आयुर्वेदिक उपचार

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आयुर्वेदिक उपचार आयुर्वेदिक व घरेलू नुस्खों पर आधारित ?

29/04/2024

पथरी (Stones)
पथरी एक कठोर, पत्थर जैसी संरचना है, जो शरीर के विभिन्न भागों में विकसित हो सकती है, जिसमें यूरिनरी ट्रैक्ट, सलाइवरी ग्लैंड, पैंक्रियास, पित्ताशय की थैली, किडनी और टॉन्सिल शामिल है। पथरी के स्थान और आकार के आधार पर, मानव शरीर पर पथरी का प्रभाव हल्की असुविधा से लेकर गंभीर दर्द और समस्याओं तक हो सकता है। कुछ खाद्य पदार्थों से परहेज करना, पथरी के विकास के जोखिम को कम करने में भी मदद कर सकता है।
कारण
1. कम पानी पीने की आदत
2. वंशानुगत पथरी होने की तासीर
3. बार-बार मूत्रमार्ग में संक्रमण होना
4. मूत्रमार्ग में अवरोध होना
5. विटामिन 'सी' या कैल्शियम वाली दवाओं का अधिक सेवन करना
6. लम्बे समय तक शैयाग्रस्त रहना
7. हाइपर पैराथायराइडिज्म की तकलीफ होना
उपचार
1. नींबू का रस
किडनी की पथरी के लिए आपको नींबू पानी पीना चाहिए। नींबू में साइट्रेट होता है, जो एक ऐसा रसायन है जो कैल्शियम स्टोन को बनने से रोकता है। साइट्रेट छोटे पत्थरों को भी तोड़ सकता है, जिससे वे अधिक आसानी से गुजर सकते हैं। नींबू के रस के और भी कई स्वास्थ्य लाभ हैं।
2. तुलसी का रस
तुलसी में एसिटिक एसिड होता है, जो गुर्दे की पथरी को तोड़ने और दर्द को कम करने में मदद करता है। यह पोषक तत्वों से भी भरपूर होता है। इस उपाय का उपयोग पारंपरिक रूप से पाचन और सूजन संबंधी विकारों के लिए किया जाता रहा है। तुलसी के रस में एंटीऑक्सिडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी एजेंट होते हैं, और यह किडनी के स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद कर सकता है।
3 सेब का सिरका
सेब के सिरके में एसिटिक एसिड होता है। एसिटिक एसिड गुर्दे की पथरी को घोलने में मदद करता है। सेब साइडर सिरका पथरी के कारण होने वाले दर्द को कम करने में मदद कर सकता है।एक अध्ययन में पाया गया कि सेब साइडर सिरका गुर्दे की पथरी के गठन को कम करने में प्रभावी था, हालांकि अधिक अध्ययन की आवश्यकता है। इसके लिए 6 से 8 औंस शुद्ध पानी में 2 बड़े चम्मच एप्पल साइडर विनेगर मिलाएं। इस मिश्रण को पूरे दिन पिएं।
4 अजवाइन का रस
अजवाइन का रस विषाक्त पदार्थों को दूर करने के लिए माना जाता है, जो गुर्दे की पथरी के निर्माण में योगदान करते हैं। इसका इस्तेमाल लंबे समय से पारंपरिक दवाओं में किया जाता रहा है। यह शरीर में जमा गंदगी को बाहर निकालने में भी मदद करता है। अजवाइन के एक या एक से अधिक डंठल को पानी के साथ ब्लेंड करें और पूरे दिन इसका जूस पिएं।
5 अनार का रस
अनार के रस का उपयोग सदियों से किडनी के कामकाज को बेहतर बनाने के लिए किया जाता रहा है। यह आपके सिस्टम से पथरी और अन्य विषाक्त पदार्थों को बाहर निकाल सकता है। यह एंटीऑक्सिडेंट से भरा हुआ है, जो किडनी को स्वस्थ रखने और पथरी को विकसित होने से रोक सकता है। यह आपके यूरिन के एसिडिटी लेवल को भी कम करता है।
6 राजमा का शोरबा
पके हुए राजमा का शोरबा एक पारंपरिक व्यंजन है, जिसका उपयोग अक्सर भारत में किया जाता है। इसका उपयोग मूत्र और गुर्दे के रोगों के सुधार के लिए किया जाता है। अध्ययन के अनुसार, यह पथरी को घुलने और बाहर निकालने में भी मदद कर सकता है। बस पकी हुई फलियों से तरल छान लें और दिन भर में कुछ गिलास पियें।
7 व्हीटग्रास जूस
व्हीटग्रास कई पोषक तत्वों से भरा होता है और लंबे समय से स्वास्थ्य को बढ़ाने के लिए उपयोग किया जाता है। व्हीटग्रास पथरी को दूर करने में मदद करने के लिए मूत्र प्रवाह को बढ़ाता है। इसमें महत्वपूर्ण पोषक तत्व भी होते हैं जो किडनी को साफ करने में मदद करते हैं। आप प्रतिदिन 2 से 8 औंस व्हीटग्रास जूस पी सकते हैं।
8 खुद को हाइड्रेट रखें: यदि आप अपने शरीर को हाइड्रेट रखते हैं, तो आपको इसका सीधा लाभ मिलेगा। आवश्यकता के अनुसार पानी पीने से शरीर में पथरी की समस्या नहीं होती है और पाचन क्रिया भी मजबूत होती है।
9 अधिक मात्रा में पानी पीना
• 3 लीटर अथवा 12 से 14 गिलास से अधिक मात्रा में पानी और तरल पदार्थ प्रतिदिन लेना चाहिए।
•यह पथरी बनने से रोकने के लिए सबसे अधिक महत्वपूर्ण उपाय है।

28/01/2024

आँखों की रोशनी बढ़ाने के घरेलू उपाय

आखें है तो दुनिया रंगीन है वरना अंधकार है लेकिन आजकल की लाइफ स्टाइल बिमारियों को बढ़ाने का कार्य करती है | टीवी] कंप्यूटर मोबाइल सोशल मिडिया घंटों स्क्रीन टाइम बढ़ने से हमारी आंखों जो आराम चाहिए वो नहीं मिल पाता है। इसीलिए देखभाल करना बहुत जरुरी हो जाता है |
1. त्रिफला (Triphala)
त्रिफला एक सूत्र है जिसमें तीन फल होते हैं - हरीतकी, आंवला और बिभीतकी। यह शक्तिशाली आयुर्वेदिक जड़ी बूटी शरीर में तीन दोषों को प्रभावित करती है और उन्हें संतुलित करने में मदद करती है। त्रिफला के औषधीय गुण शरीर में टॉक्सिन के लेवल को कम करने में मदद करते हैं।
इस आयु्र्वेदिक जड़ी बूटियों का उपयोग बाहरी और आंतरिक रूप से भी किया जा सकता है। त्रिफला एंटीऑक्सिडेंट और विटामिन सी से भरपूर होता है, जो आंखों के अंदर और आसपास सूजन, लालिमा और ऑक्सीडेटिव तनाव को कम करने में मदद करता है।
2. आंवले का जूस (Amla Juice)
आंवला आंखों की रोशनी बढ़ाने के लिए बहुत फायदेमंद होता है। इसके लिए आप आंवले के जूस का सेवन कर सकते हैं। आंवले में विटामिन सी पर्याप्त मात्रा में होता है, यह एक शक्तिशाली एंटी ऑक्सीडेंट (Anti oxidants) होता है। अगर आप आंखों की रोशनी बढ़ाना चाहते हैं, आंवले का सेवन लाभकारी होता है। इससे आंखें तेज होती है, रेटीना सही तरीके से काम करता है।
3 गेंदा फूल (Calendula)
कैलेंडुला फूल आंखों की विभिन्न समस्याओं के लिए एक शक्तिशाली जड़ी बूटी है। पॉट मैरीगोल्ड के रूप में भी जाना जाता है, कैलेंडुला में विरोधी भड़काऊ, एंटीवायरल और जीवाणुरोधी गुण होते हैं। इसका उपयोग नेत्रश्लेष्मलाशोथ, लालिमा, सूजन और सामान्य आंखों में जलन जैसी आंखों की स्थिति के इलाज और सुधार के लिए किया जाता है।

4. बादाम (Almond)
बादाम हमारी समग्र सेहत के लिए फायदेमंद है। इसका उपयोग स्मरण शक्ति और आंखों की रोशनी बढ़ाने के लिए भी किया जाता है। डेली 5-7 को रात में भिगो दें और फिर नाश्ते के साथ इनका सेवन करें। बादाम के सेवन पर कोई सख्त नियम नहीं हैं। बादाम में ओमेगा-3 फैटी एसिड और बादाम में विटामिन ई होता है, और यह स्वस्थ ऊतकों को बढ़ावा देने के लिए सिद्ध होता है और उम्र से संबंधित समस्याओं जैसे कि दृष्टि की गिरावट पर काम करता है। विटामिन ई मोतियाबिंद के इलाज में भी मदद करता है।
5. गिंको बिइलोबा (ginkgo biloba)
आंखों की रोशनी बढ़ाने के लिए गिंको बिइलोबा एक बेहद असरदार आयुर्वेदिक उपाय है। इस हर्ब का उपयोग आंखों की रोशनी बढ़ाने के लिए किया जा सकता है। यह ग्लूकोमा से सुरक्षा देता है, साथ ही मस्कुलर डिजनरेशन से भी बचाता है। लेकिन इसका सेवन करने से पहले आपको डॉक्टर की सलाह जरूर लेनी चाहिए।
7 . जंगली शतावरी
जंगली शतावरी को खाने में ज़रूर शामिल करें। आंखों को तेज़ करने के लिए इससे अच्छी चीज़ कोई और नहीं है। इससे आपकी आंखों में चमक भी आ जाती है। जंगली शतावरी को शहद में मिलाएं और इसे गुनगुने दूध के साथ रोज़ाना खाएं। इसे कुछ महीनों तक नियमित रूप से करें और फर्क ख़ुद देखें।
8. गाय का दूध और घी
गाय के दूध और घी को अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं। आंखों की रोशनी को तेज करने के लिए गाय का दूध और घी एक काफी अच्छा आयुर्वेदिक उपाय है। गाय के घी को खाने में मिलाकर खाना स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद होता है।
9. सौंफ
सौंप को भी आंखों की रोशनी बढ़ाने के लिए फायदेमंद होता है। इसमें मौजूद एंटी ऑक्सीडेंट्स आंखों की रोशनी को बढ़ाते हैं। आंखों की रोशनी को कम होने से रोकता है। इसके लिए आप रोजाना दूध के साथ एक चम्मच सौंफ का पाउडर मिलाकर खाने से आंखों की रोशनी बढ़ती है।
10. गुलाब जल
गुलाब जल भी आंखों की रोशनी बढ़ाने के लिए एक काफी अच्छा आयुर्वेदिक उपाय है। आंखों के लिए इसे काफी फायदेमंद माना जाता है। गुलाब जल का उपयोगा आंखों की गंदगी को साफ करने, आंखों को ठंड देने और आंखों की रोशनी बढ़ाने के लिए किया जा सकता है। इसके लिए आप अपने आंखों में कम से कम तीन दिन गुलाब जल की बूंदे डालें।
11 जिन्कगो बिलोबा
आंखों की रोशनी बढ़ाने के लिए यह सबसे अच्छे आयुर्वेदिक उपचारों में से एक है। यह न केवल दृष्टि में सुधार करता है, बल्कि आपको ग्लूकोमा और धब्बेदार अध: पतन से भी बचाता है। कुछ शोध यह भी बताते हैं कि यह रेटिनोपैथी से पीड़ित लोगों के लिए मददगार साबित हो सकता है। हालांकि, बच्चों और डायबिटीज़ के मरीज़ों को इसे बिल्कुल इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।
12 आईब्राइट
आंखों की रोशनी बढ़ाने के लिए इस जड़ी बूटी का प्रयोग प्राचीन काल से किया जाता रहा है। यहां तक कि, अधिकांश प्रोडक्ट्स या खाद्य पदार्थ जो आपकी आंखों के लिए अच्छे होते हैं, उनमें प्राथमिक घटक के रूप में आईब्राइट होती है। दक्षिण अफ्रीका में हुए एक अध्ययन के अनुसार, आईब्राइट ड्रॉप्स कन्जंगक्टवाइटिस से तेज़ी से ठीक होने में मदद कर सकता है।
13 बिलबेरी
औषधी में ब्लूबेरी और क्रैनबेरी की तरह ही एंथोसायनिन नामक शक्तिशाली एंटीऑक्सिडेंट फ्लेवोनोइड्स होते हैं।
14. कोलियस
यह जड़ी बूटी आंखों में तरल पदार्थ के उत्पादन को कम करती है, जिससे संभावित ग्लूकोमा से दबाव कम होता है।
15 -विटामिन सी, विटामिन ए और बीटा कैरोटिन से युक्त आहार का सेवन करें, जैसे- गाजर, सभी खट्टे फल आदि। विटामिन-ए के लिए गेहूँ से बने उत्पाद तथा नट्स का सेवन करें।
16 हरी पत्तेदार सब्जियाँ एवं दालों का सेवन करें।
17 ओमेगा-3 फैटी एसिड्स का सेवन आँखों के लिए बेहद जरूरी होता है। इसलिए अलसी के बीजों का सेवन करें।
18 शकरकंद (Sweet potato) को भी अपने आहार में शामिल करें। यह बीटा कैरोटिन और विटामिन- ई का अच्छा स्रोत होता है।
19 नट्स में अच्छी मात्रा में विटामिन ई पाया जाता है जो आँखों को उम्र बढ़ने के साथ होने वाली क्षयकारी बीमारियों से बचाता है इसलिए नट्स का सेवन करें, जैसे- अखरोट, बादाम, पिस्ता, मूंगफली आदि।
20 सौंफ और मिश्री हमारे शरीर के लिए बेहद ठंडी होती है इसलिए अगर आप बादाम के साथ सौंफ और मिश्री को मिलाकर उसका पाउडर बना लें और उसे हर रोज़ रात को गरम दूध में मिलाकर पीएंगे तो आँखों की रोशनी तेज करने में मदद मिलेगी।
21 आँखों के कुछ व्यायाम है जिससे करने से आँखें ज्यादा लचीली बनती है और उनमें रक्तप्रवाह बढ़ता है। जिसके कारण आपकी एकाग्रता भी बढ़ती है। इस लिए दिन में दो बार आँखों का व्यायाम करें। जिसमें अपनी आँखों को बंद करें फिर आँखों को क्लाकवाइज और एन्टीक्लोकवाइज धुमाएं। उसके बाद आँखों को थोड़ा आराम दें और फिर थोड़ी देर आँखें खोले और बंद करें क्योंकि इससे आपकी आँखों को आराम मिलेगा।

14/01/2024

कब्ज Constipation
जब किसी इंसान का मल बहुत कड़ा हो जाता है और मल त्याग करते समय परेशानी होती है तो उस स्थिति को कब्ज कहा जाता है। कब्ज होने पर पाचन तंत्र खराब हो जाता है। पाचन तंत्र के खराब होने के कारण शरीर से मल निकलने की मात्रा बहुत कम हो जाती है और मल निकालने के लिए अधिक जोर लगाना पड़ता है। कब्ज के दौरान मल निकलने की आवृति यानी संख्या भी घट जाती है। मल कड़ा होने के चलते कई बार मल त्याग करते समय पेट और गुदा में दर्द तथा काफी परेशानियां होती हैं।

कब्ज के कारण
o मल त्याग न करना: 24 घंटे तक मल त्याग न करना कब्ज का सबसे बड़ा कारण होता है।
o फाइबर युक्त भोजन न करना: अगर खाने में फाइबर की मात्रा नहीं होगी तो कब्ज होने की संभावना बढ़ जाती है।
o यूरिन को अधिक समय तक रोके रखना।
o पर्याप्त नींद न सोना|
o अल्प भोजन ग्रहण करना
o शरीर में पानी की कमी होना।
o शारीरिक श्रम न करना
o कुछ ‘खास दवाओं’ का सेवन करना |
o बगैर भूख के भोजन करना।
o भोजन बिना चबाएं खाना।
o भोजन जल्दी जल्दी निगलने का प्रयास करना।
o खाना खाते वक्त किसी और सोच में रहना।
o बदहजमी होना।
o सही समय पर भोजन न करना।
o चाय, कॉफी बहुत ज्यादा पीना।
o ज्यादा उपवास करना।
o थायरॉयड हार्मोन का कम बनना।
o शरीर में कैल्सियम और पोटैशियम की मात्रा कम होना।
o गरिष्ठ पदार्थों का अर्थात् अधिक समय में पचने वाले भोजन का सेवन करना।
o आंत, लिवर और तिल्ली की बीमारी के चलते भी कब्ज हो सकती है।

कब्ज के उपाय
नींबू और पानी के : कब्ज होने पर नींबू पानी के साथ नमक मिलाकर पीने से काफी राहत मिलती है। पानी को अच्छी तरह से उबाल लेना चाहिए। पानी जब हल्का गुनगुना हो जाए तो इसमें नींबू का रस निचोड़ कर स्वादानुसार नमक डालें और फिर इस घोल को आराम पीएं। नींबू पानी पीने के बाद करीब 20 मिनट से आधा घंटे टहलना चाहिये। टहलने के दौरान ही प्रेशर बन जाता है और शौच खुलकर होती है।

पपीता : पपीते के रस में पपाइन नामक तत्व होता है जो भोजन को पचाने का काम करता है। इसमें विटामिन-बी पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है। साथ ही इसमें एंटी-ऑक्सीडेंट तत्व भी मौजूद होते हैं जो सेहत के लिए अच्छा है। यह गुणकारी फल शरीर को डिटॉक्स करने में भी मदद करता है।
पपीते में एक साथ कई बीमारियों से लड़ने की क्षमता होती है। पपीते को कब्ज की दवा भी कहा जाता है।

1 शहद का उपयोग : शहद में औषधीय गुणों के कारण इसको प्राचीन काल से ही इसका दवा के रुप में उपयोग किया जाता रहा है। आयुर्वेद में भी शहद के कई लाभ बताए गए हैं। शहद का प्रयोग शरीर के घाव भरने और कैंसर के इलाज तक में किया जाता है। शहद में एंटीऑक्सीडेंट्स, एंटीमाइक्रोबियल व एंटीइंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं जो कब्ज को ठीक करने में उपयोगी साबित होते हैं। यह मॉश्चराइज़िंग से भरपूर होता है और आंतों को साफ करने के लिए ल्यूब्रिकेंट का काम करता है। कब्ज के मरीज को सुबह खाली पेट कम से कम 2 चम्मच शहद खाना चाहिए। इसके अलावा, अगर वे चाहें तो गुनगुने पानी में शहद और नींबू मिलाकर भी पी सकते हैं। शहद का सेवन हर्बल टी में किया जा सकता है।
2 अमरूद :अमरूद में विटामिन-सी पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है। अमरूद को काले नमक के साथ खाने से पाचन तंत्र मजबूत होता है। इसके बीजों को चबा-चबा कर खाना चाहिए क्योंकि इससे पेट संबंधीत बीमारियों से राहत मिलती है। कब्ज़ के रोगियों को सुबह खाली पेट या फिर खाने से पहले अमरूद खाना चाहिए।
3 किशमिश :कब्ज में किशमिश खाना फायदेमंद होता है। किशमिश देखने में भले ही छोटी सी लगती है लेकिन इसमें फायदे कमाल के हैं। किशमिश में एंटऑक्सीडेंट, कई विटामिन व मिनरल्स पाए जाते हैं। इसका सेवन करने से न सिर्फ शरीर में खून बनता है बल्कि कब्ज से भी राहत मिलती है। किशमिश का नियमित रूप से उपयोग करने से लीवर मजबूत होता है और जब लीवर ठीक से काम करता है तो कब्ज की समस्या होगी ही नहीं।
4 दूध और घी : कब्ज में घी और दूध का साथ सेवन किया जाता है. रात के समय गर्म दूध में एक से 2 चम्मच घी डालें और पी लें. अगली सुबह से ही इस घी वाले दूध का असर दिखना शुरू हो जाएगा और कब्ज से राहत मिलेगी.
5 केला खाना : केले फाइबर से भरपूर होते हैं. कब्ज में फाइबर का सेवन फायदेमंद होता है क्योंकि यह मल में भारीपन लाता है जिससे शरीर से मल निकलने में आसानी होती है. केले (Banana) में डाइट्री फाइबर होता है और केले पेट में गुड बैक्टीरिया बढ़ाते हैं. पौटेशियम की अच्छी मात्रा होने के चलते भी कब्ज में केले खाने की सलाह दी जाती है. केला सुबह या शाम के समय कभी भी खाया जा सकता है. इनका सेवन मलत्याग को सुचारू बनाता है..
6 मुनक्के का सेवन : लगभग 8-10 ग्राम मुनक्के रात को पानी में भिगा दें। सुबह इसके बीज निकालकर दूध में उबाल कर खाएं, और दूध पी लें।
7 एरण्ड के तेल से कब्ज का घरेलू इलाज: रात में सोते समय एक गिलास गर्म दूध में 1-2 चम्मच एरण्ड का तेल डालकर पिएं।
8 कब्ज में बेल से फायदा : बेल का फल कब्ज की समस्या के लिए बहुत फायदेमंद होता है। आधा कप बेल का गूदा, और एक चम्मच गुड़ का सेवन, शाम को भोजन से पहले से करें। बेल का शरबत भी कब्ज में फायदा करता है।
9 जीरा और अजवायन : जीरे और अजवायन को धीमी आंच पर भून कर पीस लें। इसमें काला नमक डालकर तीनों को समान मात्रा में मिला कर डब्बे में रख लें। रोज आधा चम्मच की मात्रा में गुनगुने पानी के साथ पिएं।
10 कब्ज में मुलेठी : एक गिलास पानी में एक चम्मच मुलेठी का चूर्ण और एक चम्मच गुड़ मिलाकर सेवन करें।
11 सौंफ : रात में सोने से पहले एक चम्मच भुनी हुई सौंफ गरम पानी के साथ पिएं। सौंफ में पाए जाने वाले उड़नशील तेल पाचन क्रिया को दुरुस्त करते हैं, तथा गैस्ट्रिक एंजाइम के उत्पादन को बढ़ाते हैं।
12 चने का प्रयोग : कब्ज की समस्या में चना बहुत ही लाभदायक होता है। इसे भिगोकर या उबालकर खाना चाहिए। चने में जीरा या सोंठ को पीसकर डालें और सेवन करें।
13 अलसी : अलसी के बीजों को पीसकर एक चम्मच की मात्रा में रात को सोने से पहले लें।
14 त्रिफला चूर्ण : रात को सोने से पहले त्रिफला चूर्ण को गरम पानी के साथ लें। 6 माह तक ऐसे करने से पुरानी से पुरानी कब्ज की समस्या भी ठीक हो जाती है। दस ग्रा. अजवायन, दस ग्रा. त्रिफला और दस ग्रा. सेंधा नमक को कूटकर चूर्ण बना लें। रोज 3-5 ग्रा. की मात्रा में चूर्ण को हल्के गरम पानी के साथ लें। पुरानी कब्ज के इलाज के लिए त्रिफला चूर्ण काफी कारगर उपाय माना जाता है।
15 शहद का प्रयोग : शहद का उपयोग कब्ज को दूर करने में आपकी मदद कर सकता है क्योंकि शहद में लैक्सटिव का गुण पाया जाता है जो की कब्ज की समस्या को दूर करने में सहायक होता है।
16 पालक : पालक का सेवन एक अच्छा उपाय है क्योंकि पालक में लैक्सटिव का गुण पाया जाता है जो की कब्ज को दूर करने में मदद करता है।
17 कॉफ़ी :कब्ज की समस्या में कॉफ़ी कुछ हद तक आपकी मदद कर सकती है क्योंकि कॉफ़ी के सेवन से मलत्याग की प्रवृति को जागृत करने में मदद करती है।
18 आलूबुखारा : आलूबुखारा जैसे फल का सेवन भी कब्ज की समस्या को दूर करने में उत्तम उपाय है क्योंकि आलूबुखारा लैक्सटिव होने के कारण कब्ज की समस्या में फायदेमंद होता है।
19 अन्य घरेलू उपाय ये घरेलू उपाय भी कब्ज के इलाज (Kabj ke Ilaj) में बहुत फायदा पहुंचाते हैंः-
• रोज 2 चम्मच गुड़ गर्म दूध के साथ लें।
• दूध में सूखे अंजीर को उबाल कर खाएं, और दूध को पी लें।
• सुबह उठकर नींबू के रस में काला नमक मिलाकर सेवन करें।
• रात के भोजन में पपीता का सेवन करें।
• दस ग्राम इसबगोल की भूसी को सुबह-शाम पानी के साथ पिएं।
• फलों में अंगूर, पपीता, खुबानी, अंजीर, अनानास एवं नाशपती का अधिक सेवन करें। ये फल कब्ज की समस्या में लाभदायक हैं।
• सब्जियों में पत्तागोभी, गाजर, ब्रोकली और पालक आदि हरी पत्तेदार सब्जियों का सेवन करें।
• रोजाना कम से कम 8-10 गिलास पानी पिएं, और तरल पदार्थों का सेवन करें।
• गेहूं के आटे में पिसे हुए चने को मिलाकर खाएं।

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