Gir ayurveda

Gir ayurveda Contact information, map and directions, contact form, opening hours, services, ratings, photos, videos and announcements from Gir ayurveda, Medical and health, Amreli.
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18/04/2024
13/04/2024

*गिर आयुर्वेदा आप के अच्छे स्वास्थ की कामना करता है*
👉🏼 *पहला सुख, निरोगी शरीर*👈🏼
दस दिवसीय पूर्ण आवासीय शरीर सुद्धि प्राकृतिक उपचार,एवं प्राकृतिक आहार सिबिर
*शिविर date :- April 20 से 30 तक*
*प्राकृतिक उपचार के माध्यम से सभी साध्य एवं असाध्य बीमारियों का उपचार*
🍏 *बीमारियां*🍒
मधुमेह (diabetes), कब्ज (constipation),
गैस (gais), एसिडिटी (acidity,) मोटापा (obesity), रक्तचाप (blood pressure), हदय रोग (heart disease), दमा (asthma), जोड़ो का दर्द (joint pain), कमर दर्द (back pain), आखों मे जलन (eye itching), त्वचा रोग (skin disease), सर दर्द (माइग्रेन)अनिद्रा (insomnia), तनाव (stress), चिन्ता ( anxiety ), मानसिक रोग ( mental disease) आदि रोगो में लाभ होता है।
*बिमारिया शरीर में एक दम उत्पन नही होती है।शरीर के अंदर लगातार विजातीय पदार्थ ( गंदगी) जमा होने से होती है। घातक बीमारियों का अंत पीड़ा और मृत्यु के रूप में होता है।इन सभी बीमारियों से बचने के लिए नियमित शरीर शुद्धि आवश्यक है।*

---- *गिर आयुर्वेदा* ---
आप लोगो को बता ने में हमे बहुत खुशी हो रही हैं।हम आप सब के लिए *पंचकर्म* की शुरुवात करने जा रहे है। ये पहला सेशन *10* दिनों का रहेगा। और आप का सही *treatment *करने के लिए * *नाडी वैध DR. जिगनेश पटेल* *(PH,D) in Ayurved के परीक्षण में होगा। उनके परीक्षण में आप को मिलेगा *सही (नीदान)* सही निदान किसे कहते हे।जैसे आप को कोई बीमारी है।तो वो आप को बताएंगे आप की नाडी देख के। आप को रिपोर्ट पे पैसे बरबाद नहीं करने होगे। और हा उस बीमारी का पूर्वानुरूप भी बताएंगे। केसे हुवा और उसका भी पूर्वानुरुप क्यों हूवा।
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अच्छा स्वास्थ सही उपचार सच्ची सलाह सुद्ध आहार शुद्ध वातावरण के साथ
पंचकर्म होगा।
🥕🥦🫛🍈🍇🍐

जिस को भी पंचकर्म करवा ने में रुचि हो वो नीचे दिए गए नंबर पर संपर्क कर सकते हे।
*contact no.6356351115*
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01/10/2023

*गीर आयुर्वेदा आप के अच्छे स्वास्थ की कामना करता है।*

*गले में दर्द और जलन*

🍀एक गिलास गर्म पानी में , नमक और आधा नींबू निचोड़कर, सुबह-शाम गरारे करें । गले में दर्द, जलन और गला बैठना सही हो जाता है ।
🍀पालक के पत्ते उबालकर व छानकर और पत्तों को निचोड़कर, गुनगुने पानी से, गरारे करें ।
🍀 लहसुन की चार कली की , सिरका डालकर चटनी बना लें। इस चटनी को , नित्य दो बार सेवन करें ।
🍀 एक गिलास लौकी के रस में , शहद या शक्कर डालकर सेवन करें ।
🍀 सूखा साबूत धनिया , प्रत्येक तीन घंटे में, चबा-चबाकर , उसका रस चूसते रहे। यह प्रत्येक गले के दर्द में , अच्छा उपाय है । विशेषकर गर्मी से , होने वाले दर्द में लाभ देता है । इसके साथ स्वाद के लिए, मिश्री भी मिला सकते है ।
🍀 एक चम्मच शहद, दिन में , तीन बार, चाटने से गले की सूजन में , लाभ होता है ।
*गले में खरास.
🍀 एक भूना प्याज, नित्य सुबह-शाम सेवन करें ।
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*🙏🏻 Gir Ayurveda 🙏🏻*http://instagram.com/GirAyurveda/*
*Amreli* *(Gujarat)*
*365601*
*6356351115*
*Gmail girayurveda@gmail.com*
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12/07/2023

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*सुस्वास्थ्य के लिए, "* *मेथीदाना " :-------*
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मेथीदाना उष्ण वात व कफनाशक पित्तवर्धक पाचनशक्ति व बलवर्धक एवं ह्रदय के लिए लाभदायक है। यह पुष्टिकारक, शक्ति स्फूर्तिदायक पोषक की तरह कार्य करता है। मेथी में फाइबर, विटामिन बी 6, आयरन, विटामिन सी, मैग्निशियम,कैल्शियम की पर्याप्त मात्रा होती है।
उपयोगिता ------
☘️ सुबह–शाम इसे पानी के साथ निगलने से पेट को निरोग बनाता है। कब्ज व गैस को दूर करता है। इसकी मूँग के साथ सब्जी बनाकर भी खा सकते हैं। यह मधुमेह के रोगियों के लिए अत्यंत लाभदायी है!
☘️ अपनी आयु के अनुसार, उतनी संख्या में नित्य मेथीदाना चबाने व चूसने से, वृद्धावस्था में पैदा होने वाली व्याधियों जैसे घुटनों व जोड़ों का दर्द, भूख न लगना , हाथों का सुन्न पड़ जाना, सायटिका, मांसपेशियों का खिंचाव, बार -बार मूत्र आना, चक्कर आना आदि में लाभ होता है। गर्भवती व स्तनपान कराने वाली महिलाओं को, भुने मेथी दानों का चूर्ण आटे के साथ मिला के लड्डू बना के खाना लाभकारी है।
☘️ मेथी दाने से शक्तिवर्धक पेय बनाने के लिए, दो चम्मच मेथीदाने , एक गिलास पानी में 4 – 5 घंटे भिगोकर रखें फिर इतना उबालें कि, पानी चौथाई रह जाय, इसे छानकर २ चम्मच शहद मिला के पियें।
*औषधीय प्रयोग : ------*
*कब्ज -------*
20 ग्राम मेथीदाने को, 200 ग्राम ताजे पानी में भिगो दें , 5 -- 6 घंटे बाद मसल के पीने से, मल साफ़ आने लगता है । भूख अच्छी लगने लगती है और पाचन भी ठीक होने लगता है।
*2. जोड़ों का दर्द ------*
100 ग्राम मेथीदाने अधकच्चे भून के, दरदरा कूट लें। इसमें 25 ग्राम काला नमक मिलाकर रख लें। 2 चम्मच यह मिश्रण, सुबह-शाम गुनगुने पानी से फाँकने से , जोड़ों - कमर व घुटनों का दर्द, आमवात (गठिया) का दर्द आदि में लाभ होता है। इससे पेट में गैस भी नहीं बनेगी।
*3. पेट के रोगों में -------*
1 से 3 ग्राम मेथी दानों का चूर्ण, सुबह - दोपहर व शाम को , पानी के साथ लेने से अपच, दस्त, भूख न लगना , अफरा दर्द आदि रोगों में बहुत लाभ होता है।
*4. दुर्बलता -----*
1 चम्मच मेथीदानों को, घी में भून के सुबह - शाम लेने से , रोगजन्य शारीरिक एवं तंत्रिका दुर्बलता दूर होती है।
*5. मासिक धर्म में रुकावट ------*
4 चम्मच मेथीदाने 1 गिलास पानी में उबालें। आधा पानी रह जाने पर छानकर, गर्म–गर्म ही लेने से , मासिक धर्म खुल के होने लगता है।
*6. अंगों की जकड़न -----*
भुनी मेथी के आटे में , गुड़ की चाशनी मिला के लड्डू बना लें। 1 - 1 लड्डू रोज सुबह खाने से, वायु के कारण जकड़े हुए अंग, एक सप्ताह में ठीक हो जाते हैं तथा हाथ–पैरों में होने वाला दर्द भी दूर होता है।
*7. विशेष ------*
सर्दियों में, मेथीपाक मेथी के लड्डू मेथीदानों व मूँग–दाल की सब्जी आदि के रूप में, इसका सेवन खूब लाभदायी हैं।
*8. यौन क्षमता-*
पुरुषों की यौन क्षमता बढ़ाने में भी , मेथी के दाने मददगार हैं। पुरुषों में, टेस्टोस्टेरोन नामक सेक्स हार्मोन होता है , यह हार्मोन स्पर्म काउंट फर्टिलिटी को बढ़ाता है। मेथी दाना , इस हार्मोन को बनाने में मदद करता है। मेथी दाना में, फ्यूरोस्टैनोलिक सैपोनिन पाया जाता है, जो टेस्टोस्टेरोन हार्मोन को बनाने में मदद करता है ।
*9. सूजन-*
मेथी दानों में, anti-inflammatory और एंटीकैंसर प्रॉपर्टीज पाई जाती है। इसमें कॉपर, पोटेशियम, कैल्शियम, आयरन जिंक और मैंगनीज नामक पोषक तत्व पाए जाते हैं। यह सभी सूजन को कम करने में मदद करते हैं। मेथी जोड़ों के दर्द में होने वाली सूजन और कोलाइटिस, इस जैसी रोगों में भी लाभदायक है।
*10. वजन ------*
अगर आप वजन घटा रहे हैं , तो व्यायाम के साथ - साथ वजन कम करने के लिए, भुनी हुई मेथी का भी सेवन करें। दरअसल मेथी दानों में मौजूद फाइबर और अन्य पोषक तत्व, वजन कम करने और मेटाबॉलिज्म बूस्ट करने में मददगार होते हैं। रोजाना सुबह के समय भुनी हुई मेथी का सेवन करने से, तेजी से वजन कम होता है।

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*।।Gir Ayurvedic Amreli ।।*
*6356351115*
Gmail:- *girayurveda@gmail.com*
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19/05/2023

*हरड़ के गुण*
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*हरड़ का सेवन शरीर का बल और बुद्धि बढ़ाता है। हरड़ के लगातार सेवन से स्फूर्ति (Energetic) का अनुभव होता है और आलस, थकान नहीं लगती। हरड़ पेट संबंधी रोगों में खासतौर से बहुत असरदार औषधि मानी जाती है, इसके अलावा भी कई रोगों के इलाज में हरड़ प्रयोग होती है। हरड़ से शरीर की रोग* *प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है और ये उम्र बढने से होने वाले असर को रोकता है।*

हरड़ में विटामिन C, आयरन, सेलेनियम, कॉपर, मैगनिशियम, पोटैशियम और ढेरों एंटीऑक्सीडेन्ट, एमीनो ऐसिड्स, 12 फैटी ऐसिड्स, बायोऐक्टिव कम्पाउन्ड्स आदि पाए जाते हैं। हरड़ में 18 तरह के एमिनो एसिड्स पाए जाते हैं.

*हरड़ को कैसे खाये*

साल भर के हर मौसम में हरड़ के सेवन का तरीका अलग-अलग है।

✔️गर्मी के मौसम में हरड़ गुड़ के साथ सेवन करें
✔️वर्षा के मौसम में हरड़ को सेंधा नमक के साथ लें
✔️शरद ऋतु (वर्षा के बाद का मौसम) में हरड़ चीनी या शक्कर के साथ लें
✔️हेमंत ऋतु (ठंड का शुरुआती मौसम) में हरड़ सोंठ के साथ लें
✔️शिशिर ऋतु (ठंड का मौसम) में हरड़ पीपली के साथ लें
✔️वसंत ऋतु (ठंड का अंत) में हरड़ शहद के साथ लें.

*हरड़ को नमक के साथ लेने से कफ संतुलित होता है*.
*हरड़ को घी के साथ लेने से वात संतुलित होता है*
*हरड़ को चीनी के साथ लेने से पित्त संतुलित होता है*

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*गिर आयुर्वेदा*
*6356351115*
*girayurveda@gmail.com*
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07/05/2023

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*स्वस्थ रहने के उपाय*
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*कब्ज*
* ऐसे रोगी को , सुबह ताजा, सुपाच्य और भूख से आधी रोटी कम मात्रा में , आहार लेना चाहिए ।
* साग - सब्जी व सलाद अधिक मात्रा में सेवन करें ।
* प्रत्येक कौर को 32 बार चबाना चाहिए ।
* सप्ताह में , एकदिन उपवास रखकर, सिर्फ फल व दूध लेना चाहिए ।
* सप्ताह में तीन दिन, शामके भोजन में , खिचडी़ , दूध या दलिया ही लेना चाहिए ।
* सुबह के भोजन के बाद, , एक छोटी हरड़ के टुकडे़ करके , मुँह में रखकर घंटे भर तक चूसने के बाद, चबाकर निगल लेना चाहिए ।
*अम्ल पित्त*
* इस रोग के रोगी को, दूध - केला, दूध - चावल, चावल की खीर, भोजन के अंत में 1-2 केले और आगरे का पेठा खाना चाहिए ।
* भोजन में , छिलके वाली मूंग की दाल, नित्य एक चम्मच शुद्ध घी डालकर सेवन करना चाहिए ।
*अजीर्ण ( अपच )*
* अपच होने पर, पाचक स्वादिष्ट चूर्ण लेना चाहिए । उपवास रखें, खिचडी़, दलिया या फल का सेवन करें ।
* एक गिलास ताजी छाछ में , एक चम्मच लवण भास्कर चूर्ण घोलकर घूंट - घूंट करके पीना चाहिए ।
* शाम को हल्का भोजन करें और दिन में , 1-1 घंटे से, 1-1 गिलास पानी पीना चाहिए ।
*सूखी खांसी -------*
* इस रोग में , दो कप पानी में , आधा चम्मच मुलहठी चूर्ण डालकर, इसका काढा़ बनाएं। जब पानी आधा कप रह जाए तो, उतार कर छान लें। ठंडा होने पर, आधा चम्मच पिसी मिश्री डालकर, दो मात्रा बना लें। एक मात्रा सुबह खाली पेट और दुसरी मात्रा रात सोते समय, बिना गर्म किए सेवन कर लें। जब तक लाभ न हो नियम से लेते रहे ।
*स्वस्थता हेतु -------*
* सुबह भोजन के बाद, 10-15 मिनट बांई करवट लेटें और शाम को भोजन के बाद, थोड़ी देर टहलना चाहिए ।
* दिन के भोजन के साथ छाछ और शाम के भोजन के दो घंटे बाद, एक गिलास मीठा, गुनगुना दूध पीना चाहिए ।
* रात में , दही का न सेवन और भोजन के अंत में , एक - दो घूंट से ज्यादा पानी का सेवन न करें ।

विशेष ------
' आयुर्वेद अपनाएं, स्वस्थ जीवन पाएं। '

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*GIR AYURVEDA*
*AMRELI*
*Gujarat (365601)*
*Contact 6356351115*
*girayurveda@gmail.com*
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04/05/2023

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*शक्ति-सौन्दर्यवर्धक (महिलाओं के लिए चमत्कारी नाश्ता जो मोटापा बढ़ाए भी और मोटापा घटाए भी)*
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*बहुगुणसम्पन्न सेव और गाजरे दोनों उपलब्ध होती है।मोटापा घटाने के लिए छिलका सहित उत्तम सेव और गाजरे लेकर दोनों को*
*लगभग बराबर वजन, अलग-अलग कद्दूकस कर लें। इन लच्छों को प्रातः खाली पेट नाश्ते के समय प्रसन्नचित जितना खा सके या दो सौ ग्राम की* *मात्रा से खालें। इसके सेवन के बाद दो घण्टे तक कुछ न खाएं। इससे जहाँ शरीर में शक्ति और स्फूर्ति का संचार होगा वहाँ* *अनावश्यक चरबी घटेगी, खून साफ होकर रंग निखरेगा और सुन्दरता बढ़ेगी।*
*मोटापा या वजन बढ़ाने के लिए यही खुराक (अर्थात् समभाग छिलका सहित। सेव और गाजरों को कद्दूकस करके बनाए गये लच्छों को) दोपहर भोजन के बाद खानी चाहिए। यदि आपका वजन गिर रहा हो या आपको कमजोरी का अनुभव हो रहा हो तो इससे आशातीत लाभ होगा*
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*Gir Ayurveda*
*Amreli (Gujarat) *6356351115*
*Girayurveda@gmail.com*
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29/04/2023

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*वृद्ध लोगों के लिए शक्ति दायक*
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*अंजीर और दूध-विशेषकर वृद्धों के लिए पौष्टिक नाश्ता नित्य प्रातः केवल दो-तीन सूखे उत्तम अंजीर खाकर ऊपर से २५० ग्राम पिसी हुई मिश्री मिला दूध पीना अत्यन्त शक्तिवर्धक सिद्ध होता है। लगातार दो-तीन सप्ताह लें।*
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विशेष-
(१) इससे कब्ज और खून की खराबी दूर होती है, क्योंकि अंजीर कब्जनाशक, पित्त नाशक, रक्त रोग निवारक तथा वायु विकार दूर करने वाला है। उसके सेवन से शरीर में सदैव चकावट सी महसूस होना, नींद सी बनी रहना किसी कार्य में मन नहीं लगना आदि शिकायतों में लाभ होता है। अंजौर खून बढ़ाता है, बलगम निकालता है एवं रंग निखारता है। दमा एवं क्षय रोग में कफ की उत्पत्ति रोकने तथा शक्ति संवर्धन के लिए अंजीर का सेवन लाभप्रद रहता है। इसकी गुणवत्ता के कारण गाँधी जी को अंजीर बहुत प्रिय थे।

(२) कमजोर दांत वालों को चाहिए कि इन सूखे अंजीरों को थोड़े से पानी में रातभर भिगों छोड़े पानी इतना ही डाला 1 जाये कि जिसे ये अंजीर अपनी अन्दर शोषित (जज्ब कर ले और पात्र में अतिरिक्त पानी न बच रहे पानी पीकर ये अंजीर फूल जायेंगे और ताजा अंजीर के समान मृदु हो जायेंगे।

(३) दो-तीन अंजीर प्रातः भिगोकर रात में खाने और रात के भिगोए प्रात: खाने से हर प्रकार की बवासीर दूर हो जाती है। इसके लिए निरन्तर एक मास तक सेवन करना चाहिए

*विकल्प-*
दो अखरोट की गिरियों, चार बादाम की गिरियाँ (रात में पानी में भिगोई हुई तथा सात नग मुनक्का (बीज निकाली हुई)— इन तीनों को नित्य प्रातः खूब चबाकर या पीसकर खाने और ऊपर से २५० ग्राम मिश्री युक्त दूध पीने से वृद्धों की शारीरिक और मानसिक शक्ति में अपूर्व वृद्धि होती है। लेकिन यह सर्दियों में तीन मास लगातार सेवन करने से वृद्धों में भी जवानों जैसा जोश उत्पन्न हो जाता है

*हमारे द्वारा बताई गई सब जानकारी शास्त्र सम्मत होती हैं*

*तो कृपया कर फॉरवर्ड करते चले*

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*Gir Ayurveda amreli Gujarat contact 6356351115*
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27/04/2023
08/04/2023

*किडनी विकार से ग्रस्त लोगों का आहार ऐसा होना चाहिएः-*
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*अनाज:*
गेहूं, चावल
*दाल:*
मूंग
*फल एवं सब्जियां:* अनार, पपीता, शिमला मिर्च, प्याज, ककड़ी, टिण्डा, परवल, लौकी, तोरई, करेला, कददू, मूली, खीरा, कुंदरू, गोभी, शिमला मिर्च
अन्य: हल्का खाना, लहसुन, धनिया, पुदीना, जायफल, जैतून का तेल, सूरजमुखी का तेल,

*किडनी रोग से ग्रस्त लोगों को इनका सेवन नहीं करना चाहिएः-*
# # # # # # #№ # #№№
*अनाज*
नया धान, मैदा
दाल: उड़द दाल, काबुली चना, मटर, राजमा, सोयाबीन
*फल एवं सब्जियां:* कीवी, बीन्स, टमाटर, किशमिश, खजूर, बेर, आलू, कटहल, बैंगन, अरबी (गुइया), भिंडी, जामुन, आड़ू, कच्चा आम, केला
*अन्य:*
तेल, गुड़, समोसा, पकोड़ी, पराठा, चाट, पापड़, नया अनाज, खट्टे पदार्थ, सूखी सब्जियाँ, मालपुआ, भारी आहार जैसे छोले, ठण्डा खाना, दही, दूध से बने पदार्थ (खोया, मावा) मांसाहार, *शराब धूम्रपान, ज्यादा नमक, तैलीय व* *मासलेदार भोजन, शहद, बेकरी उत्पाद*

*किडनी की बीमारी में आपकी जीवनशैली ऐसी होनी चाहिए*
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✓पहले किएभोजन के पचने से पहले भोजन न करें।
✓अधिक व्यायाम न करें।
गुस्सा, डर, जल्दी चिंता न करें।
✓दिन में न सोएं।
✓अत्यधिक भोजन न करें।

*किडनी विकार से छुटकारा पाने के लिए आप ये योग और आसन कर सकते हैं*
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*योग प्राणायाम एवं ध्यान: भस्त्रिका, अनुलोम विलोम, भ्रामरी, उदगीथ, प्रनव जप।*
*आसन:*
शवासन, भुजंगासन, मकरासन, मर्कटासन, उत्तानपादास, पश्चिमोत्तानासन।
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*Gir Ayurveda*
*girayurveda@ gmail.com*
*6356351115*
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23/02/2023

🔘 *નાકમાં ઘી નાખવાના 9 અદ્ભુત કાયદા*

1️⃣ મનને અને મગજ ને શાંતિ મળે છે.

2️⃣ માઇગ્રેનમાં રાહત મળે છે.

3️⃣ નાકની શુષ્કતા ગાયબ થઇ જાય છે.

4️⃣ સ્મરણ શક્તિ અને આંખોની રોશની વધે છે.

5️⃣ વાળ ખરવાનું અને સફેદ થવાનું બંધ થાય છે અને નવા વાળ આવવા લાગે છે.

6️⃣ ગાયના ઘીના 2-3 ટીંપા સાંજના સમયે બંને નસકોરામાં નાખવાથી અને રાત્રે નાભિ અને પગના તળિયામાં ગાયનું ઘી લગાવવાથી ગાઢ ઊંઘ આવે છે.

7️⃣ ગાયનું ઘી નાકમાં નાખીને પણ કોમામાં ગઇ વ્યક્તિ કોમામાંથી બહાર આવી શકે છે અને ચેતનામાં પાછો આવી શકે છે.

8️⃣ ગાયનું ઘી નાકમાં નાખવાથી ત્વચા પર એલર્જી થવાની સમસ્યા થી છૂટકારો મળે છે.

9️⃣જ્યારે વધુ પડતી ગરમીને કારણે નાકમાંથી લોહી નીકળતું હોય છે, તો પછી નાકમાં ગાયનું ઘી લગાવવાથી લોહી તરત જ બંધ થઈ જાય છે.
━───⊱◈✿◈⊰───
ગીર આયુર્વેદા ( અમરેલી) ગુજરાત
📱6356351115
આવી ઉપયોગી માહિતી શેર કરવાનું ભૂલશો નહીં

18/10/2022

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Amreli
365601

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Tuesday 10am - 7pm
Wednesday 10am - 7pm
Thursday 10am - 7pm
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