14/05/2025
महाराणा प्रताप राजपूत वेलफेयर सोसायटी अमृतसर
“ऑपरेशन सिंदूर” की सफलता के लिए भारतीय बायु सेना, नौ सेना और जल सेना को और भारत की मजबूत सरकार को बहुत बहुत बधाई एवं धन्यबाद करती है । भारतीय सेना के अदम्य साहस प्रबल, प्रचंड, और दृढ़ इच्छाशक्ति की बदौलत आज पूरा भारत देश गौरवान्वित महसूस कर रहा है । भारतीय सेना ने दुनिया को अपनी शक्ति , शौर्य, पराक्रम, ताक़त और साहस का परिचय दिया । भारतीय सेना ने संघर्ष विराम के बाद सपष्ट किया है कि वो आंतकबाद को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए प्रतिबद्ध है ।
राम चरित मानस के एक दोहे “ भय बिनु होय न प्रीति” से भारत ने पाकिस्तान को सपष्ट संदेश दिया दिया कि पाकिस्तान को उसी भाषा में जवाब दिया जाएगा जिसे वह समझता है ।
भारत के यशस्वी और तपस्वी प्रधान मंत्री जी ने पाकिस्तान को राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में पाकिस्तान को दो टूक अंदाज़ में कहा कि “टेरर -ट्रेड-टॉक एक साथ नहीं हो सकते और पानी और ख़ून भी एक साथ नहीं वह सकता”। प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने साफ़ कह दिया कि “आपरेशन सिंदूर”अभी सिर्फ़ इसे स्थगित किया गया है और भारत अब न्यूक्लियर ब्लैकमेलिंग नहीं सहेगा। प्रधानमंत्री श्री मोदी जी ने “आपरेशन सिंदूर को न्याय की अखंड प्रतिज्ञा “बताया और “आपरेशन सिंदूर” भारत का न्यू नार्मल है ।
प्रधान मंत्री जी ने कहा की शांति का रास्ता शक्ति से ही होकर निकलेगा। उन्होंने यह भी कहा कि यह देश बुद्ध का भी है और श्री गुरु गोबिंद सिंह जी का भी। मोदी जी ने देश को बताया कि भारत ने अब तीन सूत्र तह किए हैं
महाराणा प्रताप राजपूत वेलफेयर सोसायटी के सभी सदस्यों ने भारतीय सेना को आश्वासन दिया कि वह अपनी सेना , देश और सरकार के साथ खड़े हैं और जब भी भारतीय सेना को उनकी ज़रूरत होगी वह उनके साथ डट कर लड़ाई लड़ेंगे और भारत को एक मजबूत राष्ट्र बनाने की दिशा में काम करेंगे।सभी सदस्यों ने “
“वीर भोग वसुंधरा”का नारा लगाया जिसका एक अर्थ यह है कि “ जो वीर है अर्थात योद्धा है जो अपनी मातृभूमि के लिए मर मिट सकता है अपने प्राण न्योछावर कर सकता है केवल वह ही इस वसुन्धरा ( यहां पर वसुंधरा का अर्थ पृथ्वी से ना होकर मातृभूमि एवं सम्मान पूर्वक जीवन जीने से है) में जीवन यापन कर सकता है।
इस मौक़े पर महाराणा प्रताप राजपूत वेलफेयर सोसायटी अमृतसर के अध्यक्ष श्री रणवीर सिंह राणा, सीनियर वाईस प्रधान रत्तन चंद भूलाल, टाकुर दूनी चंद कोषाध्यक्ष, डॉक्टर मदन सिंह पठानिया जी, गिरधारी लाल राणा, ठाकुर कुशल सिंह, ठाकुर शिवराज सिंह, रविन्द्र जमवाल आदि शामिल हुए।.