आज़ाद भारत का लोकतंत्र

आज़ाद भारत का लोकतंत्र देश सजग, शिक्षित, संपन्न और सर्व हितैषी हो, देश है मेरा सदियों से संस्कृति सहेजे, इसलिए" माँ "पुकारता हु
आज भी जब तड़पती है अवाम, लोकतंत्र को भी ललकारता हु

राजस्थान और कोराना का दूसरा दौरकोरोना अपना रंग बदल चुका हैशुरुआती दौर में हमारे बचाव में हमारे राज्य का क्लाइमेट एवं हमा...
28/11/2020

राजस्थान और कोराना का दूसरा दौर

कोरोना अपना रंग बदल चुका है
शुरुआती दौर में हमारे बचाव में
हमारे राज्य का क्लाइमेट एवं हमारा पारम्परिक खानपान मददगार रहा
जिसने सरकार वावाही का मौका किया
बाकी हकीकत यही है न सरकार कुछ कर पाई न हम सावधानी बरत पाए
गर्म मौसम मददगार हुआ
जो अब नहीं है
और ठंड भी बाकी राज्यो से बढ़कर है
*तो सर्दी में strainth of body कम होती है ऊपर से सर्दी जुकाम फिर तीसरा कोराना*
और उमर के तीसरे पड़ाव वालों की तो तुरंत हालत क्रिटिकल हो जाती है
इसलिए अपने खुद के सा परिवार के बुजुर्गों के लिए ये सावधानी वक्त हैै
जिन्हे नहीं भरोसा वो कॉरॉना हॉस्पिटल्स का दौरा करे एक बार
बेड खाली है पूछ ले
सिफारिश भी काम नहीं आ रही एडमिट करने के लिए राजस्थान में
*विनम्र गुजारिश है अब सावधानी बरते*
पहले की तरह हल्के ने न ले
निवेदक
अखेदान चारण

22/03/2020

सरकार सजग है जनता भी जागरुक हो रही है बचाव के हर संभव प्रयास जारी है सावधानी बरती जा रही है
Medical staff, force अपनी जान की परवाह किये बगैर सेवा में लगे हैं

हमारा प्रयास रंग लाएगा, इस जंग में जल्द सफलता मिले
परंतु कुछ भविष्य की तैयारी हमें कर के रखनी होगी

"मास्क से ज्यादा टेस्ट कीट की जरुरत है"

भारत का रोज का टेस्ट अनुपात काफी कम है, जबकि हम इस महामारी के तीसरे चरण में शामिल हों चुके हैं
बहुतायत जनसंख्या वाला देश, चिकित्सा, शिक्षा, विज्ञान में, वो मुकाम नही, जो अन्य विकसित देश हासिल कर चुके

चिकित्सा सुविधा जिसकी भविष्य में जरुरत ज्यादा पड़े
1.Silver dress for staff
2.Facilities of Ben in every state
3.Ventilator
3rd one is most important
कुछ कंपनियों में मौका देख, मुनाफाखोरी की फिराक होती है
पर कुछ इस संकटकाल में अपना सर्वस त्यागने को भी बेताब है
युरोपियन देशों मे भविष्य के संकट से बचने के लिए वेंटीलेटर के बल्क ऑर्डर निर्माता कंपनी को दे चुके हैं
जिससे स्मिथ जैसी कंपनी मे अपने पेटेंट की परवाह न करते हुए अपनी निर्माण तकनीकी बाकी कंपनियों के साझा करते order पुरा करने को तैयार है

ऐसी परिस्थिति में हमारे स्वास्थ्य तंत्र को भी सजग रहना होगा तैयारी कर के रहीयेे
बाकी सामना तो हर परिस्थिति का डट कर करने वाला देश है ये आदमी भारत हालात बिगड़ने से पहले ही संभल जाएगा
-अक्षय सिंह चारण

22/03/2020
06/12/2018

मेरा कमेंट्र
लोकतंत्र के विरुद्ध हो सकता है
इसलिए बस इतना ही
अयोग्य के लिए लोकतंत्र ही वह चौपान है को आपकी मंजिलें आसान कर सकते हैं

21/12/2017

एक डर था जिसे भाप गए थे मोदी जी
गुजरात चुनाव में सपोर्टर थे देश के राष्ट्रवादी
और विरोधी थे देश के साथ-साथ भारत-विरोधी तमाम विदेशी ताकत भी
जो देश की एकता, संप्रभुता के दुश्मन कहे जा सकते हैं

पाकिस्तान चीन के अलावा पूरे विश्व की मोदी विरोधी कम्युनिस्ट ताकते, आतंकी ताकतों के साथ सभी देशी भ्रष्ट गद्दार पार्टियों से परोक्ष रुप से जीत कही जा सकती हैं गुजरात के चुनाव

इसलिए भारतीय जनता पार्टी के दुश्मन का अंदेशा मोदी जी के साथ प्रत्येक राष्ट्रवादी कार्यकर्ता को होना चाहिए
- अक्षय सिंह

15/12/2017

लोकतंत्र हार रहा है
गुजरात चुनाव निष्पक्ष नजरिया
भाजपा ने शुरुआती मुद्दे विकास के भुने फिर कांग्रेस के जातीय दाव ने डर पैदा कर दिया
जो जरुरी भी था
कमजोर प्रतिद्वंदी के दाव में चल कपट और नीचता ही मात्र हथियार रह जाते है
अल्पेश जिग्नेश और हार्दिक यही हथियार थे जिसके जबाव में भाजपा और मोदी जी ने उसी भाषा का प्रयोग किया
क्योंकि भारतीय राजनीति की सबसे बड़ी कमजोरी रही है मतदाता की भावुकता
फिर मुद्दे कोई भी हो
जातीय
धार्मिक
क्षेत्रीय
असली मुद्दों पर हावी रहते है
नेताओ के सिर्फ बयान होते है उन्हें लुभाना के लिए
आजकल चुनावी बयान के अलावा कुछ दे पाए नेता ?
मंदिर मसले पर बिगडते सामाजिक सौहार्द्य और बढ़ते द्वेष को 5 पीढ़ी देख चुकी है

आरक्षण ने उसी जाति के जवान युवा को निगल गया

क्या सरकार चाहे तो निराकरण नहीं पर सकती ऐसे ज्वलंत मुद्दों का
नहीं करेगी
इस पर सभी पार्टीयां एक है

जीत किसी की भी हो जब तक ऐसी घिनौनी राजनीति कायम रहेगी राजनेता जीत सकते है
पर लोकतंत्र हार रहा है लोक हार रहे है
मैं हार रहा हूँ
आप हार रहे हो
-
अक्षय सिंह चारण

15/08/2015

जाने कितने झूले थे फाँसी पर,
कितनो ने गोली खाई थी,,,

क्यो झूठ बोलते हो साहब,
कि चरखे से आजादी आई थी....!!

22/03/2015

धार्मिक इतने संवेदनशील बाहर नहीं मिलेंगे जितने फेसबुक पर है
-सिद्दकी जी

लेकिन कुछ ज़हर जरूर घोला है इस दिखावटी दुनिया ने
रमजान में चेरी वक्त जिनके साथ हुआ करते थे वही अपने दोस्तों को होली पर सन्देश भेज रहे थे
"रंगो से दूर रहे"
कुछ समझाते तो कट्टरवाद से नवाज़े जाते
सोचे है
रमजान में हम कह देंगे
"इस बार भी चेरी के वक्त जगा लेना बेझिझक"

21/03/2015

राजनेताओ और अभिनेताओ के मंदिर बन रहे है
इससे बड़ा साबुत क्या हो सकता है
मानसिक दिवालेपन का

04/02/2015

आप जनता पर राज करना चाहते है तो उन्हें उन्नति की ओर मत ले जाओ
इसके लिए मुफ्तखोरी नशाखोरी जैसे कई हथियार है जिसे आप अपना सकते है

अगर उन्हें राज करवाना है जिसे लोकतंत्र कहते है
तो आपको पद प्रतिष्ठा नाम से ऊपर उठ कर सेवा करनी होगी
बस आप गुमनाम रह जाओगे

-अक्षय सिंह

01/10/2014

नारी शक्ति की समझ -
नारि सुभाऊ सत्य सब कहहीं। अवगुन आठ सदा उर रहहीं।
साहस अनृत चपलता माया। भय अबिबेक असौच अदाया।
रावण को इतना गुमन था कि अपनी बीवी की सलाह भी कपट लगने लगती है
नारी में कुछ अवगुण होते है जिसे रावण ने अपने ज्ञान को आधार पर मान विश्लेषण किया होगा
परन्तु मंडोत्री पर भी विश्वास न करना उनके लिए मौत का कारण बना
रिश्ते विश्वास पर टिके होते है
मंडोत्री और विभिक्षण में अपने रिश्ते को निभाया
भरोसा नहीं करके रावण ही अपनी जिन्दगी खो बैठा
मरते वक्त अहसास हुआ
इसलिए
रिश्तो की ताकत, उसमे भी संगिनी और भाई की
अपनी खुद की ताकत से भी बढ़कर होती है
चाहे रावन ही क्यों न हो
जितना अपना हित चाहेगा उतना ही पति और बड़े भाई का भी हित चाहेगा
-

नोट- दोहा रामचरितमानस से लिया है जिसमे रावन को नारी के गुण में अवगुण नजर आते है

05/09/2014

उल्लू जवाहर लाल की योजनाये जब आज असफल होती नजर आ रही है तो
अल जवाहरी जैसे उन्ही का पैगाम लेकर आ रहा है कांग्रेस अस्तित्व के खतरे को भापते हुए
अब गरदनें कट सकती है
झुकेगी नहीं
स्वागत है

09/08/2014

देख तेरे भगवान की हालत क्या हो गई इन्सान
कितना बदल गया भगवान
कितना बदल गया भगवान ) -२

भूखों के घर में फेरा न डाले
सेठों का हो मेहमान
कितना बदल गया भगवान -२

उन्हीं की पूजा प्रभू को प्यारी
जिनके घर लक्ष्मी की सवारी
जिनका धन्धा चोर बज़ारी
हमको दें भूख और बेकारी इनको दे वरदान

कितना बदल गया भगवान -२
देख तेरे भगवान की हालत क्या हो गई इन्सान
कितना बदल गया भगवान -२

सुण कर इस पापी को तानो -२
बदल न लीजो अपणो ठिकाणो
हे भगवान -२
म्हारो थारो प्रेम पुराणो -२
हम हैं थैले तुम हो खज़ानो
भरते रहियो दास की झोली देते रहियो दान
तुम्हारी जय जय हो भगवाण -२

र : ओ कितना बदल गया भगवान
कितना बदल गया भगवान

धन वाले हैं बड़े मछन्दर
सोने के बनवाये मन्दर
भगवन रहते इनके अन्दर
खरी खरी कहता है कलन्दर
बन बैठा है इस दुनिया में धरम से धन बलवान
कितना बदल गया भगवान

दो : कितना बदल गया भगवान
देख तेरे भगवान की हालत क्या हो गई इन्सान
कितना बदल गया भगवान -२

र : भूखों के घर में फेरा न डाले
सेठों का हो मेहमान
कितना बदल गया भगवान -२

जय भगवान -४
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भाजप रा मोठा नेतावा ने जीतण री परवा छै जिताण वाळा री परवा कोणी *********************************सोनाराम रो काले कांग्रेस...
23/03/2014

भाजप रा मोठा नेतावा ने जीतण री परवा छै जिताण वाळा री परवा कोणी
*********************************
सोनाराम रो काले कांग्रेस सु बीजेपी में पधारनो वियो छै
जसवंतसिंह जी बीजेपी अ'र देश रे खातर उमर गवा ली
वसुंधरा छावे के बारमेर सु सोनाराम उभा व्है
*****************************************
राजपुता में एको व्हेतो नी तो वसुंधरा रे राजस्थान माथे पग मेलवा पेला पुछ्नो पडतो
एमपी री टिकट री वाट जोवनी पड़े ?जसवंत सिंह ने ?
**************************
भाजप रे सिवा आज राजस्थान में बीजो कोई तोड़ कोणी मोदी रा नेत्रत्व री खातर आ भी मंजूर
****************************
सरगवासी व्हेगा भेरुसिंग जी वास्ते बे सबद छोखा नी लागे
अ'र मारी हेसियत कोणी पण दुखता कालजा सु बे निकल जावे तो माफ़ी
*********************************
क्षेत्रीय पार्टियो रो रुत्बो देखो, चावे ज्यू नचावे मोठा नेतवा ने, पार्टियों ने
राजस्थान, गुजरात अ'र एमपी लारे रे गया उण टेम रा नेतवा रे कारणे
*******************************************
राजपूत एक व्हैन उण टेम एक पार्टी बणा देवता तो आज राजस्थान ने
आपरो खुद रो, आरी भासा, अ'र वारा मिनखा ने आपरा अस्तित्व री लड़ाई लड़ने री नोबत नी आवति
*************************************************************
हिंदुत्व रे खातिर भारत री एकता री जरुरत छै आजाद राजस्थान व्हेतो तो पाकिस्तान एक्लो कब्जाव देवतो
*************************************
शोर्य भूमि ने ललकारे नहीं- मारी डेली डायेरी री बे लेण आ मुद्दा माथे सटीक लागे

सुतो भलो सावज ! धोड़नतो सोवे तुरंग !!


लाजवंती नारी भली !रण में राती आख्या !!


उनाले आसरो मिठो !महमाणा मिठो बोल !!


सरगा मीठी भोमका !मरण भलो रण माय !!


राजस्थानी रेण-सेण री पिछान इण सबदा सु निजर आवे अबार तो सावज(शेर) सुतो छै ( कितो टेम लगेगा ठा कोणी)


ओरत लाज नोम री ओढ़णी कड़ये बोध'र फिरे आदमी कोटरियो मार'र आख्या राती कर देवे


अव्कारो दादा-पड़दादा घणोंइ दियो अबै लेवण री बारी व्हे गी भोमका भले वायदे छोड़ दीनी मारे थारे जेड़ा रण रो नाम लेवता मोत आ'जावे रण ताई जाए कुण! मारा वडेरा देस व्हे के घर आपरा पतन रो कारण आपा खुद !!


-अक्षय सिंह

10/03/2014

पति : फोन आया था । कल सुबह मां आ
रही है।
उनकी ट्रेन सुबह 4 बजे पहुंच
जाएगी ।

पत्नी : अभी 4 माह पहले
ही तो तुम्हारी मां यहां से गई हैं।
फिर अचानक कैसे आ रही हैं ? कल
रविवार है, मैंने सोचा था, कल
थोड़ा आराम से उठूंगी, लेकिन
तुम्हारी मां को रविवार
को ही आना है और वह भी सुबह 4 बजे। इतनी सुबह taxi कहां से ..... ?......
पति : मेरी... नहीं तुम्हारी मां आ
रही है।

पत्नी : अरे वाह... मम्मी ......? .....
2 माह हो गये उनसे
मिले हुए। सुनो ना मेरे पास taxi
वाले का नंबर भी है उसे फोन कर लेते हैं कल सुबह ठीक टाईम पर आ
जाएगा। चलो अच्छा है कल सण्डे है
बच्चों का स्कूल भी नहीं है वे
भी नानी को लेने स्टेशन
जा सकेंगे...!

08/03/2014

महिलाओ की स्तिथि वर्ल्डवाइड :
१.आइसलैंड एक देश
-जहा पुरुषो से महिलाए ज्यादा शिक्षित है
-प्रसूति पर ९ महीने की छुट्टी दोनों को
-४०% महिलाए पार्लियामेंट में
२.यमन एक देश
-पति को तलाक़ असंभव
-सबसे छोटी बालिका वधु
-पार्लियामेंट में महिलाए नगण्य
३.यु के
-प्रसूति छुट्टी पर पगार नहीं मिलता
४.चीन
-अनुरोथ पर गर्भपात संभव, १९७९ से कानून
-यौन उत्पीडन का कोई कानून नहीं
-विश्वविद्यालयो में पुरुषो को प्रधानता
धार्मिक आधार पर- मुस्लिम
- महिलाये शिक्षा के लिए आजाद नहीं
-पारिवारिक दबाव महिलाओ पर
-बुरका महिलाओ के लिए आवश्यक
-शादी तलाक के लिए उनका अपना लॉ बोर्ड
-पुरुष बहुविवाह, तलक के लिए आजाद
महिलाए के लिए तलाक़ भी परिस्थितिविशेष में
-हिन्दू राष्ट्र
-दोनों को एक ही शादी की इजाजत
-परिवार पुरुष प्रधान
-बुजुर्ग महिला निर्णायक
-महिलाओ पर समाज का दबाव
-शिक्षा में पुरुषो को प्रधानता
अक्षय सिंह

21/02/2014

कभी आपने सोचा है
हमारा देश तरक्की क्यो नही करता????

जबाब:- 121 करोड़ की आबादी मे

11 करोड़ भिखारी है,

11 करोड़ मरीज है,

1 करोड़ संत- सन्यासी है,

1 करोड़ नेता है जो हमारी कमाई पर मज़े कर रहे है !

2 करोड़ 5 साल से कम के है,

7 करोड़ सेवा निवृत हो चके है,

10 करोड़ बेरोजगार है,

11 करोड़ कालेजो मे आशिकी फरमा रहे है,

14 करोड़ स्कूलों मे पढ रहे है,

31 करोड़ निकम्मे सरकारी कर्मचारी है,

21111118 महिलाये घरो मे व्यस्त है,

बाकी बचे हम दो.....

आप तो फेस बुक..पे चिपके रहते हो और..

"मै तो कुछ करना जानता ही नही....!

(नोट: पोस्ट को दिल पे ना लें. फिर भी अगर ले लिया तो चिल्लम-चिल्ली मचाकर हंसी के पात्र न बने)

(Calculation by Sarthak Shukla)

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