Shri Matr Shakti Yoga Seva Samiti

Shri Matr Shakti Yoga Seva Samiti Shri Matr Shakti Yoga Seva Samiti caters to not just yoga and meditation but overall human and child wellness and fitness.

दिये का प्रकाश हर पल आपके जीवन को एक नयी रौशनी दे। रौशनी का यह पावन त्यौहार आपके जीवन में सुख शांति एवं समृद्धि लेकर आये...
30/10/2024

दिये का प्रकाश हर पल आपके जीवन को एक नयी रौशनी दे। रौशनी का यह पावन त्यौहार आपके जीवन में सुख शांति एवं समृद्धि लेकर आये। हमारी ओर से आपको और आपके परिवार को दिवाली की हार्दिक शुभकामनाएँ।

अनुपमा नारायणी
योग प्रशिक्षिका एवं प्रेरक वक्ता
संपर्क - 9935605200
singhanupama1979@gmail.com
https://www.facebook.com/NarayaniAnupama

आयुर्वेद के जनक एवं आरोग्य के देवता भगवान धन्वंतरि  जी की जयंती की सभी को हार्दिक बधाई एवं अनंत शुभकामनाएं ..धनतेरस पर्व...
28/10/2024

आयुर्वेद के जनक एवं आरोग्य के देवता भगवान धन्वंतरि जी की जयंती की सभी को हार्दिक बधाई एवं अनंत शुभकामनाएं ..
धनतेरस पर्व की भी हार्दिक शुभकामनाएं ...

अनुपमा नारायणी
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पढ़ाई में आपकी मदद कर सकता है योगयोग, शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए फ़ायदेमंद होता है. योग के नियमित अभ्यास से पढ़ा...
26/10/2024

पढ़ाई में आपकी मदद कर सकता है योग
योग, शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए फ़ायदेमंद होता है. योग के नियमित अभ्यास से पढ़ाई में मदद मिलती है, क्योंकि इससे एकाग्रता बढ़ती है और मन शांत रहता है.

योग से जुड़े कुछ फ़ायदेः
01. योग से आंतरिक शांति मिलती है और संतुलित स्वभाव विकसित होता है.
02. योग से छात्रों में आंतरिक संयम विकसित होता है.
03. योग से छात्रों में प्रेरणा और उत्पादकता बढ़ती है.
04. योग से लचीलापन, संतुलन, और समन्वय में सुधार होता है.
05. योग से शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ती है और हृदय गति कम होती है.
06. योग से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है.
07. पढ़ाई में योग के कुछ फ़ायदेमंद आसनः
08. ताड़ासन से बच्चों में ब्रिदिंग क्षमता बढ़ती है और मूड अच्छा रहता है.
09. वृक्षासन से तनाव कम होता है और शरीर दर्द से राहत मिलती है.
10. अधोमुखश्वासन से शरीर में लचीलापन आता है और स्फूर्ति बढ़ती है.
11. भ्रामरी प्राणायाम से मन शांत होता है और याददाश्त और एकाग्रता में सुधार होता है.

योग, पारंपरिक चिकित्सा उपचारों का एक अच्छा पूरक हो सकता है। योगासन शुरू करते समय, किसी योग्य प्रशिक्षक के साथ कक्षा में जाना सबसे अच्छा होता है।

अनुपमा नारायणी
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एकाग्रता बढ़ाने के साथ एनर्जी लेवल भी बढ़ाती हैं योग मुद्राएंसमग्र स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है योग मुद्राएंयोग की सबस...
21/10/2024

एकाग्रता बढ़ाने के साथ एनर्जी लेवल भी बढ़ाती हैं योग मुद्राएं
समग्र स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है योग मुद्राएं

योग की सबसे बड़ी विशेषता यह है, कि ये शारीरिक फिटनेस प्रदान करने के साथ आपको अपने इनर सेल्फ से जोड़ता है। योग साइंटिफिक फायदे तो हैं ही परंतु पहले आपको साइकोलॉजिकली योग को एक्सेप्टकरने की आवश्यकता है। आपका विश्वास इसे आपके लिए और अधिक फायदेमंद बना देता है। योग की कई खास मुद्राएं हैं, जिनमें केवल सामान्य से हैंड जेस्चर की मदद से अप मानसिक, शारीरिक यहां तक भी भावनात्मक फायदे भी प्राप्त कर सकती हैं। यह मुद्राएं आपके शरीर में ऊर्जा शक्ति के संचारण को बढ़ा देती हैं और आपको बेहतर महसूस करने में मदद करती हैं। इन्हें करने का कोई निश्चित समय और जगह नहीं है, यह सामान्य सी मुद्राएं हैं, जिन्हें आप ऑफिस के डेस्क पर, सिनेमा हॉल की सीट पर बैठकर या बस स्टॉप पर बस का इंतजार करते हुए भी कर सकती हैं।

प्राण मुद्रा
प्राण मुद्रा से शरीर को पर्याप्त ऊर्जा प्रदान होती है। यह आपके शरीर में जल और पृथ्वी तत्व को बढ़ाता है, जो उत्कृष्ट ऊर्जा को बढ़ावा देते हैं। यह थकान, अनिद्रा, हाई ब्लड प्रेशर, मानसिक तनाव और घबराहट की स्थिति में बेहद कारगर होते हैं। यह कम पानी के कारण होने वाली एसिडिटी, अल्सर, जोड़ों के दर्द और अन्य समस्याओं को भी दूर करता है।इस योग मुद्रा को करने के लिए, अपने अंगूठे की नोक की मदद से अपनी दोनों उंगलियों की नोक को छूते हुए अपनी छोटी उंगली के अलावा अपनी अनामिका उंगली को मोड़ें। अपने दोनों हाथों को अपने घुटनों पर मजबूती से रखें और अपनी हथेलियों को ऊपर की दिशा में रखें और अपने हाथ एवं बाजुओं को आराम दें।

सूर्य मुद्रा
सूर्य मुद्रा वजन घटाने के लिए बेहतरीन मुद्राओं में से एक। इससे शरीर में अग्नि तत्व बढ़ता है जिससे वजन कम करने में मदद मिलती है और पाचन में भी सुधार होता है। इसके साथ ही यह दृष्टि में सुधार करता है, कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित रखता है, साथ ही आपके शरीर को पर्याप्त ऊर्जा प्रदान करते हुए इसे पूर्ण रूप से सक्रिय रहने में सहायता करता है।इस योग मुद्रा को करने के लिए अनामिका उंगली (ring finger) को अपने अंगूठे से दबाएं। अब अपने दोनों हाथों की अन्य उंगलियों को इस तरह सीधा करें कि वे शिथिल हों और एक-दूसरे से थोड़ी दूरी पर हों। दोनों हाथों को अपने घुटनों पर मजबूती से रखें और अपनी हथेलियों को ऊपर की दिशा में रखें साथ ही अपने हाथ एवं बाजुओं को आराम दें।

वरुण मुद्रा
इस मुद्रा को सौंदर्य और अन्य स्वास्थ्य लाभ जैसे डिहाईड्रेशन, प्रेगनेंसी और मेंस्ट्रुएशन में होने वाली मांसपेशियों की ऐंठन, स्किन ड्राइनेस साथ ही क़आंख मुंह और गले के सूखेपन को दूर करने के लिए बनाया गया है। यह कब्ज और जीभ से जुड़ी सभी समस्या को ठीक कर सकता है। इस योग आसन को करने के लिए सबसे पहले अपनी छोटी उंगली के सिरे को अपने अंगूठे के सिरे से स्पर्श करें।अब अपने दोनों हाथों की बाकी दो उंगलियों को इस तरह सीधा करें कि वे शिथिल और एक-दूसरे से अलग हो जाएं। अपने दोनों हाथों को अपने घुटनों पर मजबूती से रखें और अपनी हथेलियों को ऊपर की दिशा में रखें। इस दौरान अपने हाथ और बाजू को आराम दें।

वायु मुद्रा
यह आपके अंदर वायु तत्व को बढ़ाकर दर्द से राहत दिलाने में मदद करता है। यह गठिया में जोड़ों के दर्द से पीड़ित व्यक्ति और हाल ही में हुई सर्जरी वाले शरीर के लिए जादुई साबित हो सकता है।इसके साथ ही यह पाचन संबंधी समस्याओं में भी कारगर होता है। इस योग मुद्रा को करने के लिए अपनी तर्जनी (index fingure) को मोड़ें और अंगूठे की मदद से अपनी तर्जनी की दूसरी फालानक्स हड्डी को दबाएं।अब अपने दोनों हाथों की बाकी दो उंगलियों को इस तरह सीधा करें कि वे शिथिल और एक-दूसरे से अलग हो जाएं। अपने दोनों हाथों को अपने घुटनों पर मजबूती से रखें और अपनी हथेलियों को ऊपर की दिशा में रखें और अपने हाथ एवं बाजुओं को आराम दें।

ज्ञान मुद्रा
यह मन के लिए बनाई गई योग मुद्रा है। यह मस्तिष्क को उत्तेजित करता है साथ ही नर्वस सिस्टम को संतुलित रखता है, तनाव से राहत प्रदान करते हुए एकाग्रता को बढ़ावा देता है जिससे कि आपके मनको शांत रहने में मदद मिलती है। इस योग मुद्रा का अभ्यास करने के लिए ध्यान की आरामदायक स्थिति में बैठें। अब अपनी तर्जनी (Index finger) को इस तरह मोड़ें कि वह आपके अंगूठे की अंदरूनी जॉइंट को छूए।अब दोनों हाथों की दूसरी अंगुलियों को सीधा कर लें ताकि वे शिथिल और एक-दूसरे से अलग हो जाएं। धीरे-धीरे अपने हाथों को अपने घुटनों पर रखें और अपनी दोनों हथेलियों को नीचे की ओर रखें। फिर हाथ एवं बाजुओं को आराम दें।

योग, पारंपरिक चिकित्सा उपचारों का एक अच्छा पूरक हो सकता है। योगासन शुरू करते समय, किसी योग्य प्रशिक्षक के साथ कक्षा में जाना सबसे अच्छा होता है।

अनुपमा नारायणी
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कुर्सी पर बैठे-बैठे करें ये 5 योगासन मिलेंगे कई फायदे1. वीरभद्रासन चेयर पोज (Virabhadrasana Chair Pose)आप चेयर पर बैठकर ...
20/10/2024

कुर्सी पर बैठे-बैठे करें ये 5 योगासन मिलेंगे कई फायदे

1. वीरभद्रासन चेयर पोज (Virabhadrasana Chair Pose)
आप चेयर पर बैठकर योगा करना चाहते हैं तो आप वीरभद्रासन चेयर पोज कर सकते हैं।
इस पोज को करने के ल‍िए आप दाईं जांघ को कुर्सी पर ट‍िकाएं और बाएं पैर को खींचकर पीछे की तरफ लेकर जाएं।
बाएं पैर के तलवे को कुर्सी के बराबर रखकर फर्श पर ट‍िकाना है।
फ‍िर बाएं पैर को आप सीधा रखें और मजबूत से ट‍िकाएं।
सीने का झुकाव आप आगे की तरफ रखें।
दोनों हाथों की सांस खींंचकर ऊपर की तरफ उठाते हुए म‍िलाएं।
आपको कुछ सेकेंड के ल‍िए इस मुद्रा में रहकर होल्‍ड करना है फ‍िर सामान्‍य मुद्रा में आ जाएं।

2. मार्जरी-बितिलासन चेयर पोज (Marjariasana Bitilasana Chair Pose)
कुर्सी पर बैठ जाएं और रीढ़ को सीधा रखें।
हथेली को घुटने और जांघ पर रखें।
लंबी सांस खींचें और सीने को बाहर की ओर फुलाएं।
रीढ़ की हड्डी को मोड़ते हुए कंधों को पीछे की ओर लेकर जाना है।
धीरे-धीरे सांस छोड़ते हुए, रीढ़ की हड्डी को पीठ की तरफ ले जाएं और गोल करें।
ठोड़ी को आप गले में लगाएं और कंधे और स‍िर को आगे की ओर झुकाएं।
इस आसन को करते समय आपको लंबी सांस लेनी है और छोड़ते हुए इसे कम से कम 5 बार करना है।

3. गरुड़ासन चेयर पोज (Garudasana Chair Pose)
आप गरुड़ासन को भी चेयर पर बैठकर कर सकते हैं।
आपको इस पोज को करने के ल‍िए दाईं जांघ केा बाईं के ऊपर क्रॉस करके रखना है।
बाएं हाथ की कोहनी से दाएं पर लपेटकर हथेल‍ियों को छूने की कोश‍िश करें।
दोनों कोहन‍ियों को उठाएं और कंधों को कानों से दूर करने की कोश‍िश करें।
इस योगा पोज को आपको 3 से 5 बार सांस लेने तक बनाकर रखना है।
इसी अभ्‍यास को दूसरे हाथ के साथ भी करने की कोश‍िश करें।

4. अर्ध मत्स्येन्द्रासन चेयर पोज (Ardha Matsyendrasana Chair Pose)
आप अर्ध मत्‍स्‍येन्‍द्रासन पोज भी चेयर पर बैठे-बैठे कर सकते हैं।
आपको कुर्सी के साइड पर बैठना है और कुर्सी को अपने बाएं हाथ की तरफ रखना है।
कुर्सी की पीठ को पकड़ें और फ‍िर अपने धड़ को बाईं ओर लेकर जाएं।
रीढ़ की हड्डी को सांस लेते हुए लंबाई में खींचने की कोश‍िश करें।
सांस छोड़ते हुए रीढ़ की हड्डी को मोड़ने की कोश‍िश करें।
पांच बार सांस लेने और छोड़ने का प्रयास करें फ‍िर नॉर्मल पोज‍िशन में आ जाएं।
फ‍िर आपको दूसरे हाथ से इस प्रक्र‍िया को दोहराना है।

5. एकपद राजकपोतासन चेयर पोज (Eka Pada Rajakapotasana Chair Pose)
आप एकपद राजकपोतासन चेयर पोज को भी चेयर पर बैठकर कर सकते हैं।
दाएं पैर की एड़ील को बाएं पैर की जांघ पर रखें।
घुटने को ज‍ितना हो सके एड़ी की सीध में रखें।
सांस को सामान्‍य गत‍ि से लेते और छोड़ते रहें।
3 से 5 बार सांस लेने तकक आपको इस आसान का प्रयास करना है।
आपको इस आसन को बाएं पैर की एड़ी से भी दोहराना है।

योग, पारंपरिक चिकित्सा उपचारों का एक अच्छा पूरक हो सकता है। योगासन शुरू करते समय, किसी योग्य प्रशिक्षक के साथ कक्षा में जाना सबसे अच्छा होता है।

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हिंदू आध्यात्मिक एवं सामाजिक संगठनों व संस्थाओं द्वारा प्राणी मात्र के कल्याण के लिए किए जा रहे सेवा कार्य एवं प्रकल्पों...
19/10/2024

हिंदू आध्यात्मिक एवं सामाजिक संगठनों व संस्थाओं द्वारा प्राणी मात्र के कल्याण के लिए किए जा रहे सेवा कार्य एवं प्रकल्पों की प्रदर्शनी। हिंदू जीवन पद्धति द्वारा वर्तमान विश्व की सभी समस्याओं के समाधान के लिए हिंदू आध्यात्मिक एवं सेवा मेला, प्रकृति वंदन, गंगा वंदन, मातृ-पितृ वंदन, आचार्य वंदन, कन्या वंदन एवं परमवीर चक्र विजेता वंदन, सामूहिक वंदे मातरम आदि विभिन्न आयोजनों द्वारा श्रेष्ठ नागरिक निर्माण का अभिनव प्रयास पर महाकुंभ 2025 की तैयारी के लिए दिनांक 18 अक्टूबर 2024 (शुक्रवार) को एक बैठक सी.पी शर्मा कोचिंग जॉर्ज टाउन में हुई। बैठक में शहर के सभी स्कूल कॉलेज विद्यालय और विश्वविद्यालय के प्रिंसिपल एवं प्राध्यापक मौजूद रहे।

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कमर दर्द के लिए रामबाण हैं योगासनकमर दर्द की समस्या से लगभग आज हर दूसरा व्यक्ति परेशान है. इसके पीछे मुख्य वजह है हमारी ...
18/10/2024

कमर दर्द के लिए रामबाण हैं योगासन
कमर दर्द की समस्या से लगभग आज हर दूसरा व्यक्ति परेशान है. इसके पीछे मुख्य वजह है हमारी गलत लाइफस्टाइल. दिनभर बैठे रहने की हमारी आदत हमें कमर दर्द का मरीज बना रही है. आज हम आपको कुछ योग आसन बताने जा रहे हैं, जो कमर दर्द से छुटकारा दिला सकते हैं.

कंधरासन- इस आसन को रोजाना करने से भी आप काफी हद तक कमर दर्द से राहत पा सकते हैं.
चक्रासन- यह आसन कमर दर्द में काफी आरामदायक है.इस आसन से कमर की मांसपेशियां लचीली हो जाती हैं और उन्हें मजबूती भी मिलती है.
उष्टासन- इस आसन से आप बैक पैन की समस्या से निजात पा सकते हैं. इससे पूरे रीड़ की हड्डी में फायदा मिल सकता है.
मकरासन- इस आसन को करने से पीठ के दर्द के साथ-साथ सांस संबंधी समस्या से भी राहत मिल सकती है.
भुजंगासन- भुजंगासन तनाव को दूर करके उसके कारण होने कमर व पीठ पर दर्द में राहत दे सकता है.
शलभासन- इस आसन को करने से पीठ दर्द के साथ-साथ पेट की चर्बी से भी निजात मिल जाएगा.
मरकटासन- अगर आप लंबे समय तक ऑफिस में बैठे रहते हैं और आपको रीड़ की दर्द की समस्या हो जाती हैं तो उनके लिए यह योगासन लाभदायक होगा.
पवनामुक्तासन- यह आसन लोअर बैक पेन के लिए बहुत अच्छा है. इन योगासन को चिकित्सक और फिजियोथेरिपिस्ट भी बताते हैं.
उत्पादसन- यह योगासन कमर के साथ-साथ पीठ के लिए अच्छा होता है.
गौ मुखासन - इस आसन को करने से सर्वाइकल के दर्द से निजात मिलता है.
सेतुबंधासन योग- मांसपेशियां और हैमस्ट्रिंग के लिए भी इस योगासन के अभ्यास को विशेष लाभदायक माना जाता है.

योग, पारंपरिक चिकित्सा उपचारों का एक अच्छा पूरक हो सकता है। योगासन शुरू करते समय, किसी योग्य प्रशिक्षक के साथ कक्षा में जाना सबसे अच्छा होता है।

अनुपमा नारायणी
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एग्जाम की तैयारी में योग को करें शामिल, फिर देखें कमालकई विद्यार्थियों को परीक्षा के नाम से ही डर लगने लगता है। इस कारण ...
16/10/2024

एग्जाम की तैयारी में योग को करें शामिल, फिर देखें कमाल

कई विद्यार्थियों को परीक्षा के नाम से ही डर लगने लगता है। इस कारण रिजल्ट अच्छा नहीं हो पाता। एग्जाम टाइम में स्टूडेंट्स का नर्वस होना आम है। परीक्षा के समय योग करने से कई परेशानियों से बचा जा सकता है। कुछ आसनों से परीक्षा के समय विद्यार्थियों को बहुत फायदा होता है। इन योग क्रियाओं से न केवल बच्चे का प्रदर्शन निखरेगा, बल्कि उनकी मानसिक स्थिति भी मजबूत होगी। योग से शरीर स्वस्थ रहता है और एकाग्रता आती है। इससे बच्चों का पढ़ने में मन लगता है। सुबह नित्यक्रिया से निपटने के बाद सबको योग करना चाहिए। योग से स्मरण शक्ति मजबूत होती है। स्टूडेंट्स हमेशा अपने मन को शांत रखें। संध्या के समय कुछ न कुछ खेलिए। पढ़ाई करने के बाद नाड़ी शोधन, भ्रामरी और फिर 5 मिनट रिलैक्स बैठें, फिर किताबें खोलिए। लंबी पढ़ाई के दर्मियान शशांकासन बीच-बीच में करिए और पढ़ाई समाप्त हो जाने पर शवासन या योगनिद्रा करें। इससे आप जो याद किए हैं वह दिमाग में स्थिर रहेगा। याददाश्त बढ़ेगी।

इन टिप्स को अपनाएं
1. घर को हमेशा साफ-सुथरा रखें। वातावरण खुशनुमा और सुगंधित रखें।
2. टेबल पर अत्यधिक किताबें न रखें।
3. खाना हल्का खाएं।
4. लगातार पढ़ना हो तो योगाभ्यास करें।
5. स्वास्थ्य को हमेशा ध्यान में रखें।
6. अपने लक्ष्य के प्रति स्पष्ट और ईमानदार रहें।
7. आने वाला समय जरूर अच्छा होगा इसे मन में बैठा लें और सोच को हमेशा सकारात्मक बनाए रखें।

नाड़ी शोधन प्राणायाम
यह प्राणायाम मस्तिष्क को मजबूत बनाता है। नर्वस सिस्टम के लिए काफी महत्वपूर्ण है।
विधि : सीधा बैठकर आंखों को बंद करके सहज रूप में सर्वप्रथम बांई नासिका से सांस लेते हैं। कुछ क्षण तक श्वास को अंदर रोकते हैं, फिर दाईं नासिका से छोड़ते हैं। पुनः दाईं नासिका छिद्र से श्वास अंदर लेते हैं, कुछ क्षण रोकते हैं तब फिर बांई से छोड़ते हैं। यह एक चक्र पूरा हुआ। इसे कम से कम 11 चक्र करना चाहिए। श्वास लेने के वनिस्पत छोड़ना ज्यादा हो।
लाभ : विद्यार्थियों के मनोबल को बढ़ाता है। मानसिक संतुलन लाता है। एकाग्रता को बढ़ाता है तथा दिमाग को हल्का करता है।

कपालभाति
कपालभाति हठ रोग की ही क्रिया है। इसे प्राणायाम की श्रेणी में रखा गया है।
विधि : स्थिर-पूर्वक बैठकर भ्रूमध्य में चेतना को रखते हुए नासिका से सामान्य श्वास लेते हैं और एक हल्के झटके के साथ छोड़ते हैं। इस क्रिया को 30 से 50 बार करें। इसकी पुनरावृत्ति 3 से 5 चक्र तक करनी चाहिए। ध्यान भ्रूमध्य में ही रहना चाहिए।
लाभ : एकाग्रता बढ़ाने में अचूक है। इससे मन अंतर्मुखी होता है और आज्ञा चक्र को जागृत करता है।
लाभ : कपालभाति से कपाल का शुद्धिकरण होता है। यह हमारे अग्र मस्तिष्क को शुद्ध करता है। इससे मानसिक चंचलता दूर होती है और मन एकाग्रचित्त हो जाता है। यह आज्ञा चक्र को जागृत करता है।

त्राटक
यह प्राणायाम बहुत ही सरल पर मस्तिष्क के लिए अति महत्वपूर्ण है।
विधि : ध्यान के आसन में सीधा बैठकर अपनी तर्जनी अंगुलियों से कानों को बंद कर लेते हैं, फिर आंखों को भी आसानी से बंद कर लेते हैं। एक लंबी श्वास लेते हैं और छोड़ते हुए भ्रमर की तरह गुनगुनाते हैं। ऐसा लगातार 10 से 12 चक्र तक करें।

भ्रामरी प्राणायाम
विधि : अंधेरे कमरे में दीपक या मोमबत्ती जलाकर आंखों के सीध में डेढ़ फुट की दूरी पर रखें। ध्यान के आसन में बैठकर उस जलते ज्योति को अपलक कुछ सेकेंड तक देखें। आंखों में जलन होने या आंखों में पानी आने से पहले ही आंखों को बंद कर लें। कुछ क्षण तक उसी ज्योति की कल्पना करते रहें। इसकी पुनरावृत्ति 3 से 5 तक या 5 से 10 मिनट तक अभ्यास करें।
लाभ : दिमागी तनाव, एंग्जाइटी, भय, क्रोध आदि पर आश्चर्यजनक रूप से प्रभाव पड़ता है। एकाग्रता बढ़ती है। उपर्युक्त प्राणायाम और हठयोग की क्रियाएं एग्जामिनेशन फोबिया को समाप्त कर देगा।

योग, पारंपरिक चिकित्सा उपचारों का एक अच्छा पूरक हो सकता है। योगासन शुरू करते समय, किसी योग्य प्रशिक्षक के साथ कक्षा में जाना सबसे अच्छा होता है।

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डिप्रेशन से बाहर निकलने को योगा व प्राणायाम01. रोज़ाना सूर्य नमस्कार करें02. शवासन करें03. उत्तानपादासन, पवनमुक्तासन, वक...
14/10/2024

डिप्रेशन से बाहर निकलने को योगा व प्राणायाम
01. रोज़ाना सूर्य नमस्कार करें
02. शवासन करें
03. उत्तानपादासन, पवनमुक्तासन, वक्रासन जैसे आसन करें
शांति मंत्र का जाप करें
04. ध्यान करें
05. कपालभाति, अनुलोम विलोम, भस्त्रिका, उज्जयी, भ्रामरी, उद्गीथ, शीतली, शीतकारी जैसे 06. प्राणायाम करें
07. अपनी दिनचर्या बनाएं
08. लक्ष्य निर्धारित करें
09. स्वस्थ भोजन करें
10. पर्याप्त नींद लें
11. ज़िम्मेदारियां उठाएं
12. नकारात्मक विचारों से बचे

कुछ अन्य योगासन ये रहे:
अधो मुख श्वानासन
पश्चिमोत्तानासन
बिल्ली-गाय मुद्रा
वीरासन (हीरो पोज़)
बालासन (बच्चे की मुद्रा)
त्रिकोणासन (वृक्ष मुद्रा)

योग, पारंपरिक चिकित्सा उपचारों का एक अच्छा पूरक हो सकता है। योगासन शुरू करते समय, किसी योग्य प्रशिक्षक के साथ कक्षा में जाना सबसे अच्छा होता है।

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