Radhika acupressure center akot

Radhika acupressure center akot एक्यूप्रेशर द्वारा बिना कोई एलोपँथी ?

25/04/2025

एक्यूप्रेशर द्वारा बिना कोई एलोपँथी ?

21/10/2024
18/09/2024

*राधिका निसर्ग उपचार एवंम ट्रेनिंग सेंटर अकोट
द्वारा आयोजित 2 दिवसीय कार्यशाला ...*

*ऑफ लाईन प्रशिक्षण कार्यशाला *

*Date -27/28 ऑकटोबर 2024*
*Time - 11 pm to 6 pm *

*कोर्स fees - ----------

*इस कोर्स मे हम क्या क्या सिखेंगे:-*

1. फायर कपिंग,
2. बाम्बू कपिंग,
3. व्याक्यूम कपिंग
4. लीच थेरपी (रक्तमोक्षण चिकित्सा)
5. अग्निकर्म चिकित्सा
6. हिजामा

ये प्रशिक्षण पूर्ण होने के बाद आप अपना न्याचरोंप्याथीं सेंटर तीसरे दिन से ही खोल सकते हो और अपनी उपजीवीका का साधन ईसे बना सकते है!
इसके लिये आपको फूल सपोर्ट किया जाएगा अतःएव:म आवश्यक साहित्य की उपलब्धताकी जानकारीभी दी जायेंगी !!!

* प्रशिक्षण कार्यशाला के लाभ:-*
* सभी विषयो की थेअरी सीखायी जाएंगी
* सभी से प्रॅक्टिकल करवाया जायेगा*
* Certified दिया जायेंगा *
* सदस्य संख्या मात्र 20 तो आज ही
रजिस्ट्रेशन करे *

* कार्यशाला 2 दिन रहेंगी
* कार्यशाला मे दो बार चाय व दोपहर मे
अल्पोपहार की व्यवस्था होंगी
* प्रैक्टीकल का समग्र साहित्य मिलेंगी
* रहने व भोजन की व्यवस्था आपको
स्वयम करनी होंगी

*अधिक जाणकारी के लिये

श्री शशिकांत पूंडकरे
MD ACU, MD AC,
MD CUP, DNYS
095955 39292

18/09/2024

राधिका निसर्ग उपचार केंद्र अकोट 095955 39292

2 वर्षा पूर्वीचे सायटीकाचा त्रास 6 विजिट मध्ये ठीक झाला पेशंट चें मनोगत ऐका!

23/10/2023

राधिका निसर्ग उपचार केंद्रात उपलब्ध सुविधा (निसर्ग उपचार ) 9595539292 श्रीनिवास टॉकीज जवळ कालंका चौक अकोट

*) एक्यूप्रेशर
*) एक्यूपँक्चर
*) फायर कपिंग
*) व्यँकुम कपिंग
*) IFT थेरपि
*) बोन सेटिंग
*) पोटली मसाज
*) लीच थेरपी
*) शिरोधारा
*) कटी वस्ती
*) जान बस्ती
*) एनिमा
*) किंजल क्रिया
*) मसाज
*) मड थेरपी
*)हिजामा 1कप
*) जडीबूटी लेप
*)कानाची चायनीज पद्धतिने सफाई
*) षटकर्म
*) शिरोधारा
*) मॉक्षीबुशण थेरपी
*) अग्निकर्म थेरपि
*) अल्ट्रासोनिक थेरपी
सर्व निसर्ग उपचार पद्धति एकाच छता खाली एकदा अवश्य भेट द्यावी सर्व सुविधा देणारे जिल्यातील एकमेव सेंटर.

12/10/2023

राधिका निसर्ग उपचार क्लिनिक अकोट 9595539292

21/07/2023

3/4 वर्षा पासून संपूर्ण शरीर जाम झाले होते कमरेतील शिर दबलेली होती चलन्या फिरन्यास, उठन्या बसन्यास त्रास होता आठवडयातून 1 वेळा,असे 6 आठवड़े ट्रीटमेंट केली पेशंट पूर्णता 100% बरे झाल्याचे कबूल करतात.(21जुलै 2023)

27/05/2023

हार्ट अटैक -: भारत में 3000 साल पहले एक बहुत बड़े ऋषि हुये थे। नाम था महाऋषि वागवट जी उन्होंने एक पुस्तक लिखी, जिसका नाम है, अष्टांग हृदयम Astang hrudayam इस पुस्तक में उन्होंने बीमारियों को ठीक करने के लिए 7000 सूत्र लिखें थे। यह उनमें से ही एक सूत्र है। वागवट जी लिखते हैं कि कभी भी हृदय को घात हो रहा है मतलब दिल की नलियों मे blockage होना शुरू हो रहा है तो इसका मतलब है कि रक्त blood में acidity अम्लता बढ़ी हुई है अम्लता आप समझते हैं, जिसको अँग्रेजी में कहते हैं acidity अम्लता दो तरह की होती है एक होती है पेट की अम्लता और एक होती है रक्त blood की अम्लता आपके पेट में अम्लता जब बढ़ती है तो आप कहेंगे पेट में जलन सी हो रही है, खट्टी खट्टी डकार आ रही हैं , मुंह से पानी निकल रहा है और अगर ये अम्लता acidity और बढ़ जाये तो hyperacidity होगी और यही पेट की अम्लता बढ़ते-बढ़ते जब रक्त में आती है तो रक्त अम्लता blood acidity होती है और जब blood में acidity बढ़ती है तो ये अम्लीय रक्त blood दिल की नलियों में से निकल नहीं पाती और नलियों में blockage कर देता है तभी heart attack होता है इसके बिना heart attack नहीं होता और ये आयुर्वेद का सबसे बढ़ा सच है जिसको कोई डाक्टर आपको बताता नहीं क्योंकि इसका इलाज सबसे सरल है !

इलाज क्या है ? वागवट जी लिखते हैं कि जब रक्त (blood) में अम्लता (acidity) बढ़ गई है तो आप ऐसी चीजों का उपयोग करो जो क्षारीय हैं आप जानते हैं दो तरह की चीजें होती हैं अम्लीय और क्षारीय ! acidic and alkaline अब अम्ल और क्षार को मिला दो तो क्या होता है ? acid and alkaline को मिला दो तो क्या होता है ? neutral होता है सब जानते हैं तो वागवट जी लिखते हैं कि रक्त की अम्लता बढ़ी हुई है तो क्षारीय (alkaline) चीजें खाओ ! तो रक्त की अम्लता (acidity) neutral हो जाएगी ! और रक्त में अम्लता neutral हो गई ! तो heart attack की जिंदगी मे कभी संभावना ही नहीं ! ये है सारी कहानी !

अब आप पूछेंगे कि ऐसी कौन सी चीजें हैं जो क्षारीय हैं और हम खायें ? आपके रसोई घर में ऐसी बहुत सी चीजें है जो क्षारीय हैं जिन्हें आप खायें तो कभी heart attack न आए और अगर आ गया है तो दुबारा न आए यह हम सब जानते हैं कि सबसे ज्यादा क्षारीय चीज क्या हैं और सब घर मे आसानी से उपलब्ध रहती हैं, तो वह है लौकी जिसे दुधी भी कहते लौकी जिसे दुधी भी कहते हैं English में इसे कहते हैं bottle gourd जिसे आप सब्जी के रूप में खाते हैं ! इससे ज्यादा कोई क्षारीय चीज ही नहीं है ! तो आप रोज लौकी का रस निकाल-निकाल कर पियो या कच्ची लौकी खायो वागवट जी कहते हैं रक्त की अम्लता कम करने की सबसे ज्यादा ताकत लौकी में ही है तो आप लौकी के रस का सेवन करें, कितना सेवन करें ? रोज 200 से 300 मिलीग्राम पियो कब पिये ? सुबह खाली पेट (toilet जाने के बाद ) पी सकते हैं या नाश्ते के आधे घंटे के बाद पी सकते हैं इस लौकी के रस को आप और ज्यादा क्षारीय बना सकते हैं इसमें 7 से 10 पत्ते तुलसी के डाल लो तुलसी बहुत क्षारीय है इसके साथ आप पुदीने के 7 से 10 पत्ते मिला सकते हैं पुदीना भी बहुत क्षारीय है इसके साथ आप काला नमक या सेंधा नमक जरूर डाले ये भी बहुत क्षारीय है लेकिन याद रखें नमक काला या सेंधा ही डाले वो दूसरा आयोडीन युक्त नमक कभी न डाले ये आओडीन युक्त नमक अम्लीय है तो आप इस लौकी के जूस का सेवन जरूर करें 2 से 3 महीने की अवधि में आपकी सारी heart की blockage को ठीक कर देगा 21 वें दिन ही आपको बहुत ज्यादा असर दिखना शुरू हो जाएगा कोई आपरेशन की आपको जरूरत नहीं पड़ेगी घर में ही हमारे भारत के आयुर्वेद से इसका इलाज हो जाएगा और आपका अनमोल शरीर और लाखों रुपए आपरेशन के बच जाएँगे आपने पूरी पोस्ट पढ़ी , आपका बहुत बहुत धन्यवाद।
राधिका निसर्ग उपचार केंद्र अकोट 9595539292

26/05/2023

*युरीक असिड च्या त्रासातून मुक्त होण्यासाठी घरगुती उपाय.....*

पूर्वी ५० - ६० वयाच्या लोकांमध्ये यूरीक ॲसिडची समस्या पाहिली जात होती, तर आजकालच्या चुकीच्या जीवनशैलीमुळे तरुणही यामुळे पीडित आहेत. तणाव, अल्कोहोल-सेवन, शारीरिक हालचालींचा अभाव, व्यायमाचा अभाव, पाणी कमी पिणे आणि चुकीचे खानपान यामुळे यूरीक ॲसिड वाढते व त्याचा त्रास होतो.

*यूरीक ॲसिड म्हणजे काय...?*
कार्बन, हायड्रोजन, ऑक्सिजन आणि नायट्रोजन यांचे मिश्रण करून कंपाऊंड तयार होते, जे अमीनो ॲसिडच्या रूपात शरीराला प्रोटीनमधून प्राप्त होते त्याला युरीक ॲसिड म्हणतात.

त्यामुळे यूरीक ॲसिड वेळेवर नियंत्रित न केल्यास त्यामुळे गठीया (Gout) आणि संधिवात देखील होऊ शकतो.

*अशा परिस्थितीत काही होम टिप्स आहेत, जेणेकरून तुम्ही त्यावर नियंत्रण ठेवू शकता...*

*भरपूर लिक्विड आहार...*
यूरीक ॲसिड नियंत्रित ठेवण्यासाठी भरपूर पाणी पिणे महत्वाचे आहे. आहारात फळांचा रस, नारळपाणी आण ग्रीन टी सारख्या द्रवपदार्थाचे सेवन करत रहा.

*सर्व रंगांच्या भाज्या...*
प्रत्येक रंगाची भाजी आपल्या आहाराचा एक भाग बनवा. आपल्याला हिरव्या, लाल, केशरी रंगाच्या भाज्यांमधून सर्व पोषकद्रव्ये मिळतील, जे केवळ ॲसिडवर नियंत्रण ठेवत नाहीत तर इतर समस्या देखील टाळतील. (युरीक ॲसिड नियंत्रणात येईपर्यंत फक्त पालकची भाजी टाळावी.)

*सिट्रस फ्रूट (सायट्रिक ॲसिडयुक्त फळे)...*
सिट्रस फ्रूट युरीक ॲसिड क्रिस्टल्सला वितळवून यूरीक ॲसिड पातळी कमी करतात. असे फ्रूट आहारात जरूर घ्या, परंतु मर्यादित प्रमाणात.

*छोटी ईलायची...*
पाण्यात मिसळून छोटी वेलची खाल्ल्याने यूरीक ॲसिडचे प्रमाण कमी होईल आणि कोलेस्टेरॉलची पातळीही कमी होईल

*बेकिंग सोडा...*
१ ग्लास पाण्यात १/२ चमचा बेकिंग सोडा मिसळून पिल्यास युरीक ॲसिड नियंत्रणात येण्यास मदत होते.

*ओवा...*
ओवा यूरीक ॲसिडसह शरीरातील सूज कमी करते. यूरिक ॲसिड नियंत्रित करण्यासाठी, एका दिवसात २-३ चमचे ओवा खावा.

*दररोज सफरचंद खा...*
सफरचंद मध्ये उपस्थित ॲसिड यूरिक ॲसिडला न्यूट्रीलाईज करते.

*लिंबाचा रस...*
लिंबू यूरीक ॲसिडला नियंत्रित करते. सकाळी रिकाम्या पोटी लिंबूचा रस पिल्याने आपला फायदा होईल. तसेच दिवसातून किमान चार-पाच वेळा लिंबू-पाणी प्या.

*चेरी...*
चेरी आणि डार्क चेरीमध्ये फ्लेव्होनॉइड्स नावाचे घटक असतात, जे यूरीक ॲसिड कमी करण्यास मदत करतात. सूज आणि कडकपणा दूर ठेवते.

*योग देखील फायदेशीर...*
दररोज व्यायाम करा आणि निरोगी राहा. वजन नियंत्रित ठेवा. असे म्हणतात की फॅटी टिश्यूमुळे यूरीक ॲसिड उत्पादन देखील वाढते.

*डाळ शिजवताना काळजी घ्या...*
डाळ शिजवत असतांना सुरुवातीला जो वर फेस येतो तो काढून टाका (त्याच्या सेवनाने युरीक ॲसिड वाढते.) त्यानंतर डाळ पूर्णपणे शिजू द्या.

*या गोष्टी टाळा...*
मद्य आणि बिअर मध्ये यीस्ट मोठ्या प्रमाणात असते म्हणून ते टाळावे. दही, राजमा, चणे, अरबी, तांदूळ, मैदा, लोणचे, कोरडे फळे, मसूर, पालक, फास्ट फूड, कोल्ड ड्रिंक्स, पॅक फूड, मांस, मासे, पेस्ट्री, केक्स, पॅनकेक्स, मलई बिस्किटे, तळलेल्या अन्नापासून दूर रहा.

*रात्री या गोष्टी खाऊ नयेत...*
प्रोटीनयुक्त आहार युरीक ॲसिड नियंत्रणात येईपर्यंत कमी खा, शक्यतो टाळा. झोपेच्या वेळी दूध किंवा डाळ घेऊ नका. तरी तुम्हाल डाळ घेण्याची इच्छा असल्यास साल असलेली डाळ तीही थोडी खावा. तसेच, जेवण करताना पाणी पिऊ नका. अन्न खाण्यापूर्वी आर्धा-पाऊण तास आणि नंतर तास-दिड तासाने पाणी प्यावे.

राधिका निसर्ग उपचार केंद्र अकोट
9595539292

25/05/2023

माझी मानेची नस दबली होती मला स्पॉन्डलिसीसचा त्रास होता मी राधिका निसर्ग उपचार केंद्र अकोट येते ट्रीटमेंट घेतली व 4 ट्रीटमेंट मधे 1 महिन्याच्या आत मी त्या त्रासातून बरी झाली.
(सुषमा रंधे :- अंजँनगांव सुर्जी)
राधिका निसर्ग उपचार केंद्र अकोट 095955 39292

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Akot
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