नटराज योग संस्थान

नटराज योग संस्थान Yoga, Meditation, Power Yoga, Weight loss , Yoga Therapy , Panchkarma &Naturopathy Treatment

*ॐ श्री गुरुभो: नम:*गुरु पूर्णिमा, जिसे व्यास पूर्णिमा भी कहा जाता है, सनातन धर्म का एक महत्वपूर्ण त्योहार है जो गुरुओं ...
10/07/2025

*ॐ श्री गुरुभो: नम:*
गुरु पूर्णिमा, जिसे व्यास पूर्णिमा भी कहा जाता है, सनातन धर्म का एक महत्वपूर्ण त्योहार है जो गुरुओं के प्रति सम्मान और कृतज्ञता व्यक्त करने के लिए मनाया जाता है। यह दिन महर्षि वेदव्यास के जन्मदिवस के रूप में मनाया जाता है, जिन्होंने वेदों का संकलन किया था और जिन्हें “आदि गुरु” माना जाता है। गुरु पूर्णिमा पर गुरुओं का सम्मान किया जाता है और उनके ज्ञान और मार्गदर्शन के लिए धन्यवाद दिया जाता है।
गुरु पूर्णिमा गुरु-शिष्य परंपरा का उत्सव है, जिसमें शिष्य अपने गुरुओं का आशीर्वाद लेते हैं और उनके प्रति अपनी भक्ति व्यक्त करते हैं।
गुरु को अज्ञान के अंधकार को दूर करने वाला और ज्ञान का प्रकाश दिखाने वाला माना जाता है।
*परमपूज्य गुरुदेव की चरणों में कोटि कोटि नमन… वंदन* 🙏🏻🕉️

*गुरु पूर्णिमा की हार्दिक शुभकामनाएँ*

17/06/2025

11th International Yoga Day Celebration

कठोपनिषद में यम और नचिकेता का संवाद भारतीय दर्शन की एक गहन और प्रेरणादायक कथा है, जिसमें आत्मा, मृत्यु और मोक्ष के रहस्य...
25/05/2025

कठोपनिषद में यम और नचिकेता का संवाद भारतीय दर्शन की एक गहन और प्रेरणादायक कथा है, जिसमें आत्मा, मृत्यु और मोक्ष के रहस्यों पर विमर्श होता है। यह संवाद कठ शाखा के कृष्ण यजुर्वेद से सम्बद्ध उपनिषद में वर्णित है और इसे मुक्ति के ज्ञान की एक उत्कृष्ट प्रस्तुति माना गया है। नीचे मैं इसका विस्तार से वर्णन कर रहा हूँ, संदर्भों के साथ:

कथा का प्रारंभ: नचिकेता का बलिदान हेतु समर्पण

कथा के अनुसार, एक महान ऋषि वाजश्रवस् ने स्वर्गलोक की प्राप्ति के लिए एक यज्ञ (विशेष रूप से विश्वजित यज्ञ) किया और उसमें अपनी सारी संपत्ति दान कर दी। किन्तु वह केवल बूढ़ी, दुर्गुणयुक्त गौओं को दान में देने लगे। यह देखकर उनका पुत्र नचिकेता, जो केवल 8–12 वर्ष का तेजस्वी और सत्यनिष्ठ बालक था, चकित हो उठा।

नचिकेता ने सोचा:
"हीन गौओं का दान देकर पिता कौन-सा पुण्य प्राप्त करेंगे?"
और वह बार-बार अपने पिता से पूछने लगा:
"कस्मै मां दास्यसि?"
(हे पिताजी! आप मुझे किसे दान देंगे?)

वाजश्रवस् क्रोधित होकर बोले:
"मृत्यवे त्वा ददामि"
(मैं तुझे मृत्यु को दे दूँगा।)

नचिकेता ने इसे आदेश मानकर, पितृ आज्ञा का पालन करते हुए मृत्यु के लोक, यमलोक की ओर प्रस्थान किया।
यमलोक में नचिकेता की प्रतीक्षा और यम का आगमन

नचिकेता यमलोक पहुँच गया, परन्तु यमराज वहाँ नहीं थे। नचिकेता ने बिना खाए-पीए तीन दिन तक यम के द्वार पर प्रतीक्षा की। जब यम लौटे तो उन्होंने नचिकेता की अतिथि-सेवा न कर पाने को अपराध माना और क्षमा मांगते हुए उसे तीन वर (boons) देने का वचन दिया – एक-एक प्रत्येक दिन के लिए।

नचिकेता के तीन वरदान

1. पहला वर:

पिता का क्रोध शांत हो, मुझे देखकर वह प्रसन्न हों।

यमराज ने वरदान दिया कि वाजश्रवस् पुत्र को देखकर प्रसन्न होंगे और उसके हृदय में कोई शोक नहीं रहेगा।
(कठोपनिषद, अध्याय 1, वल्ली 1, मंत्र 11)

2. दूसरा वर:

स्वर्गलोक और उसके कर्मों का ज्ञान।

नचिकेता ने स्वर्ग की अग्नि (यज्ञ) के ज्ञान की इच्छा की, जिससे स्वर्ग की प्राप्ति हो सके।

यमराज ने उसे नचिकेता अग्नि का उपदेश दिया और वह यज्ञ नचिकेताग्नि के नाम से प्रसिद्ध हुआ।
(कठोपनिषद, अध्याय 1, वल्ली 1, मंत्र 14-19)

3. तीसरा वर (मुख्य और गूढ़तम):

"मृत्योऽत् परे कं तद्स्यादिति — मृत्यु के पार क्या है? आत्मा मरती है या नहीं?"

यही प्रश्न इस संवाद का केंद्र बिंदु है।

नचिकेता ने पूछा:
"एतद्विदित्वा मुनयो मोदन्ते — यह जानकर ज्ञानी आनंदित होते हैं, कृपया मुझे यह ज्ञान दीजिए।"
(कठोपनिषद, अध्याय 1, वल्ली 1, मंत्र 20)

यम की परीक्षा और आत्मा का ज्ञान

यमराज ने नचिकेता की परीक्षा ली और उसे कई सांसारिक लोभ दिए:

दीर्घायु, पुत्र, धन, रथ, नारी, संगीत आदि।

परंतु नचिकेता अडिग रहा:
"अव्ययेन तु मा मोघं कुरु — इन क्षणभंगुर सुखों से मुझे संतोष नहीं है।"

फिर यमराज ने आत्मा का ज्ञान दिया:

मुख्य उपदेश:

आत्मा नित्य, अजन्मा और अविनाशी है।
"न जायते म्रियते वा कदाचित्..."
(ना आत्मा जन्म लेती है, ना मरती है — कठोप. 1.2.18)

शरीर नष्ट होता है, पर आत्मा नहीं।

श्रेय और प्रेय का विवेक:
मनुष्य के जीवन में दो मार्ग होते हैं —
श्रेय: कल्याण का मार्ग
प्रेय: प्रिय वस्तुओं का मार्ग
ज्ञानी व्यक्ति श्रेय का चयन करता है।
(कठोप. 1.2.1–2)

बुद्धि और इंद्रियों का रूपक:
शरीर एक रथ है, आत्मा उसका स्वामी, बुद्धि सारथी और इंद्रियाँ घोड़े हैं।
(कठोप. 1.3.3–9)

ब्रह्मविद्या का उपदेश:
नचिकेता को यमराज ने बताया कि आत्मा को केवल बुद्धि, ध्यान और वैराग्य से जाना जा सकता है। यह ज्ञान गुरु से प्राप्त होता है।

नचिकेता को मोक्ष प्राप्ति

नचिकेता, जो आत्मज्ञान के लिए जिज्ञासु और दृढ़ था, यमराज के उपदेश को समझ गया।
अंत में उसे ब्रह्मविद्या का बोध हुआ और
"नचिकेता मृत्यु से परे सत्य को जान गया।"

( #धर्म_चिंतन )

🌷🌷स्वस्थ तन के साथ स्वस्थ मन व चरित्र के प्रबल समर्थक बाबा साहब अम्बेडकर जी का योग करते हुए एक दुर्लभ चित्र।स्वदेशी, स्व...
14/04/2025

🌷🌷
स्वस्थ तन के साथ स्वस्थ मन व चरित्र के प्रबल समर्थक बाबा साहब अम्बेडकर जी का योग करते हुए एक दुर्लभ चित्र।
स्वदेशी, स्वाभिमान,स्वधर्म व भारतीयता के सशक्त मार्गदर्शक व भारतीय संविधान के शिल्पकार बाबा साहेब डॉ भीमराव अंबेडकर जी की जयंती पर नमन।

मीडिया के सभी बंधुओं का बहुत बहुत धन्यवाद 🙏🏻
25/03/2025

मीडिया के सभी बंधुओं का बहुत बहुत धन्यवाद 🙏🏻

25/03/2025
आपको एक आनंदमय और रंगीन होली की शुभकामनाएँ! 🌸  रंगों के इस जीवंत त्योहार पर, आइए प्यार, एकता और खुशी की भावना का जश्न मन...
14/03/2025

आपको एक आनंदमय और रंगीन होली की शुभकामनाएँ! 🌸 रंगों के इस जीवंत त्योहार पर, आइए प्यार, एकता और खुशी की भावना का जश्न मनाएँ। होली के रंग आपके जीवन को शांति, समृद्धि और सकारात्मकता से भर दें। आइए हम एकजुटता की सच्ची भावना के माध्यम से दुनिया भर में योग और सद्भाव का प्रकाश फैलाते रहें! 🌈❤️ होली की शुभकामनाएँ! -
*आर्य प्रहलाद भगत*
(*नटराज योग संस्थान)*

आया दौर फ्लैट कल्चर का,देहरी, आंगन, धूप नदारद।हर छत पर पानी की टंकी,ताल, तलैया, कूप नदारद।।लाज-शरम चंपत आंखों से,घूँघट व...
11/03/2025

आया दौर फ्लैट कल्चर का,देहरी, आंगन, धूप नदारद।
हर छत पर पानी की टंकी,ताल, तलैया, कूप नदारद।।
लाज-शरम चंपत आंखों से,घूँघट वाला रूप नदारद।
पैकिंग वाले चावल, दालें,डलिया,चलनी, सूप नदारद।।

बढ़ीं गाड़ियां, जगह कम पड़ी, सड़कों के फुटपाथ नदारद।
लोग हुए मतलबपरस्त सब,मदद करें वे हाथ नदारद।।
मोबाइल पर चैटिंग चालू,यार-दोस्त का साथ नदारद।
बाथरूम, शौचालय घर में,कुआं, पोखरा ताल नदारद।।

हरियाली का दर्शन दुर्लभ,कोयलिया की कूक नदारद।
घर-घर जले गैस के चूल्हे,फुँकनी वाली फूंक नदारद।।
मिक्सी, लोहे की अलमारी,सिलबट्टा, संदूक नदारद।
मोबाइल सबके हाथों में,विरह, मिलन की हूक नदारद।।

बाग-बगीचे खेत बन गए,जामुन, बरगद, रेड़ नदारद।
सेब, संतरा, चीकू बिकतेगूलर, पाकड़ पेड़ नदारद।।
ट्रैक्टर से हो रही जुताई,जोत-जात में मेड़ नदारद।
रेडीमेड बिक रहा ब्लैंकेट,पालों के घर भेड़ नदारद।।

लोग बढ़ गए, बढ़ा अतिक्रमण,जुगनू, जंगल, झाड़ नदारद।
कमरे बिजली से रोशन हैं,ताखा, दियना, टांड़ नदारद।।
चावल पकने लगा कुकर में,बटलोई का मांड़ नदारद।
कौन चबाए चना-चबेना,भड़भूजे का भाड़ नदारद।।

पक्के ईंटों वाले घर हैं,छप्पर और खपरैल नदारद।
ट्रैक्टर से हो रही जुताई,दरवाजे से बैल नदारद।।
बिछे खड़ंजे गली-गली में,धूल धूसरित गैल नदारद।
चारे में भी मिला केमिकल,गोबर से गुबरैल नदारद।।

शर्ट-पैंट का फैशन आया,धोती और लंगोट नदारद।
खुले-खुले परिधान आ गए,बंद गले का कोट नदारद।।
आँचल और दुपट्टे गायब,घूंघट वाली ओट नदारद।
महंगाई का वह आलम है,एक-पांच के नोट नदारद।।

लोकतंत्र अब भीड़तंत्र है,जनता की पहचान नदारद।
कुर्सी पाना राजनीति है,नेता से ईमान नदारद।।
गूगल विद्यादान कर रहा,मास्टर का सम्मान नदारद।
धरती के भगवान देखकर, ऊपर का भगवान नदारद।।

Happy Children's day 💐🎇
14/11/2024

Happy Children's day 💐🎇

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Ramgarh

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