-2 चुटकी)और द्राक्षा/मुनक्का 5-10 नग दूध में उबालकर दिन में 3 - 4 बार देना चाहिए । इससे ज्यादा कमजोरी नहीं आती और उक्त गर्म दूध से शरीर से पसीना आकर बुखार में कमी आने में सहायता मिलती है ।*

*6. क्षुधा जागृत हो तो रोगी को बुखार रहने से एक दो दिन बाद तक निम्नलिखित आहार लेना चाहिए जिससे शरीर को उसे पचाने में ज्यादा मशक्कत ना करनी पड़े.....*
👇🏻
*√सामान्य दिनों में बनाई जाने वाली मूँग की छिलके वाली दाल, (सामान्य दिनों से थोड़ी कम मिर्ची वाली) जिसे और स्वादिष्ट बनाने के लिए यथावश्यक किशमिश, मुनक्का, अनार दाना, टमाटर, पुदीना, हरा धनिया, लशुन, प्याज, अदरक, सेंजने की फली, लौकी आदि स्वाद के अनुसार अलग अलग फ्लेवर में दे ।*
*√थोड़े से घी से छौंक भी लगाना है और हमेशा की विधि से पकाया जाना चाहिए ।*
*√चावल बनाने में बचने वाला पानी जिसे चावलों का मांड भी कहा जाता है और आयुर्वेद में उसे पेया कहा जाता है, उसे भी दाल की तरह स्वादिष्ट बनाकर लेना चाहिए ।*
*√रोटी अथवा अन्य दैनंदिन सामान्य आहार का यथासंभव परित्याग करना चाहिए ।*

*7. कोरोना रोगियों को फलों से परहेज करना चाहिए क्योंकि सभी फल प्रायः प्रायः जल बहुल, मधुर और शीतल होते हैं जो बुखार के कारण मंद हुई अग्नि/पाचन क्षमता को और मंद कर सकते हैं और साथ ही शरीर को उस शीतलता को दूर करने में अपनी शक्ति लगानी पड़ती है । द्राक्षा/मुनक्का ही एकमात्र ऐसा शुष्क फल है जो ज्वर में अमृत के समान गुणकारी है । वर्तमान में कोरोना रोगियों को टैबलेट के रूप में दिये जाने वाले सारे विटामिन्स (विटामिन सी सहित) से ज्यादा पोषक तत्त्व ग्लूकोज सहित इस फल में है तथा इसे यथावश्यक दूध में या शुष्क या दाल में या पेट में गर्मी होने पर पानी में भिगोकर रखकर लेना चाहिए । अधिक मात्रा में भी ले तो कोई हानि नहीं है । (मधुमेह रोगियों में यह प्रयोग नहीं करना चाहिए क्योंकि इसमें ग्लूकोज होता है । यहां हम स्वस्थ कोरोना रोगियों की बात कर रहे हैं ।)*

*8. कोरोना रोगियों में विबन्ध/कब्ज अच्छी बात नहीं है इसलिए उन्हें सुविधा अनुसार एरण्ड तैल(5-10 ml ज्यादा वैद्यकीय निरीक्षण में), त्रिफला (3-6 gms)या अपने सात्म्य अनुसार कोई न कोई विरेचक औषधि 1 या 2 दिन में रात्रि में ले लेना चाहिए इससे फेफड़ों की सूजन उतरने में सहायता मिलती है और श्वास लेने में ज्यादा तकलीफ नहीं होती ।*

*9. कई कफ प्रकृति के कोरोना रोगियों को हृलास/जी मिचलाना या उल्टी होने लगती है जो डायरिया की तरह शरीर की शक्ति का परिचायक है । ऐसे रोगी यदि अनुकूल पड़े तो 4-5 ग्लास गुनगुना दूध पी कर या 2 चुटकी सैंधव नमक मिश्रित गुनगुना पानी पीकर उल्टी कर सके तो यह फेफड़ों में जमे कफ और सूजन मिटाने का अच्छा तरीका है । जो लोग इसे समझ कर अच्छे तरीके से कर सकते1उन्हें ही करना चाहिए अन्यथा उन्हें योग्य मार्गदर्शन में करना चाहिए । यह योग शास्त्र का एक तरह से कुञ्जर और आयुर्वेद का सद्योवमन है । जिन लोगों से ऐसा संभव न हो उन्हें मिचली या हृल्लास होने पर निम्न साधारण योग का प्रयोग करना चाहिए ।*
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दाड़िम/अनार रस 2 च
या
*निम्बू रस 2 च (10ml)*
*चीनी 2 च (10 gms)*
*इनकी चासनी बनाकर नीचे उतारकर तत्काल उसमें...*
∆ 2 छिलके रहित इलायची के दानों का पाउडर
∆ 2 लौंग का पाउडर
∆ लौंग के बराबर दालचीनी पाउडर
∆ 2 चुटकी काला या सेंधा नमक

*इसे ताजी गर्मागर्म चासनी में डालकर ढक कर रखे और थोड़ा ठंडा होने पर अंगुली से थोड़ा थोड़ा चाटना चाहिए । इससे जी घबराने, उबाक औऱ उल्टी रोकने में मदद मिलती है ।*

*10. फलों की तरह ही फ्रूट जूस भी ज्यादा फायदेमंद नहीं होते परंतु कई रोगी बार बार आग्रह करते हैं तो उन्हें अनार/ताजे अँगूर या मौसमी का जूस काला नमक, काली मिर्च, जीरा आदि सहित गुनगुना करके पीना चाहिए ठण्डा कभी भी नहीं पीना चाहिए ।*

*11. रोगी में शरीर बल अनुसार बुखार बना हुआ रहता है उसे धीरे धीरे क्रमशः कम करने और 102^ से अधिक न बढ़ने देने के लिए कुछ अत्यंत आवश्यक परन्तु साधारण औषधियॉं बाजार में उपलब्ध है जो प्रायः हानि रहित हैं ।*
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√ज्वरावस्था में प्रत्येक 2 या 3 घंटे में संशमनी वटी 2 गोली ऊपर बताए गए दूध या पानी से
√इसी तरह गिलोय घन वटी
√महा सुदर्शन घन वटी 3 या 4 घंटे के अन्तर से उक्त विधि से

*12. मुँह बार बार सूखता हो तो मुनक्का, किशमिश, इलायची या मिश्री चूसना चाहिए । वैद्यकीय निरीक्षण में षडंग-पानीय औषधि को पानी में उबालकर बार बार पीना चाहिये इससे बुखार उतारने में भी मदद मिलती है।*
*मुलेठी को थोड़ा थोड़ा बार बार मुँह में रखकर चूसना चाहिए । यष्टिमधु घन वटी के नाम से इसकी गोलियां भी बाजार में उपलब्ध है इन्हें बार बार चूसना चाहिए इनसे सूखी खांसी में भी फायदा मिलता है ।*

*13.सार्वभौमिक जन* *कल्याण की भावना से लिखित इस पोस्ट को*
*साधारण भाषा में व्यक्त* *किया गया है अगर इसमें व्यक्त किए गए विचारों को किसी को समझने में कोई संशय उत्पन्न हो तो उसे समीपवर्ती आयुर्वेद* *चिकित्सक से परामर्श कर लेना चाहिए ।*

*इति शुभम् ।*.

21/03/2021

સૂકા લાકડાં ને પણ તેલ લગાવીને શેક કરવામાં આવે તો તેને જરૂર મુજબ વાળીને કામ માં ઉપયોગી બનાવી શકાય છે,તેવી જ રીતે જીવંત માણસના અંગોને સ્નેહન અને સ્વેદનથી યથા યોગ્ય બનાવી શકાય છે.

08/01/2021

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03/02/2020

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