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You can Ask question about ur lyf prediction And "Upayes" To reduce you problems

11/10/2022

Jay sri mehndipur Balaji Maharaj ki jay.

24/07/2017

बीमारी में ये उपाय करें ।1पान का पत्ता उस पर चार बूंदी के लड्डू 1 पूजा वाली सुपारी रखकर शाम को हनुमानजी के आगे रखे मंगलवार को 5 मंगलवार करे।बालाजी महाराज सहायता करेंगे आपकी।।।9837441950

30/11/2016

उपाय क्या और कैसे करे की आपको लाभ मिले
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मित्रों जब भी कोई पोस्ट की जाती है तो कुछ मित्रों के कमेन्ट मिलते है की मेरा यर ग्रह इस भाव में है इसके उपाय बताये या या मेरी ये दशा है इसका क्या उपाय होगा | किसी भी ग्रह के उपाय को करने से पहले हमे उसे तर्क की कसोटी पर परखना आवश्यक होता है यदि हम ऐसे ही कोई भी उपाय करते है तो हमे फायदा चाहे न हो नुक्सान अवस्य हो सकता है | किसी भी ग्रह के उपाय करने से पहले हमे उसकी कुंडली में सिथ्ती देखनी होती है फिर ये देखना होता है की क्या वो आपको बुरे फल दे रहा है या नही | लाल किताब के उपाय आज बहुत ज्यादा प्रचलित है लेकिन हम उन उपायों के पीछे छुपा हुआ रहस्य बिना जाने ही करते रहते है | किसी भी उपाय को करने से पहले उसके पीछे छुपे हुवे रहस्य को अवस्य जाने फिर ही करे | आज कौन कौन से उपाय किस लिय किये जाते है उसी पर पोस्ट डाल रहा हूँ |
सबसे आम उपाय है की किसी ग्रह की वस्तु को जमीन में दबा कर उसे नस्ट कर देना जैसे की वर्षफल में शुक्र आपके अस्ठ्म भाव में आया हुआ है और शुक्र के अशुभ फल आपको मिल रहे है ऐसे में शुक्र की ज्वार को जमीन में दबा कर उस साल के लिय शुक्र को नस्ट करके उसके अशुभ फल में कमी कर ली जाती है लेकिन आपको ये ध्यान रखना आवश्यक होता है की आपकी पत्नी के साथ आपके सम्बन्ध कैसे है यदि आपकी पत्नी आपके लिय सही सिद्ध हो रही है और उनको किसी प्रकार की समस्या नही है तो ये उपाय आपको लाभ की बजाए नुक्सान भी कर सकता है | इसी प्रकार मंगल के सहद जमीन में दबा दिया जाता है लेकिन यदि उसी समय तीसरा भाव पाप ग्रह से पीड़ित हो तो भाइयों को नुक्सान होने के योग बन जाते है |
एक उपाय है किसी ग्रह की वस्तु को जल में प्रवाह करके उसके असर को अपने से दूर करना | इस उपाय का तर्क है की बहता हुआ जल उस ग्रह के दुस्प्रभाव को बहाकर अपने से दूर ले जा रहा है जैसे की यदि मंगल बारवें भाव में हो तो रेवड़ियाँ जल में प्रवाह करने की सलाह दी जाती है लेकिन यदि शनी ग्यारवें भाव में है और आप शनी की वस्तु जल प्रवाह करते है साथ ही आप ऐसा कार्य करते है जिसमे मजदूर वर्ग आपके निचे कार्य करते है तो आपको नुक्सान होने के योग बन जाते है |
एक अन्य तरीका है की ग्रह को न तो मारा जाए और न ही नस्ट किया जाए बलिक उसकी सिफ्फ्त को बदल दिया जाए जैसे पंचम में शनी को बच्चे खाने वाला सांप कहा गया है ऐसे में यदि किसी के बच्चे जन्म लेते ही मर जाते है तो शनी के बादाम एक मुठी मन्दिर में अर्पण कर उसमे से आधे घर में लाकर रखने होते है इस से शनी की सिफ्फ्त बदल जाती है और वो बच्चो को नुक्सान नही पहुंचाता | इसी प्रकार यदि राहू पंचम में सन्तान की हानि कर रहा हो तो उसका ठोस चांदी का हाथी घर में रखना होता है |
एक अन्य तरीका है शुभ ग्रह को कायम करना जैसे की चन्द्र दुसरे भाव में उंच का हो जाता है कालपुरुष की कुंडली में और जातक को शुभ फल देता है ऐसे में चन्द्र के हमेशा ही शुभ फल मिले उसके लिय माता के हाथ से चावल लेकर घर में रखने होते है ये चावल जैसे जैसे पुराने होते जाते है जातक की किस्मत में अच्छा साथ देते जाते है | इसी तरह किसी भी ग्रह से सम्बन्धित चीज को कायम की जा सकती है यदि वो शुभ फल दे रहा हो तो |
इसी तरह एक अन्य तरीका है की दो ग्रह के अशुभ फल दूर करने के लिय किसी अन्य ग्रह की मदद लेना जैसे की सूर्य शनी का फल अशुभ होता है ऐसे में इन दोनों ग्रह का मित्र बुद्ध की सहायता से इनके अशुभ फलों में कमी की जा सकती है क्योंकि वो इन दोनों में मध्यस्था कर देगा जैसे की इनका योग छ्टे भाव में होने पर घर में फूल वाले पोधे लगाना |
एक उपाय है की ग्रह को उसी के कान पकडवा कर उसे सीधा करना जैसे की यदि सूर्य अशुभ फल दे रहा है तो सूर्य के बन्दर को सूर्य की वस्तु गुड खिला देना |
मित्रों इस प्रकार कोई भी उपाय करने से आपको ये पता होना जरूरी है की आपको कौन सा उपाय लाभ देगा | और आपको क्या उपाय किस तरीके से करना है | मान लीजिये की कोई ग्रह आपको शुभ फल दे रहा है तो आपको उसको कायम करना होगा जैसे की उसकी वस्तु को घर में रखना उस से सम्बन्धित रत्न आदि धारण करना लेकिन यदि आप उसकी वस्तु को जल प्रवाह करते है या दान करते है तो आपको जो लाभ मिल रहा है उसमे विरधी होने की बजाए कमी हो जायेगी | इसिलिय इस सम्बन्ध में विशेष सावधानी की जरूरत होती है |कई बार हम उल्टा कर लेते है जैसे की कोई ग्रह खराब फल दे रहा है उसका रत्न पहन लेते है उस से सम्बन्धित चीजें घर में लाकर के रख लेते है तो ऐसे में उसके फलों में और ज्यादा विरधी हो जाती है | इसिलिय आज ये दोबारा से पोस्ट की है ताकि आप अपने ग्रह की सिफत को समझकर उसी के अनुरूप उपाय करे |

जय श्री राम

25/11/2016

जिस लड़का या लड़की का विवाह ना हो रहा हो वो 5 कोडी लेकर लाल या पिले कपड़े में बांधकर मूख्य दुआर पर लटका दे दिन गुरु या षुक्रवार हो इससे विवाह के योग बनने लगेंगे

11/11/2016

बीमारी से बचने के लिए 1बार रात को किचिन में बैठकर खाना जरूर खाये लेकिन ध्यान जर्रूर रक्खे किचिन में चूल्हे में आग जल रही हो।। और सही रहने के लिए अपनी कुंडली दिखाए

11/11/2016

कुंडली में ग्रहो की युति का फल1 चंद्र+शुक्र-प्रेम-प्रसंगों में सफलता प्राप्त2 चंद्र+गुरु- अध्ययन कार्य, किसी नई विद्या को सीखने एवं धन और व्यापार उन्नति3 मंगल+बुध- शत्रुता की भावना4 मंगल+शुक्र- हर प्रकार के कलाकारों के लिए अच्छा5 मंगल+शनि- बहुत ज्यादा शत्रुता के भावना6 बुध+शुक्र- प्रेम से रहने वाला, संगीत का शौकीन7 कुण्डली में चन्द्र व शुक्र की युति होने पर जीवनसाथी बुद्धिमान होता है.8 अगर चन्द्र की युति सप्तम भाव में शनि, मंगल के साथ हो रही हो तो दाम्पत्य जीवन में परेशानियां आती है.9 चन्द्र सूर्य की युति होने पर व्यक्ति के अंदर अहम की भावना आ जाती है.10 चन्द्र एवं मंगल की युति होने पर व्यक्ति के स्वभाव में उग्रता आ जाती है.11 चन्द्र गुरू की युति का फलनवग्रहों में गुरू को मंत्री एवं गुरू का पद दिया गया है. मंत्री का कार्य होता है सलाह देना. सलाह वही दे सकता है जो ज्ञानी होगा. यानी इस युति से प्रभावित व्यक्ति ज्ञानी होता है और अधिक बोलने वाला भी होता है. ये सलाहकार, शिक्षक एवं ऐसे क्षेत्र में अच्छी सफलता प्राप्त कर सकते हैं जिनमें बोलने की योग्यता के साथ ही साथ अच्छे ज्ञान की भी जरूरत होती है।12 चन्द्र शुक्र की युति का फलचन्द्रमा के साथ शुक्र की युति होने पर व्यक्ति सुन्दर एवं आकर्षक होता है. इनमें सुन्दर दिखने की चाहत भी अधिक होती है. वाणी में कोमलता एवं विचारों में कल्पनाशीलता भी इनमें पायी जाती है. इस युति से प्रभावित व्यक्ति कलाओं में रूचि लेता है।13 चन्द्र शनि की युति का फलजन्म कुण्डली में चन्द्रमा शनि के साथ युति सम्बन्ध बनाता है तो व्यक्ति न्यायप्रिय होता है। इसयुति से प्रभावित व्यक्ति मेहनती होता है तथा अपनी मेहनत एवं ईमानदारी से जीवन में आगे बढ़ता है. इनके स्वभाव में अस्थिरता पायी जाती है, छोटी-छोटी असफलताएं भी इनके मन में निराशा उत्पन्न करने लगती है.14 चन्द्र राहु की युति का फलकुण्डली में चन्द्र के साथ राहु की युति होने पर व्यक्ति रहस्यों एवं कल्पना की दुनियां खोया रहता है.इनमें किसी भी विषय को गहराई से जानने की उत्सुकता रहती है जिससे अपने विषय के अच्छे जानकार होते हैं.इनके स्वभाव में एक कमी यह होती है कि अफवाहों एवं कही सुनी बातों से जल्दी विचलित हो जाते हैं.15 चन्द्र केतु की युति का फलचन्द्र केतु की युति कुण्डली में होने पर व्यक्ति जोश में कार्य करने वाला होता है.जल्दबाजी में कार्य करने के कारण इन्हें अपने किये कार्य के कारण बाद में पछताना भी पड़ता है लेकिन, अपनी ग़लतियों से सीख लेना इनकी अच्छी आदत होती है.यदि आप मुझसे वास्तु विजिट करवाना चाहते हैं वास्तु य़ा कुंडली से सबंधित किसी भी समस्या का समाधान करवाना चाहते हैं तो इस नं. पर फ़ोन करके संपर्क कर सकते

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